सभी सुहागिनों को करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएँ!शनिवार के लिए कुछ लिंक आपकी सेवा में प्रेषित कर रहा हूँ। |
(क)
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(क)हर पति-पत्नी को करवाचौथ की मंगलकामनाएं(ख)
फैशन में बदलता करवा चौथ
करवा चौथ, वर्षों से मनता और मनाया जाता हुआ पति-पत्नी के रिश्तों के प्रेम का प्रतीक एक त्योहार। सीधे-साधे तरीके से बिना किसी ताम-झाम के, बिना कुछ या जरा सा खर्च किए सादगी से मनाया जाने वाला एक छोटा सा उत्सव। पर इस पर भी बाज़ार की गिद्ध दृष्टि लग गयी। शुरुआत हुई फिल्मों से जिसने रफ्तार पकडी टी.वी. सीरियलों से। ऐसा ताम-झाम, ऐसी रौनक, ऐसे-ऐसे तमाशे और ऐसी-ऐसी तस्वीरें पेश की गयीं ... (ग)
**~करवाचौथ की रात...लिए आँखों में मैं दो दो चाँद~**
*आज' की 'रात'......* *कुछ 'अलग' सा, प्यारा प्यारा है 'चाँद' !* *'स्याह' आसमान में 'केसरिया' निकला है चाँद..!* *फलक पे 'निहारा' करती मैं ... यूँ तो अक्सर रातों में चाँद... * *आज 'आईना' बन खड़ी मैं....लिए 'आँखों' में 'दो दो चाँद'..! |
करवाचौथ पर ....*बिन अन्न-जल, * *भूखी-प्यासी, * *सोलह श्रृंगार कर , * *सांझ को छत पर खडी * *छन्नी से तक के चाँद को * *दुआ मांगती थी इक सुहागन ; * *ऐ चाँद ! नहीं कोई और * *मेरा ऐसा हमदर्द तुम्हारे सिवाए, * *मन-व्यथा जिसको दूं मै सुनाए ! * *बस इतनी सी है * *इल्तजा तुमसे कि * *तुम **रखना **ख्याल… |
फरमानों की खेप सौ, गई खाप यह खेप-करवाचौथ पर... प्रवीण शाह सुनिये मेरी भी.... सामाजिक दुर्व्यवस्था, बिधवा संग बर्ताव । निकृष्टतम होता रहा, रखें लोग दुर्भाव । रखें लोग दुर्भाव, जानवर से भी बदतर । इसीलिए मन-भाव, सुहागिन का यह अक्सर । रहा समय अब बदल, सुरक्षा की गारंटी । इसीलिए पट रही, जमाना बबली-बंटी ।।… |
तुम्हे पाने की जिद - उठी जो जिद नहीं होती, दुनिया मेरी इस तरहा, लुटी हरगिज नहीं होती दास्ताँने – दिल | करवा चौथ (खुशियों के उपहार') - सभी की 'झोली' में भर जायें, 'खुशियों के उपहार' साहित्य प्रसून | एक रात का सफ़र मोहब्बत नामा |
मेल भेजने का नयाढंग, रंग-रूप yatra (यात्रा ) मुसाफिर हूं | गुगल की preview compose सेवा नई सेवा अपने जीमेल यूजर के लिये yunik27 | "बुद्धि के प्रकार" *बुद्धि तीन प्रकार की होती है- १- रबड़ बुद्धि* २- चमड़ा बुद्धि* ३- तेलिया बुद्धि *विचार कीजिए आप कौनसी बुद्धि के स्वामी हैं? |
परिचय *रश्मि प्रभा जी के ब्लॉग पर मेरा परिचय* परिवर्तन की इक मंद हवा - रश्मि तारिका म्हारा हरियाणा | प्रियतम का प्यार - हास्य कविता ? - मेरे काफी दोस्त मुझसे शिकायत करते थे कि मैं हमेशा दर्द-रोना-मरना इसी के ऊपर क्यूँ लिखता हूँ… | मै भी अभी जिन्दा हूँ !! तीव्र झोंके ने पर्दा उड़ा दिया सारे बाज -इकट्ठे दिखा दिया चालबाज, कबूतरबाज , दगाबाज अधनंगे कुछ कपडे पहनने में लगे दाग-धब्बे... |
दीवानापन प्यार भरा दीवानापन कहाँ नहीं खोजा उसने जब भी हाथ आगे बढ़ाया मृग तृष्णा में फंसा पाया गुमनाम जिंदगी जीते जीते अकुलाहट बेचैन करे मन एकाकी विद्रोह करे ... Asha Saxena | करवा चौथहज़रात, फ़िलहाल काफ़ी कुछ ऐसा है, जो नियमित रूप से नहीं चल रहा है... बहरहाल.... करवा चौथ के मौके पर कही गई एक नज़्म हाज़िर है... मेरे सपनों का जहां तुझमें बसा है प्रियतम, तेरी खुशियां ही तो सिंगार मेरा है प्रियतम… | महका मधुबनमहका मधुबन उड़ने लगा मन सामने जो देखा उसने सनम . |
आस्था और चाँद / हाइकुचौथ का चाँद आँखों में उतरता प्रेम दर्शाये ।देखा जो चाँद धरती के चाँद ने मन हर्षाया… बिखरे मोती | घर से बाहर निकलो ...तुम्हारा बाहर निकलना जरूरी है इस घर के बाहर के लोगों के लिए उन लोगों को देखने के लिए जिनके पास घर नहीं है.. | कंवारे भी मनाएंगे जो करवाचौथ आई है..कहीं है धूप का साया कहीं बदली सी छाई है, किसी ने पा लिया प्रेमी किसी की सौत आई है.. |
(क)रविकर का : लिपिड ब्लड टेस्ट* रिपोर्ट नार्मल * * पानी पी पी कोसता, चले अढ़ाई कोस ।* *खून हुआ पतला बहुत, बड़ा खून का जोश ।* *बड़ा खून का जोश, तेल मालिस में आगे । * *मोटी चमड़ी होय, टेस्ट क्यूँ करे अभागे ।* *लगा कलेजे आग, पड़े न दौरा जानी ।* *सुबह सवेरे जाग, गुनगुना पी ले पानी ।। (ख)तुम तो भूखी एक दिन, सैंयाँ बारम्बार
आभारी है पति-जगत, व्रती-नारि उपकार ।
नतमस्तक हम आज हैं, स्वीकारो उपहार ।।
(महिमा )
नारीवादी हस्तियाँ, होती क्यूँ नाराज |
गृह-प्रबंधन इक कला, ताके सदा समाज ||
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(क) मोहब्बत का प्रतीक करवाचौथ ......
करवाचौथ ..........
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(क) ब्लॉग संचालकः इं.प्रदीप कुमार साहनी एहसास तेरी नज़दीकियों काएहसास तेरी नज़दीकियों का सबसे जुड़ा है यारा,तेरा ये निश्छल प्रेम ही तो मेरा खुदा है यारा | ज़ुल्फों के तले तेरे ही तो मेरा आसमां है यारा, आलिंगन में ही तेरे अब तो मेरा जहां है यारा | (ख) करने पड़ते है समझौते जीवन के हर एक मोड़ पर अपने सब सिद्धांत छोड़ कर चाहे हँसते, चाहे रोते करने पड़ते है समझौते ... काव्य का संसार |
(क) तुम्हारी मौजूदगी के मायने सब सामान्य था... पहले-पहले जब देखा घना जंगल, खामोशी को खटखटाती हवा, कानों में रस घोलती कोयल, पपीहा, झींगुर और टिटहरी, सघन वन में घास की सरसराहट, कल-कल बहती नदी, उसमें दीखते किनारे के प्रतिबिंब गोल-गोल पत्थर, सब पहले से था, ऐसा ही, तुम्हीं ने पहले-पहल देखा, सराहा, आह भरी तुम्हारे देखे जाने से पहले सब सामान्य था, पहाड़ी पर बना गेस्टहाउस ... नीरव (ख) ------ ।। मधुर मिलन ।। -----
साँझ गहीहि सकेर सकारे । ढोर गोर गउ फिरहिं दुआरे ।।
स्याम सरन भय गगन गौरा । सुमद सुम ह्रदय गूंजे भौरा ।।
संध्या दिन को समेट कर रात में परिवर्तित हो चुकी है, पशु अपने पैर चलकर
घर लौट चुके हैं, गौर वर्ण गगन कृष्ण रुप धारण कर चुका है, भौरा मगन हो
पुष्प के ह्रदय में गूंज रहा है ।
|
पैसे दे दो नहीं तो मैं मर जाऊँगा
डेंगू का उपचार । जनहित में जारी । आजकल डेंगू 1बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है ।जिससे कई लोगों की जान जा रही है ।यह 1 ऐसा वायरल रोग है ।जिसका मेडीकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है ।परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज हैऔर वो इतना सरल और सस्ता है कि उसे कोई भी कर सकता है ।तीवृ ज्वर । सर में तेज़ दर्द । आँखों के पीछे दर्द होना ।उल्टियाँ लगना । त्वचा का सुखना ।तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना ।डेंगू के कुछ लक्षण हैं । जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए ।तो रोगी की मृत्यु भी सकती है… |
अलवर की साहित्य साधक महारानी आनंद कुंवरी राणावत - राजस्थान की राजकुलीन महिला कवयित्रियों में महारानी आनंद कुंवरी का उल्लेखनीय स्थान है| यह महारानी शाहपुरा (मेवाड़) राज्य के राजधिराज माधव सिंह की बहन… | What is a Cyclone? पवन पुत्र चक्रवात विशाल वायु राशि के नर्तन शील (घूर्णन शील ,spining)बवंडर हैं .ये चक्रण करती हवाएं एक न्यूनतर दाब वाले ram ram bhai |
जय छत्तीसगढ़- जय जोहार - *श्रीमती सपना निगम* जय छत्तीसगढ़ जय जोहार दाई तहीं मोर जीवन आधार.... तोर धुर्रा –माटी मा सनाएंव तोर खेत-खार मा खेलेंव-खाएंव तरिया-नदिया मा … | गांधी जयंती पर एक विशेष चर्चा - गांधी की डगर संकल्पों को साधने वाली संहिता है। चल पड़े जिधर दो पग डगमग, चल पड़े कोटि पग उसी ओर, पड़ गयी जिधर भी एक दृष्टि.. |
