आज के चर्चा मंच में प्रस्तुत हैं
बैशाखनन्दन में पुरस्कृत ब्लॉगरों की
अद्यतन पोस्टों की चर्चा!
बैशाखनन्दन में पुरस्कृत ब्लॉगरों की
अद्यतन पोस्टों की चर्चा!
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वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता -
2010 के स्वर्ण सम्मान विजेता हैं श्री समीरलाल "समीर".
जिसके अंतर्गत रुपया 5,100/= नगद एवम ई-प्रमाणपत्र आपको दिया जाता है. बहुत बधाई.!
लेखक परिचय
नाम : समीर लाल "समीर"
उम्र : 46 वर्ष
स्थान : जबलपुर से कनाडा
शौक : पढ़ना, मित्रों के साथ बातचीत करना, लिखना और नये ज्ञान की तलाश
ब्लाग : उडनतश्तरी
नाम : समीर लाल "समीर"
उम्र : 46 वर्ष
स्थान : जबलपुर से कनाडा
शौक : पढ़ना, मित्रों के साथ बातचीत करना, लिखना और नये ज्ञान की तलाश
ब्लाग : उडनतश्तरी
अक्सर दिल करता है मेरा
चलूँ, बादलों के पार चलूँ
देखूँ, कहाँ रहता है वो चाँद जो झाँकता है अपनी खिड़की से मेरी खिड़की में सारी रात |
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वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता - 2010 के रजत सम्मान
विजेतागण नीचे अनुसार हैं. सभी रजत सम्मान विजेताओं को रूपया 500/= पांच
सौ का नगद पुरस्कार और ई-प्रमाणपत्र भेजा जा रहा है. हार्दिक बधाई!
लेखिका परिचय :-
नाम - शेफाली पांडे
शिक्षा - एम्. ए. अर्थशास्त्र एवं अंग्रेज़ी, एम् .एड.,[कुमायूं विश्विद्यालय, नैनीताल]
व्यवसाय - शिक्षण
निवास - हल्द्वानी, उत्तराखंड.
शौक - लिखना और पढ़ना
आखिर क्यूँ ना बढ़े सांसदों का वेतन और क्यूँ न मिलें उन्हें भाँति - भाँति के भत्ते ?
जो स्वार्थी लोग सांसदों को मिलने वाले भाँति भाँति के
भत्तों और वेतन में बढ़ोत्तरी का विरोध कर रहे हैं उनसे मेरा यह कहना
है कि संसदाई का काम अब बहुत कठिन हो चला है | यूँ लोगों का यह भी
मानना है कि आजकल हर सरकारी काम कठिन हो चला है | संसदाई के काम में तरह -
तरह के जोखिम उठाने पड़ते हैं | टिकट के बंटवारे से शुरू हुआ संघर्ष का
सफ़र किसी भी पदनाम की कुर्सी प्राप्ति तक जारी रहता है | साम, दाम,
दंड, भेद के समस्त प्रकार [अगर होते हों ] अपनाने पड़ते हैं | इसीलिये
साथियों, माननीय महोदयों को कुछ भत्ते और मिलने चाहिए, जिन पर लोगों का
ध्यान नहीं गया लेकिन जिन्हें दिए बिना इस वेतन बिल के पास होने का कोई
औचित्य नहीं रह जाएगा |........
