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शनिवार, सितंबर 04, 2010

जंगल से बाहर क्यों आते हैं बाघ/ जिया रजा बनारस और २० ब्लॉग जिनपर आप ध्यान ही नहीं देते-- दीपक मशाल की पहली चर्चा

दोस्तों!! चर्चा लिखने का ये मेरा पहला-पहला अनुभव है इसलिए आपसे अर्जी है कि मेरी मूर्खताओं को मुआफ करें..

पुलिस की अधूरी जानकारी के विरूद्ध पत्रकार राजीव कुमार ने सीआईसी की शरण ली ये हाल है हमारी राजधानी दिल्ली में पुलिस ज्यादती का..








अंदाजा लगा सकते हैं तो लगाइयेगा वर्ना पोस्ट पे पढ़ के आइयेगा..



क्या करें नीतीश!! फंसे हुए हैं कुछ पुलिस के जवान नक्सलियों के चंगुल में.. और नीतीश सरकार की हालत सांप-छछूंदर जैसी है..











बीसवीं सदी के दुनिया के महानतम मौलिक विचारक और दार्शनिक ओजस्वी ओशो के विचार जानिये  क्या चमत्कार के लिए हिन्दुस्तानी होना जरुरी है ? के रूप में 













सुनीता शानू जी को बधाई भी दीजिए और उनका ये हास्य-व्यंग्य पढ़ के आनंद भी लीजिये---नरक में डिस्काउंट ऑफर(अमर उजाला में प्रकाशित) 








जानियेगा कि कैसे---बस यूं ही,करता है मन सवाल



खुशकिस्मत हैं वो जिन्होंने जिन्दगी को दूर से देखा है.. लगता है doctar साब पास से दिखाना चाहते हैं सबको देखते हैं.. हम भी भाई    






और यहाँ है कई सालों तक अमेरिका की सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब सफलता पर एन्थनी राॅबिन्स की विश्व प्रसिद्ध कृति अवेकन द जाइन्ट विदिन









कम से कम अपने देश की कई लड़कियां तो ये सोचती ही होंगीं दिन में कई बार कि----काश मैं लड़का हो जाऊं..


डॉ.अभिज्ञात के कविता संग्रह 'दी हुई नींद' की कवितायें 




रिश्ता यहाँ देख सकते हैं आप 






आपको ये अंतर पता है या नहीं नहीं मालूम... पर मुझे तो नहीं पता था.. देखिएगा--- श्रृंगार बनाम मेकअप.. 


बाल मुस्कान पर पढ़ियेगा कहानी कामचोर शहीदुल्ला







मेरी कहानी (तीसवाँ भाग) पे यात्रा संस्मरण के इतने भाग हो गए लेकिन हम हैं कि इस ब्लॉग के पीछे भागते ही नहीं..

एक नज़्म ख्वाब मेरा यहाँ देखने को मिलेगी 








और ये है वो समाचार जो आपको डरा देगा, लड़कियों को सहमा देगा.. देश की व्यवस्था पर से विश्वास थोड़ा और ऊपर उठा सकता है.. वैसे तो इस समाचार को सुबह पढ़ने के बाद मैं भी एक पोस्ट का रूप देना चाहता था लेकिन पहले ही अजय झा जी ने बना दिया.. :) -----इस घटना से देश भर के IAS और IPS अधिकारियों को सबक लेना चाहिए ....









एक याद को 


वो खुद को श्वान नहीं समझता था शीर्षक वाली पोस्ट में ताज़ा किया जा रहा है.. पढ़ के आइये तो..













जिया रजा बनारस ! ये अरविन्द चतुर्वेदी ने लगाई है एक रोचक और पठनीय पोस्ट..







और अंत में  दुधवा लाइव पर एक खोजपरक आलेख कि जंगल से बाहर क्यों आते हैं बाघ!!


तो इस तरह ये दीपक मशाल की पहली चर्चा इस मंच पर आपके सामने है.. उम्मीद है आप ज्यादा निराश नहीं हुए होंगे..
अब इज़ाज़त दीजिए.. मिलते हैं कुछ और अनजाने, कम पहिचाने मगर बेहतरीन ब्लॉग की पोस्टों के साथ अगले शनिवार...


