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मंगलवार, नवंबर 30, 2021

"नदी का मौन, आदमियत की मृत्यु है" ( चर्चा अंक4264)

 सादर अभिवादन

आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है

( शीर्षक और भुमिका आदरणीय संदीप जी की रचना से)

आओ बुन आते हैं
नदी और किनारों के बीच
गहरी होती दरारों को
जहां
टूटन से टूट सकता है
रिश्ता
और
भरोसा।
आओ नदी तक हो आएं
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"नदी भी मर रही है और आदमियत भी"
विचारणीय विषय
मगर सोचने का समय किसके पास...
 आज भी नहीं विचार किया तो यकिनन... देर ही नहीं....बहुत देर हो जायेगी...
अति महत्वपूर्ण विषय पर चिंतन करती आदरणीय संदीप जी की बेहतरीन रचना..
चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर...
******

"दोहा छन्द" आलेख (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

 तेरह-ग्यारह से बनादोहा छन्द प्रसिद्ध।
माता जी की कृपा सेकरलो इसको सिद्ध।।

चार चरण-दो पंक्तियाँकरती गहरी मार।
कह देती संक्षेप मेंजीवन का सब सार।।

  समझौता होता नहींगणनाओं के साथ।
उचित शब्द रखकर करोदोहाछन्द सनाथ।। 
******

नदी का मौन, आदमियत की मृत्यु है

आओ
नदी के किनारों तक
टहल आते हैं
अरसा हो गया
सुने हुए
नदी और किनारों के बीच
बातचीत को।
आओ पूछ आते हैं
किनारों से नदी की तासीर
*****

रगरि रगरि धोवे गोड़ कहारिन,
अरे नाउन आई बोलाइ, रमन जी कै आजु है नाखुर ।।

दूर देस सखि रंग मंगायंव, 
मेहंदी मंगायंव मारवाड़, रमन जी कै आजु है नाखुर ।।

काजल की कोठरी

में पहुंच काजल की 

कालिख से  कैसे बचेंगे |

कितना भी बच कर चलेंगे

 काला रंग काजल का

लग ही जाएगा |

*****

क्यूँ बँट रहे हैं लोग..

जर जोरु जमीन के खातिर बँट रहे हैं लोग

जाति धर्म समुदाय के नाम पे कट रहे हैं लोग

इन्सानियत और अपनेपन को भुला चुके हैं 

धीरे-धीरे परिवार मे तभी घट रहे हैं लोग 

*****

स्नेह का रिश्ता

रिश्ते की अहमियत स्नेह से ही है । अपने और पराए की पहचान सुख-दुख में स्नेह से ही होती है। स्नेह ना हो तो अपना भी पराया। स्नेह हो तो पराया अपना। मनीषियों ने भी स्नेह को ही सर्वोत्तम रिश्ता माना है। 
अस्नेही भाई दुर्योधन  ने द्रोपदी का चीरहरण किया। और स्नेही कृष्ण भाई से बढ़कर हुए।
स्नेह ही है जो एक पप्पी (कुत्ता) को परिवार का सदस्य बना देता है। 
*****

आज का सफर यही तक, अब आज्ञा दे

आप का दिन मंगलमय हो

कामिनी सिन्हा



12 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात
    आभार सहित धन्यवाद मेरी रचना को स्थान देने क लिए |

    जवाब देंहटाएं
  2. मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात 🙏
    बहुत ही शानदार प्रस्तुति
    सभी अंक पठनीय और सरहानीय हैं!

    जवाब देंहटाएं
  4. प्रभावशाली भूमिका और बेहतरीन रचनाओं से सजा है आज का चर्चा मंच, आभार कामिनी जी।

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति।
    आपका आभार आदरणीया कामिनी सिन्हा जी।

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर,भूमिका और सराहनीय अंक, आपके श्रमसाध्य कार्य को मेरा हार्दिक नमन प्रिय कामिनी जी, मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार, आपको और सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत संतुलित और सटीक पोस्ट संकलन, आभार

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत बहुत आभार आपका कामिनी जी। मेरी रचना को सम्मान देने के लिए साधुवाद।

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।
    सभी को बधाई।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  10. आप सभी स्नेहीजनों को हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर अभिवादन

    जवाब देंहटाएं
  11. आप का ब्लॉग नहीं खुल रहा है शायद कोई तकनीकी समस्या है

    जवाब देंहटाएं

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