काव्यानुशासन, छन्दानुशासन और गज़ल.... डा श्याम गुप्त .. - बचपन में हम जो पिता, माता, गुरु कहते हैं वही करते हैं, वही कर पाते हैं नियम और अनुशासन का पालन करते हैं.. एक ब्लॉग सबका | कवितायें 'अज्ञेय' की -समझ नहीं आता या कि मैं समझना नहीं चाहता कि बुद्धि के स्तर पर समझते हुए कहीं छूट न जाये उनका मर्म क्योंकि.. |
SP/2/1/8 इम्तहान की कापियाँ, गैया गई चबाय - उमाशंकर मिश्रा - सभी साहित्य रसिकों का सादर अभिवादन दिवाली पर्व का असर टिप्पणियों पर भी दिखने लगा है, लोगबाग काफ़ी मशरुफ़ हैं… | कुंआरा करवाचौथ - का र्तिक मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी का दिन था। यानी करवाचौथ के एक दिन बाद। सुबह के करीब ११ बज रहे होंगे। सूरज आसमान के बीचों-बीच जगह बनाने को चल रहा था। ... |
खरी-खरी भाग्यलक्ष्मी मंदिर पर मुल्लो का फिर हमला - *कल यानी 31 अक्तूबर रात को हैदराबादके भाग्यलक्ष्मी मंदिर में कुछ मुल्लों ने हमला बोला और वहां मोजूद पुजारी को पीटा,तथा इसके बाद मंदिर में तोड़-फोड़ भी की ... | Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.." एक देश जहा "अभियुक्त" ही "न्यायाधीश" को शपथ दिलाते है । - जैसे राहुल बाबा बलात्कार से बरी , अब समरीते की तरह संगमा को भी सेट कर देना प्यारे ! एक देश जहा जाती और नस्ल से चुन कर न्यायाधीश नियुक्त होते है…। |
साहित्य सुरभि अगजल - 47 जिन्दगी में फैली है कैसी बेनूरी । न सुबह सुहानी, न शाम सिन्दूरी । चाँद के चेहरे पर दाग क्यों है ? क्यों है दुनिया की हर शै अधूरी ? माना ताकतवर है तू बहुत मग... |
इस साल करवाचौथ पर करो पूजा, शुक्र देव मिलाएंगे सजनी को साजन सेपति मान पूजें चंद्रमा को ज्योतिषविद महंत अविनाश के मुताबिक कन्या राशि में स्थिर होने पर शुक्र को नीच राशि का माना जाता है और यह शुभ नहीं है। हालांकि इससे उन कुंवारी लड़कियों को लाभ भी मिलेगा, जो शादी का इंतजार कर रही हैं और जिनकी किन्हीं कारणों से शादी में रुकावट आ जाती है। इससे बचने के लिए वे व्रत रखें और चंद्र देव को पति मान उनकी उपासना करें। वे सफेद वस्तुओं का दान करें तो लाभ मिलेगा। दही में चीनी मिला कर खिलाने से भी लाभ होगा। |
अब आया न ऊंट पहाड़ के नीचे :क्या मोदी की पत्नी मुफ्त कीअब आया न ऊंट पहाड़ के नीचे ..कमाल है देश में कोई भी मुद्दा जिसमे कांग्रेसी फंसते दिखाई देते हैं भाजपाइयों का मुंह बड़ी तेज़ी से खुलता है और जब अपने नेता और वह भी जिसे बढ़ा चढ़ा कर प्रधानमंत्री पद पर सजाने की कोशिशें जारी हैं पर आरोपों के थपेड़े पहुंचे आरम्भ होते हैं तब पहले कांग्रेसियों को वरीयता दे कहा जाता है की पहले आप ......... |
रिश्ता एक चुटकी का ,सम्बन्ध जन्म जन्मान्तर का .....जब भी किसी रिश्ते अथवा बंधन की बातें होती हैं ,उसमें कई बड़े - छोटे कारण और कारण दीखते हैं और बन भी जाते हैं | कुछ रिश्ते जन्म से मिलते हैं ,तो कुछ विवाहोपरांत बनते हैं | विवाह के बाद बनने वाले रिश्तों के बारे में जब भी सोचती हूँ तो उसकी आत्मा सिर्फ एक चुटकी होती है , जो अपने धर्म के अनुसार कभी अंगूठी पहना देती है ,तो कभी सिन्दूर से मांग सजा देती है ! एक पल में ही सर्वथा अनजाने व्यक्ति अटूट डोर में बँध जाते हैं | ये बंधन भी अजीब सा है कभी - कभी विचारों में भिन्नता होने पर और एकमत न होने पर भी उसी बात पर किसी अन्य के कुछ कहने पर अभेद्य कवच बन औरों के लिए बहुत तीखा प्रतिउत्तर भी बन जाता है …| |
(क) भारती के हाइकू उनसे मिले मन हुआ द्रवित नयन झरे! -- न झकझोर प्रीत की वह डोर मन टूटेगा.. भारती का ब्लॉग(ख)समय की पुकार हैदिल से बने विशाल समय की पुकार है, साराजहाँ रहे खुशहाल देश की पुकार है! छोटी-छोटी बातों से झगडें मत बढाइये, मुस्करा,टाल दे हाल समय की पुकार है! |
"समझ"मेरा अमरूद उनको केला नजर आता है मैं चेहरा दिखाता हूँ वो बंदर चिल्लाता है |
अन्त में..(क)"बर्बाद करदी बस्तियाँ"भूख के परिवेश में, गद्दार करते मस्तियाँ इक महल के वास्ते, बर्बाद करदी बस्तियाँ (ख)"सुरभित सुमन रोया हुआ"नीड़ में सबके यहाँ प्रारब्ध है सोया हुआ काटते उसकी फसल जो बीज था बोया हुआ |
जवाब देंहटाएंशुक्रवार, 2 नवम्बर 2012
एक चुटकी सिंदूर की कीमत……………
एक चुटकी सिंदूर की कीमत……………करवाचौथ का व्रत
कुछ ज्यादा तो नहीं
जो पतिदेव ने दोहराया
सुन पत्नी रानी ने फ़रमाया
प्यारे पिया
मुझे एक डायमंड नेकलैस
हाथों में सोने की चूड़ियाँ
एक डिज़ाइनर साड़ी
किसी फ़ाइव स्टार में भोजन
करवा देना
कौन सा कुछ अपने लिये करती हूँ
तुम्हारी लंबी उम्र की कामना करती हूँ
तुम्हारे लिये ही तो व्रत रखती हूँ
अब इतना सब करने पर
ये सब पाना तो
एक सुहागिन का
अधिकार बनता है
इसमें कौन सा तुम्हारा
बजट बिगड़ता है
तुम ही तो फ़लोगे फ़ूलोगे
खुशियों के फ़ूल चुनोगे
लंबा जीवन जीयोगे
और मुझे दुआयें दोगे
सुनो पतिदेव
मौके का फ़ायदा उठाओ
ऐसा पैकेज़ ना रोज-रो्ज मिलता है
गर इतना कर सको तो बता देना
फिर चाहे रोज़ ऐसे व्रत रखवा लेना
जो पति ने सुना
पसीने से लथपथ हो
धड़ाम से बिस्तर से गिरा
बुरे स्वप्न की नींद से जगा
और असलियत का जायज़ा लिया
गर सच मे ऐसा होने लगे तो???
प्रश्न पर आकर बुद्धि उसकी अटक गयी
हो किसी पर जवाब तो बता देना
बेचारे की पहेली सुलझा देना …………:)
बढ़िया फ्लेशबैक /अम्बानियों के चोचले दोनों हैं इस रचना में कौन बड़ी बात हैं ये चीज़ें यहाँ तो एक करोड़ का जहाज हवाई भी मांगो तो मिलेगा .आखिर मौक़ा -ए -करवा चौथ है .
जवाब देंहटाएंशुक्रवार, 2 नवम्बर 2012
एक चुटकी सिंदूर की कीमत……………
एक चुटकी सिंदूर की कीमत……………करवाचौथ का व्रत
कुछ ज्यादा तो नहीं
जो पतिदेव ने दोहराया
सुन पत्नी रानी ने फ़रमाया
प्यारे पिया
मुझे एक डायमंड नेकलैस
हाथों में सोने की चूड़ियाँ
एक डिज़ाइनर साड़ी
किसी फ़ाइव स्टार में भोजन
करवा देना
कौन सा कुछ अपने लिये करती हूँ
तुम्हारी लंबी उम्र की कामना करती हूँ
तुम्हारे लिये ही तो व्रत रखती हूँ
अब इतना सब करने पर
ये सब पाना तो
एक सुहागिन का
अधिकार बनता है
इसमें कौन सा तुम्हारा
बजट बिगड़ता है
तुम ही तो फ़लोगे फ़ूलोगे
खुशियों के फ़ूल चुनोगे
लंबा जीवन जीयोगे
और मुझे दुआयें दोगे
सुनो पतिदेव
मौके का फ़ायदा उठाओ
ऐसा पैकेज़ ना रोज-रो्ज मिलता है
गर इतना कर सको तो बता देना
फिर चाहे रोज़ ऐसे व्रत रखवा लेना
जो पति ने सुना
पसीने से लथपथ हो
धड़ाम से बिस्तर से गिरा
बुरे स्वप्न की नींद से जगा
और असलियत का जायज़ा लिया
गर सच मे ऐसा होने लगे तो???
प्रश्न पर आकर बुद्धि उसकी अटक गयी
हो किसी पर जवाब तो बता देना
बेचारे की पहेली सुलझा देना …………:)
प्रतिक्रिया ब्लॉग पोस्ट पर :
बढ़िया फ्लेशबैक /अम्बानियों के चोचले दोनों हैं इस रचना में कौन बड़ी बात हैं ये चीज़ें यहाँ तो एक करोड़ का जहाज हवाई भी मांगो तो मिलेगा .आखिर मौक़ा -ए -करवा चौथ है .
शुक्रवार, 2 नवम्बर 2012
जवाब देंहटाएं"सुरभित सुमन रोया हुआ" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
नीड़ में सबके यहाँ प्रारब्ध है सोया हुआ
काटते उसकी फसल जो बीज था बोया हुआ
खोलकर अपनी न देखी, दूसरों की खोलता
गन्ध को है खोजता, मूरख हिरण खोया हुआ
कोयले की खान में, हीरा कहाँ से आयेगा
मैल है मन में भरा, केवल बदन धोया हुआ
अब तो माली ही वतन का खाद-पानी खा रहे
इस लिए आता नज़र सुरभित सुमन रोया हुआ
खोट ने पॉलिश लगाकर "रूप" कंचन का धरा
पुण्य ने बनकर श्रमिक अब, पाप को ढोया हुआ
कोयले की धुंध में पूरी अटी सरकार है ,
भ्रष्ट होने का यहाँ ,सबको मिला अधिकार है .
