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शनिवार, जून 05, 2010

इस दुनिया में सबसे न्यारे (चर्चा मंच - 174)



नन्हे-मुन्ने, प्यारे-प्यारे!
इस दुनिया में सबसे न्यारे!
हम सब की आँखों के तारे!
ख़ुशबू के छोड़ें फव्वारे!
जिन्हें देख मन कहता गा रे!
जिनके मन में शक्करपारे!
जो हैं सबके राजदुलारे!


कोई कुछ भी कहे,

पर इस दुनिया में सबसे प्यारी

और न्यारी

तो

बच्चों की फुलवारी ही होती है

क्योंकि इस फुलवारी की महक

हमारे मन को एक अनूठी ख़ुशी से भर देती है!

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पाखीजी ने वेटर से रूमाली रोटी मँगाई!
अब रोटी देखकर वे सोच नहीं पा रही हैं कि उसे खाएँ
या उसके अंदर घुसकर सो जाएँ!




विश्वबंधुजी का कहना है - "मैं चाहूँ ख़ूब खेलना!"




नमस्ते, आज मैं आप सबको राष्ट्रगीत "वंदे मातरम्" सुना रही हूँ!
यह मुझे मेरी माँ ने सिखाया है!






बैंकांक के सियाम ओसियन वर्ल्ड में अपनी माँ के साथ
रंग-बिरंगी मछलियों को निहारते आदित्यजी!




इतनी गर्मी और थोड़ा पानी!
कैसे कटेगी ज़िंदगानी!






छुट्टियाँ हुईं स्कूल में! देखें अब ये बच्चे क्या कर रहे हैं?






श्रीमती संगीता स्वरूप सबको
सूरज चाचा और चंदा मामा की कुछ बातें बता रही हैं!






नन्ही कवयित्री सलोनीजी ने एक और मनभावन शिशुगीत रचा है!






माधवजी ने नाना-नानी की शादी की वर्षगाँठ कॉफी डे पर मनाई !





21 टिप्‍पणियां:

  1. सबसे सुन्दर चर्चा ,मासूम ओर प्यारी
    आभार.

    जवाब देंहटाएं
  2. चर्चा में बच्चों की बात करके आपने आपने बढ़िया काम किया है । आजकल इन नन्हें मुन्नों की गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही हैं, ऐसे में इस पोस्ट से इनका मनोबल बढ़ेगा ।

    जवाब देंहटाएं
  3. इतने सारे नन्हे मुन्नो को देखकर अच्छा लगा ।

    जवाब देंहटाएं
  4. खिलती हुई मुस्कानों की मनमोहक चर्चा!
    --
    सुबह-सुबह मन प्रसन्न हो गया!
    --
    देखकर मैं भी अपने बचपन में खो गया!

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर चिट्ठा चर्चा....प्रस्तुति के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर चर्चा रंगरंगीली ...इन सुमनों को देख मन की बगिया खिली ...

    जवाब देंहटाएं
  7. हम बच्चों की ढेर सारी बातें और इस प्यारी चर्चा के लिए आपको ढेर सारा प्यार व आभार.

    जवाब देंहटाएं
  8. अरे अंकल आप मुझे तो भूल ही गए । क्या मेरा डागी आपको पसंद नहीं आया ।

    http://www.shubhamsachdeva.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  9. रवि जी साप्ताहिक बाल-दिवस की हार्दिक बधाई.......सीमा सचदेव

    जवाब देंहटाएं
  10. प्यार तुम्हारा पाकर
    मैं सबसे प्यारा हो जाता हूँ!
    मुझको लगता
    मैं इस दुनिया से न्यारा हो जाता हूँ!
    --
    मुझे बच्चों की यह दुनिया सजाने में
    सबसे अधिक आनंद आता है!
    --
    मेरे इस आनंद में आप सबके
    शामिल होने से मुझे अपार संतोष मिलता है!

    जवाब देंहटाएं
  11. शुभम् जी,
    बिजली की कटौती से डरकर
    यह चर्चा मैंने गुरुवार को ही शेड्यूल कर दी थी!
    --
    अगर आपकी संगीता ताई मदद न करतीं,
    तो इससे पहलेवाली चर्चा तो हो ही नहीं पाती!
    --
    आपका प्यारा डॉगी मैंने बाद में देखा!
    --
    इसको अगली चर्चा में अवश्य शामिल किया जाएगा!

    जवाब देंहटाएं
  12. बेहतरीन, चर्चा में बच्चों को निरंतर तरजीह तारीफेकाबिल !

    जवाब देंहटाएं
  13. जो कुछ बढ़िया-बढ़िया छूट भी गया था उसे जानकर और भी अच्छा लगा. धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  14. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  15. वाह !! सचमुच शनिवार तो तो साप्ताहिक बाल दिवस घोषित करना चाहिए... :)

    बच्चो की दुनिया सबसे अच्छी :)

    जवाब देंहटाएं

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