मैं मनोज कुमार एक बार फिर हाज़िर हूं रविवासरीय चर्चा के साथ।
तीज, ईद, और गणेश चतुर्थी की आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं। अब तो त्योहारों का मौसम शुरु हो चुका है। सब तरफ़ एक उमंग और उत्साह का वातवरण छाया हुआ। इसी उत्साह से आज की चर्चा शूरु करते हैं।

साथ ही यह नसीहत देना भी नहीं भूलते कि पहले तो नहीं पता था , मगर अब सोचता हूं कि अबे जब एक उसी चांद को देख कर ..ईद मनाई जाती है ..और उसी चांद को देखकर हम भी गणेश जी को पूज लेते हैं ...तो फ़िर बचा क्या ये बताने समझाने को ....अबे जिस तरह से हर मज़हब , हर भाषा ,और हर क्षेत्र का होने के बावजूद इंसान एक ही होता और रहता है ...उसी तरह ..भगवान यानि ईश्वर भी सिर्फ़ एक और एक ही है ।

इस्के बाद कुछ पौराणिक तथ्यों का हवाला देते हुए कहते हैं हमें सन्देश मिलता है कि .., सृष्टि में सिर्फ शक्ती का ही महत्व है.., उसके अभाव में पराजित होना पड़ता है.., शक्ति जिस पर हो उसी की अग्रपूजा होती है.., शक्ति जिस पर हो वही सर्व देवाध्यक्ष होता है.., शक्ति जिस पर हो वही वन्दनीय होता है..! आज गणेश जयंती के अवसर पर वे हमें सन्देश दे रहे हैं कि है भारत पुत्रों.., स्वय शक्ति शाली बनों , देश को शक्ति सम्पन्न बनाओ.., शक्ति ही अस्तित्व की गारंटी है, शक्ति सम्पन्न बनों..!
वेदना कैसी कि विकल हो चकोर चुँगता है पावक का अंगारा, क्यों चन्द्र अहर्निश फिरता है, अपलक निहारता ध्रुव तारा, और नित्य ही नीरव आकाश से क्यों निशा सुन्दरी अपनी आँखों के मोती ढरका देती है ! |
"...मेरे पास पैसे नहीं है इतने."जीवन के मसलों को उसके निर्माण की नींव खोंद कर क्रूरता को बाहर निकाल लाने वाली सृजानात्मक ऊर्जा इस कविता में दीखता है।
"देन गो टू सम अदर चीप होस्पिटल ऑर मे बी सम डिसपेंन्सरीज़. यू आर रनिंग आउट ऑफ़ टाईम."
"भाई साब किमोथेरेपी किसी डिसपेंन्सरी में नहीं होती."
"..................."
"ठीक है..." आदमी लम्बी निर्णयात्मक सांस लेते हुए दोहराता है.
"..ठीक है, जाता हूँ पर याद रखना की मेरी बीवी को कुछ हुआ तो उसके जिम्मेवार आप होंगे आप."
आगे आप इसी पोस्ट पर पढें।

एयरटेल के एक विज्ञापन को देखिये जिसमे वह प्रियंका और रणवीर से मिलने का मौका तीस रूपये में तीस दिन का ऑफर देकर लोगों को बेबकूफ बनाकर ठगने का प्रयास कर रही है | दरअसल अब मोबाईल कम्पनियाँ नहीं ठग रही है बल्कि संचार मंत्रालय और TRI के भ्रष्ट मंत्री और अधिकारी इनको ठगने के लिए प्रेरित कर रही है|