आज के राजनीतिक परिवेश का परिपूर्ण प्रक्षेपण करती रचना है .बधाई शास्त्री
जी .
लो कल्लो बात !चर्चा मंच से सुबहो ही सुबहो अब तक आठ टिप्पणियाँ स्पैम में गईं .
जवाब देंहटाएंनाम है जनतन्त्र लेकिन लोकशाही है कहाँ
जवाब देंहटाएंझूठ ने सच की जला डाली समूची अस्थियाँ
अब तो सरकार को ही अस्थि विसर्जन की बेला नज़दीक आ रही है दिनानुदिन .यहाँ 365 दिल में 366 घोटाले हो रहें हैं इसीलिए घोटाला मंत्री अलग से नहीं हैं .
काग भगौड़े कहवें हैं :
अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है ,
हमने तो बस यह सीखा है ,भोजन भूखे का संबल है .
(2)
इत्मीनान से भोजन करके ,खूब मौज आराम करो ,
आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो .
बहुत बढ़िया रचना है शास्त्री जी की .बधाई .
अन्त में..
(क)
"बर्बाद करदी बस्तियाँ"
असल बात है मोहब्बत होनी चाहिए -रिवाज़ मुक्त हो या रिवाज़ बद्ध .
जवाब देंहटाएंमोहब्बत में कोई मुसीबत नहीं है ,
मुसीबत तो यह है मोहब्बत नहीं है .
(ख)
अब रिवाजों की मोहताज नहीं रही हमारी मोहब्बत
(ख)
जवाब देंहटाएंअब रिवाजों की मोहताज नहीं रही हमारी मोहब्बत
असल बात है मोहब्बत होनी चाहिए -रिवाज़ मुक्त हो या रिवाज़ बद्ध .
जवाब देंहटाएंमोहब्बत में कोई मुसीबत नहीं है ,
मुसीबत तो यह है मोहब्बत नहीं है .
ख)
अब रिवाजों की मोहताज नहीं रही हमारी मोहब्बत
बढ़िया रचना है सर .
जवाब देंहटाएं"समझ"
मेरा अमरूद उनको
केला नजर आता है
मैं चेहरा दिखाता हूँ
वो बंदर चिल्लाता है
बढ़िया रचना है धीर सर जी .
जवाब देंहटाएंजिन्दगी में "धीर"ऐसे काम करके जाइये,
आपकी सब मिसाल दे,समय की पुकार है!
हाँ यही लक्ष्य हो जीवन का जब हम जाए ,हम मुस्काएं लोग रोएँ .
जब हम आएं जग हँसे ,जब हम जाएं हम हँसे जग रोए ,
दुनिया में ऐसे दो काम कर जाएं .
आंसू किसी के लेके खुशियाँ थोड़ी लुटाएं .
(ख)
समय की पुकार है
दिल से बने विशाल समय की पुकार है,
साराजहाँ रहे खुशहाल देश की पुकार है!
छोटी-छोटी बातों से झगडें मत बढाइये,
मुस्करा,टाल दे हाल समय की पुकार है!
जवाब देंहटाएंभारती के हाइकू
उनसे मिले
मन हुआ द्रवित
नयन झरे
न झकझोर
प्रीत की वह डोर
मन टूटेगा
वे आ तो गए
हुए न नजरबंद
,चक्षु -कोर में
मिली नजर
तन-मन मगन
मिला गगन
दिल के टुकड़े
यादों संग जकड़ें
चलें अकेलें
सुन्दर हाइकु .
(चक्षु खोलें )
असल बात है मोहब्बत होनी चाहिए -रिवाज़ मुक्त हो या रिवाज़ बद्ध .
जवाब देंहटाएंमोहब्बत में कोई मुसीबत नहीं है ,
मुसीबत तो यह है मोहब्बत नहीं है .
(ख)
अब रिवाजों की मोहताज नहीं रही हमारी मोहब्बत-बढ़िया प्रस्तुति आज के सन्दर्भ में .
बढ़िया रचना है धीर सर जी .
जिन्दगी में "धीर"ऐसे काम करके जाइये,
आपकी सब मिसाल दे,समय की पुकार है!
हाँ यही लक्ष्य हो जीवन का जब हम जाए ,हम मुस्काएं लोग रोएँ .
जब हम आएं जग हँसे ,जब हम जाएं हम हँसे जग रोए ,
दुनिया में ऐसे दो काम कर जाएं .
आंसू किसी के लेके खुशियाँ थोड़ी लुटाएं .
अच्छे जीवन सूत्र संजोए है दोस्त मोती हैं माला के मनके हैं जीवन माला के .
मुखपृष्ठ
शुक्रवार, 2 नवम्बर 2012
गेस्ट पोस्ट : आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो -डॉ .वागीश मेहता .
गेस्ट पोस्ट : आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो
-डॉ .वागीश मेहता .
अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है ,
हमने तो बस यह सीखा है ,भोजन भूखे का संबल है .
(2)
इत्मीनान से भोजन करके ,खूब मौज आराम करो ,
आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
भारती के हाइकू
उनसे मिले
मन हुआ द्रवित
नयन झरे
न झकझोर
प्रीत की वह डोर
मन टूटेगा
वे आ तो गए
हुए न नजरबंद
,चक्षु -कोर में
मिली नजर
तन-मन मगन
मिला गगन
दिल के टुकड़े
यादों संग जकड़ें
चलें अकेलें
सुन्दर हाइकु .
(चक्षु खोलें )
मन करवा चौथ हुआ पढ़ते पढ़ते ,
जवाब देंहटाएंभारत एक उत्सव प्रधान देश है -
मंगल गाओ चौक पुराओ री माई ,रंग महल में ,आज तो बधाई गाओ ,रंग महल
में .
पति पत्नी जीवन नाव के खेवन हार हैं दोनों खेवें पल पल ,भोगें सुख हर पल .
बधाई करवा चौथ री बहना ब्लॉग महल में .
रिश्ता एक चुटकी का ,सम्बन्ध जन्म जन्मान्तर का .....
जब भी किसी रिश्ते अथवा बंधन की बातें होती हैं ,उसमें कई बड़े - छोटे कारण और कारण दीखते हैं और बन भी जाते हैं | कुछ रिश्ते जन्म से मिलते हैं ,तो कुछ विवाहोपरांत बनते हैं | विवाह के बाद बनने वाले रिश्तों के बारे में जब भी सोचती हूँ तो उसकी आत्मा सिर्फ एक चुटकी होती है , जो अपने धर्म के अनुसार कभी अंगूठी पहना देती है ,तो कभी सिन्दूर से मांग सजा देती है ! एक पल में ही सर्वथा अनजाने व्यक्ति अटूट डोर में बँध जाते हैं | ये बंधन भी अजीब सा है कभी - कभी विचारों में भिन्नता होने पर और एकमत न होने पर भी उसी बात पर किसी अन्य के कुछ कहने पर अभेद्य कवच बन औरों के लिए बहुत तीखा प्रतिउत्तर भी बन जाता है …|
असल बात है मोहब्बत होनी चाहिए -रिवाज़ मुक्त हो या रिवाज़ बद्ध .
जवाब देंहटाएंमोहब्बत में कोई मुसीबत नहीं है ,
मुसीबत तो यह है मोहब्बत नहीं है .
(ख)
अब रिवाजों की मोहताज नहीं रही हमारी मोहब्बत-बढ़िया प्रस्तुति आज के सन्दर्भ में .
बढ़िया रचना है धीर सर जी .
जिन्दगी में "धीर"ऐसे काम करके जाइये,
आपकी सब मिसाल दे,समय की पुकार है!
हाँ यही लक्ष्य हो जीवन का जब हम जाए ,हम मुस्काएं लोग रोएँ .
जब हम आएं जग हँसे ,जब हम जाएं हम हँसे जग रोए ,
दुनिया में ऐसे दो काम कर जाएं .
आंसू किसी के लेके खुशियाँ थोड़ी लुटाएं .
अच्छे जीवन सूत्र संजोए है दोस्त मोती हैं माला के मनके हैं जीवन माला के .
मुखपृष्ठ
शुक्रवार, 2 नवम्बर 2012
गेस्ट पोस्ट : आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो -डॉ .वागीश मेहता .
गेस्ट पोस्ट : आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो
-डॉ .वागीश मेहता .
अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है ,
हमने तो बस यह सीखा है ,भोजन भूखे का संबल है .
(2)
इत्मीनान से भोजन करके ,खूब मौज आराम करो ,
आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
भारती के हाइकू
उनसे मिले
मन हुआ द्रवित
नयन झरे
न झकझोर
प्रीत की वह डोर
मन टूटेगा
वे आ तो गए
हुए न नजरबंद
,चक्षु -कोर में
मिली नजर
तन-मन मगन
मिला गगन
दिल के टुकड़े
यादों संग जकड़ें
चलें अकेलें
सुन्दर हाइकु .
(चक्षु खोलें )
मन करवा चौथ हुआ पढ़ते पढ़ते ,
भारत एक उत्सव प्रधान देश है -
मंगल गाओ चौक पुराओ री माई ,रंग महल में ,आज तो बधाई गाओ ,रंग महल
में .
पति पत्नी जीवन नाव के खेवन हार हैं दोनों खेवें पल पल ,भोगें सुख हर पल .
बधाई करवा चौथ री बहना ब्लॉग महल में .
रिश्ता एक चुटकी का ,सम्बन्ध जन्म जन्मान्तर का .....