लेखक परिचय :-
अविनाश वाचस्पति,साहित्यकार सदन, पहली मंजिल,195 सन्त नगर,नई दिल्ली 110065मोबाइल 09868166586/09711537664
डेंगू और फ्लू का कॉमनगेम
>> मंगलवार, ७ सितम्बर २०१०
लेखक परिचय
नाम- डॉ0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर
पिता का नाम- श्री महेन्द्र सिंह सेंगर
माता का नाम- श्रीमती किशोरी देवी सेंगर
शिक्षा- पी-एच0डी0, एम0एम0 राजनीतिविज्ञान, हिन्दी साहित्य, अर्थशास्त्र, पत्रकारिता में डिप्लोमा
साहित्य लेखन 8 वर्ष की उम्र से।
कार्यानुभव- स्वतन्त्र पत्रकारिता (अद्यतन), चुनावसर्वे और चुनाव विश्लेषण में महारत
विशेष- आलोचक, समीक्षक, चुनाव विश्लेषक, शोध निदेशक
सम्प्रति- प्रवक्ता, हिन्दी, गाँधी महाविद्यालय, उरई (जालौन)
सम्पादक- स्पंदन
निदेशक- सूचना का अधिकार का राष्ट्रीय अभियान
संयोजक- पी-एच0डी0 होल्डर्स एसोसिएशन
ब्लाग : रायटोक्रेट कुमारेंद्र और शब्दकार
आगामी ओलम्पिक भारत में -- थीम सांग तैयार -- और बेहतर बनाने को सुझाव दे
कल सुबह केन्द्र से एक महान शख्सियत का फोन आया। बहुत ही अहम जानकारी दी गई कि आगामी प्रस्तावित ओलम्पिक खेलों का आयोजन हमारे देश को मिलना तय हो गया है। इसके पीछे कॉमनवेल्थ खेलों की जोरदारी तैयारी अकेले ही प्रभावी रही। शेष तो कुछ और आधार माना ही नहीं गया।ऐसे में हमें (आपके इस नाचीज कुमारेन्द्र को) जिम्मेवारी सौंपी गई कि हम एक थीम सांग तैयार करें, उस ओलम्पिक खेल के लिए।
लेखक का परिचय :-
नाम-ललित शर्मा
शिक्षा- स्नातकोत्तर उपाधि
उम्र- 41 वर्ष
व्यवसाय- शिक्षाविद,लेखन, अध्यन,
आरंभ--पत्रकारिता से
शौक-शुटिंग (रायफ़ल एव पिस्टल), पेंटिंग(वाटर कलर, आईल, एक्रेलिक कलर, वैक्स इत्यादि से,)
भ्रमण, देशाटन लगभग सम्पुर्ण भारत का (लेह लद्दाख को छोड़ कर)
स्थान-अभनपुर जिला रायपुर (छ.ग.) पिन-493661
चतुरानाऊ भोकवा पांड़े---कहानी---अंतिम भाग----ललित शर्मा
सेठ चिरौंजी लाल और परसादी घर पहुंचे । सेठ ने माता जी का तेरहीं भोज बड़ी धूम धाम से किया और परसादी की बड़ाई सबके सामने जोर शोर से की। परसादी को सेठ ने बहुत कुछ दान दक्षिणा दिया। लेकिन परसादी के दिल में बदले की भावना पल रही थी। कब मौका मिले और सेठ का हिसाब चुकता किया जाए।
इधर दीवाली बीती और कटाई हो कर धान खलिहान में पहुंच गया। मौसम बदलने लगा। धान आने के साथ लोगों के मन में उमंग आ चुकी थी। अपनी आवश्यकता की वस्तुएं खरीद रहे थे। यही समय इलाहाबादी पंडो के आने के भी होता है।....
चतुरानाऊ भोकवा पांड़े--भाग-1--यहाँ पढिए
सेठ चिरौंजी लाल और परसादी घर पहुंचे । सेठ ने माता जी का तेरहीं भोज बड़ी धूम धाम से किया और परसादी की बड़ाई सबके सामने जोर शोर से की। परसादी को सेठ ने बहुत कुछ दान दक्षिणा दिया। लेकिन परसादी के दिल में बदले की भावना पल रही थी। कब मौका मिले और सेठ का हिसाब चुकता किया जाए।
इधर दीवाली बीती और कटाई हो कर धान खलिहान में पहुंच गया। मौसम बदलने लगा। धान आने के साथ लोगों के मन में उमंग आ चुकी थी। अपनी आवश्यकता की वस्तुएं खरीद रहे थे। यही समय इलाहाबादी पंडो के आने के भी होता है।....
