देखते हैं आज चर्चा कहाँ ले जाती है आपको और हमको ...........कौन कौन से नए रंग निकल कर आते हैं चर्चा में .
चिर-प्रतीक्षा
जाने कब पूरी होगी ?
कौन हो तुम
अब ये हम कैसे बता सकते हैं ?
एक हास्य कविता - शादी के लिए लड़की ढूंढना
लगे रहो मुन्ना भाई ...........कभी तो मिलेगी , कहीं तो मिलेगी आँखों को रौशनी , दिल को ठंडक
जिन्दगी तू मुझे न थाम पायेगी !
तो आप उसका दामन पकड़ लेना
काव्यशास्त्र (भाग-1) – काव्य का प्रयोजन
जानना बहुत जरूरी है
सीढियां
सभी को चढ़नी पड़ती हैं फिर चाहे ज़िन्दगी की हों या वक्त की ,अह्सास की हों या हालात की………मंज़िल तभी मिलती है
इतना दम होता तो आज देश का नक्शा दूसरा होता
आदमी की तरह चलता कुत्ता और तुम्हें मेरी याद भी नहीं आती.. हुँह..----------------->>>दीपक मशाल
चलिए दोस्तों आज की चर्चा यही तक .............अब अगले सोमवार फिर मुलाकात होगी तब तक अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत कराते रहिये .
और हम आज तक उसी मोड़ पर खड़े हैं
शुक्र है आपने हिम्मत तो की।
एक प्रयास ---
ये तो बहुत बढ़िया प्रयास है ...........स्वागत हैकहकशां यानि आकाशगंगा! By 'Ktheleo'
कहाँ से कहाँ तक ?" मौत '
अटल सत्य हैजरूर आजमाएंगे
लीजिए, पेश है हिंदी का पहला स्पैम कमेंट!
देखते हैं जीकैसे ?
सही कह रहे हैं वरना अंजाम ऐसा ही होगा............हा हा हा
जमुना-कवि संवाद
जरूर करना चाहियेप्रेम तकलीफ है .....पर आदमी बनने के लिए जरुरी है तकलीफ से गुजरना ....!
बिना तकलीफ़ कब कोई मोल जान सकता हैकिताब री किताब
ये तो अकाट्य प्रश्न है जिसका उत्तर सभी खोज रहे हैं।
मोह के बंधन मत बढ़ाइये
ये तो पक्की बात है मगर क्या करे इंसानज्ञान के मोती
हर जगह नही मिलते…………यहाँ तो खज़ाना बिखरा पडा हैशादी का सबसे शुभ दिन : 10.10.10
बस इस साल कोई कुँवारा नही बचना चाहिये।ऐसा भी होता है क्या
चलिए दोस्तों आज की चर्चा यही तक .............अब अगले सोमवार फिर मुलाकात होगी तब तक अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत कराते रहिये .
अरे वाह...!
जवाब देंहटाएं--
इतनी बढ़िया चर्चा!
--
अब तो लिंक खोलकर देखने ही पड़ेंगे!
An effective way for so many good links! Thanks1
जवाब देंहटाएंसार्थक चर्चा ,अच्छे लिंक ,आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा। आज तो हम भी हैं आपकी चर्चा में। आभार!
जवाब देंहटाएंराष्ट्रीय व्यवहार में हिंदी को काम में लाना देश कि शीघ्र उन्नत्ति के लिए आवश्यक है।
एक वचन लेना ही होगा!, राजभाषा हिन्दी पर संगीता स्वारूप की प्रस्तुति, पधारें
बहुत अच्छी चर्चा...!
जवाब देंहटाएंवंदना जी,चर्चा मंच पर मेरे प्रयास कि सराहना करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.यहाँ आने वाले समस्त लेखक जनों से अनुरोध है कि एक बार मेरे नए ब्लॉग www.jeevanparichay.blogspot.comपर आने का कष्ट करें.संछिप्त और रुचिकर अंदाज़ में चर्चा के लिए पुनः धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जी मंच पर चर्चा के लिये
जवाब देंहटाएंसारे लिंक बारी बारी से देखता हूं
सादर
बहुत सुन्दर चर्चा वंदना जी , चर्चा का यह नया अंदाज पसंद आया !