गणेश चतुर्थी व्रत कथा बताते हुए कहती हैं हर शुभ कार्य से पहले गणेश पूजन किया जाता है, गणेश जी ऋद्धि-सिद्धि, सुख-समृद्धि के देवता माने जाते हैं। आज भाद्र माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। इस दिन गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है। आज के दिन चन्द्र दर्शन नहीं किया जाता। पौराणिक कथा है कि आज के दिन चांद देखने से झूठा कलंक लगता है। अगर, ग़लती से चन्द्र के दीदार हो भी जाएं तो यह कथा सुन लेनी चाहिए या इसका पाठ कर लेना चाहिए।
पूरी कथा उनके पोस्ट पर ही पढिए।
एक आज की हक़ीक़त बयान करती विचारोत्तेजक पोस्ट।
जाने कब से मैं इस सफ़र में हूँ मंज़िल मिली नहीं रहगुज़र में हूँ बहलाते रहे मुझे अँधेरे हर सू मुझको ये गुमाँ रहा सहर में हूँ ख़ाक में मिले हुए देर हो गयी मैं समझती रही नज़र में हूँ |
तेरी गलियों में भटकते थे जहां आवारा तुझसे क्या बिछड़े तो ये हो गयी अपनी हालात जैसे हो जाये हवाओं में धुंआ आवारा मेरे शेरों की थी पहचान उसी के दम से उस को खो कर हुए बेनाम-ओ-निशाँ आवारा जिस को भी चाह उसे टूट कर चाहा 'राशिद' कम मिलेंगे तुम्हे हम जैसे यहाँ आवारा |
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आईना खुदही हैरां होता होगा वो मुझे जब भी देखता होगा शक्ल गुम हो गई हैं कहीं भीड़ में कोई मुझसा ही, मुझे ढूंढता होगा दफ़न होता रहा जो हर करवट पे सलवटों में दर्ज फसाना पढ़ता होगा |
आप की इस ग़ज़ल में विचार, अभिव्यक्ति शैली-शिल्प और संप्रेषण के अनेक नूतन क्षितिज उद्घाटित हो रहे हैं।
गुजिया को एक स्थानीय व्यंजन मानने वालों से मुझे सिर्फ इतना कहना है कि गुजिया दुनिया का क्षमा करें दुनिया का क्यों अंतरिक्ष का सर्वश्रेष्ठ पकवान है इस एक पकवान की खूशबू के सहारे पहुंच सकता हूं मैं उस अंतरिक्ष में जहां मां रहती है |
हिंदी सबके लिए HINDI FOR ALL पर हिंदी सबके लिए : प्रतिभा मलिक कुछ गंभीर प्रश्न उठाते हुए केन्द्रीय सरकार के कार्यालयो में राजभाषा हिन्दी के क्रियान्वयन को लेकर उठ रहे दुविधा को सामने रखते हैं। कहते हैं,
हिन्दी की नौकरी करते हुए बाईस बरस में मुझे 15 बार स्थानांतरण/तैनाती आदेश मिले हैं। मुझे हर बार अंग्रेज़ी ने हराने, थकाने यहाँ तक कि मार देने की कोशिश की है मगर हिन्दी की सनक में कुछ तो ऐसा जरूर है जो अंतिम साँस से पहले फिर से जीने का संबल देता है।यदि आई ए एस, आई पी एस के लिए परिवीक्षा काल में हिंदी तथा कैडर राज्य की राजभाषा सीखना अनिवार्य है तो बाकी के लिए क्या परेशानी है?
क्या परिविक्षाकाल की अवधि को हिंदी प्रशिक्षण के बिना पूर्ण न मानने की व्यवस्था नहीं की जा सकती?क्या पेंशन जारी करने के लिए हिंदी प्रशिक्षण पूरा किए जाने की शर्त नहीं जोड़ी जा सकती?
ऐसा कुछ हो जाए तो ….तो मैं तर जाऊं ...
जय हो!
मैं रस्ते में कहता रहा हूँ लुटा हूँ जो मंजिल के ज़ानिब बढा हूँ लुटा हूँ खुदा तक दुआएं यकीं है गयी हैं दुआ करके जब भी उठा हूँ लुटा हूँ फसादों के चौराहे से वो ये बोला न मंदिर न मस्जिद खुदा हूँ लुटा हूँ जहां खाबों की भीड़ हर मोड पे है मैं ऐसे पहर पे खड़ा हूँ लुटा हूँ |
इतने मुश्किल क़ाफिए के साथ ग़ज़ल लिखना, वाक़ई बहुत मुश्किल है. और जिस तरह बहर बरकरार रखी है उसकी तारीफ ज़रूरी है.

दुख अब रहे न शेष ।
दुष्ट और भ्रष्टाचारी का
अंत करो हे गणेश ॥
विघ्नहर्ता की जय
(२)
मिलते हैं गले सबसे
बाहें पसार के ।
करते हैं दुआ अमन की
परवर दिगार से ॥
ईद मुबारक हो
(३)
प्यारा हो दाम्पत्य सभी का
सबके घर खुशहाल रहें ।
साथ सजन का कभी न छूटे
प्रेम से मालामाल रहें ॥
बावजूद इसके
जब बन ही जाता है घोंसला
तब वे जुटाते हैं
सारा साजो-सामान
चौंकी लगाते हैं पहले
फिर उस पर स्टूल
पहुंचने को रोशनदान तक
और साफ करते हैं
कचरा प्रेम का
और फैसला लेते हैं
कि घरों में रौशनदान
नहीं होने चाहिए
नहीं दिखने चाहिए
ताखे
छज्जे
खिड़कियां में जाली होनी चाहिए