लेखक परिचय :-
नाम : मनोज कुमार, जन्म 1962, ग्राम – रेवाड़ी, ज़िला – समस्तीपुर, बिहार शिक्षा – स्नातकोत्तर जन्तुविज्ञान (एमएससी जूऑलजी) पत्र पत्रिकाओं में लेखन, कादम्बिनी, मिलाप, राजस्थान पत्रिका आदि में लेख, कहानी, आकाशवाणी हैदराबाद पर कविताएं प्रकाशित। पेशे से भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय, कार्यरत।ब्लॉग : http://manojiofs.blogspot.com
लघुकथा इज़्ज़त हरीश प्रकाश गुप्त
*‘तुम्हारा नाम **?**’***
*‘सुरसतिया’***
*‘बाप का नाम **?**’***
*‘धनेसर’***
*‘वो जो सामने खड़ा है, उसे जानती है **...
...
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वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता - 2010 के कांस्य सम्मान विजेता इस प्रकार रहे हैं.
सभी कांस्य सम्मान विजेताओं को सुश्री सीमा गुप्ता की काव्यकृति "विरह के रंग"
की एक प्रति और ई-प्रमाणपत्र भेजा जा रहा है. विदेश में निवास करने वाले
भाई बहिनों से निवेदन है कि अपना भारत का पता हमें भिजवा दें जिससे पुस्तक
शीघ्र प्रेषित की जा सके. सभी को हार्दिक बधाई!
लेखक परिचय :-
नाम- पद्म सिंहशिक्षा- स्नातकउम्र- ३७ वर्षव्यवसाय- सर्विस विद्युत विभागआरंभ-- पता नहीं कैसे कवि हो गयाशौक- थियेटर और नाटकों से जुडाव, संगीत मेर रूचि, बाइक और कार से लॉन्ग ड्राइव का शौकस्थान- मूलतः इलाहाबाद से हूँ, वर्तमान में गाज़ियाबाद में पिछले दस सालों सेब्लाग : पद्मावालि
रात कब बीते कब सहर निकले
इसी सवाल में उमर निकले
तमाम उम्र धडकनों का हिसाब
जो हल निकाला तो सिफर निकले
रविकान्त पाण्डेय
लेखक परिचय :-
परिचय तो बस इतना है कि एक मुसाफ़िर जो खुद अपनी तलाश में है। फिलहाल आई. आई. टी. कानपुर में शोधरत। शेष कविवर प्रसाद के शब्दों में-’छोटे से अपने जीवन की क्या बड़ी कथायें आज कहूंक्या ये अच्छा नहीं, औरों की सुनता मैं मौन रहूं"
मैंने लिखा निज राधा उसे, उसने मुझको घनश्याम लिखा है
प्रिय मित्रों, नमस्कार! बहुत दिनों से ब्लौगजगत से दूर हूं। सो पुनः सक्रियता के लिये जन्माष्टमी से बेहतर मौका क्या होगा। लीजिये, कुछ छंद सुनिये। सवैया एक श्रुतिमधुर छंद है। नरोतम दास का सुदामाचरित (उदाहरण- "सीस पगा न झगा तन में प्रभु जाने को आइ बसै केहि ग्रामा") या रसखान का- "मानुष हों तो वही रसखानि बसै बज गोकुल गांव के ग्वारन" से आप परिचित होंगे। ये सात भगण और दो दीर्घ का मत्तगयंद नामक सवैया है। और आनंद के लिये ये वीडियो सुनें-
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
जन्म- 4 फरवरी, 1951 (नजीबाबाद-उत्तरप्रदेश)1975 से खटीमा (उत्तराखण्ड) में स्थायी निवास।राजनीति- काँग्रेस सेवादल से राजनीति में कदम रखा।केवल काँग्रेस से जुड़ाव रहा और नगर से लेकरजिला तथा प्रदेश के विभिन्न पदों पर कार्य किया।शिक्षा- एम.ए.(हिन्दी-संस्कृत)तकनीकी शिक्षाः आयुर्वेद स्नातकसदस्य- अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग,उत्तराखंड सरकार,(सन् 2005 से 2008 तक)उच्चारण पत्रिका का सम्पादन(सन् 1996 से 2004 तक)साहित्यिक अभिरुचियाँ-1965 से लिखना प्रारम्भ किया जो आज तक जारी है।व्यवसाय- समस्त वात-रोगों की आयुर्वेदिक पद्धति से चिकित्सा करता हूँ।1984 से खटीमा में निजी विद्यालय का संचालक/प्रबन्धक हूँ।फोन/फैक्स: 05943-250207मोबाइल: 0936849921, 09997996437, 09456383898
“ओह! माह सितम्बर”
ओह!