जब भी किसी रिश्ते अथवा बंधन की बातें होती हैं ,उसमें कई बड़े - छोटे कारण और कारण दीखते हैं और बन भी जाते हैं | कुछ रिश्ते जन्म से मिलते हैं ,तो कुछ विवाहोपरांत बनते हैं | विवाह के बाद बनने वाले रिश्तों के बारे में जब भी सोचती हूँ तो उसकी आत्मा सिर्फ एक चुटकी होती है , जो अपने धर्म के अनुसार कभी अंगूठी पहना देती है ,तो कभी सिन्दूर से मांग सजा देती है ! एक पल में ही सर्वथा अनजाने व्यक्ति अटूट डोर में बँध जाते हैं | ये बंधन भी अजीब सा है कभी - कभी विचारों में भिन्नता होने पर और एकमत न होने पर भी उसी बात पर किसी अन्य के कुछ कहने पर अभेद्य कवच बन औरों के लिए बहुत तीखा प्रतिउत्तर भी बन जाता है …|
अब आया न ऊंट पहाड़ के नीचे :क्या मोदी की पत्नी मुफ्त की
जवाब देंहटाएंअब आया न ऊंट पहाड़ के नीचे ..
कमाल है देश में कोई भी मुद्दा जिसमे कांग्रेसी फंसते दिखाई देते हैं भाजपाइयों का मुंह बड़ी तेज़ी से खुलता है और जब अपने नेता और वह भी जिसे बढ़ा चढ़ा कर प्रधानमंत्री पद पर सजाने की कोशिशें जारी हैं पर आरोपों के थपेड़े पहुंचे आरम्भ होते हैं तब पहले कांग्रेसियों को वरीयता दे कहा जाता है की पहले आप .........
अमरीकी चुनावों में किसी का व्यक्तिगत जीवन और उस पर की गई किसी भी तरफ से कोई भी छींटाकशी कभी मुद्दा नहीं बनती .बिल क्लिंटन साहब की ऑफिस असिस्टेंट के खूब चर्चे चले ,बावजूद इसके
उन्हें अमरीकियों ने राष्ट्र हित में तरजीह दी ,वे चुनाव जीते .मोदी भी जीतेंगे .
वैसे भी यह लिविंग इन रिलेशन का दौर हैं होंगी वह मोदी जी की 'de facto' डे ' फैकटो भौतिक रूप से वास्तविक (वस्तुतय /वस्तुत :)वाइफ ,होंगी आप काहे उन्हें फोकटी (फोकटिया पत्नी )बतला रहीं हैं .मोदी साहब
के बयान का हम समर्थन नहीं करते .
गर्ल फ्रेंड बेशक बेशकीमती होती है .दिलोजाँ से प्यारी .लेकिन ये वही थरूर साहब हैं जिन्होंने इकोनोमी क्लास में हवाई यात्रा करने वालों को 'cattle class 'कहा था .इनकी नजर में आम आदमी जिसकी जेब में
कांग्रेस का हाथ निरंतर रहता है वह क्या होगा .सहज अनुमेय है यह .
एक टिपण्णी ब्लॉग पोस्ट :
नाम है जनतन्त्र लेकिन लोकशाही है कहाँ
जवाब देंहटाएंझूठ ने सच की जला डाली समूची अस्थियाँ
अब तो सरकार को ही अस्थि विसर्जन की बेला नज़दीक आ रही है दिनानुदिन .यहाँ 365 दिल में 366 घोटाले हो रहें हैं इसीलिए घोटाला मंत्री अलग से नहीं हैं .
काग भगौड़े कहवें हैं :
अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है ,
हमने तो बस यह सीखा है ,भोजन भूखे का संबल है .
(2)
इत्मीनान से भोजन करके ,खूब मौज आराम करो ,
आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो .
बहुत बढ़िया रचना है शास्त्री जी की .बधाई .
असल बात है मोहब्बत होनी चाहिए -रिवाज़ मुक्त हो या रिवाज़ बद्ध .
जवाब देंहटाएंमोहब्बत में कोई मुसीबत नहीं है ,
मुसीबत तो यह है मोहब्बत नहीं है .
(ख)
अब रिवाजों की मोहताज नहीं रही हमारी मोहब्बत-बढ़िया प्रस्तुति आज के सन्दर्भ में .
बढ़िया रचना है धीर सर जी .
जिन्दगी में "धीर"ऐसे काम करके जाइये,
आपकी सब मिसाल दे,समय की पुकार है!
हाँ यही लक्ष्य हो जीवन का जब हम जाए ,हम मुस्काएं लोग रोएँ .
जब हम आएं जग हँसे ,जब हम जाएं हम हँसे जग रोए ,
दुनिया में ऐसे दो काम कर जाएं .
आंसू किसी के लेके खुशियाँ थोड़ी लुटाएं .
अच्छे जीवन सूत्र संजोए है दोस्त मोती हैं माला के मनके हैं जीवन माला के .
मुखपृष्ठ
शुक्रवार, 2 नवम्बर 2012
गेस्ट पोस्ट : आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो -डॉ .वागीश मेहता .
गेस्ट पोस्ट : आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो
-डॉ .वागीश मेहता .
अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है ,
हमने तो बस यह सीखा है ,भोजन भूखे का संबल है .
(2)
इत्मीनान से भोजन करके ,खूब मौज आराम करो ,
आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
भारती के हाइकू
उनसे मिले
मन हुआ द्रवित
नयन झरे
न झकझोर
प्रीत की वह डोर
मन टूटेगा
वे आ तो गए
हुए न नजरबंद
,चक्षु -कोर में
मिली नजर
तन-मन मगन
मिला गगन
दिल के टुकड़े
यादों संग जकड़ें
चलें अकेलें
सुन्दर हाइकु .
(चक्षु खोलें )
मन करवा चौथ हुआ पढ़ते पढ़ते ,
भारत एक उत्सव प्रधान देश है -
मंगल गाओ चौक पुराओ री माई ,रंग महल में ,आज तो बधाई गाओ ,रंग महल
में .
पति पत्नी जीवन नाव के खेवन हार हैं दोनों खेवें पल पल ,भोगें सुख हर पल .
बधाई करवा चौथ री बहना ब्लॉग महल में .
रिश्ता एक चुटकी का ,सम्बन्ध जन्म जन्मान्तर का .....
जब भी किसी रिश्ते अथवा बंधन की बातें होती हैं ,उसमें कई बड़े - छोटे कारण और कारण दीखते हैं और बन भी जाते हैं | कुछ रिश्ते जन्म से मिलते हैं ,तो कुछ विवाहोपरांत बनते हैं | विवाह के बाद बनने वाले रिश्तों के बारे में जब भी सोचती हूँ तो उसकी आत्मा सिर्फ एक चुटकी होती है , जो अपने धर्म के अनुसार कभी अंगूठी पहना देती है ,तो कभी सिन्दूर से मांग सजा देती है ! एक पल में ही सर्वथा अनजाने व्यक्ति अटूट डोर में बँध जाते हैं | ये बंधन भी अजीब सा है कभी - कभी विचारों में भिन्नता होने पर और एकमत न होने पर भी उसी बात पर किसी अन्य के कुछ कहने पर अभेद्य कवच बन औरों के लिए बहुत तीखा प्रतिउत्तर भी बन जाता है …|
अब आया न ऊंट पहाड़ के नीचे :क्या मोदी की पत्नी मुफ्त की
अब आया न ऊंट पहाड़ के नीचे ..
कमाल है देश में कोई भी मुद्दा जिसमे कांग्रेसी फंसते दिखाई देते हैं भाजपाइयों का मुंह बड़ी तेज़ी से खुलता है और जब अपने नेता और वह भी जिसे बढ़ा चढ़ा कर प्रधानमंत्री पद पर सजाने की कोशिशें जारी हैं पर आरोपों के थपेड़े पहुंचे आरम्भ होते हैं तब पहले कांग्रेसियों को वरीयता दे कहा जाता है की पहले आप .........
अमरीकी चुनावों में किसी का व्यक्तिगत जीवन और उस पर की गई किसी भी तरफ से कोई भी छींटाकशी कभी मुद्दा नहीं बनती .बिल क्लिंटन साहब की ऑफिस असिस्टेंट के खूब चर्चे चले ,बावजूद इसके
उन्हें अमरीकियों ने राष्ट्र हित में तरजीह दी ,वे चुनाव जीते .मोदी भी जीतेंगे .
वैसे भी यह लिविंग इन रिलेशन का दौर हैं होंगी वह मोदी जी की 'de facto' डे ' फैकटो भौतिक रूप से वास्तविक (वस्तुतय /वस्तुत :)वाइफ ,होंगी आप काहे उन्हें फोकटी (फोकटिया पत्नी )बतला रहीं हैं .मोदी साहब
के बयान का हम समर्थन नहीं करते .
गर्ल फ्रेंड बेशक बेशकीमती होती है .दिलोजाँ से प्यारी .लेकिन ये वही थरूर साहब हैं जिन्होंने इकोनोमी क्लास में हवाई यात्रा करने वालों को 'cattle class 'कहा था .इनकी नजर में आम आदमी जिसकी जेब में
कांग्रेस का हाथ निरंतर रहता है वह क्या होगा .सहज अनुमेय है यह .
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असल बात है मोहब्बत होनी चाहिए -रिवाज़ मुक्त हो या रिवाज़ बद्ध .
जवाब देंहटाएंमोहब्बत में कोई मुसीबत नहीं है ,
मुसीबत तो यह है मोहब्बत नहीं है .
(ख)
अब रिवाजों की मोहताज नहीं रही हमारी मोहब्बत-बढ़िया प्रस्तुति आज के सन्दर्भ में .
बढ़िया रचना है धीर सर जी .
जिन्दगी में "धीर"ऐसे काम करके जाइये,
आपकी सब मिसाल दे,समय की पुकार है!
हाँ यही लक्ष्य हो जीवन का जब हम जाए ,हम मुस्काएं लोग रोएँ .
जब हम आएं जग हँसे ,जब हम जाएं हम हँसे जग रोए ,
दुनिया में ऐसे दो काम कर जाएं .
आंसू किसी के लेके खुशियाँ थोड़ी लुटाएं .
अच्छे जीवन सूत्र संजोए है दोस्त मोती हैं माला के मनके हैं जीवन माला के .
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-डॉ .वागीश मेहता .
अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है ,
हमने तो बस यह सीखा है ,भोजन भूखे का संबल है .
(2)
इत्मीनान से भोजन करके ,खूब मौज आराम करो ,
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भारती के हाइकू
उनसे मिले
मन हुआ द्रवित
नयन झरे
न झकझोर
प्रीत की वह डोर
मन टूटेगा
वे आ तो गए
हुए न नजरबंद
,चक्षु -कोर में
मिली नजर
तन-मन मगन
मिला गगन
दिल के टुकड़े
यादों संग जकड़ें
चलें अकेलें
सुन्दर हाइकु .
