आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
--
दोहे
"लोकतन्त्र है मौन"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjAuqYay-TCMoQ5Ciswa482Y_tjVuk2I6cLU5eFzEpXCxKPZhrogcr_377ZXygQJ9KJfT8WbjEr8AfB9ApDYKAq54D61aAsyTAhOMg-yXdBbM9RKs0wCSk0TnTpQwHd-J2WAj7IPpIgt0zr/s400/74411525_469277403943209_7768106515604439040_n+%25281%25291.jpg)
--
अवतरित हुआ है धरा पर
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEibRgVp6IZb-Vp73WeOm3qiGFnRHkGgsmM7GG2jFXLu7qkqqQNB_5tRhvUn0Pwoj4a8CGGL3lnUaQhHuRizVkFLIs1-2xChiKQhfqAua8-USuKx5rMyf-uEJifTHngCidZopL7XrLCVcCE6/s320/Screenshot_20191218-114553_YourQuote.jpg)
--
अगर इक चाय मिल जाए
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgU2AzafgtHnm6Jy8FgyxVjjdeF0ehvs3EuWoVIxlYfC2ZYHv8DSpGGm3I5vvc7NLE-0GFHN8FNktFEhib0Acxhgl1uHW_ifrZuHmxWLhS3xYOA2APhTkG96TCwBDWoxa7mnhY4spoJAnQY/s320/1576559948267.jpg)
Dr Varsha Singh
--
अन्नु दीदी की कहानी
"ब्रोकेन फोन के तीन रहस्य "
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjRt6Q3WHIlN3ojcitoSBEvoJ_Qdwz9N8-KUIvm1RcjddoKBihCeskeLjafl4cKBbiAkCNf3lAnoqUd1A_D9AsWJ8stzcpdsIFxeA-_1CLqrjOD3YPVuwYCzQn7rNXl1-1B-bUzYYG_h84w/s320/20191217_142948.png)
--
ये क्षण का आक्रोश है
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiXXsFS7WqYBvLaJ24kMEP0sNUWpsuF5rU6fW4YxkuZVGSIeJ8fe1Llh-2sxkHMWDmo5EfDHva9WH-4nSA5ggmx8Vw_VkrKGq-cOVA_v-OTp1RS6_P5m_zAcwaDpQsrzqJuZO_CEEeNN1JN/s320/20191217_202255.png)
आत्म रंजन पर Anchal Pandey
--
पिता का संदेश
जा री बिटिया अपने घर,
यहाँ की छोड़ चिंता-फिकर।
सूझ बूझ से घर बार चलाना,
नहीं समस्याओं से घबराना।
सोच विचार करने से
दुश्वारी का रस्ता आता है निकर ......
--
सम्मानित नागरिक होना क़ुबूल है
या
हिंसक और जेहादी पहचान के साथ मर मिटना !
--
(मोहनदास करमचंद गांधी )
नाम की चोरी करने वाले
घेंडी गांधी कब हुए ?
कैसे हुए ?
आजतक किसी ने शीर्ष अदालत में जाकर नहीं पूछा
virendra sharma
--
बड़ा नही हूँ
बड़ा नही हूँ
हक भी नही है बड़ा होने का!
अपनों के बीच अपनों में रहना
अद्भुत अंदाज है अपना होने का...
राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
--
कि तुम्हारा ख़त मिला -
राजीव उपाध्याय
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgJb8DYpkE73frfIvqLiwROkLah-IueJopERzKDjCt7Aha7bHZXkqTx5fsSV7B9xL6Ex0s54DiDa_UMMpoD2EpJhBm93XKyqTA14mWnFhrowLiWnXqk74sV8yzebNkjTLbmgdLrCtwyJCPQ/s200/rajeev.jpg)
--
मुझे न्याय चाहिए
माँ मुझको न्याय चाहिए
क्या है कसूर मेरा ?
यही ना की मैं एक लड़की हूँ
चाह थी बेटे के आगमन की
पर मुझे पा उदासी ने घर घेरा
सभी बुझे बुझे से थे
कोई उत्साह नहीं
गहरी साँसे ले रहे थे
मेरे जन्म पर पर
माँ है क्या कसूर मेरा...
--
प्यार, परवाह, रिस्पेक्ट भी बहुत अच्छे गिफ्ट है...