कितनी जल्दी गुजर गया
पूरा सालभर
फिर से आ गया है
माह सितम्बर .........
लेखक परिचय :-
नाम : श्यामल किशोर झा
लेखकीय नाम : श्यामल सुमन
जन्म तिथि: 10.01.1960
जन्म स्थान : चैनपुर, जिला सहरसा, बिहार
शिक्षा : स्नातक, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र एवं अँग्रेज़ी
तकनीकी शिक्षा : विद्युत अभियंत्रण में डिप्लोमा
सम्प्रति : प्रशासनिक पदाधिकारी टाटा स्टील, जमशेदपुर
साहित्यिक
कार्यक्षेत्र : छात्र जीवन से ही लिखने की ललक, स्थानीय समाचार पत्रों
सहित देश के कई पत्रिकाओं में अनेक समसामयिक आलेख समेत कविताएँ, गीत,
ग़ज़ल, हास्य-व्यंग्य आदि प्रकाशित
स्थानीय टी.वी. चैनल एवं रेडियो स्टेशन में गीत, ग़ज़ल का प्रसारण, कई कवि-सम्मेलनों में शिरकत और मंच संचालन।
अंतरजाल पत्रिका "अनुभूति, हिन्दी नेस्ट, साहित्य कुञ्ज, आदि में अनेक रचनाएँ प्रकाशित।
गीत ग़ज़ल संकलन प्रेस में प्रकाशनार्थ
रुचि के विषय : नैतिक मानवीय मूल्य एवं सम्वेदना
प्रश्न
यह तेरी कैसी भगवत्ता?मौज उड़ाते भ्रष्टाचारी, सच्चे दुख पाते अलबत्ता।
यह तेरी कैसी भगवत्ता?
धर्मवीर कैसे हो मानव, साहस नहीं जुटा पाते हैं।
कर्मवीर कैसे पैदा हों, अवसर छीन लिए जाते हैं।।
धन-संचय की ऐसी लिप्सा, प्रायः सब बेईमान।
धूर्त और चालाक जमूरे, पाते नित सम्मान।।
फिर कैसे मानूँ हे प्रिय भगवन्, तुम्हीं हिलाते एक एक पत्ता
यह तेरी कैसी भगवत्ता?
लेखक परिचय
नाम-तेज प्रताप सिंह
शिक्षा-एम एस सी (जैवरसायन), पी एच डी (मोलीकुलर मेडिसिन, ऑस्ट्रिया; जारी)
निवास-गोंडा, उत्तर प्रदेश
ब्लाग : साहित्य योग
साहित्य
में बचपन से ही लगाव रहा है। पहली रचना "समाज का दाग" मैंने उस समय लिखी
जब मैं १० वीं का छात्र था। मेरा मानना है लिखने के लिए शब्द नहीं बल्कि
भावना की जरुरत होती है.
