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शनिवार, नवंबर 17, 2012

पुस्तक से शुरु ……पुस्तक पर खत्म ………चर्चामंच

  दोस्तों

आप सबका स्वागत है ………आज की चर्चा पुस्तक से शुरु होकर पुस्तक पर ही खत्म होगी ………तो चलिये आज के सफ़र पर मेरे साथ मेरी नज़र से 

 

 

60 प्रतिशत की छूट.....देखा है कभी ऐसा ऑफर ?

बिल्कुल नहीं ………:)

   


लौट चलें बचपन की ओर, बच्चों की आवाजों में कुछ दुर्लभ रचनाओं संग

आ अब लौट चलें 


ब्लॉग पर की गई सभी टिप्पणियाँ एक जगह कैसे दिखाएँ ?

ये करामात भी आजमायें 


बेटी संज्ञा , बहू सर्वनाम !

और बेटा………विशेषण


सब्जी बेचने वाली

 अपने जलवे दिखा गयी


ठोकरों का मारा....यह दिल बेचारा !!!

 आखिर कब तक अपनी लाश ढोयेगा


संध्या सुहानी

कह गयी एक कहानी


देह के अनंत आकाश

सूक्ष्म से सूक्ष्मतर हो गये 


ख्यालों के रास्ते

चल एक ज़िन्दगी बुन लें 

आखिर कब तक कोई उधेडे और बुने स्वेटरों को ???

इसलिये बुनना ही छोड दीजिये


"मौसम नैनीताल का" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

दिल मे समा गया


"रिटायर हो रहा हूं"

ये तो होना ही था 




तुम कब आओगे !

विरह ने दी आवाज़ 


ज़हर

ऐसा भी ना दे कोई
कि होश साकी को ना रहे कोई


 मौन

मुखर हो गया 


कुछ ख़याल

बेसबब आते चले गये 



आपकी अपनी पत्रिका आपकी पसन्द के इंतज़ार में ……जिसमें आज के समय की हर विधा पर नज़र है तभी तो ये सामाजिक, राजनैतिक, साहित्यिक विचारों की संगमस्थली है ………और कुछ ज्यादा नहीं सिर्फ़ वार्षिक सदस्यता 100 रु तो एक प्रति 30 रु और सबसे बढकर इसमे से कुछ राशि गरीबों को कंबल बांटने मे वितरित की जायेगी तो इससे बढकर पुण्य का कार्य क्या होगा ………एक पंथ दो काज

https://www.facebook.com/Srijakhindi


चलिये दोस्तों ………अब अगले हफ़्ते फिर मिलेंगे इसी दिन इसी जगह ………तब तक के लिये आज्ञा


24 टिप्‍पणियां:

  1. मनभावन चर्चा ।
    आभार आदरेया ।।

    जवाब देंहटाएं
  2. आज की चर्चा जैसे खबरों के पोस्टमार्टम करते हैं उसी तरह की चर्चा | एक नया अंदाज लिए | बहुत बढ़िया | मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए धन्यवाद |

    अपने ब्लॉग पर टॉप टिप्पणीकार स्क्रिप्ट कैसे स्थापित करें ?

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर चर्चा पठनीय सूत्र बहुत बहुत बधाई वंदना जी

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर-सुंदर व पठनीय लिंक्स के साथ सारगर्भित चर्चा, बधाइयाँ !

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुन्दर और लिंकों पर सार्थक टिप्पणी युक्त सुगठित चर्चा...आभार वन्दना जी!

    जवाब देंहटाएं
  6. वन्दना जी, सुघड़ता लिए संक्षिप्त और सुंदर चर्चा...आभार !

    जवाब देंहटाएं
  7. 60 प्रतिशत की छूट.....देखा है कभी ऐसा ऑफर ?
    बिल्कुल नहीं ………:)

    सौ की पुस्तक आजकल, चालिस में मिल जाय |
    इससे बढ़िया क्या सखे, तीन तीन ले आय ||

    जवाब देंहटाएं
  8. "रिटायर हो रहा हूं"
    ये तो होना ही था

    बन्धु हमारे हो रहे, आज रिटायर यार |
    जीवन में सच में बही, सबसे भली बयार ||

    शुभकामनायें-
    स्वस्थ रहिये मस्त रहिये ||

    जवाब देंहटाएं
  9. ठोकरों का मारा....यह दिल बेचारा !!!
    आखिर कब तक अपनी लाश ढोयेगा