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhhxlXW_qzFV-2RyyMb2YGFPzM1Tmu1st2ZM8HwUp3Sc-HQoN9GHsLg57Z-7Jz-QJ6x1hDuqVnrp94uzFJhkIz_Lkv2FCb8NPXoO54YCqsEDOWFMfj3k5CYhSiYS3H21Ocz9QW88gQpm5k/s320/FB_IMG_1574938847026.jpg)
--
घमण्डीलाल अग्रवाल और चक्रधर शुक्ल को मिला
प्रभा स्मृति बाल साहित्य सम्मान
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhAGze1gOAdCbtoWWtar05dOvFh__DGOzfRrRwBqGitoEHW8CqfPMli-W4yVHJ8-g7eMMdlD_aGsGn3aR4Gr8HF_52OCdMd2fvmgfxKG3jALIVNPccy6U9EnNvDirFkX1LDoeA3VoL9UXQ/s320/PHOTO+prabha+Samman+19.jpg)
प्रभा बालसाहित्य सम्मानपरसमीक्षा पांडेय
--
अंतिम
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhHBH4beRnTmkJZd0X3c_4FVoG5j4Qz0xfl3lf5oU39FBpTvo0jgpOd89eJfEUbhyphenhyphenZtCAW3afE5qhDF21oZQWNoaCjXx9_Zz7OpfSNA2wDFIxU9xdtyBXIGAeTNaDLihmobIlIwZy7Eyx7v/s320/1576658173894465-0.png)
शब्द अनवरत...!!! पर आशा बिष्ट
--
महँगाई पर कविता :
तोरई
![](https://1.bp.blogspot.com/-B0IL8rlK4ck/XfoEmhHs8QI/AAAAAAAAG0c/1EqBeCOHpNk0bDXG5PvPcNiJQKIidz6nQCLcBGAsYHQ/s320/m%2Ba%2Bn%2Bh%2Ba%2Bg%2Ba%2Ba%2By%2Bi%2Bi%2Be%2Be%2Bp%2Be%2Ba%2Br%2Bk%2Ba%2Bv%2Bw%2Bb%2Bi%2Bi%2Be%2Be%2Bt%2Ba%2Ba%2Btor%2Ba%2Ba%2Bi%2Bi%2Be%2Be.png)
--
साहित्य अकादमी द्वारा
23 भाषाओं में वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा
साहित्य अकादमी ने आज 23 भाषाओं में अपने वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। सात कविता संग्रह, चार उपन्यास, छह कहानी संग्रह, तीन निबंध संग्रह, एक-एक कथेतर गद्य, आत्मकथा और जीवनी के लिए यह सम्मान दिया जाएगा। हिंदी में नंदकिशोर आचार्य को उनके कविता-संग्रह ‘छीलते हुए अपने को’ के लिए यह सम्मान दिया जाएगा। शशि थरूर को अंग्रेजी भाषा में कथेतर गद्य ‘एन एरा ऑफ़ डार्कनेस’ के लिए दिया गया है। उर्दू में ‘शाफ़े किदवई’ को जीवनी ‘सवनेह-ए-सर-सैयद- एक बाज़दीद’ के लिए इस सम्मान की घोषणा हुई है। *बाकी भाषाओं में सम्मान पाने वाले साहित्यकार हैं ...
--
मौन हूँ मै
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiNYKTYQt0Uc1as5p9_VTqDviiYQuY_No_C8R7IWCMoVKPQe-YCVC0-c_DmCAHr8kUCqj2KHvqg6-yn4D2woPfwwo7vwlQJ7bVTU7NxldR0D3I3FLWJVg5c8K3V_cmj5uPPfEMEbrA32Dg/s320/IMG20191120221543.jpg)
--
धन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
आज अनैतिक कृत्य पर, लोकतन्त्र है मौन---
जवाब देंहटाएंबड़ी विचित्र विडंबना है , न जाने हमारे देश के लोकतंत्र को क्या हो गया है ? देख रहा हूँ कि सियासत की ऊँटचाल से बेरोजगारी और अस्थिरता से जनता तंग है । आज लोग भूखे ना सही , लेकिन उनके श्रम का उपहास हो रहा है। आर्थिक मंदी के कारण निजी संस्थानों में कार्यरत निम्न मध्य वर्ग के लोगों का हाल बुरा है। उनका वेतन लगभग पांच हजार रूपया प्रति माह है। सरकार की इन कमजोरियों पर चर्चा होने की जगह ऐसे मुद्दे उछल कर सामने आ रहे हैं कि जनता ही आपस में एक दूसरे की शत्रु बन बैठ रही है और इस मामले में देश की आजादी के बाद से ही सत्ता पक्ष की राजनीति सफल दिख रही है। नेतृत्व के इसी कमजोरी और गड़बड़ी से जो नैराश्य की स्थिति उत्पन्न हुई है उसे देख बरबस बड़े: बुजुर्गों के मुख से निकल पड़ रहा है कि इससे अच्छा तो अंग्रेजों की गुलामी ही थी। आमआदमी को समझ में नहीं आ रहा है कि वह किस मुद्दे का विरोध करें और किसका समर्थन, क्योंकि राजनेता ही नहीं मीडिया भी उन्हें गुमराह कर रहा है जबकि वर्तमान में होना यह चाहिए कि कॉमन मैन की आर्थिक सुरक्षा का संरक्षण सर्वप्रथम शासन सत्ता में बैठे लोग करें। अतः लोकतंत्रीय शासन की ऐसी अव्यवहारिक क्रियाओं ने वोटरों को " नोटा "का बटन दबाने को विवश कर दिया है।
मंच पर आज काफी कुछ पठनीय सामग्री है। अतः इस श्रमसाध्य कार्य केलिए दिलबाग भाई जी आपको नमन साथ ही सभी को प्रणाम।
👏👏👏👏चाय के साथ अच्छी चर्चा मंच हमारी पोस्ट को शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसुप्रभात आदरणीय
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चर्चा प्रस्तुति. सभी रचनाकारों को बधाई
सादर
मेरी रचना को स्थान देने के लिये सहृदय आभार आदरणीय
जवाब देंहटाएंसादर
आज की उम्दा लिंक्स से सजा चर्चामंच |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |
जवाब देंहटाएंShamil krne hetu bahut bahut dhnywad .
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचनाओं से सजी बेहतरीन प्रस्तुति में मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत आभारी हूँ सर।
जवाब देंहटाएंसादर।
बहुत सुंदर प्रस्तुति. विविध विषयक सुंदर रचनाओं का समागम. सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति और लाजावाब संकलन 👌
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ बेहद उम्दा। रचनाकारों को खूब बधाई।
मेरी रचना को स्थान देने हेतु हार्दिक आभार। अन्नु दीदी की पुस्तक " ब्रोकेन फोन के तीन रहस्य " आप सब भी डाउनलोड कर अवश्य पढ़िएगा।
आप सभी को सादर प्रणाम 🙏 शुभ रात्रि।
बहुत सुन्दर और विविधता पूर्ण सूत्र संकलन ।
जवाब देंहटाएं