पुलिस की अधूरी जानकारी के विरूद्ध पत्रकार राजीव कुमार ने सीआईसी की शरण ली ये हाल है हमारी राजधानी दिल्ली में पुलिस ज्यादती का..
अंदाजा लगा सकते हैं तो लगाइयेगा वर्ना पोस्ट पे पढ़ के आइयेगा..
क्या करें नीतीश!! फंसे हुए हैं कुछ पुलिस के जवान नक्सलियों के चंगुल में.. और नीतीश सरकार की हालत सांप-छछूंदर जैसी है..
बीसवीं सदी के दुनिया के महानतम मौलिक विचारक और दार्शनिक ओजस्वी ओशो के विचार जानिये क्या चमत्कार के लिए हिन्दुस्तानी होना जरुरी है ? के रूप में
सुनीता शानू जी को बधाई भी दीजिए और उनका ये हास्य-व्यंग्य पढ़ के आनंद भी लीजिये---नरक में डिस्काउंट ऑफर(अमर उजाला में प्रकाशित)
जानियेगा कि कैसे---बस यूं ही,करता है मन सवाल
कुसुम ठाकुर जी का एकाउंट हैक करके उल्टा कोई चोर कोतवाल को ही लगा है डांटने यहाँ---आई पी address पुलिस में देने की धमकी !!
यहाँ तो चाँद आता है रोज़ मिलने मगर वो नहीं आता जिसका इन्तेज़ार है..
यहाँ तो चाँद आता है रोज़ मिलने मगर वो नहीं आता जिसका इन्तेज़ार है..
खुशकिस्मत हैं वो जिन्होंने जिन्दगी को दूर से देखा है.. लगता है doctar साब पास से दिखाना चाहते हैं सबको देखते हैं.. हम भी भाई
और यहाँ है कई सालों तक अमेरिका की सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब सफलता पर एन्थनी राॅबिन्स की विश्व प्रसिद्ध कृति अवेकन द जाइन्ट विदिन
कम से कम अपने देश की कई लड़कियां तो ये सोचती ही होंगीं दिन में कई बार कि----काश मैं लड़का हो जाऊं..
बाल मुस्कान पर पढ़ियेगा कहानी कामचोर शहीदुल्ला
मेरी कहानी (तीसवाँ भाग) पे यात्रा संस्मरण के इतने भाग हो गए लेकिन हम हैं कि इस ब्लॉग के पीछे भागते ही नहीं..
और ये है वो समाचार जो आपको डरा देगा, लड़कियों को सहमा देगा.. देश की व्यवस्था पर से विश्वास थोड़ा और ऊपर उठा सकता है.. वैसे तो इस समाचार को सुबह पढ़ने के बाद मैं भी एक पोस्ट का रूप देना चाहता था लेकिन पहले ही अजय झा जी ने बना दिया.. :) -----इस घटना से देश भर के IAS और IPS अधिकारियों को सबक लेना चाहिए ....
एक याद को
मेरे प्यारे प्यारे दीपक,
ReplyDeleteसबसे पहली चर्चा के लिए बहुत-बहुत बधाई....
सबकुछ बहुत सुन्दर लग रहा है...और सबसे बड़ी बात कि कुछ ऐसे लेखन पढ़ने को मिले हैं...जो शायद हमलोगों से रह जाते...
बहुत सुन्दर है...
पहली चर्चा के लिए बधाई
ReplyDeleteढेर सारी शुभकामनाएं
दीपक जी की चर्चा में कुछ तो नया है जो बस अनुभव किया जा सका...हवा के ताज़े झोंके सा
ReplyDeleteबहुत अच्छी चर्चा।
ReplyDeleteहिन्दी, भाषा के रूप में एक सामाजिक संस्था है, संस्कृति के रूप में सामाजिक प्रतीक और साहित्य के रूप में एक जातीय परंपरा है।
स्वच्छंदतावाद और काव्य प्रयोजन राजभाषा हिन्दी पर, पधारें
बढिया चर्चा। तालियां।
ReplyDeleteब्लाग जगत की दुनिया में आपका स्वागत है। आप बहुत ही अच्छा लिख रहे है। इसी तरह लिखते रहिए और अपने ब्लॉग को आसमान की उचाईयों तक पहुंचाईये मेरी यही शुभकामनाएं है आपके साथ
ReplyDelete‘‘ आदत यही बनानी है ज्यादा से ज्यादा(ब्लागों) लोगों तक ट्प्पिणीया अपनी पहुचानी है।’’
हमारे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
मालीगांव
साया
लक्ष्य
हमारे नये एगरीकेटर में आप अपने ब्लाग् को नीचे के लिंको द्वारा जोड़ सकते है।
अपने ब्लाग् पर लोगों लगाये यहां से
अपने ब्लाग् को जोड़े यहां से
दीपक ,
ReplyDeleteचर्चा के लिए बेहतरीन लिंक्स लिए हैं ...अच्छी चर्चा ..बधाई और शुभकामनायें ..और सच बिलकुल निराश नहीं किया तुम्हारी चर्चा ने ..उम्दा चर्चा रही ..