23 टिप्‍पणियां:

  1. मेरे प्यारे प्यारे दीपक,
    सबसे पहली चर्चा के लिए बहुत-बहुत बधाई....
    सबकुछ बहुत सुन्दर लग रहा है...और सबसे बड़ी बात कि कुछ ऐसे लेखन पढ़ने को मिले हैं...जो शायद हमलोगों से रह जाते...
    बहुत सुन्दर है...

    जवाब देंहटाएं
  2. पहली चर्चा के लिए बधाई
    ढेर सारी शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  3. दीपक जी की चर्चा में कुछ तो नया है जो बस अनुभव किया जा सका...हवा के ताज़े झोंके सा

    जवाब देंहटाएं
  4. दीपक ,
    चर्चा के लिए बेहतरीन लिंक्स लिए हैं ...अच्छी चर्चा ..बधाई और शुभकामनायें ..और सच बिलकुल निराश नहीं किया तुम्हारी चर्चा ने ..उम्दा चर्चा रही ..

    जवाब देंहटाएं
  5. आपकी चर्चा की शैली देख कर चमत्कृत और प्रभावित हुआ। कृपया बधाई स्वीकारें।

    फ़ुरसत में .. कुल्हड़ की चाय, “मनोज” पर, ... आमंत्रित हैं!

    जवाब देंहटाएं
  6. दीपक,
    बहुत ही प्यारी और सधी हुयी चर्चा लगाई है और लग ही नही रहा कि पहली बार लगाई है……………काफ़ी नये लिंक्स भी मिले………………तुम्हारा चर्चा मंच पर हार्दिक स्वागत है।

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  7. बहुत बढ़िया चर्चा रही!
    --
    मेरा नेट ठीक नही चल रहा है!
    इसलिए न ही कहीं कमेंट कर पाया हूँ और न ही कोई पोस्ट लगा सका हूँ!

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत बढ़िया चर्चा रही!
    --
    मेरा नेट ठीक नही चल रहा है!
    इसलिए न ही कहीं कमेंट कर पाया हूँ और न ही कोई पोस्ट लगा सका हूँ!

    जवाब देंहटाएं
  9. काफी अच्छा रहा आपका ये प्रथम प्रयास.....शैली बढिया लगी..
    आभार्!

    जवाब देंहटाएं
  10. दीपक जी ,
    इस पहले चर्चा के लिए बहु बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ !!

    जवाब देंहटाएं
  11. दीपक जी बहुत सुन्दर चर्चा की है आपने। चर्चा का ये नया अंदाज सचमुच बहुत अच्छा लगा।

    जवाब देंहटाएं
  12. दीपक जी बहुत सुन्दर चर्चा की है आपने। चर्चा का ये नया अंदाज सचमुच बहुत अच्छा लगा।

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  13. दीपक की मशाल जलाए रखना :) अच्छी चर्चा के लिए बधाई॥

    जवाब देंहटाएं
  14. पहली चर्चा के लिए बधाई. समझ सकती हूँ आज आपको सब की टिप्पणियाँ मिलने की बहुत उत्सुकता होगी, उम्मीद करती हूँ निराशा नहीं मिली होगी क्युकी चर्चा है भी तो लाजवाब कहीं कोई झोल नजर नहीं आता...अनुभव के साथ साथ नया अंदाज़ भी नज़र आता है आपकी चर्चा में.

    काफी नए और अच्छे लिंक्स मिले.

    बहुत बहुत बधाई एवं आभार.

    जवाब देंहटाएं
  15. चर्चा के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनायें
    बहुत बहुत शुक्रिया जो आपने बेरे ब्लॉग को इस चर्चा में शामिल करके अन्य लोगो को भी ओशो के विचार जानने के लिए एक मंच प्रदान किया ......

    जवाब देंहटाएं
  16. .
    .
    .
    प्रिय दीपक,

    सुन्दर चर्चा,

    मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु आभार...

    और हाँ आपने निराश नहीं किया, बल्कि आस जगाई है...शुभकामनायें !


    ...

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  17. दीपक जी बहुत सुन्दर चर्चा की है आपने ढेर सारी शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  18. बधाई हो दीपक । इस चर्चा को ऐसे ही विषय केन्द्रित बनाओ जैसे अलग अलग तर्ह के ब्लॉग्स की चर्चा एक साथ । उपेक्षित ब्लॉग्स पर ध्यान दिलाना भी ज़रूरी है ।

    जवाब देंहटाएं

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