प्रिय ब्लॉगर मित्रों।
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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गीत "अपनी भाषा हिन्दी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जो है पावन बिन्दी।
भोली-भाली सबसे प्यारी,
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हिन्दी भारत की जनभाषा,
राजभाषा है फिर भी
यह आज भी राष्ट्रभाषा नहीं
विभिन्न स्रोतों के अनुसार भारत में 121 भाषायें, 270 मातृबोलियां हैं और इनमें से मात्र 22, भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची सूची भाग अ में प्रमुखता से वर्णित हैं। भाग ब में 99 अन्य बोली – भाषाओं का जिक्र है। लफ़्फाजी करें तो यह भारत के वैविध्यपूर्ण प्रतिभा की अभिव्यक्ति है। किन्तु व्यावहारिक धरातल पर देखें तो विश्वस्तर पर हमारी सृजनात्मकता की राह में यही सबसे बड़ा रोड़ा भी है। विश्व के सभी विकसित देशों की अपनी एक प्रमुख भाषा है। हमारी निज भाषा कौन है, भारत का क्षेत्रीय बुद्धिजीवी इस पर शोर करने लगता है।
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सातों गगन चूमे
तिरंगा प्यारा
मिली आज़ादी
विहँसी माँ भारती
प्रफुल्ल देश
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सातों गगन चूमे
तिरंगा प्यारा
मिली आज़ादी
विहँसी माँ भारती
प्रफुल्ल देश
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एक क़ता हिंदी दिवस पर... लेखनी का गान हिंदी आपकी पहचान हिंदी चेतना औ ज्ञान इससे वाणी का वरदान हिंदी "रजनी" चाँदनी रात ( लक्ष्य )
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कब कहा है
किसी ने कब कहा
कहता गया
प्यार से या रोष से
मालूम नहीं
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हिंदी दिवस, हिंदी पखवाड़ा आदि का नाटक हम 1960 के दशक से देखते और सहते आ रहे हैं. भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्ति -
'निज भाषा उन्नति अहै , सब उन्नति को मूल'
को सुन-सुन कर तो हमे घर के पालतू तोते भी उसे गुनगुनाने में निष्णात हो गए हैं.
हिंदी को भारत के माथे की बिंदी बताने की रस्म आज हिंदी भाषी क्षेत्र का बच्चा-बच्चा निभा रहा है.
अल्लामा इक़बाल के क़ौमी तराने की पंक्ति-
'हिंदी हैं, हम वतन हैं, हिन्दोस्तां हमारा'
का अर्थ समझे बिना आज के दिन हिंदी भक्त उसे दोहराते आए हैं.
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काश कि मेरी ख़ुशी में
तुम भी शामिल होते.
एक वक़्त वह भी था,
जब हर ख़ुशी में
हम साथ होते थे,
मैं तुम्हारे पास
या तुम मेरे पास,
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श्रीसाहित्य पर पढिये हिंदी का परचम-
*हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा ही नहीं* *हमारा गौरव हमारी शान* *हमारा मान सम्मान,अभिमान* *हमारी राष्ट्रीय धरोहर है।* *इसका पोषण हमारा कर्तव्य भी है,* *बाइस भारतीय भाषाओं की* *सूत्रधार है हिन्दी,* sudhir-sriwastwa--
कोई नहीं तोड़ता चुप्पीकोई नही करता हल्ला
कहाँ गई सारी चेतना?
क्या हो गया है इन दिशाओं को? एकोऽहम्
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एक चेहरा एक शख्सियत जरूरी है सामने रखना बेचने के लिये सब कुछ अंदर बाहर का सारा सब कुछ लगाये बिना कोई भी नकाब
उलूक टाइम्स--
कविता : 'हिंदी भाषा न्यारी' नागेश पांडेय 'संजय'
बालसाहित्य सृजन--
सदियों से चले आ रहे
अविरल विचार प्रवाह के साथ
जोड़ती है हमें हमारी भाषा
जिसे जीवित रखना है
तो समृद्ध बनाना होगा
तकनीक से जोड़कर
रोजगार लायक सिखाना होगा
हिंदी दिवस पर जरा रुककर देखें
मंज़िलें तय की हैं कितनी
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मैं अक्सर ख़ुदको ढूंढता हूँ,
शहर भी
वही
है, लोग भी जाने पहचाने, आख़िर
मेरे चाहने वाले, जाने किधर
गए अग्निशिखा
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हिंदी, अपनाना है तो दिल से अपनाएं
शिखर की दस भाषाओं ने विश्व की करीब 40 प्रतिशत आबादी को समेट रखा है। उन दस भाषाओं में हमारी हिंदी तीसरे स्थान पर है। उसके आगे सि र्फ चीन की मैंड्रीन पहले नम्बर पर तथा दूसरे नम्बर पर अंग्रेजी है। इन आंकड़ों से हिंदी की अहमियत को अच्छी तरह समझा जा सकता है
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राजभाषा के 72 साल : आज भी वही सवाल ?
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आज के लिए बस इतना ही..।
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उम्दा लिंक|मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स आज के अंक की |मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार सहित धन्यवाद सर |
आभार आदरणीय
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन आदरणीय सर।
जवाब देंहटाएंसादर
हिन्दी दिवस पर बहुत सुंदर सारगर्भित अंक । वैविध्यपूर्ण अंक के संकलन के लिए आपका बहुत बहुत आभार एवम अभिनंदन । मेरे पत्र को स्थान देने के लिए आपका बहुत धन्यवाद । शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और श्रमसाध्य संकलन ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज की चर्चा ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंआज के चर्चा -मंच में बेहतरीन रचनाओं के लिंक्स आपने दिए हैं। रचनाओं को पढ़कर उनका सार -संकलन तैयार करने में आपका परिश्रम निश्चित रूप से सराहनीय है। मुझे भी स्थान देने के लिए आपको बहुत -बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंमेरा स्वास्थ्य तो अभी ठीक नहीं है।
हटाएंबस... किसी तरह से राम-राम जपते हुए,
प्रतिकूल परिस्थितियों में चर्चा लगाता हूँ।
हिन्दी को लेकर इतनी, ढेर सारी सामग्री एक ही स्थान पर पाना, मुझ जैसों के लिए तो लाटरी खुल जाने से कम नहीं है। आपका परिश्रम मुझे अत्यधिक सहायक होगा। बहुत-बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंश्रमसाध्य प्रस्तुति आदरणीय शास्त्री सर, सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं सादर अभिवादन
जवाब देंहटाएंशानदार चर्चा अंक।
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंको का चयन।
सभी रचनाकारों को बधाई।
सादर।
शानदार चर्चा बहुत ही सुंदर सुंदर ब्लॉग्स को एक साथ पिरोने का जो काम आपने किया है आप बधाई के पात्र है
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट ओ चर्चा में शामिल करने के लिए आपका आभार धन्यवाद