आप सभी लोगों से कभी न
कभी ये जरूर पूछा गया होगा की आप क्या करते हैं या आप का बेटा क्या करता
है. आज मोहन भी इस सवाल से बच नहीं पाया या यह कहिये की मोहन से जान बूझ
कर ये सवाल पूछा गया. मोहन अपने एक मित्र रोहन की शादी में गया था. सभी
अपने-अपने तरीके से शादी का आनन्द ले रहे थे तभी अचानक एक आवाज आयी...आरे
भाई अन्दर आ जाईये वरमाला पड़ने वाली है.
"यार मोहन चलो हम भी चलते हैं
हाँ चलते हैं......"
लेखक परिचय
नाम : राम त्यागी
Location: Chicago (Native - Morena) : IL (Native - MP) : United States
ब्लाग : मेरी आवाज
मुरैना
, ग्वालियर और मध्य प्रदेश के विभिन्न गावों और शहरों में बचपन और
विद्यार्थी जीवन के अनमोल वर्ष गुजारने के बाद, दिल्ली , सिंगापुर जैसे
अन्य महानगरो और देशो से गुजरते हुए आजकल अमेरिका के चिकागो के पास के एक
कस्बे में कुछ सालो से डेरा डाले हुआ हूँ. मेरी नौकरी को मेहनत और लगन से
कर रहा हूँ पर मेरा मन कहता है की जल्दी से छोड़ो कुछ और शार्थक करो,
स्वच्छ राजनीतिक जीवन जीने का सपना है और लोगो के बीच रहकर उनके लिए काम
कराने की तमन्ना है, लिखने और पड़ने में (विशेषकर भारत के बारे में) बहुत
लगाव है, इसलिए ब्लॉग की दुनिया में आपके साथ हूँ. संयुक्त परिवार से आता
हूँ, हिन्दी, हिंदुस्तान और भारतीय संस्कृति मेरे अभिन्न अंग है.
अमेरिकन टाइम-पास - न्यूयार्क से !!
एक खेल जो भारत के क्रिकेट का अमेरिकन रूपांतरण है, आप देखो
फिर थोडा टहल के आ जाओ, बीयर, जूस या चिप्स सामने से लाकर इधर उधर टहलो और
फिर देखने लगो, गर्ल फ्रेंड को डेट के लिए बुलाना हो या फिर बच्चो को बाहर
ले जाना हो, कोई भी उम्र हो, हर स्थिति में जंचता है ये। अमेरिकन लोगों
का बहुत पसंदीदा खेल है ये, समय गुजारना हो या फिर सोसल गैदरिंग करनी है
तो बहुत ही बढ़िया टाइम पास कराता है, और जी हाँ कुछ ऐसा ही बोलते है यहाँ
के लोग इस खेल को - American's Favorite Pass Time !! पिछले सौ सालों से
ये अमेरिका का सबसे ज्यादा मनोरंजक और पसंदीदा खेल रहा है – मैं ‘बेसबाल’ खेल की बात कर रहा हूँ !..
लेखिका परिचय :-
नाम-- रश्मि रविजा
परिचय
: राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर .विभिन्न पत्रिकाओं और अखबारों में
आलेख प्रकाशित. मुंबई आकाशवाणी से कहानियों एवं वार्त्ताओं का नियमित
प्रसारण .
