स्नेहिल अभिवादन।
रविवारीय प्रस्तुति में हार्दिक स्वागत है।
वर्ष 2019 अब अपने अंतिम पड़ाव 31 दिसंबर की ओर अग्रसर है. 2019 की प्रमुख घटनाओं का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जा रहा है. भारत में जहाँ अनेक ऐतिहासिक उपलब्धियाँ अस्तित्त्व में आयीं वहीं उथल-पुथल से भरीं अनेक घटनाएँ घटित हुईं.
वक़्त के गर्भ में क्या छिपा है कोई नहीं जानता अतः वह सर्वशक्तिमान है. हमने अपनी सुविधा के लिये समय को नापने के साधन विकसित कर लिये हैं किंतु कालचक्र को समझने में मनुष्य अब तक अपूर्ण है.
नई सुबह नई उम्मीदें लेकर आती है तो लोग नये संकल्प लेते हैं जो बस एक चलन भर है.
नई भोर का स्वागत होगा चंद घंटे शेष हैं. अगला वर्ष लीप ईयर है अर्थात 2020 में फरवरी माह 29 दिन का होगा. चार साल बाद 29 फरवरी को जन्मे व्यक्ति अपना जन्मदिन चार वर्ष में एक बार फिर मना सकेंगे.
इस वर्ष की अंतिम प्रस्तुति समर्पित करते हुए आप सभी को नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएँ.
-अनीता सैनी
आइये पढ़ते हैं मेरी पसंद की कुछ रचनाएँ-
रविवारीय प्रस्तुति में हार्दिक स्वागत है।
वर्ष 2019 अब अपने अंतिम पड़ाव 31 दिसंबर की ओर अग्रसर है. 2019 की प्रमुख घटनाओं का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जा रहा है. भारत में जहाँ अनेक ऐतिहासिक उपलब्धियाँ अस्तित्त्व में आयीं वहीं उथल-पुथल से भरीं अनेक घटनाएँ घटित हुईं.
वक़्त के गर्भ में क्या छिपा है कोई नहीं जानता अतः वह सर्वशक्तिमान है. हमने अपनी सुविधा के लिये समय को नापने के साधन विकसित कर लिये हैं किंतु कालचक्र को समझने में मनुष्य अब तक अपूर्ण है.
नई सुबह नई उम्मीदें लेकर आती है तो लोग नये संकल्प लेते हैं जो बस एक चलन भर है.
नई भोर का स्वागत होगा चंद घंटे शेष हैं. अगला वर्ष लीप ईयर है अर्थात 2020 में फरवरी माह 29 दिन का होगा. चार साल बाद 29 फरवरी को जन्मे व्यक्ति अपना जन्मदिन चार वर्ष में एक बार फिर मना सकेंगे.
इस वर्ष की अंतिम प्रस्तुति समर्पित करते हुए आप सभी को नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएँ.
-अनीता सैनी
आइये पढ़ते हैं मेरी पसंद की कुछ रचनाएँ-
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गीत
"गौरय्या का गाँव"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
उच्चारण
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2019 का आख़िरी तराना
मज़हब नहीं सिखाता, दूजे का, खून पीना,
कांटे भी जानते हैं, फूलों के संग, जीना.
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रखना एक खास किताब का जिल्द और
देना अपने होने ना होने का सबूत
उसके
पास है
एक किताब
वो
उस किताब
को
पढ़ता जैसा
नजर आता है
**
“धँस गए धरा में समय शाल
उठ रहा धु्आँ, जल गया ताल
यों जलद यान में विचर-विचर
था इन्द्र खेलता इन्द्रजाल ”
**
अपने गाँव के कविनुमा व्यक्ति को जब मैंने पहली बार अपने घर की बैठक में देखा
तो मेरे आश्चर्य का कोई ठिकाना ना रहा |
मैं उन्हें आज अपने घर की बैठक में पहली बार देख रही थी
इससे पहले मैंने उन्हें अपने गाँव की अलग -अलग गलियों में निरर्थक घूमते देखा था या फिर जहाँ
तहां मज़मा जोड़कर सुरीले स्वर में गीत जैसा कुछ सुनाते देखा था ,
**
खुद से जिद करो,जहन से सवालात करो,
जिंदा हो तो आदमी की तरह बात करो
लोग खीच खसोट कर ले जाएंगे,
अपनी हदो में अपनी हदो को बिसात करो,
**
तोड़कर नफरत भरी सब दीवारें
बस एक भाव रहे, वह हो प्रेमबंधन
ऊँच-नीच का भाव मिटे जहाँ से
कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन
**
अधूरे ख्वाब- एक तृप्ति
उसी पल से जी तोड़ कोशिश उनको पूरा करने के लिये की जाए
तो कोई अलौकिक ताकत भी आपका साथ देने लगती
और एक अटूट दृढ़ विश्वास के साथ पूरे भी होने लगते है।
**
जीवन शैली
सब चले उस राह पे ऐसे,
सही बताएं किसको कैसे।
अपने में ही खोए रहते,
सच से सदा भागते रहते
