Followers



Search This Blog

Monday, September 13, 2010

इंद्रधनुष्……………चर्चा मंच

लो जी फिर आ गया सोमवार भी , हम भी और चर्चा भी .
देखते हैं आज चर्चा कहाँ ले जाती है आपको और हमको ...........कौन कौन से नए रंग निकल कर आते हैं चर्चा में .




 चिर-प्रतीक्षा
जाने कब पूरी होगी ?






कौन हो तुम
 अब ये हम कैसे बता सकते हैं ?




 
एक हास्य कविता - शादी के लिए लड़की ढूंढना
 लगे रहो मुन्ना भाई ...........कभी तो मिलेगी , कहीं तो मिलेगी आँखों को रौशनी , दिल को ठंडक







जिन्दगी तू मुझे न थाम पायेगी !
 तो आप उसका दामन पकड़ लेना 






काव्यशास्त्र (भाग-1) – काव्य का प्रयोजन
जानना बहुत जरूरी है 







सीढियां
सभी को चढ़नी पड़ती हैं फिर चाहे ज़िन्दगी की हों या वक्त की ,अह्सास की हों या हालात की………मंज़िल तभी मिलती है






इतना दम होता तो आज देश का नक्शा दूसरा होता 








और हम आज तक उसी मोड़ पर खड़े हैं 



 शुक्र है आपने हिम्मत तो की।



एक प्रयास ---

ये तो बहुत बढ़िया प्रयास है ...........स्वागत है 




" मौत '

अटल सत्य है 
जरूर आजमाएंगे 




कैसे ?




बाढ़ लाइव, सूखा लाइव

बस लाइव होना चाहिए फिर चाहे बाढ़ हो या नहीं……टी आर पी का सवाल है



जानना बहुत जरूरी है मगर क्या आज ऐसा संभव है ?



सही कह रहे हैं वरना अंजाम ऐसा ही होगा............हा हा हा 



जमुना-कवि संवाद

जरूर करना चाहिये


प्रेम तकलीफ है .....पर आदमी बनने के लिए जरुरी है तकलीफ से गुजरना ....!

बिना तकलीफ़ कब कोई मोल जान सकता है



किताब री किताब

ये तो अकाट्य प्रश्न है जिसका उत्तर सभी खोज रहे हैं।




मोह के बंधन मत बढ़ाइये

ये तो पक्की बात है मगर क्या करे इंसान


ज्ञान के मोती

हर जगह नही मिलते…………यहाँ तो खज़ाना बिखरा पडा है
ऐसा भी होता है क्या 
 






चलिए दोस्तों आज की चर्चा यही तक .............अब अगले सोमवार फिर मुलाकात होगी तब तक अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत कराते  रहिये .







26 comments:

  1. अरे वाह...!
    --
    इतनी बढ़िया चर्चा!
    --
    अब तो लिंक खोलकर देखने ही पड़ेंगे!

    ReplyDelete
  2. सार्थक चर्चा ,अच्छे लिंक ,आभार ।

    ReplyDelete
  3. बहुत अच्छी चर्चा। आज तो हम भी हैं आपकी चर्चा में। आभार!
    राष्ट्रीय व्यवहार में हिंदी को काम में लाना देश कि शीघ्र उन्नत्ति के लिए आवश्यक है।

    एक वचन लेना ही होगा!, राजभाषा हिन्दी पर संगीता स्वारूप की प्रस्तुति, पधारें

    ReplyDelete
  4. वंदना जी,चर्चा मंच पर मेरे प्रयास कि सराहना करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.यहाँ आने वाले समस्त लेखक जनों से अनुरोध है कि एक बार मेरे नए ब्लॉग www.jeevanparichay.blogspot.comपर आने का कष्ट करें.संछिप्त और रुचिकर अंदाज़ में चर्चा के लिए पुनः धन्यवाद.

    ReplyDelete
  5. शुक्रिया जी मंच पर चर्चा के लिये
    सारे लिंक बारी बारी से देखता हूं
    सादर

    ReplyDelete
  6. बहुत सुन्दर चर्चा वंदना जी , चर्चा का यह नया अंदाज पसंद आया !