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया लिंक मिले है यहाँ आकर ......आभार
जवाब देंहटाएंमुस्कुराना चाहते है तो यहाँ आये :-
(क्या आपने भी कभी ऐसा प्रेमपत्र लिखा है ..)
(क्या आप के कंप्यूटर में भी ये खराबी है .... )
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com
बहुत सार्थक चर्चा वंदना जी......आभार
जवाब देंहटाएंरचनाजी; कमेन्ट के लिए धन्यवाद, अपनी ब्लॉग चर्चा पर बुलाने के लिए भी धन्यवाद. मैंने उन ब्लोग्स का अवलोकन किया जिनकी आपने चर्चा की है और पाया की आप सभी जगह एक सा कमेन्ट छोड़ देती है. लेकिन यह कट पेस्ट की हुई टिपण्णी भी कोई महत्व रखती है क्या?
जवाब देंहटाएंNilam
@नीलम जी,
जवाब देंहटाएंसबसे पहले तो ये बता दूँ मेरा नाम रचना नही वन्दना है।
दूसरी बात ये टिप्पणी सिर्फ़ आपको सूचना देने के लिये दी गयी होती है कि आपकी पोस्ट चर्चा मंच के लिये ली गयी है। इसलिये एक जैसी ही की जाती है वरना कैसे पता चलेगा आपको कि आपकी पोस्ट कहाँ और लगाई गयी है दूसरी बात इससे जिन पाठकों के लिंक्स छूट जाते हैं वो यहाँ मिल जाते हैं।
नीलम जी ,
जवाब देंहटाएंआपने पूछा है कि क्या कट पेस्ट कर जो टिप्पणी कि गयी है वो क्या महत्त्व रखती है ???????
यह एक सूचना है कि आपकी पोस्ट चर्चा मंच पर ली जा रही है जहाँ से लोंग लिंक्स देख कर विभिन्न ब्लॉग पर जाते हैं ...वंदना जी ने आपको सूचना दी है ...और जितने भी ब्लोग्स के लिंक आज कि चर्चा में शामिल हैं सब जगह यही सूचना दी गयी होगी ...हर जगह सूचित करने के लिए अलग अलग टाइप करना आसान नहीं है ...और आसान तो ब्लोग्स को देख कर लिंक्स उठाना भी नहीं है ...आशा है आपकी समस्या का समाधान हुआ होगा ...
वंदना ,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी और सारगर्भित चर्चा ...अच्छे लिंक्स दिए हैं ..
चर्चा का उद्देश्य सफल रहा है...लिंक्स बहुत ही अच्छे है!
जवाब देंहटाएंसंगीता एवं वंदनाजी;
जवाब देंहटाएंटिपण्णी का उत्तर देने के लिए हार्दिक आभार. क्षमा चाहूँगा वंदनाजी से की में उनका नाम गलत लिख बेठा.
नीलम
बहुत अच्छी चर्चा.
जवाब देंहटाएंnice links incorporated!
जवाब देंहटाएंsundar samanvyay:)
subhkamnayen!!!!
सीढ़ियां - सभी को चढ़नी पड़ती हैं ...
जवाब देंहटाएंकभी कभी बिना सीढी के स्वर्ग यात्रा हो जाती है :)
kuch likhnaa hai is liye
जवाब देंहटाएंye aap kaa bahaanaa hai
हमेशा की तरह एक शानदार चर्चा के बधाई.
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा ब्लॉग चर्चा .......आपका आभार !
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा चर्च! आभार !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन मंच सजाया.
जवाब देंहटाएंहिन्दी के प्रचार, प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है. हिन्दी दिवस पर आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं साधुवाद!!
बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा ! आभार !
जवाब देंहटाएंलिंक तो आपने अच्छे ढूंढ के लाये ही.. मगर उनके साथ उन पर जो टीका-टिप्पणी की वो भी गज़ब की रही.. मसि-कागद को समेटने के लिए आभार मैम..
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