स्नेहिल अभिवादन।
महाराष्ट्र में मेट्रो कार शेड बनाये जाने के लिये आरे के जंगल काटने का विरोध करनेवालों को सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में केस दर्ज़ करके जेल भेज दिया गया था। देश की इससे बड़ी बिडम्बना क्या हो सकती कि पेड़ बचाने का आग्रह कर रहे पर्यावरणप्रेमियों को ही सज़ा भुगतनी पड़ी। असल में पूँजीवादी चरित्र की सरकारें ऐसे ही कारनामे करने में अपनी शान समझतीं हैं। महाराष्ट्र की नई सरकार को धन्यवाद जो इसने पर्यावरणप्रेमियों पर दर्ज़ हुए केसों को वापस लेने का निर्णय किया है।
आइये पढ़ते हैं मेरी पसंद की कुछ रचनाएँ-
-अनीता लागुरी 'अनु'
महाराष्ट्र में मेट्रो कार शेड बनाये जाने के लिये आरे के जंगल काटने का विरोध करनेवालों को सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में केस दर्ज़ करके जेल भेज दिया गया था। देश की इससे बड़ी बिडम्बना क्या हो सकती कि पेड़ बचाने का आग्रह कर रहे पर्यावरणप्रेमियों को ही सज़ा भुगतनी पड़ी। असल में पूँजीवादी चरित्र की सरकारें ऐसे ही कारनामे करने में अपनी शान समझतीं हैं। महाराष्ट्र की नई सरकार को धन्यवाद जो इसने पर्यावरणप्रेमियों पर दर्ज़ हुए केसों को वापस लेने का निर्णय किया है।
आइये पढ़ते हैं मेरी पसंद की कुछ रचनाएँ-
-अनीता लागुरी 'अनु'
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दोहे तार जिंदगी के
कैसे सागर पार हो, नाविक हैं मक्कार।
छोड़ रहे मझधार में, हाथों से पतवार।।
****
जीवन पल-पल एक परीक्षा
दोहे तार जिंदगी के
कैसे सागर पार हो, नाविक हैं मक्कार।
छोड़ रहे मझधार में, हाथों से पतवार।।
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जीवन पल-पल एक परीक्षा

रातें गहरी, जितना भ्रमित मना
कमतर उजला दिन भी उतना ,
खण्डित आशा अश्रु बन बहती
मानवता विक्षत चित्कार करती,
अपूर्ण अविचल रहती,आकांक्षा
जीवन पल पल एक परीक्षा ....
कमतर उजला दिन भी उतना ,
खण्डित आशा अश्रु बन बहती
मानवता विक्षत चित्कार करती,
अपूर्ण अविचल रहती,आकांक्षा
जीवन पल पल एक परीक्षा ....
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ज़िन्दगीनामा
ज़िन्दगीनामा
पता नही, केरल के घने जंगलों को पारकर और
नब्बे किलोमीटर गाड़ी चलाकर वह घर पहुँचा
या नही पर वह जहाँ पहुंच गया था उससे हम सब चिंतित थे
- समाज, देश, शिक्षा,भविष्य, युवा और तमाम ऐसे मुद्दे थे जो हवा में तैर रहे थे
नब्बे किलोमीटर गाड़ी चलाकर वह घर पहुँचा
या नही पर वह जहाँ पहुंच गया था उससे हम सब चिंतित थे
- समाज, देश, शिक्षा,भविष्य, युवा और तमाम ऐसे मुद्दे थे जो हवा में तैर रहे थे
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छुट्टियों में जब घर आते
माँ को जी भर सताते
दो दिन में जी लेते फिर बचपन
बहन को पल-पल छेड़ते
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हमें अपनी सोच बदलनी होगी....
हमें प्रत्येक घटना पर अपनी जोरदार प्रतिक्रिया देनी होगी चाहे
वो घटना छोटी हो या बड़ी....
चाहे छोटे कस्बे की हो या किसी रिहायशी
हमें प्रत्येक घटना पर अपनी जोरदार प्रतिक्रिया देनी होगी चाहे
वो घटना छोटी हो या बड़ी....
चाहे छोटे कस्बे की हो या किसी रिहायशी
सूनी थाली बुझती अंगीठी
कर्ज़ में डूबी धान बालियाँ
फटा अँगोछा,झँझरी चुनरी
गिरवी गोरु,बैल,झोपड़ियाँ
पल भर में
उजड गया मेरा संसार
लूट लिया वहशी दरिंदों ने
गिद्ध -कौओं समान
***
गठबंधन
गठबंधन
मेरी बेटी की ज़िंदगी खराब कर दी उन लोगों ने,
विक्रांत रोने लगा।
अरे यार मेरे होते हुए तू क्यों चिंता कर रहा है।
विक्रांत रोने लगा।
अरे यार मेरे होते हुए तू क्यों चिंता कर रहा है।
***
मानो या न मानो यही सत्य है,
धरती पर ही स्वर्ग और नरक है।
***
कनखल पे अस्थियाँ प्रवाहित करते समय
इक पल को ऐसा लगा
सचमुच तुम हमसे दूर जा रही हो ...
****
अनीता लागुरी 'अनु'
अनीता लागुरी 'अनु'
जीवन पल-पल एक परीक्षा है...