**
मींड़
कविता "जीवन कलश"
**
पंखुड़ी गुलाब की
अपनी आँखों से मुहब्बत का बयाना कर दे
नाम पे मेरे ये अनमोल खज़ाना कर दे
सिमटा रहता है किसी कोने में, बच्चे जैसा
मेरे एहसास को छू ले तू, सयाना कर दे
**
नव वर्ष
पलक झपकते ही समय बीता
पूरा साल कहाँ खो गया
मालूम न पड़ा
पर एक बात हुई अवश्य
घटना क्रम इतना तेजी से घटा
तन मन सिहर उठा सर से पाँव तक
पहले अति वृष्टि बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाएं
**
दबा सुरीला कोयल का सुर,
जवाब देंहटाएंअब कागा की काँव में।
दम घुटता है आज चमन की,
ठण्डी-ठण्डी छाँव में।।
सही कहा गुरु जी आपने वर्तमान में दो बात स्नेह पूर्वक कहने के स्थान पर "चुटकी" लेने वाले वालों और" चिकोटी " काटने वालों के काँव-काँव ने हमारे आपसी सद्भाव में जहर घोल दिया है और परिस्थितियाँ ऐसी है कि न तो गौरैया और न ही कोयल की मीठी बोली हम सुन पा रहे हैं, अब तो तथाकथित प्रगतिशीलवादी महापुरुष हमें अपना दर्शनशास्त्र समझा रहे हैं ,हमारे पूर्वजों ने जो मोटी -मोटी पुस्तकें विभिन्न विषयों पर लिखी थीं,वे उसको कूड़ेदान में डाल एक-दो पेज का लेख लिख हमें व्यंगबाण का प्रयोग सिखा रहे हैं।
अतः नववर्ष पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हमारी जिह्वा जो कतरनी की तरह सदा स्वच्छंद है उस पर हम कुछ अंकुश लगा सके। इससे हम किसी भी परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं। वाक् शक्ति के दमन को परमार्थ का एकमात्र सोपान कहा गया है।
इन्हीं चंद शब्दों के साथ सभी को प्रणाम। अनीता बहन आपकी प्रस्तुति में निरंतर निखार आ रहा है । नववर्ष पर आपकी लेखनशैली और सशक्त हो ऐसी मंगलकामना करता हूँ।
वसुधैव कुटुम्बकम् ( धरती ही परिवार है) सर्वजन कल्याणार्थ इस भावना को नववर्ष पर बनाए रखने का हमसब प्रयत्न करे।
सुप्रभात शशि भाई 🙏)
हटाएंबहुत बहुत शुक्रिया आपका
निशब्द हूँ आपने इतना मान-सम्मान दिया,
हमेशा चर्चमंच की प्रस्तुति निष्पक्ष ही रहेगी.
आपका आशीर्वाद बना रहे.
सादर
ईश्वर आप पर कृपा बनाए रखे।
हटाएंसुप्रभात सादर प्रणाम।
जवाब देंहटाएंरंग बिरेंगी चर्चा में स्थान देने के लिया धन्यवाद।
नये साल पर नई उम्मीदे जाग्रत हैं आइये इसका स्वागत करें।
सुप्रभात आदरणीय
हटाएंआभार
सादर
2019 की विदाई और 2020 के स्वागत में की गयी
जवाब देंहटाएं2019 की अनीता सैनी की उत्कृष्ट चर्चा।
--
बहुत-बहुत धन्यवाद अनीता सैनी जी आपका।
सुप्रभात सर
हटाएंबहुत बहुत शुक्रिया आपका प्रस्तुति की सराहना हेतु.
सादर
नव-संकल्प लिए नए वर्ष की आशा सहित सुन्दर कल्पनाओं को संजोती इस प्रस्तुति की जितनी भी प्रशंसा करूँ कम होगी।
जवाब देंहटाएंआशा है,यह प्यारा सा पटल नए वर्ष में सफलताओं के नए आयाम स्थापित करेगा। आदरणीया अनीता जी, निरपवाद रूप से, प्रशंसा की पात्र हैं । माँ सरस्वती उन्हें और प्रखर बनाएँ ।
सुप्रभात आदरणीय
हटाएंबहुत बहुत शुक्रिया आपका शब्दों से परे
आपका स्नेह और सानिध्य यों ही मंच को मिलता रहे.
सादर
सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...चर्चा मंच का यह मंच इसी तरह हम सभी ब्लॉगरों का उत्साहवर्धन करता रहे...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति। आभार अनीता जी चर्चा में जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं |
बहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार सखी 🌹
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति प्रिय अनीता| सार्थक भूमिका , सार्थक चिंतन के साथ | चर्चा मंच के सभी चर्चाकारों और पाठको को मेरा सस्नेह अभिवादन | नए साल हेतु सभी को असीम शुभकामनायें और बधाई | सभी रचनाओं के लिंक देखे , अत्यंत सराहनीय और पठनीय हैं | सभी रचनाकारों को शुभकामनाएं| मेरी रचना को आज की प्रस्तुती में मंच पर स्थान मिला जिसके लिए हार्दिक आभार |
जवाब देंहटाएंचर्चा में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएं