हैं फॉलोवर ढेर, चेत हे ब्लॉगर नामी-
कामी क्रोधी लालची, पाये बाह्य उपाय ।
उद्दीपक का तेज नित, इधर उधर भटकाय ।
इधर उधर भटकाय, कुकर्मों में फंस जाता ।
अहंकार का दोष, मगर अंतर से आता।
हैं फॉलोवर ढेर, चेत हे ब्लॉगर नामी ।
पद मद में हो चूर, बने नहिं क्रोधी कामी ।।
|
आकाश दीप
देवेन्द्र पाण्डेय
1-B
|
3"करवाचौथ के अवसर पर" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
चन्द्रमा की कला की तरह तुम बढ़ो,
उन्नति की सदा सीढ़ियाँ तुम चढ़ो,
आपकी सहचरी की यही कामना।
ज़िन्दगी भर सलामत रहो साजना।।
|
5क्या हो अगर केला खाकर ही भरना पड़े पेट - 1
Kumar Radharaman
|
6मजेदार त्योंहार ...हेलोवीन
Chaitanya Sharma
|
7कैसे पैदा होते हैं चक्रवात ?
Virendra Kumar Sharma
|
8
जागो रे ....!!!
Sriprakash Dimri
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9-Aback water tour,बैक वाटर टूर
Manu Tyagi
9-B
चन्डी देवी, अन्जना देवी, नीलकंठ महादेव, ऋषिकेश, भ्रमण Chandi devi, Anjana devi, Neelkanth Mahadev,
संदीप पवाँर (Jatdevta)
|
10-A
अल्पकालीन विराम
Rakesh Kumar
10-B
(पुरुषोत्तम पाण्डेय)
|
16न्याय, व्यवस्था, कार्य, मीडिया कार्य बिगाड़ा-
रविकर
कान्ता कर करवा करे, सालो-भर करवाल-
(शुभकामनाएं)
कर करवल करवा सजा, कर सोलह श्रृंगार |
माँ-गौरी आशीष दे, सदा बढ़े शुभ प्यार ||
|
17-Aएक चुटकी- लोकतंत्र की सैर !
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
अंधड़ ! -
17-Bएक चुटकी- लोकतंत्र की सैर !पी.सी.गोदियाल "परचेत"
दिल्ली में धन-पेड़ है, चिकना सीध सपाट ।
चढ़ते हैं उद्योगपति, जोहें रक्षक बाट ।
जोहें रक्षक बाट, चार ठो चोर-किंवाड़ा ।
न्याय, व्यवस्था, कार्य, मीडिया कार्य बिगाड़ा ।
लूटे मक्खन ढेर, किन्तु बँटवाती बिल्ली ।
साईं सबका भला, दूर पर अपनी दिल्ली ।। |
18शब्दों के रिश्ते हैं शब्दों से ....
सदा
शत्रु-शस्त्र से सौ गुना, संहारक परिमाण ।
शब्द-वाण विष से बुझे, मित्र हरे झट प्राण ।।
|
19एक मच्छर साला आदमी को ......? ? .........>>>संजय कुमार
संजय कुमार चौरसिया
जना जड़ैया ज्वर जबर, जनौ जान जकड़ाय |
मलेरिया मच्छर मुआ, देकर मरता जाय |
देकर मरता जाय, कहीं डेंगू ना होवे |
हिजड़ा गर हो जाय, भला बीबी क्यूँ रोवे |
पॉलिटिक्स में आय, खरीदूं बड़ी मड़ैया |
पट्टा लूँ करवाय, बड़ी कीमत है भैया ||
|
Politics To Fashion
अस्वाभाविक ग्रोथ का, सीधा सरल निचोड़ | आम जनों के रक्त से, करते जमा करोड़ | करते जमा करोड़, जुगाड़ी जुगल जोड़ियाँ | करें अशर्फी जमा, बड़ी दमदार कौडियाँ | मूत रहे ये आग, बड़ा साम्राज्य खडा है | हाड़ मांस की नींव, आदमी दबा पड़ा है || |
बहुत अच्छे लिनक्स लिए चर्चा ...चैतन्य को शामिल करने का आभार
जवाब देंहटाएंजैसी करनी ,वैसी भरनी .ये कोबरा वृत्ति ब्लॉग जगत के कई नाम चीन /कुख्यात लोगों को घेरे है .यहाँ वही दीर्घ जीवी होगा जो सर्वसमावेशी है ,सर्वशक्ति मान की उत्तर जीविता /दीर्घ जीविता का डार्विनवाद यहाँ
जवाब देंहटाएंजल्दी ही पानी भरेगा
हैं फॉलोवर ढेर, चेत हे ब्लॉगर नामी-
कामी क्रोधी लालची, पाये बाह्य उपाय ।
उद्दीपक का तेज नित, इधर उधर भटकाय ।
इधर उधर भटकाय, कुकर्मों में फंस जाता ।
अहंकार का दोष, मगर अंतर से आता।
हैं फॉलोवर ढेर, चेत हे ब्लॉगर नामी ।
पद मद में हो चूर, बने नहिं क्रोधी कामी ।।
सुन्दर सतरंगी चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ समेट लिया आज तो!
आभार रविकर जी!
शब्दों के रिश्ते हैं
जवाब देंहटाएंशब्दों से
कोई चलता है उँगली पकड़कर
साथ - साथ
कोई मुँह पे उँगली रख देता है
कोई चंचल है इतना
झट से जुबां पर आ जाता है
कोई मन ही मन कुलबुलाता है
किसी शब्द को देखो कैसे खिलखिलाता है
....
दर्द के साये में शब्दों को
आंसू बहाते देखा है
शब्दों की नमी
इनकी कमी
गुमसुम भी शब्दों की दुनिया होती है
कुछ अटके हैं ... कुछ राह भटके हैं
कितने भावो को समेटे ये
मेरे मन के आंगन में
अपना अस्तित्व तलाशते
सिसकते भी हैं
....
जब भी मैं उदासियों से बात करती हूँ,
जाने कितनी खुशियों को
हताश करती हूँ
नन्हीं सी खुशी जब मारती है किलकारी,
मन झूम जाता है उसके इस
चहकते भाव पर
फिर मैं शब्दों की उँगली थाम
चलती हूँ हर हताश पल को
एक नई दिशा देने
कुछ शब्द साहस की पगडंडियों पर
दौड़ते हैं मेरे साथ-साथ
कुछ मुझसे बातें करते हैं
कुछ शिकायत करते हैं उदास मन की
कुछ गिला करते हैं औरों के बुरे बर्ताव का
मैं सबको बस धैर्य की गली में भेज
मन का दरवाजा बंद कर देती हूँ !!!
sada, सदा पर 10:36:00 am
सम्प्रेषण में बे -मिसाल रचना ,शब्दों की जादूगरी को छकाती ,भाव को पगाती चाशनी में भावों की .बधाई .
रहिमन चुप हो बैठिये ,देख दिनन के फेर ,
जवाब देंहटाएंजब नीके दिन आईहैं बनत न लगिहैं देर .
सकारात्मक जीवन दर्शन की उत्कृष्ट रचना ,अवसाद के मनो -तत्वों का खुलासा करती .हाँ अवसाद सेल्फ डिनायल ही है ,खुद को नकारा समझना ,बहिष्कृत करना है खुद से ही .
21
पहले मुर्गी या फिर अंडा ?
आस्तिक बनाम नास्तिक ..
ZEAL
बृहस्पतिवार, नवम्बर 01, 2012
जवाब देंहटाएं'भूख के एहसास' पर ग़ाफ़िल ग़ज़ल क्यूँकर लिखे?
पालकी में लाश ढोना उसकी आदत ही नहीं .
बहुत खूब कहा है .तंज ही तंज .
आज सबसे बड़ी प्रसन्नता की बात यह है कि भाई वीरेन्द्र कुमार शर्मा (वीरू भाई) की टिप्पणियाँ ब्लॉगर ने स्पैंम नहीं की हैं।
जवाब देंहटाएंनमस्ते...करवाचौथ की शुभकामनाएँ...!
हटाएंशास्त्री जी आपको आपके विस्तारित परिवार को चर्चा मंच को ये शुभ दिन मुबारक ..
शब्दों के रिश्ते हैं
जवाब देंहटाएंशब्दों से
कोई चलता है उँगली पकड़कर
साथ - साथ
कोई मुँह पे उँगली रख देता है
कोई चंचल है इतना
झट से जुबां पर आ जाता है
कोई मन ही मन कुलबुलाता है
किसी शब्द को देखो कैसे खिलखिलाता है
....
दर्द के साये में शब्दों को
आंसू बहाते देखा है
शब्दों की नमी
इनकी कमी
गुमसुम भी शब्दों की दुनिया होती है
कुछ अटके हैं ... कुछ राह भटके हैं
कितने भावो को समेटे ये
मेरे मन के आंगन में
अपना अस्तित्व तलाशते
सिसकते भी हैं
....
जब भी मैं उदासियों से बात करती हूँ,
जाने कितनी खुशियों को
हताश करती हूँ
नन्हीं सी खुशी जब मारती है किलकारी,
मन झूम जाता है उसके इस
चहकते भाव पर
फिर मैं शब्दों की उँगली थाम
चलती हूँ हर हताश पल को
एक नई दिशा देने
कुछ शब्द साहस की पगडंडियों पर
दौड़ते हैं मेरे साथ-साथ
कुछ मुझसे बातें करते हैं
कुछ शिकायत करते हैं उदास मन की
कुछ गिला करते हैं औरों के बुरे बर्ताव का
मैं सबको बस धैर्य की गली में भेज
मन का दरवाजा बंद कर देती हूँ !!!
sada, सदा पर 10:36:00 am
सम्प्रेषण में बे -मिसाल रचना ,शब्दों की जादूगरी को छकाती ,भाव को पगाती चाशनी में भावों की .बधाई .
रहिमन चुप हो बैठिये ,देख दिनन के फेर ,
जब नीके दिन आईहैं बनत न लगिहैं देर .
सकारात्मक जीवन दर्शन की उत्कृष्ट रचना ,अवसाद के मनो -तत्वों का खुलासा करती .हाँ अवसाद सेल्फ डिनायल ही है ,खुद को नकारा समझना ,बहिष्कृत करना है खुद से ही .
बृहस्पतिवार, नवम्बर 01, 2012
'भूख के एहसास' पर ग़ाफ़िल ग़ज़ल क्यूँकर लिखे?
पालकी में लाश ढोना उसकी आदत ही नहीं .
बहुत खूब कहा है .तंज ही तंज .
Arvind Kejriwal Expose 23 Facts Reliance
Gas Price Congress BJP Nexus
SM
Politics To Fashion
अस्वाभाविक ग्रोथ का, सीधा सरल निचोड़ |
आम जनों के रक्त से, करते जमा करोड़ |
करते जमा करोड़, जुगाड़ी जुगल जोड़ियाँ |
करें अशर्फी जमा, बड़ी दमदार कौडियाँ |
मूत रहे ये आग, बड़ा साम्राज्य खडा है |
हाड़ मांस की नींव, आदमी दबा पड़ा है ||
बढ़िया सेतु उससे बढ़के काव्यात्मक टिप्पणियाँ ,कुंडलियाँ ही कुंडलिया
चुन तो लो .बधाई .
Arvind Kejriwal Expose 23 Facts Reliance
जवाब देंहटाएंGas Price Congress BJP Nexus
SM
Politics To Fashion
अस्वाभाविक ग्रोथ का, सीधा सरल निचोड़ |
आम जनों के रक्त से, करते जमा करोड़ |
करते जमा करोड़, जुगाड़ी जुगल जोड़ियाँ |
करें अशर्फी जमा, बड़ी दमदार कौडियाँ |
मूत रहे ये आग, बड़ा साम्राज्य खडा है |
हाड़ मांस की नींव, आदमी दबा पड़ा है ||
बढ़िया सेतु उससे बढ़के काव्यात्मक टिप्पणियाँ ,कुंडलियाँ ही कुंडलिया
चुन तो लो .बधाई .
जवाब देंहटाएंtric -o -treat डरके भाग खड़े होवो या फिर ट्रीट दो .हाँ कल रात हमने भी
बच्चों को खूब कैंडी बांटी अमरीकी गैर अमरीकी सभी बच्चे मुखोटे लगाए
बहरूपिए बन आये -हैपी हालोवीन .
हैलोवीन मुबारक चैतन्य भाई .गॉड ब्लेस यु .
जवाब देंहटाएंकेले के बारे में व्यापक जानकारी लिए बेहद उपयोगी लेख .बधाई
राधारमन जी .
आपको और आपके परिवार को करवा चौथ मुबारक .मुख चिठ्ठे(फेस बुक ) को करवा चौथ मुबारक .चर्चा मंच को करवा चौथ मुबारक .
जवाब देंहटाएंअब तो भैया पचरंगा अचार ही रह गया है .गंगा के धौरे रहवे वारो को कैंसर समूह के रोग हो रहे हैं .बहुत ही नयनाभिराम दृश्य रचा है आपके कैमरे ने .और ये पीली रोशनियाँ भैया सोडियम लैम्प्वा की हैं मरकरी की
जवाब देंहटाएंरोशनी तेज़ दूधिया होती है .बधाई इस खूब सूरती को घाटों की आप रोज़ पीतें हैं .कोई पंद्रह राज्य अमरीका के घूम लिए 16 -17 भारत के बनारस देखा जाना बाकी है .कबीर चौरा और काशी करवट देखनी है भांग की
कचौड़ी खानी है और जलेबी ,दूध कड़ाही का .सब्जी आलू की .
अब तो भैया पचरंगा अचार ही रह गया है .गंगा के धौरे रहवे वारो को कैंसर समूह के रोग हो रहे हैं .बहुत ही नयनाभिराम दृश्य रचा है आपके कैमरे ने .और ये पीली रोशनियाँ भैया सोडियम लैम्प्वा की हैं मरकरी की
जवाब देंहटाएंरोशनी तेज़ दूधिया होती है .बधाई इस खूब सूरती को घाटों की आप रोज़ पीतें हैं .कोई पंद्रह राज्य अमरीका के घूम लिए 16 -17 भारत के बनारस देखा जाना बाकी है .कबीर चौरा और काशी करवट देखनी है भांग की
कचौड़ी खानी है और जलेबी ,दूध कड़ाही का .सब्जी आलू की .
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान और राजन मिश्र ,साजन मिश्र जी का घर देखना है .संगीत का यह गढ़ ,ठुमरी और कजरी कथ्थक का घराना देखना है .
देवेन्द्र पांडे जी आकाश दीप से आपने जय शंकर प्रसाद जी की कहना आकाश दीप की याद दिलवादी .कामायनी भी पीछे पीछे चली आई .
जवाब देंहटाएंसुकुमार भावनाओं दाम्पत्य प्रेम से संसिक्त रचना .तथास्तु .
1-B
करवाचौथ और पति पत्नी का रिश्ता
Madan Mohan Saxena
काब्य संसार
प्रबल प्रेम की साइक्लोनिक अभिव्यक्ति .
जवाब देंहटाएंप्रबल प्रेम की साइक्लोनिक अभिव्यक्ति .
जवाब देंहटाएं10-B
वफ़ा
(पुरुषोत्तम पाण्डेय)
जाले
इस पर एक टिप्पणी पोस्ट करें: ! नूतन !
जवाब देंहटाएं"नादानों मैं हूँ ' भगत सिंह '- बस इतना कहने आया था !!!"
i"आज़ादी की खातिर हँसकर फाँसी को गले लगाया था ,हिन्दुस्तानी होने का बस अपना फ़र्ज़ निभाया ...था......"
आतंकियों के नाम पे रखेंगे ये चौराहों के नाम ,पाकिस्तान में बनेगा ओसामा चौक .इन्हें क्या पता शहीद
कैसे होतें हैं ?
जवाब देंहटाएंबढ़िया तंज है परचेत साहब .आपको प्यार छुपाने की बुरी आदत है ,और हमें प्यार जताने की बुरी आदत है ......आप अपनी वृत्ति में रहो केकड़े की तरह हम अपनी में रहते हैं .सपेरा बनके .
बढ़िया तंज है परचेत साहब .आपको प्यार छुपाने की बुरी आदत है ,और हमें प्यार जताने की बुरी आदत है ......आप अपनी वृत्ति में रहो केकड़े की तरह हम अपनी में रहते हैं .सपेरा बनके .आओ दामादों के मार्फ़त ही सही दोस्ती का नाता जोड़ें .
जवाब देंहटाएं17-B
एक चुटकी- लोकतंत्र की सैर !
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
अंधड़ !
दिल्ली में धन-पेड़ है, चिकना सीध सपाट ।
चढ़ते हैं उद्योगपति, जोहें रक्षक बाट ।
जोहें रक्षक बाट, चार ठो चोर-किंवाड़ा ।
न्याय, व्यवस्था, कार्य, मीडिया कार्य बिगाड़ा ।
लूटे मक्खन ढेर, किन्तु बँटवाती बिल्ली ।
साईं सबका भला, दूर पर अपनी दिल्ली ।।
जवाब देंहटाएंरचना एक विरोध को लेकर प्रेमके छीजने को लेकर आगे बढती है और आखिर में प्रेम में ही विलीन हो जाती है .यही हमारे वक्त का साज़ है -ना ना करते प्यार तुम्ही से कर गई ,कर गई ,कर गई
15
मेहंदी लगे हाथ
वन्दना
ज़ख्म…जो फूलों ने दिये
जवाब देंहटाएंबृहस्पतिवार, 1 नवम्बर 2012
"करवाचौथ के अवसर पर" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
करवाचौथ के अवसर पर
आज एक पुरानी रचना!
कर रही हूँ प्रभू से यही प्रार्थना।
ज़िन्दगी भर सलामत रहो साजना।।
चन्द्रमा की कला की तरह तुम बढ़ो,
उन्नति की सदा सीढ़ियाँ तुम चढ़ो,
आपकी सहचरी की यही कामना।
ज़िन्दगी भर सलामत रहो साजना।।
आभा-शोभा तुम्हारी दमकती रहे,
मेरे माथे पे बिन्दिया चमकती रहे,
मुझपे रखना पिया प्यार की भावना।
ज़िन्दगी भर सलामत रहो साजना।।
तीर्थ और व्रत सभी हैं तुम्हारे लिए,
चाँद-करवा का पूजन तुम्हारे लिए,
मेरे प्रियतम तुम्ही मेरी आराधना।
ज़िन्दगी भर सलामत रहो साजना।।
मुखर दाम्पत्य प्रेम की काव्यात्मक अभिव्यक्ति .
आपका आभार वीरू भाई!
जवाब देंहटाएंकृपादृष्टि बनाए रखना।
आपको भी शुभकानाएँ!
Virendra Kumar Sharma
जवाब देंहटाएं8:13 am (3 मिनट पहले)
मुझे
Virendra Kumar Sharma has left a new comment on your post "अहंकार का दोष, मगर अंतर से आता- चर्चा मंच 1051":
शास्त्री जी आपको आपके विस्तारित परिवार को चर्चा मंच को ये शुभ दिन मुबारक ..
Posted by Virendra Kumar Sharma to चर्चामंच at November 2, 2012 8:13 AM
खड़ी एक बाला ,लिए हाथ भाला ,
जवाब देंहटाएंअधरों से लगाए चाय का प्याला .
(2)
सात्विक नशा है चाय ,
मेल मिलाप है चाय ,
बिगड़े काम बनाय चाय ,
बैठक भी करवाए चाय ,
सुबह सुबह मन भाए चाय ,
बंद आँख खुलवाय चाय ,
चाय ,तेरे बन रहा न जाय ,
चाय मसाला भूख बढ़ाय ,
सर्दी झटपट दूर भगाए ,
बिगड़े काम सभी करवाय .
एक चाय कड़वी (शराब )हो जाय .
विविध रूपा चाय पर बढ़िया रचना है आपकी .
13
एक चाय का कप !
Mukesh Kumar Sinha
बढिया चर्चामंच की प्रस्तुति , मेरी यात्रा को शामिल करने के लिये रविकर जी का आभार
जवाब देंहटाएंचर्चा बहुत बढ़िया सजी है रविकर साहब !
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चामंच की प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंश्रम से सहेजे रोचक और पठनीय सूत्र..
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह शानदार प्रस्तुति. आभार रविकर जी!!
जवाब देंहटाएंbahut sundar charcha hai . kafi pathaniy link mile...badhai
जवाब देंहटाएंपठनीय सूत्रों से सजा चर्चामंच...हाइगा शामिल करने के लिए आभार!!
जवाब देंहटाएंआदरणीय रविकर सर बेहद सुन्दर लिंक्स संयोजन...
जवाब देंहटाएंकरवा चौथ की धूम रही। मैं भी शरीक होकर प्रसन्न हुआ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर वार्ता ..
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर कड़ियों का संयोजन ....रविकर जी मेरे स्वरों को स्थान प्रदान करने के लिए हार्दिक आभार एवं अभिनन्दन !!
जवाब देंहटाएंसुन्दर सजा है चर्चामंच ………करवा चौथ की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंbahut achchhe links sanjoyen hain aapne .aapki mehnat ko naman .meri post ko yahan sthan dene hetu aabhar
जवाब देंहटाएंछत्तीसगढ़ का जन्मदिन, मुझे पता ही नहीं था| इस मौके पर पढ़िए छत्तीसगढ़ की कुछ लोक कथाएँ
जवाब देंहटाएंअंदाज ही जुदा है
जवाब देंहटाएंरविकर का चर्चा को
संयोजित करने का !!
बहुत सुंदर !
बड़ी मेहनत से सजाये गए सूत्र संयोजन के लिये रविकर बधाई,,,,
जवाब देंहटाएंसभी ब्लॉगर परिवार को करवाचौथ की बहुत बहुत शुभकामनाएं,,,,,
RECENT POST : समय की पुकार है,
बेहद सुन्दर लिंक्स संयोजन के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत चर्चा बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिनक्स लिए चर्चा आपकी प्रस्तुति सराहनीय हैं आभार
जवाब देंहटाएं