आज की मंगलवारीय चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते आप सब का दिन मंगल मय हो चर्चामंच सभी किस्म के फूलों का गुलदस्ता है इसकी खुशबू सभी को महकाए मेरी शुभ कामनाएँ
अब चलते हैं आपके प्यारे ब्लॉग्स पर
"अमर वीरंगना लक्ष्मीबाई के
155वें बलिदान-दिवस पर"
अमर वीरांगना झाँसी की महारानी लक्ष्मीबाई के
155वें बलिदान-दिवस पर उन्हें अपने श्रद्धासुमन समर्पित करते हुए
श्रीमती सुभद्राकुमारी चौहान की
यह अमर कविता सम्पूर्णरूप में प्रस्तुत कर रहा हूँ!
बूढ़े भारत में भी आई फिर से नई जवानी थी,
गुमी हुई आजादी की कीमत सबने पहचानी थी,
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,
चमक उठी सन् सत्तावन में वह तलवार पुरानी थी।
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी।
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी...
|
अवसान के बाद का मूल्यांकन !
संतोष त्रिवेदी at बैसवारी baiswari - _______________________________________________
प्रेमान्ध परिजन : संकट भी और सम्पत्ति भी
noreply@blogger.com (विष्णु बैरागी) at एकोऽहम्
_______________________________________________
पहचान
Meeta Pant at ख्वाब बंजारे
_______________________________________________
लेंड-क्रूजर का पहिया
Mukesh Kumar Sinha at जिंदगी की राहें -
_______________________________________________
ख्यालों
की भीड़ में
!!!
_______________________________________________
"कन्यादान"
............एक सामाजिक कुरीति
वन्दना at ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र -
_______________________________________________
सुना है तुमको
सब से है
मुहब्बत - नवीन
NAVIN C. CHATURVEDI at ठाले बैठे -
_______________________________________________
डॉक्टरों का अनैति
क
चरित्र
ZEAL at ZEAL
_______________________________________________
एक पुकार
सदा आती है
Anita at डायरी के पन्नों से -
_______________________________________________
बासी दीपावली को लेकर काफी बातें हुईं हैं । हमारे मालवांचल
में बासी दीपावली और बासी ईद दोनों मनाई जाती हैं । तो
आइये मुस्तफा माहिर तथा तिलक राज जी के साथ मनाते हैं
बासी दीपावली ।
___________________________________________
Keith Whitley - Between An Old Memory
And Me
______________________________________________________________________
जब जलने लगे सूरज मेरी खिड़की पर
swati at swati
_________________________________________________
फिर-फिर प्यार तुम्हीं से....
Pratibha Katiyar at प्रतिभा की दुनिया ..
_______________________________________________________________________
हिन्दी फ़िल्मों में मानसिक रोग और मानसिक विकलाँगता
sunil deepak at जो न कह सके -
_________________________________________________
प्रेम और जुदाई (दूसरी किश्त)
expression at my dreams 'n' expressions.....याने मेरे दिल
_________________________________________________
noreply@blogger.com (पुरुषोत्तम पाण्डेय) at जाले -
_________________________________________________
हिन्दू पाकिस्तान में, झेल रहे हैं दंश -रविकर
__________________________________________
यथार्थ के धरातल
...
udaya veer singh at उन्नयन (UNNAYANA) -
__________________________________________
Hotel- Candy Rajputana and Ummed Bhawan
होटल कैन्डी राजपूताना व उम्मेद भवन
__________________________________________
_
क्या है हमारे दरमियाँ?
Mridula Harshvardhan at अभिव्यक्ति -
_____________________________________________
युग पुरुषों को भी जाना पड़ता
Hemant Kumar Dubey at काव्य-धारा: जीवन मेरी कविताओं के जरिये (Poetry Stream - Life through my poems) -
__________________________________________
पानी में तैरते स्कूल
Atul Shrivastava at सत्यमेव जयते ! ...
__________________________________________
अनुरोध
__________________________________________
टीवी न्यूज : निकालते रहो टमाटर से हनुमान !
__________________________________________
हम वर्तमान में कब जीते हैं?
shalini at मेरी कलम मेरे जज़्बात -
___________________________________________
अंत में मिलिये शास्त्री जी के साथ
एक अच्छे इंसान से उनके ब्लॉग मंच पर "राजनेता से बढ़कर एक अच्छा इन्सान"
___________________________
बस आज की चर्चा यहीं समाप्त करती हूँ अगले मंगल वार फिर मिलूंगी कुछ नए सूत्रों के साथ तब तक के लिए शुभ विदा बाय बाय
**********************************************************************
सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंछठपूजा की शुभकामनाएँ!
