मित्रों!
सादर अभिवादन।
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
--
कात्यायनी माता
कात्यायन ऋषि की सुता,अम्बे का अवतार हैं।
छठे दिवस कात्यायनी, वंदन बारम्बार है।।
दानव अत्याचार से,मिला धरा को त्राण था।
महिषासुर संहार से,किया जगत कल्याण था।।
पूजें सारी गोपियाँ, ब्रज देवी सम्मान में।
मुरलीधर की आस थी,मग्न कृष्ण के ध्यान में।।
चतुर्भुजी माता लिए,कमल और तलवार हैं।
वर मुद्रा में शाम्भवी, जग की पालनहार हैं।।
जाग्रत आज्ञा चक्र जो,ओज,शक्ति संचार है।
फलीभूत हैं सिद्धियाँ, महिमा अपरम्पार है।।
काव्य कूची
--
फिर से मुझे तलाश है
श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह
‘रेत के रिश्ते’
की बत्तीसवीं कविता
यह कविता संग्रह
श्री पं. भवानी प्रसादजी मिश्र को
समर्पित किया गया है।
--
खुद सूरज ने मान लिया है,
नहीं हुआ उजियारा
इससे तो अच्छा था यारों,
गैरों का अँधियारा!
एकोऽहम्
--
हथेली गरम-गरम
रात हो मतवाली-सी
सपने पके नरम-नरम
सुबह हो प्यारी-सी
दिन हो रेशम-रेशम
मन में चाहे ढेरों संशय
रस्ता दिखे सुगम-सुगम
लम्हों का सफ़र
--
महबूबा मुफ्ती बोलीं- हमारे मुल्क की गोली से मरे तो ठीक और अगर मिलिटेंट की गोली से मरे तो गलत.. ये कैसा सिस्टम
--
शिक्षित होकर भी अशिक्षित हो गया
आदि मानव जब शिक्षित हो गया,
शिक्षित होकर वो विकसित हो गया।
विकसित होकर किये ऐसे कारनामे
कारनामों से खुद प्रतिष्ठित हो गया।
- डॉ टी एस दराल
अंतर्मंथन
--
बिजली-संकट पर क्या राजनीतिक रंग चढ़ेगा?
इसमें दो राय नहीं कि देश में कोयले का संकट है, जिसके कारण बिजली संकट पैदा होने का खतरा है, पर क्या यह बात वैसे ही राजनीतिक-विवाद का विषय बनेगी, जैसा इस साल अप्रेल-मई में मेडिकल-ऑक्सीजन की किल्लत के कारण पैदा हुआ था? शायद उसकी खुशबू आते ही दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलन्द करनी शुरू कर दी है। --
किताब परिचय: ढाई चाल - नवीन चौधरी
--
खेला आरंभ, मानुष दंग
आयोजन का सदा से ही यह मकसद रहा है कि पंडालों के निर्माण में भव्यता, नवीनता, कलात्मकता के साथ ही दिव्यता, पवित्रता और भक्तिभाव का भी भरपूर समावेश हो। भले ही सामयिक घटनाओं का आभास दिया जाता रहा है, पर उनको कभी भी पूजा स्थल के पावन परिवेश पर हावी नहीं होने दिया जाता था ! पर अब वर्षों से से चली आ रही परम्पराओं,आस्थाओं व संस्कृति से छेड़-छाड़ शुरू हो चुकी है !
--
फ़ेसबुक पर तस्वीर
देखो, हमारी यह तस्वीर,
कितने अच्छे लग रहे हैं हम,
साथ-साथ कितने ख़ुश,
खुलकर मुस्कराते हुए.
कविताएँ
--
एक गीत -
यह पुण्य देवभूमि है | राज्यगीत
यह पुण्य देवभूमि है
यहाँ न कोई क्लेश है ।
ध्वज लिए विकास का
यह अग्रणी प्रदेश है
यह उत्तर प्रदेश है,
यह उत्तर प्रदेश है ।
सुनहरी कलम से
--
संस्मरण : गलियाँ बचपन की
--
एक ग़ज़ल - उसी के क़दमों की आहट
|
चित्र साभार गूगल |
--
उसी के क़दमों की आहट सुनाई देती है
कभी -कभार वो छत पर दिखाई देती है
वो एक ख़त है जिसे मैं छिपाए फिरता हूँ
जहाँ खुलूस की स्याही दिखाई देती है
छान्दसिक अनुगायन
--
चीन पर मंडरा रहा है आर्थिक और राजनीतिक संकट से घिरने का खतरा
जलवायु परिवर्तन के सिलसिले में चीन ने बड़े वैश्विक लक्ष्यों को स्वीकार कर लिया है, और सन 2060 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी का वायदा किया है। उत्सर्जन के लिए सरकार ने जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं, उन्हें देखते हुए कोयले पर आधारित बिजलीघरों पर अवलम्बन कम किया जा रहा है। फरवरी में बीजिंग में विंटर ओलिम्पिक खेल आने वाले हैं। राष्ट्रपति शी चिनफिंग चाहते हैं कि उस दौरान आसमान नीला दिखाई पड़े। ताकि दुनिया को लगे कि हम जलवायु-संरक्षण में भी सबसे आगे हैं। पर खतरे दूसरे हैं, उनकी आहट सुनिए।
--
डलझील के किनारे बैठा
एक शाम जब सैर को निकला
मौसम बड़ा मनोरम था
सौरभ सुगंध भीगे फूलों की
दिग दिगंत में बिखरी थी |
दोपहर की तल्खी से निजाद मिली
परिदृश्य बदलते देर न लगी
Akanksha -asha.blog spot.com
--
ग़ज़ल "मुल्क की जी-जान से, अस्मत बचाना चाहिए" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
लालची कुत्तों से दामन को बचाना चाहिए।
अज़नबी घोड़ों पे बाज़ी ना लगाना चाहिए।।
चापलूसी आज फिर, खुदगर्ज़ करने आ गये,
ऐसे लोगों को कभी, ना आजमाना चाहिए।
उच्चारण
--
आज के लिए बस इतना ही...!
--
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए |उम्दा लिंक्स आज की |
बेहतरीन जानकारियों पर आधारित और पढ़ने योग्य एक से बढ़कर एक अंक से सजा बहुत ही बेहतरीन चर्चामंच!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स.मेरी रचना को स्थान देने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट के शीर्षक को आज के अंक का शीर्षक बनाने के िलए अतिरिक्त धन्यवाद और आभार।
जवाब देंहटाएंइस अंक में 'गलियॉं बचपन की' शीर्षक संस्मरण मन को, तलछट तक भीगो गया।
उम्दा चर्चा।
जवाब देंहटाएंबढ़िया संकलन
जवाब देंहटाएंआदरनीय आपको सादर अभिवादन |सभी संपादकों,लेखकों ,लेखिकाओं ,सहृदय पाठक गण को दुर्गाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं |सबका मंगल हो |
जवाब देंहटाएंरोचक लिंक्स से सुसज्जित चर्चा.... मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सूत्रों का संकलन । सभी को दुर्गाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ।
जवाब देंहटाएं