सादर अभिवादन।
आज की प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
शीर्षक व काव्यांश आ.अनीता जी की रचना 'शून्य का अर्थ' से -
अमूर्त को मूर्त किया
शब्द का रूप दिया
उपजे थे चेतना से
कोई नहीं जिससे परे
अंतत: शून्य को ही
कलम पन्ने पर उतारती
लाख प्रयत्न करें पर
जिसे हम पढ़ नहीं पाते
क्या इसीलिए लोग कविता के
अपने-अपने अर्थ लगाते !
आइए अब पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-
--
गीत "जादू-टोने, जोकर-बौने, याद बहुत आते हैं"
घुटनों पर नोटबुक कलम हाथ में
मानो कोरा काग़ज़ आमंत्रण दे
दिल से होते
कुछ बंध उतरे
मन व हाथों में यह कैसा नाता है
अंतर्जगत को जो पन्ने पर उकेर आता है
शान्तम् सुखाय: सबसूं प्यारो लागै, म्हाने म्हारो गांव ( राजस्थानी कविता )
मन की वीणा - कुसुम कोठारी। : कह बतियाँ
साथियों से हाथ छुड़ाकर
बस चंद कदमों के फासले मे
ऐसी पडी नजर शैतान की
मूर्छित पडी दरिंदगी का शिकार हो कर
--
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
वो हाथ कि जिस ने कोई ज़ेवर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मिरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उस ने मुझे छू कर नहीं देखा
पाँच साल बाद…, वही डॉक्टर.., वही बैंगलुरू का इंदिरा नगर
और वही वह …, बुखार और दर्द साथ लिए ।
ऑन लाइन वीडियो कान्फ्रेंसिंग से बात बनती न देख फाइनली क्लीनिक की शरण लेनी पड़ी । तीन-चार घंटे में कभी ये डॉक्टर कभी वो डॉक्टर..ढेर सारे टेस्ट और चार-पाँच सीटिंगस्
का फैसला ।
पुरानी जगह को देख पुराना डर उसके सामने मुँह खोले खड़ा था जिस से डर कर उसने वैसे ही आँखें बंद कर रखी थी जैसे कबूतर बिल्ली को देख कर कर लेता है ।
--
सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका मेरी इस रचना को इस चर्चा अंक मे शामिल करने के लिए 🙏
जवाब देंहटाएंशीर्षक पंक्तियां गहन भाव पूर्ण।
जवाब देंहटाएंसुंदर सार्थक चर्चा,सभी लिंक बेहतरीन।
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
मेरी रचना को चर्चा में स्थान देने के लिए हृदय से आभार।
सादर सस्नेह।
बहुत बहुत आभार अनीता जी, 'शून्य का अर्थ' को चर्चा मंच के शीर्षक में स्थान देने के लिए, अन्य सभी रचनाकारों को बधाई और शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन । सभी सूत्र अति उत्तम । संकलन मेरे सृजन को सम्मिलित करने के लिए आभार अनीता जी!
जवाब देंहटाएंसुंदर सार्थक रचनाओं का संकलन । कई उत्कृष्ट रचनाएँ पढ़ीं, उनके मध्य मेरे गीत को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार अनीता जी ।मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीया अनीता सैनी जी।
Behad sundar sankalan rachanaon ka, meri rachana ko yahan shamil karne ke liye behad shukriya
जवाब देंहटाएंAbhar