आपकी चर्चा की शैली देख कर चमत्कृत और प्रभावित हुआ। कृपया बधाई स्वीकारें।
ReplyDeleteफ़ुरसत में .. कुल्हड़ की चाय, “मनोज” पर, ... आमंत्रित हैं!
दीपक,
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी और सधी हुयी चर्चा लगाई है और लग ही नही रहा कि पहली बार लगाई है……………काफ़ी नये लिंक्स भी मिले………………तुम्हारा चर्चा मंच पर हार्दिक स्वागत है।
बहुत बढ़िया चर्चा रही!
ReplyDelete--
मेरा नेट ठीक नही चल रहा है!
इसलिए न ही कहीं कमेंट कर पाया हूँ और न ही कोई पोस्ट लगा सका हूँ!
बहुत बढ़िया चर्चा रही!
ReplyDelete--
मेरा नेट ठीक नही चल रहा है!
इसलिए न ही कहीं कमेंट कर पाया हूँ और न ही कोई पोस्ट लगा सका हूँ!
pahali charcha bahoot badiya lagi...
ReplyDeleteaage ke liye shubhkamnayen.
काफी अच्छा रहा आपका ये प्रथम प्रयास.....शैली बढिया लगी..
ReplyDeleteआभार्!
pahli charcha ke liye badhai!
ReplyDeletenice posts incorporated!
best wishes:)
दीपक जी ,
ReplyDeleteइस पहले चर्चा के लिए बहु बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ !!
दीपक जी बहुत सुन्दर चर्चा की है आपने। चर्चा का ये नया अंदाज सचमुच बहुत अच्छा लगा।
ReplyDeleteदीपक जी बहुत सुन्दर चर्चा की है आपने। चर्चा का ये नया अंदाज सचमुच बहुत अच्छा लगा।
ReplyDeleteदीपक की मशाल जलाए रखना :) अच्छी चर्चा के लिए बधाई॥
ReplyDeleteपहली चर्चा के लिए बधाई. समझ सकती हूँ आज आपको सब की टिप्पणियाँ मिलने की बहुत उत्सुकता होगी, उम्मीद करती हूँ निराशा नहीं मिली होगी क्युकी चर्चा है भी तो लाजवाब कहीं कोई झोल नजर नहीं आता...अनुभव के साथ साथ नया अंदाज़ भी नज़र आता है आपकी चर्चा में.
ReplyDeleteकाफी नए और अच्छे लिंक्स मिले.
बहुत बहुत बधाई एवं आभार.
चर्चा के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया जो आपने बेरे ब्लॉग को इस चर्चा में शामिल करके अन्य लोगो को भी ओशो के विचार जानने के लिए एक मंच प्रदान किया ......
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ReplyDelete.
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प्रिय दीपक,
सुन्दर चर्चा,
मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु आभार...
और हाँ आपने निराश नहीं किया, बल्कि आस जगाई है...शुभकामनायें !
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बहुत अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeleteदीपक जी बहुत सुन्दर चर्चा की है आपने ढेर सारी शुभकामनाएं
ReplyDeleteबधाई हो दीपक । इस चर्चा को ऐसे ही विषय केन्द्रित बनाओ जैसे अलग अलग तर्ह के ब्लॉग्स की चर्चा एक साथ । उपेक्षित ब्लॉग्स पर ध्यान दिलाना भी ज़रूरी है ।
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