सुंदर लिंक्स मोहक चर्चा,,
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा सजायी है । आभार आपका इन सुंदर लिंक्स को छांटकर लाने के लिये
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स्
जवाब देंहटाएंrajesh ji
जवाब देंहटाएंcharcha manch par meri rachna ko sthan dene ke liye hardik dhnyvaad .... sundar link sanyojan...bas abhi kuchh aur baaki rahte hain...
बहुत ही अच्छे लिंक्स का संयोजन किया है आपने ... आभार
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक्स
जवाब देंहटाएंबढिया लिंक्स
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान देने के लिए आभार
आभार आपका !
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारे लिंक्स दिये हैं राजेश जी....
जवाब देंहटाएंहमारे लिंक्स को शामिल करने का शुक्रिया...
सादर
अनु
राजेश जी, सचमुच भावों की खुशबू से महकते हुए लिंक्स..आभार!
जवाब देंहटाएंक्या है हमारे दरमियाँ?
जवाब देंहटाएंक्या है हमारे दर मियाँ ??
भाईचारा प्यार विछोह
मिलेंगे लिंक सुघड़ मियाँ ।
फिरका परस्ती से दूर
रचनाएं हैं सुन्दर मियां ।
स्वास्थ्य शिक्षा मसले कई
हैं तालियाँ नहिं गालियाँ ।।
आकर बाचो तो सही-
फड़केंगी शिराएँ -धमनियाँ ।।
बहुत बढ़िया आदरेया दीदी राजेश ।।
टीवी न्यूज : निकालते रहो टमाटर से हनुमान !
जवाब देंहटाएंमहेन्द्र श्रीवास्तव
TV स्टेशन ...
अन्धा व्यवसायीकरण, हंगामे का दौर |
दुनिया जाये भाड़ में, सिर्फ कमाई गौर |
सिर्फ कमाई गौर, मूल्य का हो अवमूल्यन |
पत्रकारिता पीत, दीखता है हल्का पन |
रविकर का अनुरोध, बना मत इसको धंधा |
लगे वेश्या-वृत्ति, रास्ता आगे अंधा ||
अवसान के बाद का मूल्यांकन !
जवाब देंहटाएंसंतोष त्रिवेदी
बैसवारी baiswari
कुछ कहना नहीं चाहता था इस विषय पर-
पर मित्र के लेख ने मनोभावों को प्रकट करने का मौका दिया -आभार वैसवारी ||
जहाँ मराठी अस्मिता, मारी हिंदु हजार |
हिंदु-हृदय सम्राट पर, कौन करे एतबार |
कौन करे एतबार, कई उत्तर के वासी |
होते वहाँ शिकार, होय हमला वध फांसी |
दोहन भय का दिखा, नहीं है कोई शंका |
कृष्णा उद्धव राज, खौफ का बाजे डंका ||
ख्यालों की भीड़ में !!!
जवाब देंहटाएंसदा
SADA
समझौते की जिंदगी, अस्त व्यस्त शत-ख्याल |
इक अलबेला ख्याल ले, चलती आज सँभाल ||
जवाब देंहटाएंक्योंकि तू सच बोलता है.
(पुरुषोत्तम पाण्डेय)
जाले
चाक चला जिभ्या चली, हो मुखिया की मौत |
बेटा मुखिया बनेगा, पोता फिर पर पौत |
पोता फिर पर पौत, रीति है बनी यहाँ की |
तू बैठा मत सोच, लगाता बुद्धि कहाँ की |
चले उन्हीं का जोर, हाथ में लाठी जिनके |
सत्य तुम्हारा व्यर्थ, दिया रख अपने गिनके ||
एक सुन्दर प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रही आज की चर्चा | बहुत सारे पठनीय सूत्र |
जवाब देंहटाएंआभार |
bahut achchhi charcha .aapki mehnat ko salam .
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंबेह्तरीन अभिव्यक्ति .
आप सभी का बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा राजेश कुमारी जी! आभार
जवाब देंहटाएंराजेश कुमारी जी, मेरे आलेख को चर्चा मँच पर स्थान देने के लिए बहुत धन्यवाद :)
जवाब देंहटाएं