फिर मेरे दिल में मुहब्बत ने सदायें दी हैं
ईद आई है तो ख़ुशियों की दुआएं की हैं
ज़िन्दगी आज रफ़ाक़त में रंगी हो जैसे
आज बप्पा से गले ईद मिली हो जैसे
ऐसे दिन नाम अदावत का कोई लेता है
राम भी आज मोहम्मद से गले मिलता है
मुख्तलिफ़ क़ौमों के त्यौहार जुदा हैं लेकिन
एक पैग़ाम है,अवतार जुदा हैं लेकिन
आज आपने पड़ने की बहुत सी सामग्री दे दी है |
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा के लिए बधाई |ईद का और बप्पा का मिलाप बहुत अच्छा है |बिभिन्न त्योहारों पर सब को हार्दिक शुभ कामनाएं |
आशा
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंहिन्दी, भाषा के रूप में एक सामाजिक संस्था है, संस्कृति के रूप में सामाजिक प्रतीक और साहित्य के रूप में एक जातीय परंपरा है।
देसिल बयना – 3"जिसका काम उसी को साजे ! कोई और करे तो डंडा बाजे !!", राजभाषा हिन्दी पर करण समस्तीपुरी की प्रस्तुति, पधारें
बहुत अच्छी प्रस्तुति..!
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच को सुन्दर लिंकों से सजाने के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा में काफी विविधता लेकर आये हैं मनोज जी आप. संस्कृती से लेकर साहित्य तक... काफी सुंदर संयोजन है.. जनता का ऍफ़ आई आर अच्छा लगा.. राजकुमार सोनी जी की गुजिया भी स्वादिष्ट अच्छी लगी... सुदर और प्रभावशाली प्रस्तुति.. कई बार पहले भी निवेदन/अनुरोध किया था कि इसमें अपनी प्रस्तुति को भी स्थान दिया करनें ताकि इस मंच पर आने वाले लोग उनसे भी यही रूबरू हो जाए... क्योंकि राजभाषा पर दुष्यंत कुमार जी पर आलेख पढना जरुरी सा है आज के रचनाकार के लिए... उसी तरह 'मानोज' ब्लॉग पर अमृता प्रीतम पर अच्छी सामग्री जुटायी है अपने ..
जवाब देंहटाएंआज कीचर्चा में कुछ विशेष लिंक्स मिले ....आपकी मेहनत साफ़ परिलिक्षित होती है ...
जवाब देंहटाएंअरुण जी कहना सही है ..आपके द्वारा तैयार की गयी पोस्ट अमृता जी पर और कवि दुष्यंत पर पढने लायक हैं ...यदि कोई पढ़ना चाहें तो कृपया यहाँ जाएँ ....
दुष्यंत पर लेख और उनकी कविताएँ
http://raj-bhasha-hindi.blogspot.com/2010/09/blog-post_11.html
अमृता जी पर विशेष
http://manojiofs.blogspot.com/2010/09/blog-post_11.html
आभार
भूल सुधार ...
जवाब देंहटाएंपरिलक्षित ...पढ़ा जाये
आज का चर्चा मंच बहुत ही सुन्दर सजा है……………आभार्।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा रही. बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंकों से सजाने के लिए आभार!
बेहतरीन चर्चा मनोज जी !
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंरामराम
bahoot sare links mile..............aabhar
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा................
जवाब देंहटाएंअच्छे चिट्ठो को पढवाने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंचर्चा प्रशंसनीय ।
जवाब देंहटाएंराम भी आज मोहम्मद से गले मिलता है....
जवाब देंहटाएंतो समझो बाबरी मज़्जिद और राम मंदिर का मामला सुलझ गया :)
आज छुट्टी वाले दिन बड़े फुरसत से बनाई गई लगती है ये चर्चा.. हम भी फुर्सत से बैठ के पढ़ रहे हैं.. :)
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंmanoj ji ..aap ki urja srahniy hai ...warna bitne bade blog jagat me se kuch vishesh links ko chaantna aasan nahi hai ... jyada nahi kuch hi links par ja saka ... mere rachna ko yahaan shamil karne ka bahut bahut shuqriya .....
जवाब देंहटाएंबहुत मेहनत से सजाया है आज का चर्चा मंच.
जवाब देंहटाएंबधाई.
हर पल होंठों पे बसते हो, “अनामिका” पर, . देखिए
कई अच्छे लिंक्स मिल गये।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंअच्छी सामग्री उपलब्ध करवाई है आपने।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा ......
त्योहारों पर सब को हार्दिक शुभ कामनाएं |