(चक्षु खोलें )
मन करवा चौथ हुआ पढ़ते पढ़ते ,
भारत एक उत्सव प्रधान देश है -
मंगल गाओ चौक पुराओ री माई ,रंग महल में ,आज तो बधाई गाओ ,रंग महल
में .
पति पत्नी जीवन नाव के खेवन हार हैं दोनों खेवें पल पल ,भोगें सुख हर पल .
बधाई करवा चौथ री बहना ब्लॉग महल में .
रिश्ता एक चुटकी का ,सम्बन्ध जन्म जन्मान्तर का .....
जब भी किसी रिश्ते अथवा बंधन की बातें होती हैं ,उसमें कई बड़े - छोटे कारण और कारण दीखते हैं और बन भी जाते हैं | कुछ रिश्ते जन्म से मिलते हैं ,तो कुछ विवाहोपरांत बनते हैं | विवाह के बाद बनने वाले रिश्तों के बारे में जब भी सोचती हूँ तो उसकी आत्मा सिर्फ एक चुटकी होती है , जो अपने धर्म के अनुसार कभी अंगूठी पहना देती है ,तो कभी सिन्दूर से मांग सजा देती है ! एक पल में ही सर्वथा अनजाने व्यक्ति अटूट डोर में बँध जाते हैं | ये बंधन भी अजीब सा है कभी - कभी विचारों में भिन्नता होने पर और एकमत न होने पर भी उसी बात पर किसी अन्य के कुछ कहने पर अभेद्य कवच बन औरों के लिए बहुत तीखा प्रतिउत्तर भी बन जाता है …|
अब आया न ऊंट पहाड़ के नीचे :क्या मोदी की पत्नी मुफ्त की
अब आया न ऊंट पहाड़ के नीचे ..
कमाल है देश में कोई भी मुद्दा जिसमे कांग्रेसी फंसते दिखाई देते हैं भाजपाइयों का मुंह बड़ी तेज़ी से खुलता है और जब अपने नेता और वह भी जिसे बढ़ा चढ़ा कर प्रधानमंत्री पद पर सजाने की कोशिशें जारी हैं पर आरोपों के थपेड़े पहुंचे आरम्भ होते हैं तब पहले कांग्रेसियों को वरीयता दे कहा जाता है की पहले आप .........
अमरीकी चुनावों में किसी का व्यक्तिगत जीवन और उस पर की गई किसी भी तरफ से कोई भी छींटाकशी कभी मुद्दा नहीं बनती .बिल क्लिंटन साहब की ऑफिस असिस्टेंट के खूब चर्चे चले ,बावजूद इसके
उन्हें अमरीकियों ने राष्ट्र हित में तरजीह दी ,वे चुनाव जीते .मोदी भी जीतेंगे .
वैसे भी यह लिविंग इन रिलेशन का दौर हैं होंगी वह मोदी जी की 'de facto' डे ' फैकटो भौतिक रूप से वास्तविक (वस्तुतय /वस्तुत :)वाइफ ,होंगी आप काहे उन्हें फोकटी (फोकटिया पत्नी )बतला रहीं हैं .मोदी साहब
के बयान का हम समर्थन नहीं करते .
गर्ल फ्रेंड बेशक बेशकीमती होती है .दिलोजाँ से प्यारी .लेकिन ये वही थरूर साहब हैं जिन्होंने इकोनोमी क्लास में हवाई यात्रा करने वालों को 'cattle class 'कहा था .इनकी नजर में आम आदमी जिसकी जेब में
कांग्रेस का हाथ निरंतर रहता है वह क्या होगा .सहज अनुमेय है यह .
एक टिपण्णी ब्लॉग पोस्ट :
असल बात है मोहब्बत होनी चाहिए -रिवाज़ मुक्त हो या रिवाज़ बद्ध .
जवाब देंहटाएंमोहब्बत में कोई मुसीबत नहीं है ,
मुसीबत तो यह है मोहब्बत नहीं है .
(ख)
अब रिवाजों की मोहताज नहीं रही हमारी मोहब्बत-बढ़िया प्रस्तुति आज के सन्दर्भ में .
बढ़िया रचना है धीर सर जी .
जिन्दगी में "धीर"ऐसे काम करके जाइये,
आपकी सब मिसाल दे,समय की पुकार है!
हाँ यही लक्ष्य हो जीवन का जब हम जाए ,हम मुस्काएं लोग रोएँ .
जब हम आएं जग हँसे ,जब हम जाएं हम हँसे जग रोए ,
दुनिया में ऐसे दो काम कर जाएं .
आंसू किसी के लेके खुशियाँ थोड़ी लुटाएं .
अच्छे जीवन सूत्र संजोए है दोस्त मोती हैं माला के मनके हैं जीवन माला के .
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-डॉ .वागीश मेहता .
अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है ,
हमने तो बस यह सीखा है ,भोजन भूखे का संबल है .
(2)
इत्मीनान से भोजन करके ,खूब मौज आराम करो ,
आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो .
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भारती के हाइकू
उनसे मिले
मन हुआ द्रवित
नयन झरे
न झकझोर
प्रीत की वह डोर
मन टूटेगा
वे आ तो गए
हुए न नजरबंद
,चक्षु -कोर में
मिली नजर
तन-मन मगन
मिला गगन
दिल के टुकड़े
यादों संग जकड़ें
चलें अकेलें
सुन्दर हाइकु .
(चक्षु खोलें )
मन करवा चौथ हुआ पढ़ते पढ़ते ,
भारत एक उत्सव प्रधान देश है -
मंगल गाओ चौक पुराओ री माई ,रंग महल में ,आज तो बधाई गाओ ,रंग महल
में .
पति पत्नी जीवन नाव के खेवन हार हैं दोनों खेवें पल पल ,भोगें सुख हर पल .
बधाई करवा चौथ री बहना ब्लॉग महल में .
रिश्ता एक चुटकी का ,सम्बन्ध जन्म जन्मान्तर का .....
जब भी किसी रिश्ते अथवा बंधन की बातें होती हैं ,उसमें कई बड़े - छोटे कारण और कारण दीखते हैं और बन भी जाते हैं | कुछ रिश्ते जन्म से मिलते हैं ,तो कुछ विवाहोपरांत बनते हैं | विवाह के बाद बनने वाले रिश्तों के बारे में जब भी सोचती हूँ तो उसकी आत्मा सिर्फ एक चुटकी होती है , जो अपने धर्म के अनुसार कभी अंगूठी पहना देती है ,तो कभी सिन्दूर से मांग सजा देती है ! एक पल में ही सर्वथा अनजाने व्यक्ति अटूट डोर में बँध जाते हैं | ये बंधन भी अजीब सा है कभी - कभी विचारों में भिन्नता होने पर और एकमत न होने पर भी उसी बात पर किसी अन्य के कुछ कहने पर अभेद्य कवच बन औरों के लिए बहुत तीखा प्रतिउत्तर भी बन जाता है …|
अब आया न ऊंट पहाड़ के नीचे :क्या मोदी की पत्नी मुफ्त की
अब आया न ऊंट पहाड़ के नीचे ..
कमाल है देश में कोई भी मुद्दा जिसमे कांग्रेसी फंसते दिखाई देते हैं भाजपाइयों का मुंह बड़ी तेज़ी से खुलता है और जब अपने नेता और वह भी जिसे बढ़ा चढ़ा कर प्रधानमंत्री पद पर सजाने की कोशिशें जारी हैं पर आरोपों के थपेड़े पहुंचे आरम्भ होते हैं तब पहले कांग्रेसियों को वरीयता दे कहा जाता है की पहले आप .........
अमरीकी चुनावों में किसी का व्यक्तिगत जीवन और उस पर की गई किसी भी तरफ से कोई भी छींटाकशी कभी मुद्दा नहीं बनती .बिल क्लिंटन साहब की ऑफिस असिस्टेंट के खूब चर्चे चले ,बावजूद इसके
उन्हें अमरीकियों ने राष्ट्र हित में तरजीह दी ,वे चुनाव जीते .मोदी भी जीतेंगे .
वैसे भी यह लिविंग इन रिलेशन का दौर हैं होंगी वह मोदी जी की 'de facto' डे ' फैकटो भौतिक रूप से वास्तविक (वस्तुतय /वस्तुत :)वाइफ ,होंगी आप काहे उन्हें फोकटी (फोकटिया पत्नी )बतला रहीं हैं .मोदी साहब
के बयान का हम समर्थन नहीं करते .
गर्ल फ्रेंड बेशक बेशकीमती होती है .दिलोजाँ से प्यारी .लेकिन ये वही थरूर साहब हैं जिन्होंने इकोनोमी क्लास में हवाई यात्रा करने वालों को 'cattle class 'कहा था .इनकी नजर में आम आदमी जिसकी जेब में
कांग्रेस का हाथ निरंतर रहता है वह क्या होगा .सहज अनुमेय है यह .
एक टिपण्णी ब्लॉग पोस्ट :
असल बात है मोहब्बत होनी चाहिए -रिवाज़ मुक्त हो या रिवाज़ बद्ध .
जवाब देंहटाएंमोहब्बत में कोई मुसीबत नहीं है ,
मुसीबत तो यह है मोहब्बत नहीं है .
(ख)
अब रिवाजों की मोहताज नहीं रही हमारी मोहब्बत-बढ़िया प्रस्तुति आज के सन्दर्भ में .
बढ़िया रचना है धीर सर जी .
जिन्दगी में "धीर"ऐसे काम करके जाइये,
आपकी सब मिसाल दे,समय की पुकार है!
हाँ यही लक्ष्य हो जीवन का जब हम जाए ,हम मुस्काएं लोग रोएँ .
जब हम आएं जग हँसे ,जब हम जाएं हम हँसे जग रोए ,
दुनिया में ऐसे दो काम कर जाएं .
आंसू किसी के लेके खुशियाँ थोड़ी लुटाएं .
अच्छे जीवन सूत्र संजोए है दोस्त मोती हैं माला के मनके हैं जीवन माला के .
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गेस्ट पोस्ट : आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो -डॉ .वागीश मेहता .
गेस्ट पोस्ट : आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो
-डॉ .वागीश मेहता .
अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है ,
हमने तो बस यह सीखा है ,भोजन भूखे का संबल है .
(2)
इत्मीनान से भोजन करके ,खूब मौज आराम करो ,
आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो .
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भारती के हाइकू
उनसे मिले
मन हुआ द्रवित
नयन झरे
न झकझोर
प्रीत की वह डोर
मन टूटेगा
वे आ तो गए
हुए न नजरबंद
,चक्षु -कोर में
मिली नजर
तन-मन मगन
मिला गगन
दिल के टुकड़े
यादों संग जकड़ें
चलें अकेलें
सुन्दर हाइकु .
(चक्षु खोलें )
मन करवा चौथ हुआ पढ़ते पढ़ते ,
भारत एक उत्सव प्रधान देश है -
मंगल गाओ चौक पुराओ री माई ,रंग महल में ,आज तो बधाई गाओ ,रंग महल
में .
पति पत्नी जीवन नाव के खेवन हार हैं दोनों खेवें पल पल ,भोगें सुख हर पल .
बधाई करवा चौथ री बहना ब्लॉग महल में .
रिश्ता एक चुटकी का ,सम्बन्ध जन्म जन्मान्तर का .....
जब भी किसी रिश्ते अथवा बंधन की बातें होती हैं ,उसमें कई बड़े - छोटे कारण और कारण दीखते हैं और बन भी जाते हैं | कुछ रिश्ते जन्म से मिलते हैं ,तो कुछ विवाहोपरांत बनते हैं | विवाह के बाद बनने वाले रिश्तों के बारे में जब भी सोचती हूँ तो उसकी आत्मा सिर्फ एक चुटकी होती है , जो अपने धर्म के अनुसार कभी अंगूठी पहना देती है ,तो कभी सिन्दूर से मांग सजा देती है ! एक पल में ही सर्वथा अनजाने व्यक्ति अटूट डोर में बँध जाते हैं | ये बंधन भी अजीब सा है कभी - कभी विचारों में भिन्नता होने पर और एकमत न होने पर भी उसी बात पर किसी अन्य के कुछ कहने पर अभेद्य कवच बन औरों के लिए बहुत तीखा प्रतिउत्तर भी बन जाता है …|
अब आया न ऊंट पहाड़ के नीचे :क्या मोदी की पत्नी मुफ्त की
अब आया न ऊंट पहाड़ के नीचे ..
कमाल है देश में कोई भी मुद्दा जिसमे कांग्रेसी फंसते दिखाई देते हैं भाजपाइयों का मुंह बड़ी तेज़ी से खुलता है और जब अपने नेता और वह भी जिसे बढ़ा चढ़ा कर प्रधानमंत्री पद पर सजाने की कोशिशें जारी हैं पर आरोपों के थपेड़े पहुंचे आरम्भ होते हैं तब पहले कांग्रेसियों को वरीयता दे कहा जाता है की पहले आप .........
अमरीकी चुनावों में किसी का व्यक्तिगत जीवन और उस पर की गई किसी भी तरफ से कोई भी छींटाकशी कभी मुद्दा नहीं बनती .बिल क्लिंटन साहब की ऑफिस असिस्टेंट के खूब चर्चे चले ,बावजूद इसके
उन्हें अमरीकियों ने राष्ट्र हित में तरजीह दी ,वे चुनाव जीते .मोदी भी जीतेंगे .
वैसे भी यह लिविंग इन रिलेशन का दौर हैं होंगी वह मोदी जी की 'de facto' डे ' फैकटो भौतिक रूप से वास्तविक (वस्तुतय /वस्तुत :)वाइफ ,होंगी आप काहे उन्हें फोकटी (फोकटिया पत्नी )बतला रहीं हैं .मोदी साहब
के बयान का हम समर्थन नहीं करते .
गर्ल फ्रेंड बेशक बेशकीमती होती है .दिलोजाँ से प्यारी .लेकिन ये वही थरूर साहब हैं जिन्होंने इकोनोमी क्लास में हवाई यात्रा करने वालों को 'cattle class 'कहा था .इनकी नजर में आम आदमी जिसकी जेब में
कांग्रेस का हाथ निरंतर रहता है वह क्या होगा .सहज अनुमेय है यह .
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इस साल करवाचौथ पर करो पूजा, शुक्र देव मिलाएंगे सजनी को साजन से
जवाब देंहटाएंपति मान पूजें चंद्रमा को
ज्योतिषविद महंत अविनाश के मुताबिक कन्या राशि में स्थिर होने पर शुक्र को नीच राशि का माना जाता है और यह शुभ नहीं है।
हालांकि इससे उन कुंवारी लड़कियों को लाभ भी मिलेगा, जो शादी का इंतजार कर रही हैं और जिनकी किन्हीं कारणों से शादी में रुकावट आ जाती है। इससे बचने के लिए वे व्रत रखें और चंद्र देव को पति मान उनकी उपासना करें। वे सफेद वस्तुओं का दान करें तो लाभ मिलेगा। दही में चीनी मिला कर खिलाने से भी लाभ होगा।
बढ़िया है इन भविष्य-वाणियों से जीवन चल जाए तो .अजीब बात है यह
चांदीखोरी करने वाले हिन्दुस्तान में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के उपाय कभी
नहीं सुझाते ,कितना विषम समाज बन रहा है दो चार उपाय इसके भी बताएं
.बड़ी मेहरबानी होगी ,फिर चाहे चांदी क्या सोना कूटें ज्योतिष .
असल बात है मोहब्बत होनी चाहिए -रिवाज़ मुक्त हो या रिवाज़ बद्ध .
जवाब देंहटाएंमोहब्बत में कोई मुसीबत नहीं है ,
मुसीबत तो यह है मोहब्बत नहीं है .
(ख)
अब रिवाजों की मोहताज नहीं रही हमारी मोहब्बत-बढ़िया प्रस्तुति आज के सन्दर्भ में .
बढ़िया रचना है धीर सर जी .
जिन्दगी में "धीर"ऐसे काम करके जाइये,
आपकी सब मिसाल दे,समय की पुकार है!
हाँ यही लक्ष्य हो जीवन का जब हम जाए ,हम मुस्काएं लोग रोएँ .
जब हम आएं जग हँसे ,जब हम जाएं हम हँसे जग रोए ,
दुनिया में ऐसे दो काम कर जाएं .
आंसू किसी के लेके खुशियाँ थोड़ी लुटाएं .
अच्छे जीवन सूत्र संजोए है दोस्त मोती हैं माला के मनके हैं जीवन माला के .
मुखपृष्ठ
शुक्रवार, 2 नवम्बर 2012
गेस्ट पोस्ट : आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो -डॉ .वागीश मेहता .
गेस्ट पोस्ट : आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो
-डॉ .वागीश मेहता .
अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है ,
हमने तो बस यह सीखा है ,भोजन भूखे का संबल है .
(2)
इत्मीनान से भोजन करके ,खूब मौज आराम करो ,
आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
भारती के हाइकू
उनसे मिले
मन हुआ द्रवित
नयन झरे
न झकझोर
प्रीत की वह डोर
मन टूटेगा
वे आ तो गए
हुए न नजरबंद
,चक्षु -कोर में
मिली नजर
तन-मन मगन
मिला गगन
दिल के टुकड़े
यादों संग जकड़ें
चलें अकेलें
सुन्दर हाइकु .
(चक्षु खोलें )
मन करवा चौथ हुआ पढ़ते पढ़ते ,
भारत एक उत्सव प्रधान देश है -
मंगल गाओ चौक पुराओ री माई ,रंग महल में ,आज तो बधाई गाओ ,रंग महल
में .
पति पत्नी जीवन नाव के खेवन हार हैं दोनों खेवें पल पल ,भोगें सुख हर पल .
बधाई करवा चौथ री बहना ब्लॉग महल में .
रिश्ता एक चुटकी का ,सम्बन्ध जन्म जन्मान्तर का .....
जब भी किसी रिश्ते अथवा बंधन की बातें होती हैं ,उसमें कई बड़े - छोटे कारण और कारण दीखते हैं और बन भी जाते हैं | कुछ रिश्ते जन्म से मिलते हैं ,तो कुछ विवाहोपरांत बनते हैं | विवाह के बाद बनने वाले रिश्तों के बारे में जब भी सोचती हूँ तो उसकी आत्मा सिर्फ एक चुटकी होती है , जो अपने धर्म के अनुसार कभी अंगूठी पहना देती है ,तो कभी सिन्दूर से मांग सजा देती है ! एक पल में ही सर्वथा अनजाने व्यक्ति अटूट डोर में बँध जाते हैं | ये बंधन भी अजीब सा है कभी - कभी विचारों में भिन्नता होने पर और एकमत न होने पर भी उसी बात पर किसी अन्य के कुछ कहने पर अभेद्य कवच बन औरों के लिए बहुत तीखा प्रतिउत्तर भी बन जाता है …|
अब आया न ऊंट पहाड़ के नीचे :क्या मोदी की पत्नी मुफ्त की
अब आया न ऊंट पहाड़ के नीचे ..
कमाल है देश में कोई भी मुद्दा जिसमे कांग्रेसी फंसते दिखाई देते हैं भाजपाइयों का मुंह बड़ी तेज़ी से खुलता है और जब अपने नेता और वह भी जिसे बढ़ा चढ़ा कर प्रधानमंत्री पद पर सजाने की कोशिशें जारी हैं पर आरोपों के थपेड़े पहुंचे आरम्भ होते हैं तब पहले कांग्रेसियों को वरीयता दे कहा जाता है की पहले आप .........
अमरीकी चुनावों में किसी का व्यक्तिगत जीवन और उस पर की गई किसी भी तरफ से कोई भी छींटाकशी कभी मुद्दा नहीं बनती .बिल क्लिंटन साहब की ऑफिस असिस्टेंट के खूब चर्चे चले ,बावजूद इसके
उन्हें अमरीकियों ने राष्ट्र हित में तरजीह दी ,वे चुनाव जीते .मोदी भी जीतेंगे .
वैसे भी यह लिविंग इन रिलेशन का दौर हैं होंगी वह मोदी जी की 'de facto' डे ' फैकटो भौतिक रूप से वास्तविक (वस्तुतय /वस्तुत :)वाइफ ,होंगी आप काहे उन्हें फोकटी (फोकटिया पत्नी )बतला रहीं हैं .मोदी साहब
के बयान का हम समर्थन नहीं करते .
गर्ल फ्रेंड बेशक बेशकीमती होती है .दिलोजाँ से प्यारी .लेकिन ये वही थरूर साहब हैं जिन्होंने इकोनोमी क्लास में हवाई यात्रा करने वालों को 'cattle class 'कहा था .इनकी नजर में आम आदमी जिसकी जेब में
कांग्रेस का हाथ निरंतर रहता है वह क्या होगा .सहज अनुमेय है यह .
