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Friday, September 27, 2013

चेत यहूदी बौद्ध सिक्ख, हिन्दु क्रिस्ट इस्लाम -चर्चा मंच 1381

करते काम तमाम अब, पूछे प्रश्न तमाम | 
चेत यहूदी बौद्ध सिक्ख, हिन्दु क्रिस्ट इस्लाम |

हिन्दु क्रिस्ट इस्लाम, धर्म की पढ़ो किताबें |
पढ़ लो श्लोक कलाम, अन्यथा गर्दन दाबें |

खरदूषण की बहन, कर्बला में जो मरते |




मुक्ति

(पुरुषोत्तम पाण्डेय) 



वर्धा ब्लॉगर सम्मलेन -जो किसी ने नहीं लिखा!

noreply@blogger.com (arvind mishra) 

मुर्गे की इक टांग से, कंठी माला टांग |
उटपटांग हरकत करे, कूद फांद फर्लांग |
कूद फांद फर्लांग , बांग मुर्गा जब देता |
पंडित करते स्वांग, ॐ बोले अभिनेता |
अभिनय में उस्ताद, सोचते हैं आगे की |
अगर गले ना दाल, तब टांग चले मुर्गे की || 


क्यों बीमार है राष्ट्रीय एकता परिषद?

Randhir Singh Suman 
राजनीति जब वोट की, अपने अपने स्वार्थ |
परिषद् भी बीमार है, मोहग्रस्त ज्यों पार्थ || 


काठमांडू में भारतीय ब्‍लॉगरों का सम्‍मान : 

डेली न्‍यूज़ ऐक्टिविस्‍ट दिनांक 26 सितम्‍बर 2013 में प्रकाशित

नुक्‍कड़ 
भारतीय ब्लॉगर जमा, चहुँ-तरफ़ा है धूम | 
पुरस्कार की होड़ है, रविकर लेकर चूम ||


Tourist places in Indian States भारतीय राज्यों के पर्य़टक स्थल

SANDEEP PANWAR 


प्रभु के अवतार का उद्देश्य श्रीभगवानुवाच बहुनि मे व्यतीतानी ,

जन्मानि तव चार्जुन , तान्यहं सर्वाणि ,न त्वं वेत्थ परंतप। (४. ६ )

Virendra Kumar Sharma 
भारत भूमि महान है, बनकर प्रभु इंसान |
आकर वे अनुभव करें, मुश्किल में ईमान ||


साधू या शैतान

कालीपद प्रसाद 
शैतानों ने धर लिया, आज साधु का रूप |
साधु दुबक एकांत में, भजते रूप अनूप || 






Untitled

राजेश उत्‍साही 


दीवार पर खिली कविता!

अनुपमा पाठक 

सुरक्षा के गले में राजनीति का फंदा

pramod joshi 

सन 1971 में गोमती की बाहों में समां गया था जौनपुर नगर

राजेश श्रीवास्तव 

'गाँधी' का मतलब!

IRFAN 

कजरारी...

pankhuri goel 


"मयंक का कोना"
वर्धा संगोष्ठी पर कहाँ क्या लिखा गया…!

सत्यार्थमित्र पर सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी 

--
Computer से डाटा को पूरी तरह से डिलीट करें !

Computer Tips & Tricks पर Faiyaz Ahmad 

--
छोटा भीम ओर खांग्रेसी PM 
( कार्टून सीरियल आधारित व्यंग )

AAWAZ पर SACCHAI

--
सितम्बर की अध ठंडी रात

बावरा मन पर सु..मन (Suman Kapoor) 

--
याद नहीं रहा आज से पहले खतड़ुवा कब था हुआ
बरसात जब कुछ कम हो गई 
घर की सफाई कुछ शुरु हो गई 
काम पर लगे नंदू से पूछ बैठा यूं ही ठंड भी शुरु हो गई ना हां
 होनी ही है खतड़ुवा भी हो गया ...
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi 

--
हिन्दी !
 देश की रानी बनेगी मेरी आलिशान हिन्दी | 
राष्ट्रभाषा है हमारी दिल जिगर औ' जान हिन्दी |...
तिश्नगी पर आशीष नैथाऩी 'सलिल'

25 comments:

  1. बहुत सुन्दर चर्चा।
    आज पढ़ने को अच्छे लिंक मिले।
    आभार रविकर जी।

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर चर्चा।

    आभार!

    हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल पर आज की चर्चा : जह्नो - दिल में रेंगती हैं -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल : चर्चा अंक :10

    ReplyDelete
  3. रविकर जी, बहुत बढ़िया लिंक्स दिए है
    मेरी रचना को शामील करने के लिए आभार आपका !

    ReplyDelete
  4. रविकर का अपना अंदाज
    सुंदर चर्चा का आगाज
    आभारी है उल्लूक भी
    दिख जो रहा है उसका
    खतड़ुवा भी आज ।

    ReplyDelete
  5. सिसकते हैं अकेले अब,
    तुम्ही को याद कर-कर के,
    बिलखते हैं अकेले अब,
    फकत फरयाद कर-कर के,
    अलम की बाँह में,
    अपना जनम बरबाद कर डाला।
    वफा की राह में,
    चैन-औ-अमन बरबाद कर डाला।।

    वाह निकल गया मुंह से ,

    कलेजा चाक कर डाला।

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  6. सुन्दर भाव बोध की रचना।


    जिनको कल तक अंधा देखा, जिनको कल तक नंगा देखा,
    आज उन्हीं की स्तुति गा लो, उनके हाथों झण्डा देखा,

    सहृदयता संजय भास्कर सी हो। दूसरे की प्रशंशा करना लिखना योग है। ईश्वरीय गुण है। सहज निरभिमानी ,जिज्ञासु ही दूसरे के गुणों का गायन कर सकता है। शुक्रिया प्रवीण जी की यह रचना पढ़वाने का। सामिजिक स्थितियों से प्रसूत चिंतन उनकी रचनाओं में रिसता है ललित निबन्ध सा ,प्रबंध सा।आप भाव बोध के कवि हैं तो प्रबंधन के गुरु प्रहलाद और अद्यतन प्रोद्योगिकी के सुपर एपिल भी हैं।

    संग्रहनीय लेखन बड़ी शख्सियत -- प्रवीण पाण्डेय जी :))
    संजय भास्‍कर
    शब्दों की मुस्कुराहट

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  7. दादाजी ने ऊँगली थामी, शैशव चला उठाकर पाँव ।
    मानों बरगद किसी लता पर, बिखराता हो अपनी छाँव ।।


    फूलों से अनभिज्ञ भले पर, काँटों की रखता पहचान ।
    अहा! बड़ा ही सीधा सादा, भोला भाला यह भगवान ।।


    शिशु की अद्भुत भाषा शैली, शिशु का अद्भुत है विज्ञान ।
    बिना पढ़े ही हर भाषा के, शब्दों का रखता है ज्ञान ।।


    सुनो झुर्रियां तनी नसें ये, कहें अनुभवी मुझको जान।
    बचपन यौवन और बुढ़ापा, मुन्ने को सिखलाता ज्ञान ।।


    जन्म धरा पर लिया नहीं है, चिर सम्बंधों का निर्माण |
    अपनेपन की मधुर भावना, फूँक रही रिश्तों में प्राण ||

    अनंत की दोहावली भाव अर्थ और नवरूपकत्व लिए है बोध कथा सा सरल ज्ञान लिए है बच्चे की निश्छल मुस्कान घर का प्राण बुजुर्गों का मान लिए है।

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  8. बहुत खूब !बहुत खूब !बहुत खूब !

    कई नैन चले ,कई बैन चले ,

    बखिया कइयन की उधड़न लागी।

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  9. कांग्रेस भले ही ये स्थापित करने की कोशिश करे कि इक्कीसवीं सदी में वही देश को लेकर गई। लेकिन, इक्कीसवीं सदी में पहुंचे देश के नौजवान को सबसे सलीके से साधने में कामयाब होते दिख रहे हैं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी। नरेंद्र मोदी देश के ऐसे राजनेता बने जिन्होंने नौजवान को उसके मौज मस्ती वाले अड्डे यानी सोशल मीडिया पर जाकर धर लिया और ऐसा पकड़ा कि देश के ज्यादातर राजनेताओं को नौजवानी के मस्त अड्डे सोशल मीडिया पर जाना पड़ रहा है।

    बहुत सुन्दर आलेख विमर्श को आमंत्रित करता ,अभिसिंचित अभिमंत्रित करता -
    ना काँटों का सितम होता
    ना कुनबा बेरहम होता .
    ये भारत भी चमन होता .
    हंसी अपना वतन होता .
    निकलते और कुछ पहले
    ये मैले आसमां में तुम -
    तो सच मानो कभी उजड़ी
    ये फुलवारी नहीं होती .
    नमो नारायण कहना
    सीख लेते सब जहाँ वाले
    हमारे यार मोदी सा ना -
    कोई अहले करम होता .