ब्लॉग : अपनी, उनकी, सबकी बातें
'फिल्म' सी ही रोचक उसे देखने की कहानी
जब अपनी सहेली के साथ ,'बरसात का एक दिन' गुजारा था...और उन यादों को यहाँ
पोस्ट में बाँटा भी था, तभी उस जैसे ही गुजरे एक रोचक दिन की याद हो आई
थी, अगली पोस्ट ही लिखने की सोची थी पर बीच में ये फिल्म उड़ान, राखी,ओणम
आ गयी....अभी भी गणपति की तैयारियों में व्यस्त हूँ फिर भी कुछ ना लिखूं
तो खालीपन सा महसूस होता है (और कहीं आपलोग इस ब्लॉग का रुख ही ना भूल
जाएँ... ये डर भी है :) )
लेखक परिचय
नाम - लक्षमी नारायण अग्रवाल
जन्म - 9 सितम्बर,1952, लखनऊ में
शिक्षा - एम.एससी.( आ.कैमिस्ट्री ) लखनऊ वि·ा विद्यालय,लखनऊ
सप्रति - "गवर्नमेंट इग्जामिनेशन आफ क्वेश्चन्ड डाकमट'में हण्डराइटिंग
एक्सपर्ट केरूप में काम करने के बाद 1985 से इलैक्ट्रोनिक्स व्यापार में।
विधा - कविता,गजल,कहानी,लघु कथा,हास्य-व्यंग्य ,समीक्षा आदि
प्रकाशन - मुक्ता,गृहशोभा,सरस सलिल,तारिका,राष्ट्र धर्म,पंजाबी
संस्कृति,अक्षर खबर ,हिन्दी मिलाप आदि में प्रकाशन। कई कहानियाँ पुरस्कृत
। कई बार कविताएं आकाशवाणी और दूरदर्शन से प्रसारित ।
पुस्तकें - "आदमी के चेहरे'( कविता संग्रह ) 1997
"यही सच है'(कविता संग्रह) 1998
1976 से हैदराबाद में स्थाई निवास
फोन न. - 24656976
मोबाइल न. - 9848093151
सम्पर्क सूत्र -- दीप इलैक्ट्रोनिक्स
5-1-720/13 खुशाल चैम्बर्स , बैंक स्ट्रीट
हैदराबाद-500095
गोरा भिखारी
भला हो
तिवारी जी का जिन्हों ने मुझे यह आदत डाल दी .एक दिन राशन कि दुकान पर मिल
गए थे ,बातो बातों में पता चला कि मेरे घर के पास ही रहते है .उम्र में
मुझ से दस वर्ष बड़े थे किन्तु मुझ से चुस्त दिख रहे थे .मैं ने पूँछ लिया
-- "तिवारी जी आप कि सेहत का राज क्या है ?"
"कुछ भी नहीं अरोड़ा जी
,पुराना भारतीय नुस्खा है ,कम खाओ और गम खाओ ,बस सुबह जरा टहलने भी चला
जाता हूँ .आप कहे तो आप को भी ले चलूँ ?"......
लेखक परिचय : खुद लेखक के शब्दों में.
नाम : विजय कुमार सप्पत्तिस्थान : FLAT NO.402, FIFTH FLOOR,PRAMILA RESIDENCY; HOUSE NO. 36-110/402,DEFENCE COLONY, SAINIKPURIPOST, SECUNDERABAD- 500 094 [A.P.]Sr.GM- Marketing (हैद्राबाद) के पद पर कार्यरत हूं.Mobile no : +91 9849746500email ID : vksappatti@gmail.comमैं कविताये लिखता हूँ और मेरा कविताओ का ब्लॉग भी है http://poemsofvijay.blogspot.com/ . मुझे कविताये लिखने का शौक है , तथा मैंने करीब २५० कवितायें, नज्में लिखी है .
लेखक परिचय :-
नाम:- पं.डी.के.शर्मा "वत्स"जन्म:- 24/8/1974 (जगाधरी,हरियाणा)स्थायी निवास:- लुधियाना(पंजाब)शिक्षा:- एम.ए.--(संस्कृ्त), ज्योतिष आचार्यकईं वर्षों पूर्व ज्योतिष आधारित विभिन्न पत्र,पत्रिकाओं हेतु लिखना प्रारंभ किया, जो कि आज तक बदस्तूर जारी है। लगभग सभी पत्रिकाओं में ज्योतिष एवं वैदिक ज्ञान-विज्ञान आधारित लेख नियमित रूप से प्रकाशित हो रहे हैं।व्यवसाय:- ऊनी वस्त्र निर्माण उद्योग(Hosiery Products Mfg.) का निजी व्यवसायजीवन का एकमात्र ध्येय:- ज्योतिष एवं वैदिक ज्ञान-विज्ञान को लेकर समाज में फैली भ्रान्तियों को दूर कर,उसके सही एवं वास्तविक रूप से परिचय कराना।शौक:- पढना और लिखनाब्लाग:- ज्योतिष की सार्थकता
इन्सान कर्मों के इस चक्र में किस कारण से उलझता है ?
