सादर अभिवादन।
आज की प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
आज गणेश चतुर्थी है।
बुद्धि के देवता गणेश जी भारतीय सामाजिक जीवन में अति लोकप्रिय हैं। उनके नाम से लोकप्रिय हुई कहावत 'श्रीगणेश कीजिए' अर्थात कार्य आरंभ कीजिए, जन-जन की ज़बान पर रहती है।
गणेश चतुर्थी अर्थात आज से लेकर अगले दस दिनों तक गणेश महोत्सव हमारे धार्मिक एवं सामाजिक जीवन का रंगारंग उत्सव है। गणेश मूर्ति की स्थापना से लेकर अनंत चतुरदसी (गणेश विसर्जन ) तक दस दिन भक्तिभाव से परिपूर्ण माहौल हमारे समाज में सद्भाव बढ़ाता है।
गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आइए पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ
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गणेश चतुर्थी पर विशेष "गणनायक भगवान"
सबसे पहले आपकी, पूजा होती देव।
सबकी रक्षा कीजिए, जय-जय गणपतिदेव।।
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विघ्नविनाशक आप हो, सभी गणों के ईश।
पूजा करते आपकी, सुर-नर और मुनीश।।
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उसका हल पलों में करते
अरज सुनों मेरी कभी तो ध्यान दो
मैं आई शरण तुम्हारी
दान बड़ा कोई न चाहूँ
दृष्टि तुम्हारे उपकार की ही है पर्याप्त |
एक साधना मन में साधी
प्रीत की डोरी तुमसे बांधी
रहते तुम नैनन में
गजानन आय बसो..
मेरा मन कोरा कागज़ जैसा
ढाल दो प्रभुवर चाहो जैसा
मैं तो पड़ी चरणन में
गजानन आय बसो..
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गुनगुनाती हूँ दिल में ही मैं गीत तेरे
सुर में तेरे सुर मिलाना नहीं आता ।
अफ़सुर्दा होती हूँ यूँ ही बेबात मैं जब भी
किसी को भी मेरा मन बहलाना नहीं आता ।
बुजुर्गों से सुनते थे
अनुभव अर्जित ज्ञान की बातें।
और यह भी कि
ज्ञान बांटने से बढ़ता है,
वरना एक दिन वही ज्ञान
ज्ञानी के साथ ही मिट जाता है।
पूरे ब्रह्माण्ड में दिन-रात कहीं नहीं है
सूरज कहीं आता-जाता नहीं है
जिसे जितनी ऊर्जा लेनी है ले ले
या मुँह फेर ले
सब उसके ऊपर है
सब उसके हाथ ह
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हरितालिका गीत
शैलजा कीन्हा कठिन व्रत,
बहु काल बीता करते व्रत।
था भादौं मास रैन उजियारी,
तृतीया तिथि अनुपम न्यारी।।
मन बहता हो,निर्मल जल सा
जब इक निर्झर बन जाए,
आकर कोई सारे जग की
शीतलता फिर भर जाए !
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जंग या जिंदगी?
किसी को तो गढ़ना होगा बुनियाद मे
दीवार खड़ी करने के लिए,
किसी को रोशनदान बनकर,
शुद्ध हवा को भीतर लाना होगा।
प्रथम पूज्य गणपति जी की मूर्ति स्थापना के साथ ही पर्यावरण और हमारी झीलों को खतरनाक रसायनों से बचाने के उद्देश्य से मेरे शिवा ने इस बार गणेशोत्सव में अपने हाथों मिट्टी से एक-दो नहीं अपितु पूरी 30 गणेश प्रतिमाएं तैयार की हैं। पिछले 4-5 वर्ष से निरंतर प्लास्टर ऑफ़ पेरिस से बनी प्रतिमाओं के स्थान पर पर्यावरण और तालाब को प्रदूषित होने से बचाने के लिए हमारी आस्था, श्रद्धा और पूजा विधि के अनुरूप मिट्टी के गणेश की प्रतिमा स्थापित कर उनका पूजन और विसर्जन करने की अपील की जा रही है, लेकिन आज भी पूर्ण जागरूकता के अभाव के चलते बहुत बड़ी संख्या में पीओपी की प्रतिमाओं का निर्माण और विसर्जन किया जाना गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।
थोड़ी देर बाद फिर लगा किसी ने बाँह को छुआ तो उसने झटके से देखा अखबार की ओट से दूसरे दाएँ हाथ की उँगलियाँ साँप सी सरसराती दिखाई दीं। चित्रा के दाँत गुस्से से भिंच गए कुत्ते छेड़खानी के कितने तरीके निकाल कर लाते हैं। चित्रा ने एक झन्नाटेदार झापड़ चटाक् से उसके गाल पर रसीद कर दिया।चारों उँगलियाँ गाल पर छप गईं।आसपास बैठे लोगों में हलचल सी हुई।
- अरे मैंने क्या किया ?
आज का सफ़र यहीं तक
फिर मिलेंगे
आगामी अंक में
वैविध्यपूर्ण सुंदर संकलन, कई लिंक्स पे गई समसामयिक,रोचक तथा चिंतनपूर्ण विषयों का चयन किया है आपने । आपको तथा सभी रचनाकारों को गणेश चतुर्थी पर बहुत शुभकामनाएं एवम बधाई 🙏🙏💐💐
जवाब देंहटाएंसुप्रभात ! गणेशोत्सव पर्व की सभी चर्चाकारों,रचनाकारों एवं प्रबुद्ध पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🙏
जवाब देंहटाएंअनीता जी बहुत सुन्दर पुष्पगुच्छ सी प्रस्तुति तैयार की आपने । आपका बहुत बहुत आभार । सभी रचनाकारों को भी बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ ।
सुप्रभात!🙏सभी को गणेश उत्सव पर्व की हार्दिक हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी का दिन मंगलमय हो! 🙏
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचनाओं और बेहतरीन लेखों से सजा बहुत ही सुंदर चर्चामंच......
बहुत सुंदर प्रस्तुति।आप सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और उपयोगी चर्चा ।
जवाब देंहटाएंआपका आभार अनीता सैनी जी।
गणेश चतुर्थी व्रत की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा ..….. गणेश चतुर्थी की सबको शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंआभार ।
बहुत अच्छी सम-सामयिक चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंसभी को गणेशोत्सव की बहुत-बहुत हार्दिक मंगलकामनाएं!
सभी संकलन उत्तम एवं सामयिक।
जवाब देंहटाएंइस सुंदर संकलन में शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंसभी को शुभकामनाएं।
सुन्दर संकलन…मेरी रचना शामिल करने का बहुत शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंदेर से कमेन्ट कर पाई क्षमा करें🙏
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