    अब इसको रोकना ना -
    टोकना पागल हवाओं तुम .
    ये पर्वत सा गुरु होगा -
    रुका ना - जो शुरू होगा .

    अभी कुछ और हो जाता ,

    अभी कुछ भी नहीं बिगड़ा ,

    ज़रूरी दुम दबाके भागना उनका ,

    जिन्हें सेकुलर कहा जाता।

    "मयंक का कोना"
    वर्धा संगोष्ठी पर कहाँ क्या लिखा गया…!

    सत्यार्थमित्र पर सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी

    ReplyDelete
  10. व्यंग्य विडंबन से भरा साधुन का ब्योहार ,

    साध मत कहना इन्हें ये करते ब्योपार। सुन्दर पोस्ट शुक्रिया आपकी टिपण्णी का।

    शैतानों ने धर लिया, आज साधु का रूप |
    साधु दुबक एकांत में, भजते रूप अनूप ||

    भारतीय ब्लॉगर जमा, चहुँ-तरफ़ा है धूम |
    पुरस्कार की होड़ है, रविकर लेकर चूम ||

    पुरस्कारन की लूट है ,लूट ब्लागिये लूट ,

    कल होगा तू हूट .,कुछ तो कर ले म्यूट .

    रविकर लातें हैं सदा चर्चा मंच अनूप ,

    हर सेतु का हैं यहाँ अपना एक स्वरूप।

    मुर्गे की इक टांग से, कंठी माला टांग-
    रविकर
    "लिंक-लिक्खाड़"

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  11. गान्धिन गांधी में ठनी ,एक अनोखी जंग ,

    मोहन गांधी, सोनिया मोदी- गांधी सुरंग।

    'गाँधी' का मतलब!
    IRFAN
    ITNI SI BAAT

    ReplyDelete
  12. गान्धिन गांधी में ठनी ,एक अनोखी जंग ,

    मोहन गांधी, सोनिया, मोदी- गांधी सुरंग।

    'गाँधी' का मतलब!
    IRFAN
    ITNI SI BAAT

    ReplyDelete
  13. बहुत सुन्दर सूत्र संजोये हैं आपनें !!
    आभार !!

    ReplyDelete
  14. दागीन नेता पर अड़ा देखो अध्यादेश ,

    संविधान की धज्जियां ये कैसा आदेश।

    फिरें आतंकी छुट्टे ,खाएं मनमोहन भुट्टे।

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  15. इतना मार्मिक प्रसंग टिपण्णी करते बनता नहीं है। सब कर्मों का लेखा है -

    कर्म प्रधान सब जग रची राखा ,.....
    मुक्ति
    (पुरुषोत्तम पाण्डेय)
    जाले


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  16. Tourist places in Indian States भारतीय राज्यों के पर्य़टक स्थल
    SANDEEP PANWAR
    जाट देवता का सफर/journey

    Tourist places in Indian States भारतीय राज्यों के पर्य़टक स्थल
    SANDEEP PANWAR
    जाट देवता का सफर/journey

    तारीफ़ करते मुक्त अधर।

    ReplyDelete
  17. पठनीय सूत्रों से सजी सुन्दर चर्चा !!
    सादर आभार !!

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  18. मेरी प्रस्तुति सदाबहार अभिनेता देव आनंद को "चर्चा मंच" में शामिल करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद।। सुन्दर चर्चा…. आभार।

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  19. शानदार ...मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया मयंक सर

    छोटा भीम ओर खांग्रेसी PM
    ( कार्टून सीरियल आधारित व्यंग )

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  20. बहुत ही सुन्दर सूत्र हैं, आभार

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  21. आदरणीय रविकर सर बेहद शानदार चर्चा मेरी रचना को स्थान देने हेतु हार्दिक आभार आपका.

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  22. सभी ब्लॉग एक से बढाकर एक है, एक बार फिर से मेरे ब्लॉग को यहाँ में स्थान देने के लिए धन्यवाद् Harry की तरफ से

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