सादर अभिवादनआज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है(शीर्षक आदरणीय आशा दी की रचना से)बिना किसी भुमिका के चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर......________
है अस्तित्व तुम्ही से मेराजब भी खोजा जानना चाहातारों भरी रात में खुद कोपहचानना चाहा |-------------------------उम्र के
पेड़
की शाखों पर
उगती
खिलखिलाहट
सयानापन
लाचारी
और बहुत कुछ।
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क्षणिकाएँ.. गौरवमयी भाषा ( हिंदी दिवस )
लम्पटठसाठस भरी बस के आते ही भीड़ उसकी तरफ लपकी। दीपक ने दोनों हाथों के घेरे में सुलक्षणा को लेकर किसी तरह बस में चढ़ाया और जैसे ही एक सीट खाली हुई सीट घेर कर निश्चिंत हो बहन को बैठा लम्बी साँस ली और खुद रॉड पकड़ कर बीच में
निज पर जो शासन करते हैंक्षुद्र भाव का करते सारणशुभ्र गुणों को विकसित करतेजिससे सुरभित होते भू कण।_________
हमारा घर-44सुमन बाहर निकलकर देखती है और मोहन को आवाज देती है।"मोहन दी आ गईं।नमस्ते दी..! सुमन ने कार का गेट खोलकर उनका स्वागत करते हुए कहा।खुशी अपनी गोद में दो साल की बेटी अहाना को लिए हुए थी।_------------
अक्टूबर अंक का विषय- हैप्पीनेस इंडेक्स...खुशी की प्रकृति
प्रकृति दर्शन, पत्रिका में आलेख आमंत्रित हैं
दोस्तों त्योहारों के कारण अक्टूबर और नवंबर के माह हम भारतीयों की खुशियों के माह होते हैं, बेशक हम कितने भी थक जाएं, लेकिन इन महीनों में हम अपनों के बीच होते हैं, मुस्कुराते हैं और उम्मीद से लबरेज हो जाते हैं...
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आज का सफर यही तक
अब आज्ञा दे
आप का दिन मंगलमय हो
कामिनी सिन्हा
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बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी|
बहुत अच्छी और सार्थक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसामयिक तथा सार्थक संकलन,मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन कामिनी जी ।आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंसार्थक और गहन चर्चा...। आभार आपका कामिनी जी। मेरी रचना को स्थान देने के लिए साधुवाद...।
जवाब देंहटाएंThanks for the post here
जवाब देंहटाएंकामिनी जी मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
हटाएंबहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार कामिनी जी।
मंच पर उपस्थित होने के लिए हृदयतल से धन्यवाद आप सभी को एवं सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंवाह…विविध रंगों से सजा है आज का अंक ! बहुत बहुत धन्यवाद कामिनी जी ,आज के लिंक में मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा अंक कामिनी जी । देर से उपस्थिति के लिए क्षमा चाहती हूँ । बहुत सुन्दर संकलन ।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन कामिनी जी बधाई सुंदर अंक के लिए।
जवाब देंहटाएंदेरी के लिए खेद है, क्षमा चाहूंगी।
पिछले दिनों की व्यस्तता के चलते ब्लॉग पर नहीं आ पाई।
सभी रचनाकारों को सुंदर सृजन की बधाई।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
सस्नेह,सादर।