एक टिपण्णी ब्लॉग पोस्ट :
बढ़िया है इन भविष्य-वाणियों से जीवन चल जाए तो .अजीब बात है यह
चांदीखोरी करने वाले हिन्दुस्तान में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के उपाय कभी
नहीं सुझाते ,कितना विषम समाज बन रहा है दो चार उपाय इसके भी बताएं
.बड़ी मेहरबानी होगी ,फिर चाहे चांदी क्या सोना कूटें ज्योतिष .
बृहस्पतिवार, नवम्बर 01, 2012
जवाब देंहटाएंअगजल - 47
जिन्दगी में फैली है कैसी बेनूरी ।
न सुबह सुहानी, न शाम सिन्दूरी ।
चाँद के चेहरे पर दाग क्यों है ?
क्यों है दुनिया की हर शै अधूरी ?
माना ताकतवर है तू बहुत मगर
ठीक नहीं होती इतनी मगरूरी ।
जब भी पाओगे भीतर मिलेगी
कहाँ ढूँढो खुशियों की कस्तूरी ।
तुझसे शिकवा करना खता होगी
इंसान के हिस्से आई है मजबूरी ।
दुनिया सिमट गई मुट्ठी में मगर
दिलों में ' विर्क ' बढती जाए दूरी ।
अपना अलग अंदाज़ लाई है ,अ -गज़ल ,
खुश्बू और प्यार लाई है अ -गज़ल .
रस की फुहार लाई है अ -गज़ल .बधाई विर्क साहब इस अंदाज़े बयाँ पर .
बृहस्पतिवार, नवम्बर 01, 2012
जवाब देंहटाएंअगजल - 47
जिन्दगी में फैली है कैसी बेनूरी ।
न सुबह सुहानी, न शाम सिन्दूरी ।
चाँद के चेहरे पर दाग क्यों है ?
क्यों है दुनिया की हर शै अधूरी ?
माना ताकतवर है तू बहुत मगर
ठीक नहीं होती इतनी मगरूरी ।
जब भी पाओगे भीतर मिलेगी
कहाँ ढूँढो खुशियों की कस्तूरी ।
तुझसे शिकवा करना खता होगी
इंसान के हिस्से आई है मजबूरी ।
दुनिया सिमट गई मुट्ठी में मगर
दिलों में ' विर्क ' बढती जाए दूरी ।
अपना अलग अंदाज़ लाई है ,अ -गज़ल ,
खुश्बू और प्यार लाई है अ -गज़ल .
रस की फुहार लाई है अ -गज़ल .बधाई विर्क साहब इस अंदाज़े बयाँ पर .
बहुत बढ़िया चर्चा लगाई है...... आभार
जवाब देंहटाएंइसे ही कहतें हैं बाजारवाद से संपीडित भू -मंडल वाद ,आलमी और ग्लोबी हो जाना संस्कृति और परिवेश का .करवा चौथ कोई अपवाद नहीं है .सब कुछ
जवाब देंहटाएंबाज़ार संचालित कर रहा है .अब तो राखी भी डायमंड की आ
गईं हैं .बहुत पैसा है बाज़ार में पैसे वाले अम्बानी अब भारत में विदेशों से ज्यादा है .यह उदारवाद नहीं है ,एक नव -परम्परा है ,रईसी है ज़नाब .नवाबी ठाठ
हैं .लेकिन कुछ लोगों के पास इज बाज़ार में सिर्फ टाट है
,खुला आसामान है छत के बतौर यही हमारे दौर की त्रासदी है .जय आर्थिक सुधार ,जय बाज़ार वाद .
मोहब्बत का प्रतीक करवाचौथ ......
करवाचौथ ..........
वह फ़िर जलाती है
दिल के फांसलों के दरम्यां
उसकी लम्बी उम्र का दीया ...
कुछ खूबसूरती के मीठे शब्द
निकालती है झोली से
टांक लेती है माथे पे ,
कलाइयों पे , बदन पे .....
मोहब्बत का प्रतीक करवाचौथ ......
जवाब देंहटाएंकरवाचौथ ..........
वह फ़िर जलाती है
दिल के फांसलों के दरम्यां
उसकी लम्बी उम्र का दीया ...
कुछ खूबसूरती के मीठे शब्द
निकालती है झोली से
टांक लेती है माथे पे ,
कलाइयों पे , बदन पे .....
मोहब्बत का प्रतीक करवाचौथ ......
जवाब देंहटाएंकरवाचौथ ..........
वह फ़िर जलाती है
दिल के फांसलों के दरम्यां
उसकी लम्बी उम्र का दीया ...
कुछ खूबसूरती के मीठे शब्द
निकालती है झोली से
टांक लेती है माथे पे ,
कलाइयों पे , बदन पे .....
बेहतरीन आकर्षक प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंआभार शास्त्री जी ।
चर्चामंच लगता है
जवाब देंहटाएंपरेशान नजर आ रहा है
वीरू की टिप्पणियों को
स्पैम में ले जा रहा है
बहुत सुंदर चर्चा
बेहतरीन सूत्रों के साथ
ऊल्लूक का भी
कुछ कुछ है
आभार !!
अच्छी चर्चा :)
जवाब देंहटाएंबहुत सी चर्चाएँ करवा चोथ पर थी वो तमाम अच्छी लगी...
My Recent Post-
http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post.html
आज तो सूत्र ही सूत्र वो भी दमकते हुए चर्चा मंच पर आपके परिश्रम को सार्थक बनाते हुए झिलमिला रहे हैं करवाचौथ की बहार चारों तरफ बहुत बहुत बधाई शास्त्री जी आपको और मेरी प्रस्तुति को शामिल करने के लिए सह्रदय आभार
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी इतनी सुंदर चर्चा लगाने के लिये बधाई
जवाब देंहटाएंआज तो इतनी सारी लिंक्स हैं की उन्हें पढाने में टाइम लगेगा |अच्छी चर्चा और मेरी कविता शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
की है चंदा ने सदा , पूरी सबकी चाह
जवाब देंहटाएंनिर्मल निश्छल प्रेम का,बनकर रहा गवाह
बनकर रहा गवाह ,तभी तो पूजा जाता
बचपन से वृद्धावस्था तक साथ निभाता
पर्वों की सौगात , हमें चंदा ने दी है
पूरी सबकी चाह , सदा चंदा ने की है ||
आज तो बहुत प्यारे लिंक्स संजोये हैं………सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री सर सुन्दर लिंक्स संयोजन, मेरी रचना को स्थान देने हेतु बहुत-2 शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंवाह. वीरू जी ने तो प्रतिक्रियाओं में ही कमाल कर दिया
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिंक्स
बहुत अच्छी चर्चा सजाई है.
जवाब देंहटाएंऔर मोहब्बत नामा की लिंक भी लगाई है.
इसके लिए आप सभी को ,
आमिर की तरफ से बधाई है.
समय की पुकार है
जवाब देंहटाएंकारे कृपण करेज कुछ, काटे सदा बवाल ।
इसीलिए तो बुरे हैं, भारत माँ के हाल ।
भारत माँ के हाल, हाल में घटना देखा ।
चोरों की घट-चाल, रेवड़ी बटना देखा ।
जाओ तनिक सुधर, समय नित यही पुकारे ।
चिंदी चिंदी होय, धरा दुष्टों धिक्कारे ।।
सुंदर लिंक... चुनकर लिंक लाये गये हैं... सुंदर भाव... एक नजर इधर भी http://www.kuldeepkikavita.blogspot.com
जवाब देंहटाएं"समझ"
जवाब देंहटाएंMy Photo
मरुत मरू देता बना, जल अमरू कर देत ।
मरुद्रुम कांटे त्याग दे, हो अमरूदी खेत ।
हो अमरूदी खेत, देश भी बना बनाना ।
बैठे बन्दर खाँय, वहां लेकिन मत जाना ।
डालेंगे वे नोच, सभी की मिली भगत है ।
राम राज में युद्ध, सफल वो आज जुगत है ।।
बढ़िया लिंक्स सजाए हैं शास्त्री सर ! :)
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को जगह देने का बहुत बहुत आभार ! :-)
~सादर !
Zabardast ! aabhaar shashtri jee !
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच का आज ब्लॉग जगत में महत्व पूर्ण स्थान है। अपनी पोस्ट को यहाँ हर कोई गौरवान्वित महसूस है मेरी पोस्ट को यहाँ स्थान देने हेतु व् अन्य शानदार लिनक्स के लिए आभार
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंवाह-वाह वीरेन्द्र कुमार शर्मा जी उर्फ वीरू भाई!
जवाब देंहटाएंटिप्पणियों की बात करें तो आधे में रब और आधे में सब!
यानि कुल टिप्पणियों में आधी से ज्यादा तो आपने ही की हैं!
आपका और सभी पाठकों का आभार!
बीरू भाई की मदद, करता सदा स्पैम |
जवाब देंहटाएंडेंगू का वैकल्पिक इलाज़ अच्छा है अलबत्ता अंग्रेजी दवाओं में पैरासीतामोल (crocin) के अलावा और कुछ न दिया जाए ,पानी थोड़ी थोड़ी देर बाद घूँट घूँट कर पिलाते रहें .प्लेट लेट आपूर्ति में मदद मिलेगी .तरल
जवाब देंहटाएंबेहद फायदेमंद साबित होगा .बाकी wheat germ extarct aur pomegranate का ज़वाब नहीं .बहुत बढ़िया पोस्ट .
पैसे दे दो नहीं तो मैं मर जाऊँगा
डेंगू का उपचार । जनहित में जारी । आजकल डेंगू 1
बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है ।
जिससे कई लोगों की जान जा रही है ।
यह 1 ऐसा वायरल रोग है ।
जिसका मेडीकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है ।
परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है
और वो इतना सरल और सस्ता है कि उसे कोई भी कर सकता है ।
तीवृ ज्वर । सर में तेज़ दर्द । आँखों के पीछे दर्द होना ।
उल्टियाँ लगना । त्वचा का सुखना ।
तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना ।
डेंगू के कुछ लक्षण हैं । जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए ।
तो रोगी की मृत्यु भी सकती है…
waah bahut acchi prastuti ....dhanyavad nd aabhar ....
