सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक और भूमिका आदरणीय शास्त्री सर की रचना से )
जिन्दगी का सफर निराला है,
कंटकों ने गुलों को पाला है,
चन्द साँसों का खेल सारा है।
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सच,चंद साँसों का खेल ही तो ये जग सारा है...
पितृपक्ष के दिन चल रहें हैं...
इन दिनों अपने बिछड़े प्रियजनों की याद बहुत सताती है...
कर्मकांडों के अनुसार सभी उनके आत्मा की शांति के लिए दान-पुण्य,तर्पण,पूजन-हवन आदि कर रहें हैं..
उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि तो बस यही है कि-हम उनके दिए हुए संस्कारों का वहन कर सकें..
बिछड़े प्रियजनों को नमन करते हुए चलते हैं,आज की कुछ खास रचनाओं की ओर...
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गीत "जिन्दगी का सफर निराला है"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जिसको चन्दा ने तपन ही बाँटी,
और चन्दन ने जलन ही बाँटी,
अब तो किस्मत का ही सहारा है।
मुद्दतों में जो तन सँवारा है।
आज रोगों से वही हारा है।।
9 साल ... वक़्त बहुत क्रूर होता है ... या ऐसा कहो वक़्त व्यवहारिक होता है, प्रेक्टिकल होता है .... उसे पता होता है की क्या हो सकता है, वो भावुक नहीं होता, अगले ही पल पिछले पल को ऐसे भूल जाता है जैसे ज़िन्दगी इसी पल से शुरू हई हो ... हम भी तो जी रहे हैं, रह रहे हैं माँ के बिना, जबकि सोच नहीं सके थे तब ... एक वो 25 सितम्बर और एक आज की 25 सितम्बर ... कहीं न कहीं से तुम ज़रूर देख रही हो माँ, मुझे पता है ...
बैठ कर मन बाग मीठी
मोरनी गाने लगी है
हर पुरानी बात फिर से
याद अब आने लगी है।।
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बिना हद का आसमान है ,
ऑनलाइन के जमाने में ,
दिल भी बे-हद मिलेंगे ,
दीवानगी को आजमाने में ।
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यातायात ! कहीं दाएं, कहीं बाएं !
हमारे देश में वाहन और यातायात बाईं तरफ से प्रवाहमान होता है बावजूद इसके कि दुनिया के ज्यादातर देशों में यह दाहिने हाथ की तरफ से चलता है ! इसका एक प्रमुख कारण बताया जाता है कि अंग्रेजो का जहां-जहां राज था वहां-वहां यह रवायत पड़ी, जैसे ऑस्ट्रेलया, न्यूजीलैंड, भारत, पकिस्तान या कुछ अफ़्रीकी देश ! पर मिस्र अंग्रेजी शासन के बावजूद सदा दाहिनी ओर ही चलता रहा ! इसके अलावा जापान कभी भी ब्रिटिश हुकूमत के नीचे नहीं रहा पर वहां भी बाएं हाथ पर चलने का चलन है ! पर साथ ही सवाल यह भी है कि अंग्रेज ही क्यों बाएं-बाएं चले ?
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बहुत सुन्दर और श्रमसाध्य चराचा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
आदरणीय सिन्हा मेम मेरी प्रविष्टि् की चर्चा रविवार (26-9-21) को "जिन्दगी का सफर निराला है"((चर्चा अंक-4199) पर शामिल करने हेतु सादर धन्यवाद जी।
जवाब देंहटाएंसभी संकलित रचनाएं बेहतरीन , सभी आदरणीय को बधाइयां और शुभकामनाएं ।
सुन्दर सूत्रों से सजी बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेंरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंबहुत आभार आपका कामिनी जी...। साधुवाद..
जवाब देंहटाएंसारगर्भित रचनाओं से सज्जित सार्थक संकलन ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर श्रमसाध्य प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुंदर संकलन ….
जवाब देंहटाएंआपका आभार मेरी रचना को इस को शामिल करने के लिए …
बहुत सुंदर संकलन ….
जवाब देंहटाएंआपका आभार मेरी रचना को इस को शामिल करने के लिए …
उत्साहवर्धन करने हेतु हृदयतल से धन्यवाद आप सभी को,सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंश्रमसाध्य कार्य।
सभी लिंक बेहतरीन।
सभी रचनाकारों को बधाई।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार कामिनी जी।
सस्नेह सादर।