भारतीय ज्ञान और सम्पदा की चोरी ZEAL ZEAL कहती है कटु-सत्य नित, बुरा भला बिलगाय | ऐसी ही यह डाक्टर, बनता लौह सुभाय | बनता लौह सुभाय, चलाये बरछी भाला | देती झट से फाड़, कलेजा काटे काला | करे तार्किक बात, विषय की आत्मा गहती | देती हटकु परोस, बात दिल से है कहती ||
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वाह...!
ReplyDeleteव्यष्टि में समष्टि!
बहुत अच्छे लिंकों का समावेश है आज की चर्चा में!
आभार!
बहुरंगी लिंक्स हैं आज इतने व्यवधान के होते हुए |
ReplyDeleteआशा
सुंदर लिंक्स .....सार्थक चर्चा ....
ReplyDeleteसंक्षिप्त पर दमदार चर्चा..
ReplyDeleteसुन्दर सार्थक चर्चा बहुत बहुत बधाई दिलबाग जी
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ..आभार
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति |
ReplyDeleteभाई दिलबाग जी-
शुभकामनायें ||
भारतीय ज्ञान और सम्पदा की चोरी
ReplyDeleteZEAL
ZEAL
कहती है कटु-सत्य नित, बुरा भला बिलगाय |
ऐसी ही यह डाक्टर, बनता लौह सुभाय |
बनता लौह सुभाय, चलाये बरछी भाला |
देती झट से फाड़, कलेजा काटे काला |
करे तार्किक बात, विषय की आत्मा गहती |
देती हटकु परोस, बात दिल से है कहती ||
ReplyDeleteब्रजघाट से हल्द्धानी वाया मुरादाबाद ,रामपुर ,रूद्रपुर
MANU PRAKASH TYAGI
yatra (यात्रा ) मुसाफिर हूं ..............
केले खा कर चल रहे, दिया कैमरा त्यागि ।
फिर भी फोटो जो दिखे, मनु को चंगे लागि ।।
जन -नानक
ReplyDeleteudaya veer singh
उन्नयन (UNNAYANA)
सादर नमन रविकर करे, होवे प्रकाशित आत्मा |
विश्व से अघ-तम मिटे, शैतान का हो खात्मा ||
बढ़िया लिंक्स का समावेश । सुन्दर चर्चा ।
ReplyDelete@बाबा नानक आता है
ReplyDeleteकृपया ठीक कीजिए = बाबा नानक "आते हैं"
AAdarniy mul rachna se li gai hai yah heading
Deletesardaar udayvir ji ki rachna -
जन -नानक
आदि गुरु ! गुरु नानक देव जी के पावन प्रकाशोत्सवकी
पूर्व संध्या पर समस्त मानव जाति को लख -लख
बधाईयाँ , प्यार ।
जगमग व्योम धरा का
आँचल,अँधेरा मिट जाता है
खोल कपाट तोड़ कर वन्धन
बाबा नानक आता है -
अमृत वाणी , अमृत धारा
अमृत कलश संजो करके
वसुधा भींगे प्रेम की वर्षा ,
प्रिय प्रीतम की हो करके -
ध्रुर की वाणी, कंठ पधारी ,
मरदाना रबाब बजता है -
रीठा मीठा हो जाता
चक्की भी ,आपे चलती है ,
नित लंगर चलता रहता है ,
गोदाम सलामत रहती है -
सच्चा सौदा दरवेशों संग
सौदाई कर जाता है -
किसकी रोटी, खून भरी है ,
किसकी रोटी दूध भरी -
किसका जीवन पावन है,
किसका है, विष की गठरी -
ले करके अपने हाथों में
बाबा नानक दिखलाता है-
पथ ,पाखंड , अहंकार का
तोडा अपने हाथों से,
मिथ्या,ढोंग ,भ्रम व वन्धन
बिलट गए संघातों से-
चानड़ होता मानस है जब
प्रकाश ज्ञान का पाता है -
कर्म-कांड ,जंजाल ,जनेऊ ,
उंच -नीच ,शुभ अपयश का ,
मानुष की सब जाति एक
एक मालिक सब बन्दों का -
इश्वर एक वारिश हम उसके ,
सूत्र वाक्य दे जाता है -
हिल उठती हैं सरकारें ,
निर्बल को छलने वाले ,
तौहीद की आवाज उठाई,
छंट गए बादल काले -
पीर परायी ,सुख साँझा
जन - सन्देश सुनाता है -
इश्वर एक अनेक नाम
मत बांध दिशा व कालों में
न जन्मा न मृत्यु वरन है
न रूप - रंग के थालों में -
प्यार की सरिता अमृत वाणी
जन - जन को दे जाता है -
उदय वीर सिंह
UDAYA-SHIKHAR (उदय -शिखर)
बहुत ही अच्छे लिंक्स ... उम्दा प्रस्तुति
ReplyDeleteजल्दी जल्दी में भी इतनी सुदर चर्चा सजाने के लिए मेरी तरफ से बधाई और मुबारक बाद कबूल कीजिये।
ReplyDeleteमोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड
बहुत प्यारे लिंक्स संजोये हैं। बढिया चर्चा
ReplyDeleteसुंदर लिंक्स सार्थक चर्चा,,,
ReplyDeletesarthak charcha .aabhar
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