    आभार आदरणीय अशोक जी सलूजा -

    जब तक वो रब न मिले, रहे काम में व्यस्त |
    माटी को रखना सही, यादें रहें दुरुस्त ||

    जवाब देंहटाएं
  10. सुन्दर लिंक्स
    बढियां चर्चा मंच....
    आभार..
    :-)

    जवाब देंहटाएं
  11. चर्चा मंच पर चर्चा करने के लिए आपका स्वागत है। आपके चर्चा का अंदाज़ किसी पुराने चर्चा कार से कम भी नही है। इसी तरह लगन से चर्चा मंच सजाती रहें।


    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स
    इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड

    जवाब देंहटाएं
  12. "मौसम नैनीताल का" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
    दिल मे समा गया

    IMG_0657

    वाह गुरूजी मस्त हैं, घूमें नैनीताल ।
    यहाँ सर्दियों ने करी, सर्दी में हड़ताल ।।

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत ही सुंदर तरीके से सजाई गई चर्चा | सभी लिंक्स बेहतर |
    सृजक का इंतजार है |

    जवाब देंहटाएं
  14. नायब टिप्पणियों के साथ सजा आया है चर्चा मंच .बधाई वन्दना जी .

    जवाब देंहटाएं
  15. बेशर्मी तेरे हजार बनाम ,ईमानदारी का सिर्फ एक नाम .केजरीवाल का दुश्मान आज इसी लिए सारा ज़माना है .उन्हें प्रकाशजायस वाल बनाना चाहता है पक्ष विपक्ष वह ईमानदार राम इन्हीं दशाननों के भेंट चढ़ गया .समकालीन सन्दर्भों में बड़ी धारदार मारक कहानी है -राम का एक सिर जो कट गया .कटता है रोज़ हिन्दुस्तान में .

    तुलसी के पत्ते सूखे हैं और कैक्टस आज हरे हैं ,

    आज राम को भूख लगी है ,रावण के भंडार भरे हैं .

    जवाब देंहटाएं
  16. आप के चर्चा का यह अंदाज बहुत अच्छा लगा! बधाई हो !

    जवाब देंहटाएं

  17. सुधा अरोड़ा जी बेहद सशक्त कहानी लेकर आईं हैं .हाँ बहु का भी एक नाम है उसे सरनाम न बनाएं ,बेटी को बेटी ही रहने दे ना हक़ सिर पे न चढ़ाएं .उसे भी सुसराल तो जाना ही है न भूलें .एक बिरली

    सास की कहानी है जो मदर इंडिया बन जाती है बब्बर शेर के माँ नहीं .

    जवाब देंहटाएं
  18. लिंक्स अच्छे थे.मेरी रचना को शामिल करने हेतु,आभार.

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत सुन्दर प्रविष्टि वाह!

    इसे भी अवश्य देखें!

    चर्चामंच पर एक पोस्ट का लिंक देने से कुछ फ़िरकापरस्तों नें समस्त चर्चाकारों के ऊपर मूढमति और न जाने क्या क्या होने का आरोप लगाकर वह लिंक हटवा दिया तथा अतिनिम्न कोटि की टिप्पणियों से नवाज़ा आदरणीय ग़ाफ़िल जी को हम उस आलेख का लिंक तथा उन तथाकथित हिन्दूवादियों की टिप्पणयों यहां पोस्ट कर रहे हैं आप सभी से अपेक्षा है कि उस लिंक को भी पढ़ें जिस पर इन्होंने विवाद पैदा किया और इनकी प्रतिक्रियायें भी पढ़ें फिर अपनी ईमानदार प्रतिक्रिया दें कि कौन क्या है? सादर -रविकर

    राणा तू इसकी रक्षा कर // यह सिंहासन अभिमानी है

    जवाब देंहटाएं
  20. thnks a lot Vandana ji...to know more abt this magazine "Srijak"

    https://www.facebook.com/Srijakhindi

    जवाब देंहटाएं
  21. मोहित कोंगडे19 नवंबर 2012 को 9:59 pm बजे

    ** जय श्री राम ** कलजुग में राम का शीश ही कटता है, रावण जी महाशय तो ऐश करते हैं अप्सराओं के साथ

    रामचंद कह गए सिया से ऐसा कलजुग आयेगा
    हंस चुगेगा दाना तुनगा कौआ मोती खायेगा

    जवाब देंहटाएं

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