सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक आदरणीया सुजाता जी की रचना से)
सच,रावण कभी नहीं मरता
हम हर साल उसको मारने का ढोंग भर करते हैं
खैर,चलते हैं,आज की कुछ खास रचनाओं की ओर......
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(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
आड़े-तिरछे और नुकीले,
पाषाणों को तराशती है।
पर्वत से मैदानों तक जो,
अपना पथ खुद तलाशती है।
गोमुख से सागर तक जाती।
वो पावन गंगा कहलाती
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तुम्हारी नर्म-गर्म हथेलियों के बीच खिला पुष्प
और भी खिल जाता है, जब
विटामिन ई से भरपूर चेहरे वाली तुम्हारी स्मित
इसे अपलक निहारती है
तुम्हारा कहीं भी खिलखिलाकर हँसना
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इस अंक की लघु कथा 'समय' तो अब घर-घर की कहानी बनगई है। हमारे बच्चों के पास जब खुद के लिए ही समय नहीं बच रहा तो वे बूढों के लिए समय कैसे निकालें। 'रावण मरता क्यों नहीं' का जवाब यही है कि रावण कभी मरेगा भी नहीं। हम सब अपने-अपने भाीतर के रावण को सुरक्षित रखते हैं और पडौसी से कहते हैं कि वह अपने भीतर के रावण को मारे। ऐसे में, रावण मरे तो कैसे मरे। नहीं मर सकता। कभी नहीं मर सकता।
जवाब देंहटाएंमेरी ब्लॉग पोस्ट को अंक में शमिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
बिल्कुल सही कहा आपने सर, खुद से ज्यादा दूसरों को सुधारने में हम रुचि रखते हैं,सादर नमस्कार
हटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति आ.सखी कामिनी जी।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिये हार्दिक आभार
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंरावण क्यों नहीं मरता? लेख सच में बहुत ही उम्दा और सराहनीय है!इस पर हर किसी को विचार करने की जरूरत है
तुम ने सही कहा मनीषा, ये विचार विचारणीय है, आज आत्म मंथन करने की बेहद जरूरत है।
हटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकामिनी जी, विविध रंगों से सजा आज का संकलन पठनीय तथा सराहनीय है, इन सब के बीच मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका असंख्य आभार और अभिनंदन।
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंसभी लिंक एक से बढ़कर एक दिए हैं कामिनी जी, वाह। इस प्रयास की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
उत्साहवर्धन हेतु आप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन संकलन ।देरी से आने के लिए क्षमा चाहूँगी ।मेरी रचना को स्थान देने पर तहेदिल से शुक्रिया ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन
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