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मंगलवार, मई 24, 2022

"ज्ञान व्यापी शिव" (चर्चा अंक 4440)

सादर अभिवादन 

आज मंगलवार की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है 
(शीर्षक और भूमिका आदरणीय मनोज जी की रचना से)

शिवालय तू मेरे ध्यानमग्न महताब का l
कंठ विष सा नीला इसके आसमान का ll

ईश्वर सत्य है,सत्य ही शिव है,शिव ही सुंदर है 
शिव की इस सुंदर प्रार्थना के साथ चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर...

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ग़ज़ल "आओ प्यार की बातें करें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")



खिलखिलाते चमन मेंपरिवार की बातें करें

प्यार का मौसम हैआओ प्यार की बातें करें

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नेह की लेकर मथानीहृदय का मन्थन करें,

छोड़ कर छल-छद्मकुछ उपकार की बातें करें

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 ll ज्ञान व्यापी शिव ll





भस्म धूनी रमाये जलती आधी साँझ का l
बज रहा डमरू इसके ही शिव जाप का ll

बज रहा डमरू इसके ही शिव जाप का l

बज रहा डमरू इसके ही शिव जाप का ll

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आत्महत्या : माँ मेरी भी तो सुन लिया करो !




"बेटा परेशानियां तो आती जाती रहती हैं जीवन में , इनसे क्या घबराना । और मैं तेरे ससुराल आकर क्या करूँगी ! तेरे ससुराली मुझे देखकर पता नहीं क्या सोचेंगे, कहीं और न चिढ़ जायें ।  वैसे मैंने पंडित जी से तेरी और दामाद जी की कुण्डली दिखाई ।  कुछ ग्रहदोष हैं तो कल ग्रहशांति के लिए जप करवा रही हूँ, तू चिंता न कर ग्रहशांति के बाद सब ठीक हो जायेगा । सब्र से काम ले" ।


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कुरुक्षेत्र _कर्ण _कृष्ण और सार

कल रात

दिखा कुरुक्षेत्र का शमशान

कर्ण की रूह

अश्रुयुक्त आँखों से

धंसे पहिये को निहारती

जूझ रही थी

ह्रदय में उठते प्रश्नों के अविरल बवंडर से ...

- ऐसा क्यूँ . क्यूँ , क्यूँ ???

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बन जाओ गर राग प्रेम का


खुद से दूर हुआ है जो भी 

तुझसे दूर रहा करता है, 

प्रेमी ही यदि खोया हो तो 

प्रियतम कहाँ मिला करता है !


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भूख


बहुत हिम्मत और

ताकतवर है साब भूख

हजारों मील दौड़ती है 

संसार के ओर छोर

महाद्वीपों से महाद्वीप

प्रायद्वीपों से टापुओं में 

दाने के लिए। 

-----------------------अभी कल की ही तो बात है


लोग कई दिन से तेज़ गर्मी के चलते जिस परेशानी और लाचारी से गुज़र रहे थे उसे प्रकृति ने अपनी कृपा-दृष्टि से दूर कर दिया।यदि प्रकृति मानव द्वारा उससे की जाने वाली अनावश्यक छेड़छाड़ का दंड देती है तो उसे अपने प्यार और आशीर्वाद से पोषित भी करती है।हमें प्रकृति या क़ुदरत के प्रति सदैव कृतज्ञता ज्ञापित करते रहना चाहिए और पर्यावरण को दूषित करने से बचना चाहिए इसी से मानवकल्याण सम्भव है।

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एक ग़ज़ल -नगर अनजान है प्यारे

कला, संस्कृति, की संस्थाएं भी पोषित चाटुकारों से
इन्हीं कव्वालों की होली भी औ रमजान है प्यारे 

नए शागिर्द महफ़िल में बड़े उस्ताद घर बैठे
बनारस के घराने में भी अब सुनसान है प्यारे 

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“अपने आसपास घट रही छोटी-छोटी घटनाओं से प्रेरणा व सकारात्मकता की उर्जा फैलाए और समाज और लोगों के बीच एक प्रेरणादायक संदेश आप पहुंचाने का प्रयास करें ।ट्रैफिक पुलिस वाले ने अपनी इंसानियत का परिचय जरूर दिया


ट्रैफ़िक पुलिस के इस सिपाही का नाम रंजीत सिंह है। 2 बच्चे रोड क्रॉस कर रहे थे सिग्नल बंद था बच्चे के पाँव जल रहे थे। बच्चे ने कहा- सर पाँव जल रहे हैं, रोड क्रॉस करवा दो, रंजीत ने कहा- जब तक ट्रैफ़िक रुकता नहीं मेरे पैर पर पैर रख लो” 
---------------------------आज का सफर यही तक,अब आज्ञा दे आपका दिन मंगलमय हो 
कामिनी सिन्हा 


9 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति।
    आपका आभार कामिनी सिन्हा जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीया कामिनी दीदी जी
    मेरी रचना को अपना वृहत मंच प्रदान करने और चर्चा की शुरुआत मेरे सृजन से करने के लिए आपका कोटि कोटि प्रणाम ll
    बहुत ही बेहतरीन चर्चा संकलन प्रस्तुति ll

    जवाब देंहटाएं
  3. उत्कृष्ट लिंकों से सजी लाजवाब चर्चा प्रस्तुति...
    मेरी रचना को भी चर्चा में शामिल करने हेतु तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार कामिनी जी !

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत खूब हैं सभी लिंक...सुधा जी की लिखी कहानी ने दिल को हिला दिया..

    जवाब देंहटाएं
  5. विभिद्ध रचनाओं का संयोजन और चर्चा, हार्दिक आभार कामिनी सिन्हा जी, मेरी रचना को मंच देने का।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  7. आप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर नमस्कार 🙏

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत ही शानदार चर्चा प्रस्तुति...
    हमारी पोस्ट को भी चर्चा में शामिल करने हेतु हृदय की गहराइयों से धन्यवाद वं आभार आदरणीय कामिनी जी !

    जवाब देंहटाएं

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