शीर्षक पंक्ति: आदरणीय रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सादर अभिवादन।
गुरुवारीय अंक में आपका स्वागत है।
ग़ज़ल "दिल को बेईमान न कर" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
वे
यही
देखते
रह गए
दुलार
स्नेह
उसके मन का
पर कह न पाए
यह किसको कहते
करके बड़ा मनुहार
*****
ना 'सिरचन' मरा, ना मरी है 'बुधिया'... -(भाग-३)
.ख़ैर ! .. फ़िलहाल तरुमित्र आश्रम के रमणीक परिसर में अवस्थित महाविद्यालय के BMC के छात्रों द्वारा बनाई गयी फ़िल्म- कफ़न की बात करते हैं। सुबह से शाम तक तरुमित्र के इसी रमणीक परिसर में और परिसर में ही अवस्थित महाविद्यालय के भवन व उसके 'कैंटीन' में सभी युवा छात्र-छात्राओं के साथ-साथ, कब और कैसे बीत गया, मालूम ही नहीं चल पाया।
अमेरिका और रूस के बीच क्या सम्पर्क-सेतु का काम करेगा भारत?
पाकिस्तान में जींस और टाइट्स नहीं पहन सकेंगी टीचर्स
महिलाओं के लिए फॉर्मल ड्रेस के तौर पर सादे सलवार कमीज सूट, ट्राउज़र, दुपट्टे या शॉल के साथ शर्ट का सुझाव दिया गया है. पर्दा करने वाली महिलाओं को स्कार्फ या हिजाब पहनने की अनुमति दी गई. जींस और टाइट्स पहनने की किसी सूरत में इजाज़त नहीं होगी. टीचर्स को स्निकर्स और सैंडल्स पहनने की अनुमति होगी लेकिन स्लिपर्स की नहीं.
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पर हर कठिनाइयो में खड़े रहते हम ,
न खाने का खाना रहता |
न सोने के लिए घर ,
फिर भी हौसलों से बढ़ते रहे हम |
जी ! सुप्रभातम् वाले नमन संग आभार आपका .. मेरी बतकही को आज एक संदेशपरक, शीर्षक और अपनी भूमिका के साथ अपनी बहुरंगी प्रस्तुति में इस मंच के माध्यम से अन्य कई कुशल पाठकों तक पहुँचाने के लिए ...
ReplyDelete(वैसे आज तड़के .. "ना 'सिरचन' मरा, ना मरी है 'बुधिया' ... -(भाग-४)."- अंतिम भाग "पाठकों" को "दर्शकों" में बदलने के लिए तैयार है .. बस यूँ ही ...) ☺
सुप्रभात
ReplyDeleteआभार सहित धन्यवाद रवीन्द्र जी मेरी रचना को स्थान देने के लिए |
सुप्रभात, चर्चा मंच का यह अंक भी पठनीय और विचारणीय विषयों पर लिखी रचनाओं के सूत्रों से सजा है, आभार!
ReplyDeleteखूबसूरत रचनाओं और महत्वपूर्ण लेखों से सजा बहुत ही सुंदर और सरहानीय चर्चामंच
ReplyDeleteबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
ReplyDeleteThanks for the comment
Deleteबहुत सुदर लिंक, सभी एक से बढ़कर एक हैं रवींद्र जी, वाह
ReplyDeleteThanks for the comment
Deleteबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति|
ReplyDeleteआपका आभार रवीन्द्र सिंह यादव जी!
सुंदर सूत्रों से सजा अंक । बहुत शुभकामनाएं रवीन्द्र जी ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति।
ReplyDeleteमेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय।