सादर अभिवादन।
सोमवारीय प्रस्तुति में
आपका स्वागत है।
आइए पढ़ते हैं चंद चुनिंदा रचनाएँ-
दोहागीत "बिटिया दिवस" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सभी कार्य गोण हुए देश प्रेम के आगे |
नमन तुम्हें हे वीर सपूत देश के
ताउम्र याद रहेगा बलिदान तुम्हारा
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तो क्या गलत हो गया जो मै अपने बेटे को अपनी बेटी की तरह भी देखती हूं, मेरे यथार्थ ने कभी मुझे यह अहसास नही होने दिया कि मेरे साथ एक सहेली की तरह दुख सुख बांटने वाली बेटी नही। वो वैसे ही रसोई में मेरा हाथ बंटाता है जैसे बेटियां हाथ बंटाती है। वो वैसे ही मेरे साथ वैसे ही शॉपिंग करता है जैसे बेटियां करती है। तो क्या हुआ अगर मै अपने बेटे में अपनी बेटी भी देखती हूं।
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अवधी भाषा के कवि पढ़ीस जी, पढ़िए उनकी ये अनमोल कवितायें
बहिनी, बिटिया कंगाल जाति की, तुमरे कारन पिसी जायि,
तुम सह्यब बने सभा मा भूल्यउ, कयिस, अयिस कनवजिया हउ।
पढ़ि-पढ़ि पूरे पथरा भे हउ, घर-घर मा जगुआ छायि रहा।
यी सयिति दिल्ली ते घाखति हयि, अयस बड़े कनवजिया हउ।
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जीवन का सातत्व
अब दिखता स्पष्ट
बेटी बड़ी हो गई
संभाला उसने घर आँगन
फिर बना एक आशियाना
घरौंदे में गूँजा जीवन संगीत
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मोदी की अमेरिका-यात्रा के निहितार्थ
जर्मन रेडियो की एक रिपोर्ट में लिखा गया है: क्वॉड शिखर सम्मेलन में इस बात पर राय भी बनी कि चारों देशों के शीर्ष नेता सालाना बैठक करेंगे और उनके मंत्रिगण तथा अधिकारी चौतरफा सहयोग बढ़ाने में लगातार जुटे रहेंगे। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग का व्यापक खाका खींचने की कवायद भी यहां साफ दिखती है.
आज बस यहीं तक
फिर मिलेंगे अगले सोमवार।
रवीन्द्र सिंह यादव
बहुत सुंदर संकलन.मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंआभार रवीन्द्र जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सामयिक तथा रोचक संकलन,मेरी रचना को स्थान तथा मान देने के लिए आपका असंख्य आभार और अभिनंदन ।आपको और सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसादर
Thanks for the post here
जवाब देंहटाएंधन्यवाद रवींद्र जी, मेरी पोस्ट को इस महत्वपूर्ण मंच पर स्थान देने के लिए । सभी लिंक ऐक से बढ़कर एक हैं
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन,मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका आभार|
जवाब देंहटाएंशानदार लिंक चयन सुंदर चर्चा।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई।
सभी लिंक बेहतरीन।