जवाब देंहटाएंआओ सखी मंगल चौक पुराओ ,
जवाब देंहटाएंमंगल गाओ ,करवा चौथ हृदय से मनाओ .
निभाव में ही निभाव है एक नाव के दो मांझी हैं ,
एक है आगे एक है पीछे ,मिलजुल गृहस्थी नैया खींचे .
बढ़िया बात लिखी है आपने .छोटी मोटी बात ,करिए नज़रंदाज़ .
(क)
हर पति-पत्नी को करवाचौथ की मंगलकामनाएं
Beautiful charcha..Thanks.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंचर्चामंच पर अथक परिश्रम से सार्थक सूत्र संकलन के लिये,बहुत२ बधाई शास्त्री जी ,,,,,
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को मंच में स्थान देने के लिये,,,,,शुक्रिया,,
रखना आगे ध्यान अब ,सुबह उठो बेशक पियो गुनगुना पानी ,साथ में चम्मच भरके त्रिफला चूर्ण ले लो सुबह सवेरे खाली पेट .मुख प्रक्षालक (माउथ फ्रेशनर )के रूप मेले लो भैया अलसी बीज (थोड़ा भूनों तवे पर
जवाब देंहटाएं,खाओ गुड शक्कर के साथ सुबह शाम खाने के बाद .
ब्लॉग छोड़ के घूमों घंटा बाहर .
रिपीट करो यह ब्लड लिपिड प्रोफाइल ,देखो कितनी खून घुली चर्बी मेरे भाई ,हलकी भारी चर्बी दोनों ,रहती खून में तारी ,ट्राईग्लीस-राइड इनमें सबसे खतरनाक हैं भाई .
रहो सलामत सुबहो शाम ,काम के बीच करो आराम .
रविकर तुझको करूँ प्रणाम ,कैंटन से कल है प्रस्थान ,मुंबई नगरी बने बसेरा .
वीरू भाई .
(क)
रविकर का : लिपिड ब्लड टेस्ट
* रिपोर्ट नार्मल *
* पानी पी पी कोसता, चले अढ़ाई कोस ।*
*खून हुआ पतला बहुत, बड़ा खून का जोश ।*
*बड़ा खून का जोश, तेल मालिस में आगे ।
* *मोटी चमड़ी होय, टेस्ट क्यूँ करे अभागे ।*
*लगा कलेजे आग, पड़े न दौरा जानी ।*
*सुबह सवेरे जाग, गुनगुना पी ले पानी ।।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब कहा है जो भी कहा है यारा .
एहसास तेरी नज़दीकियों का
एहसास तेरी नज़दीकियों का सबसे जुड़ा है यारा,
तेरा ये निश्छल प्रेम ही तो मेरा खुदा है यारा |
ज़ुल्फों के तले तेरे ही तो मेरा आसमां है यारा,
आलिंगन में ही तेरे अब तो मेरा जहां है यारा |
तेरे इन सुर्ख लबों पे मेरा मधु प्याला है यारा,
मेरे सीने में तेरे ही मिलन की ज्वाला है यारा |
समा जाऊँ तुझमे, मैं सर्प हूँ तू चन्दन है यारा,
तेरे सानिध्य के हर पल को मेरा वंदन है यारा |
आ जाओ करीब कि ये दूरी न अब गंवारा है यारा,
गिरफ्त में तेरी मादकता के ये मन हमारा है यारा,
समेट लूँ अंग-अंग की खुशबू ये इरादा है यारा,
नशा नस-नस में अब तो कुछ ज्यादा है यारा |
कर दूँ मदहोश तुझे, आ मेरी ये पुकार है यारा,
तने में लता-सा लिपट जाओ ये स्वीकार है यारा |
पास बुलाती मादक नैनों में अब डूब जाना है यारा,
खोकर तुझमे न फिर होश में अब आना है यारा |
एहसास तेरी नज़दीकियों का एक अभिन्न हिस्सा है यारा,
एहसास तेरी नज़दीकियों का अवर्णनीय किस्सा है यारा |
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सर्व व्यापी समझौते पर चौतरफा रोशनी डाली है आपने .झुकना भ्रष्ट होना भी अब समझौता बतलाया जाता है .बचाने की नीयत से नहीं हड़पने की नीयत से भी करतें हैं लोग समझौता अपने सिद्धांतों से .
जवाब देंहटाएं(ख)
करने पड़ते है समझौते
जीवन के हर एक मोड़ पर
अपने सब सिद्धांत छोड़ कर
चाहे हँसते, चाहे रोते
करने पड़ते है समझौते ...
काव्य का संसार
हास्य ज्यादा गंभीर बनाता है आदमी को ,हास्य में छिपी वेदना को पहचानने वाला मन चाहिए .अरे भई ! माना तुम्हारी अर्द्धांगनी हूँ ,पर आधा अंग ही
जवाब देंहटाएंनिचोड़ो पूरा क्यों निचोड़ते हो पति लंकेश्वर .
प्रियतम का प्यार - हास्य कविता ? - मेरे काफी दोस्त मुझसे शिकायत करते थे कि मैं हमेशा दर्द-रोना-मरना इसी के ऊपर क्यूँ लिखता हूँ…
होती होगी गजल कैसी भी ,हमें तो इसका इल्म नहीं ,
जवाब देंहटाएंअलबत्ता एक रवानी हो तो गजल होती है .
कभी कभार गजल एक तजुर्बा सा, सार ,भी होती है -
गर्दिशे ऐयाम तेरा शुक्रिया ,
हमने हर पहलु से दुनिया देख ली .
(2)
गिरतें हैं शह सवार ही ,मैदाने जंग में ,
वो तिफ्ल क्या जो ,घुटनों के बल चले .
(3)
मुश्किलें मुझ पर पड़ी इतनी के आसां हो गईं .
(4)
गैरों से कहा तुमने ,गैरों को सूना तुमने ,
कुछ हमसे कहा होता ,
कुछ हमसे सूना होता .
(5)
न कोई वक्त ,न उम्मीद ,न ,कोई वायदा ,
खड़े थे रहगुजर पर ,करना था तेरा इंतज़ार .
(6)
ये कहते ,वो कहते जो यार आता ,
भई !सब कहने की बातें हैं ,
कुछ भी न कहा जाता ,जब यार आता .
(7)
जाम को टकरा रहा हूँ ,जाम से खेलता हूँ ,गर्दिशे ऐयाम से ,
उनका गम ,उनका तसव्वुर ,उनकी याद ,
अरे !कट रही है ज़िन्दगी आराम से .
(8)
कुछ लोग इस तरह ,जिंदगानी के सफर में हैं ,
दिन रात चल रहें हैं ,मगर घर के घर में हैं .
अच्छी शव परीक्षा की है आपने गजल की .मुबारक डॉ .साहब .
अलबत्ता कविता तो पीड़ा से उपजी है -क्रोंच पक्षी के वध से आहत ऋषि बाल्मीकि के मुख से निकला श्लोक पहली कविता मानी जाती है।सुमित्रा नंदन पन्त के शब्दों में वाही भाव कुछ यूं है :
वियोगी होगा पहला कवि ,आह से निकला होगा ,गान ,
निकल कर अधरों से चुपचाप ,बही होगी ,कविता अनजान .
गजल एक भाव है सम्वाद है ,आशिकी का माशूक के साथ .एक बहर है संगीत की सुर ताल है .
उस बहुरिया के साथ जिसे सूफी संत ईश्वर कहतें हैं .
काव्यानुशासन, छन्दानुशासन और गज़ल.... डा श्याम गुप्त .. - बचपन में हम जो पिता, माता, गुरु कहते हैं वही करते हैं, वही कर पाते हैं नियम और अनुशासन का पालन करते हैं..
एक ब्लॉग सबका
आदरणीय शास्त्री जी आप सभी को करवा चौथ की हार्दिक शुभ कामनाएं ....जय श्री राधे ....बहुत ही मेहनत भरा कार्य मैराथन।।।। सुन्दर लिंक्स ..एक से बढ़ कर एक सभी मित्रों को .. रचना मै भी अभी ज़िंदा हूँ को रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए और आप सब से प्रोत्साहन मिला ख़ुशी हुयी आशा है सब कुशल मंगल ..न जाने दुष्टों की दुष्टता पर कभी लगाम लग पाएगी या नहीं ?
जवाब देंहटाएंभ्रमर 5
भ्रमर का दर्द और दर्पण
बहुत ही शानदार चर्चा
जवाब देंहटाएंकरवां चौथ स्पेसल कहा जा सकता है
पूरा मंच चाँद मय था
आदरणीय वीरू भाई की प्रतिक्रिया और विशलेषण जानदार गजब का अध्ययन- सारे ब्लॉग का-
संतुलित एवं विस्तृत व्याख्या गजब का है|
जिदगी भर सलामत रहो साजना
भारतीय नारी के संस्कारमय भावों को अभिव्यक्त करती सुन्दर रचना
आदरणीय श्री गुरु जी हार्दिक बधाई
एक चुटकी सिंदूर की कीमत बढ़िया प्रस्तुति
फैशन ने बदला करवा चौथ का तरीका बिलकुल सही बात है
आदरणीय रविकर जी की सदाबहार कुंडली ने लाख टके की बात कही है-गुनगुना पानी -
हार्दिक बधाई
बढ़िया चर्चा
Surendrashukla Bhramar
जवाब देंहटाएं11:51 pm (7 घंटे पहले)
मुझे
आदरणीय शास्त्री जी आप सभी को करवा चौथ की हार्दिक शुभ कामनाएं जय श्री
राधे रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए और आप सब से प्रोत्साहन
मिला ख़ुशी हुयी आशा है सब कुशल मंगल ..न जाने दुष्टों की दुष्टता पर कभी
लगाम लग पाएगी या नहीं ?
भ्रमर 5
आदरणीय रविकर जी आदरणीया अनु जी , सुषमा आहुति जी, सदा जी , रीना जी,
श्री प्रकाश जी, डॉ मोनिका जी, धीरेन्द्र जी , अनीता जी आप सभी का
हार्दिक अभिनन्दन और आभार आप सब से स्नेह मिला इस रचना पर मन खुश हुआ
काश हमारी जनता इस पर मनन करे तो आनंद और आये
आदरणीया सुमन 'मीत' जी बहुत बहुत आभार रचना पसंद करने और प्रोत्साहन देने के लिए
भ्रमर 5
सुन्दर सूत्रों का संकलन..
जवाब देंहटाएं