ReplyDeleteकुसुम दी आपकी इस रचना में मानों गीता का सारा ज्ञान ही समाहित है । अतः उनकी लेखनी को नमन ।
सचमुच जीवन एक यात्रा ही तो है। इसमें पथरीले स्थान भी है, तो मधुर उद्यान भी..जीवन बहुत सी भूलभुलैयों से होकर गुजरती है..कौन मार्ग किधर ले जाएगा निश्चित नहीं है.. हँसते- हँसते हर मोड़ पर घूम जाना ही जीवन है..जीवन तो वास्तव में एक उपवन है..जहाँ सुगंधित पुष्प एवं कांटे दोनों हैं..चुनाव हम पर निर्भर है कि झोली फूलों से भरना है या कांटों से..और यह भी याद रखना है कि पृथ्वी पर कुछ सत्य है तो यह जीवन ही है..यह जीवन स्वप्न नहीं है..।
दो दिन के इस जीवन में मनुष्य यदि मनुष्य से स्नेह नहीं करता तो फिर किसलिए उत्पन्न हुये हैं हम .. ?
# # सब ऐसे भाग्यशाली नहीं होते कि उन्हें कोई प्यार करे, पर यह तो हो सकता है कि वह स्वयं किसी को प्यार रे, किसी के दुखसुख को बांट कर अपना जीवन सार्थक कर ले..। ##
सुबह- सुबह इस मंच पर आकर एक प्यारा सा गीत याद हो आया है--
जीना उसका जीना है, जो औरों को जीवन देता है ...
इस सुंदर प्रस्तुत के लिये अनु जी आपको धन्यवाद एवं सभी रचनाकारों को प्रणाम।
जी बहुत-बहुत धन्यवाद शशि जी आपकी विस्तार पूर्वक की गई टिप्पणियां मुझे बेहद अच्छी लगती है, सकारात्मक या नकारात्मक हो इन दोनों ही टिप्पणियों से हमें सीख लेनी चाहिए हमेशा,
Deleteकुसुम दी की कवितायें मुझे भी बेहद पसंद है वह बहुत ही सुंदर तरीके से जीवन के विभिन्न पहलुओं को अपनी कविता में हमेशा से दर्शाते आती हैं ..आपने जिस गीत का जिक्र किया है जीना उसका जीना है जो औरों को जीवन देता है, यह वास्तव में हमें अपने चरित्र अपने जीवन में चरितार्थ करना चाहिए इतनी अच्छी टिप्पणी के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जोशी जी
बहुत सुन्दर चर्चा।
ReplyDeleteआपका आभार अनीता लागुरी 'अनु' जी।
This comment has been removed by the author.
Deleteजी बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय शास्त्री जी आपको आज के संकलन ने प्रभावित किया मुझे इसकी बेहद खुशी है
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद सुशील जी
Deleteबहुत-बहुत आभार!! मेरे विचारों और शब्दों को स्थान देने के लिए। धन्यवाद।
ReplyDeleteजी बहुत-बहुत धन्यवाद प्रकाश जी वास्तव में आपकी लिखी रचना बहुत ही कमाल की है... जीवन के प्रति बहुत कुछ समाहित है उसमें मुझे बेहद खुशी हुई कि मैं आपकी रचना को चर्चा मंच के आज के संकलन में शामिल कर पाई
Deleteबहुत विस्तृत चर्चा ..।
ReplyDeleteआभार मेरी रचना को स्थान देने के लिए ...
बहुत-बहुत धन्यवाद नासवा जी, वाकई में आपकी यह रचना मुझे बेहद प्रभावित कर रही है।
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिंक्स, बेहतरीन रचनाएं, मेरी तीन-तीन रचनाओं को एक साथ पटल पर देख कर बहुत खुशी हुई। मेरी रचनाओं को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार अनीता जी।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद अनुराधा जी मुझे बेहद खुशी हुई कि आपकी प्रशंसा की वजह बन सकी आपकी तीनों रचनाएं बहुत शानदार है
Deleteबहुत सुंदर प्रस्तुति प्रिय अनु. बड़ी मार्मिक और विचार करने योग्य भूमिका लिखी है आपने. पर्यावरण के प्रति हमारीं चिंताएँ अब ज़मीन पर उतरनी चाहिए.
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचनाओं का संकलन तैयार किया है. सभी को हार्दिक बधाई.
सादर
जी बहुत-बहुत धन्यवाद आपका आपको प्रभावित कर पाई इसकी मुझे बेहद खुशी है
Deleteप्रकृति के प्रति संवेदनशीलता मानव जीवन की रक्षा के लिए अति आवश्यक है और यह बात समझना समझाना भी अति महत्वपूर्ण है।
ReplyDeleteविचारणीय भूमिका के साथ सराहनीय सूत्र पिरोये है।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए सस्नेह शुक्रिया आभार।
.. जी स्वेता दी, बहुत-बहुत धन्यवाद आपका चर्चा में शामिल होने के लिए..!
Deleteदेरी से आने के लिए क्षमा चाहूँगी प्रिय सखी अनु ।
ReplyDeleteसामयिक भूमिका के साथ बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति । सभी रचनाएँ एक से बढकर एक । मेरी रचना को स्थान देने हेतु दिल से आभार ।