    ReplyDelete
  7. बहुत ही बढ़िया लिंक मिले है यहाँ आकर ......आभार

    मुस्कुराना चाहते है तो यहाँ आये :-
    (क्या आपने भी कभी ऐसा प्रेमपत्र लिखा है ..)
    (क्या आप के कंप्यूटर में भी ये खराबी है .... )
    http://thodamuskurakardekho.blogspot.com

    ReplyDelete
  8. बहुत सार्थक चर्चा वंदना जी......आभार

    ReplyDelete
  9. रचनाजी; कमेन्ट के लिए धन्यवाद, अपनी ब्लॉग चर्चा पर बुलाने के लिए भी धन्यवाद. मैंने उन ब्लोग्स का अवलोकन किया जिनकी आपने चर्चा की है और पाया की आप सभी जगह एक सा कमेन्ट छोड़ देती है. लेकिन यह कट पेस्ट की हुई टिपण्णी भी कोई महत्व रखती है क्या?
    Nilam

    ReplyDelete
  10. @नीलम जी,
    सबसे पहले तो ये बता दूँ मेरा नाम रचना नही वन्दना है।
    दूसरी बात ये टिप्पणी सिर्फ़ आपको सूचना देने के लिये दी गयी होती है कि आपकी पोस्ट चर्चा मंच के लिये ली गयी है। इसलिये एक जैसी ही की जाती है वरना कैसे पता चलेगा आपको कि आपकी पोस्ट कहाँ और लगाई गयी है दूसरी बात इससे जिन पाठकों के लिंक्स छूट जाते हैं वो यहाँ मिल जाते हैं।

    ReplyDelete
  11. नीलम जी ,

    आपने पूछा है कि क्या कट पेस्ट कर जो टिप्पणी कि गयी है वो क्या महत्त्व रखती है ???????

    यह एक सूचना है कि आपकी पोस्ट चर्चा मंच पर ली जा रही है जहाँ से लोंग लिंक्स देख कर विभिन्न ब्लॉग पर जाते हैं ...वंदना जी ने आपको सूचना दी है ...और जितने भी ब्लोग्स के लिंक आज कि चर्चा में शामिल हैं सब जगह यही सूचना दी गयी होगी ...हर जगह सूचित करने के लिए अलग अलग टाइप करना आसान नहीं है ...और आसान तो ब्लोग्स को देख कर लिंक्स उठाना भी नहीं है ...आशा है आपकी समस्या का समाधान हुआ होगा ...

    ReplyDelete
  12. वंदना ,

    बहुत अच्छी और सारगर्भित चर्चा ...अच्छे लिंक्स दिए हैं ..

    ReplyDelete
  13. चर्चा का उद्देश्य सफल रहा है...लिंक्स बहुत ही अच्छे है!

    ReplyDelete
  14. संगीता एवं वंदनाजी;
    टिपण्णी का उत्तर देने के लिए हार्दिक आभार. क्षमा चाहूँगा वंदनाजी से की में उनका नाम गलत लिख बेठा.
    नीलम

    ReplyDelete
  15. बहुत अच्छी चर्चा.

    ReplyDelete
  16. nice links incorporated!
    sundar samanvyay:)
    subhkamnayen!!!!

    ReplyDelete
  17. सीढ़ियां - सभी को चढ़नी पड़ती हैं ...

    कभी कभी बिना सीढी के स्वर्ग यात्रा हो जाती है :)

    ReplyDelete
  18. डा.राजेंद्र तेला"निरंतर"September 13, 2010 at 5:34 PM

    kuch likhnaa hai is liye
    ye aap kaa bahaanaa hai

    ReplyDelete
  19. हमेशा की तरह एक शानदार चर्चा के बधाई.

    ReplyDelete
  20. बेहद उम्दा ब्लॉग चर्चा .......आपका आभार !

    ReplyDelete
  21. बेहद उम्दा चर्च! आभार !

    ReplyDelete
  22. बेहतरीन मंच सजाया.

    हिन्दी के प्रचार, प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है. हिन्दी दिवस पर आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं साधुवाद!!

    ReplyDelete
  23. बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा ! आभार !

    ReplyDelete
  24. लिंक तो आपने अच्छे ढूंढ के लाये ही.. मगर उनके साथ उन पर जो टीका-टिप्पणी की वो भी गज़ब की रही.. मसि-कागद को समेटने के लिए आभार मैम..

    ReplyDelete

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।