>> Sunday 5 September 2010
नाम - शिखा वार्ष्णेयशिक्षा - टी वी जर्नलिज्म में परास्नातक मोस्को स्टेट युनिवर्सिटी रशिया से.स्थान - लन्दनशौक - देश ,विदेश भ्रमणब्लाग : स्पंदन
दो दिन, स्कॉटस और बैग पाइप .
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सभी सम्मानित साथियों को
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
आज केवल इतना ही! राम-राम!!
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
आज केवल इतना ही! राम-राम!!
सभी सम्मानित ब्लॉगर साथियों को बहुत-बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं! आपका बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंसभी सम्मानित ब्लॉगर साथियों को बहुत-बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं! आपका बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंसभी साथियों को बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंसबको बधाई...
जवाब देंहटाएंसभी सम्मानित रचनाकारों का अभिनन्दन !
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसभी सम्मानित ब्लोगेर्स को हार्दिक बधाई |
जवाब देंहटाएंआशा
सबों से मिलकर अच्छा लगा .. सम्मान के लिए सभी ब्लोगरों को बधाई !!
जवाब देंहटाएंबैशाखनंदन सम्मान से सम्मानित सभी चिट्ठाकारों को ढेर सारी बधाई|
जवाब देंहटाएंब्रह्माण्ड
सम्मानित ब्लॉगर साथियों को बहुत-बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंsabhi blogger sathion ko hardik badhai
जवाब देंहटाएंसभी को बहुत बहुत बधाईयां ...बढ़िया चर्चा रही !
जवाब देंहटाएंshiksha vyvsay ruchi shit blog likhne walo ki rchnayo ka mnn krna ek sukhad anubhv rha .jankari our samgri dono ke liye aapko bhut bhut dhnywaad .
जवाब देंहटाएंधुरन्दर ब्लोगर्स को बहुत बहुत बधाई ...शुभकामनायें ...सबसे मिलना अच्छा लगा ..
जवाब देंहटाएंहमारी तरफ़ से भी सभी सम्मानित ब्लॉगर साथियों को बहुत-बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं! आपका बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंसभी सम्मानित ब्लॉगर साथियों को बहुत-बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंसमस्त सम्माननीय दिग्गजों और कर्मशील व्यक्तित्वों को मेरा ह्रदय से नमन और बधाई !
जवाब देंहटाएंसभी साथियों को बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंसभी सम्मानित साथी रचनाकारों को बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ!!!
जवाब देंहटाएंसबको बधाई !!
जवाब देंहटाएंसभी सम्मानित ब्लॉगर साथियों को बहुत-बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएं* पोला त्योहार की बधाई .*
आप सबको बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंसभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई और साथ ही आपको भी जो सबको चुनकर हम तक पहुँचाया.
जवाब देंहटाएंसबको बधाई..
जवाब देंहटाएंसभी सम्मानित विजेताओं को बहुत सारी हार्दिक बधाइयाँ, शुभकामनायें एवम् अभिनन्दन ! समस्त ब्लॉग जगत आपकी इस उप्लब्धि पर हर्षित एवम् गौरवान्वित है !
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसभी सम्मानित रचनाकारों साथियों को बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ!चर्चा बढ़िया रही !
जवाब देंहटाएंअच्छा तो हमें भी धुरंधरों की पंक्ति में बिठा दिया।
जवाब देंहटाएंआप भी ना शास्त्री जी, .....
सभी को शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंdhurandhar bloggars ko aapko bahut bahut badhayi. deri ke liye kshama chaahti hun.
जवाब देंहटाएं