आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है
आंतकवादी किसी भी जाति , धर्म के हों उन्हें सजा मिलनी ही चाहिए । कसाब का अंत जरूरी था । देर से ही सही भारत सरकार ने आखिर ये अति जरूरी कदम उठा ही लिया ।
चलते हैं चर्चा की ओर
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आज के लिए बस इतना ही
धन्यवाद
दिलबाग विर्क
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समसामयिक लिंक्स |अच्छी चर्चा |
जवाब देंहटाएंआशा
बधाईयाँ जी विर्क साहब सफल प्रयास ....साहित्य के प्रति निष्ठां को साधुवाद
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंकों के साथ बढ़िया चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार!
सुन्दर चर्चा..
जवाब देंहटाएंशुरू कहानी जब हुई, करो फटाफट पूर ।
जवाब देंहटाएंझूलें फांसी शेष जो, क्यूँ है दिल्ली दूर ??
क्यूँ है दिल्ली दूर, कड़े सन्देश जरूरी ।
एक एक निपटाय, प्रक्रिया कर ले पूरी ।
कुचल सकल आतंक, बचें नहिं पाकिस्तानी ।
सुदृढ़ इच्छा-शक्ति, हुई अब शुरू कहानी ।।
"बिरयानी का स्वाद" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जवाब देंहटाएंदिव्या श्रीवास्तव के प्यारे-प्यारे 54 बच्चे ...
सेवा जय जय भारती, है प्रयास शुभ दिव्य ।
ऐसे ही पूरे करें, सब अपने कर्तव्य ।
सब अपने कर्तव्य, बधाई युगल डाक्टर ।
कार्य सिद्ध का मन्त्र, लिया दायित्व स्वयं पर ।
साहस संयम धैर्य, मिले शिक्षा का मेवा ।
देशभक्ति भरपूर, यही मानवता सेवा ।।
पीला गुलाब - समापन सत्र.
जवाब देंहटाएंप्रतिभा सक्सेना
लालित्यम्
पैरों पर होना खड़े, सीखो सखी जरुर ।
आये जब आपात तो, होना मत मजबूर ।
होना मत मजबूर, सिसकियाँ नहीं सहारा ।
कन्धा क्यूँकर खोज, सँभालो जीवन-धारा ।
समय हुआ विपरीत, भरोसा क्यूँ गैरों पर ?
खुद से लिखिए जीत, खड़े अपने पैरों पर ।।
आदरणीय दिलबाग सर बेहद सुन्दरता से लिंक्स का संयोजन किया है आपने, उम्दा चर्चा भ्राताश्री मेरी रचना को स्थान देने हेतु हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंकों के साथ बढ़िया चर्चा!
जवाब देंहटाएंसुंदर और सार्थक चर्चा |
जवाब देंहटाएंकसाब को फांसी हुई सुन कर वाकई बहुत अच्छा लगा | पर पता नहीं सरकार ने क्यों गुप्त रखा इस बात को इस तरह | और भी अच्छा होता अगर देशवाशियों और अन्य देशों को भी, सबको पहले से मालूम होता कि कब फांसी दिया जाना है | आतंकवाद फैलाने वालों को एक कडा संदेश जाता कि भारत ऐसा भी कर सकता है |
क्या सद्दाम हुसैन को फांसी देने से पहले अमेरिका ने इसी तरह गुप रखा था सब कुछ? मुझे ठीक से याद नहीं है |
जो भी है पर अब अफजल गुरु के फांसी का इंतजार है |
सभी पठनीय बेहतरीन सूत्रों से सजाया चर्चामंच हार्दिक आभार दिलबाग जी मेरी रचना को शामिल करने के लिए शभ कामनाएं
जवाब देंहटाएं@ चार साल तक चख लिया, बिरयानी का स्वाद।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति | पर और भी अच्छा तो तब भी होता जब सबको पहले से बता कर फांसी दिया जाता | पता नहीं सरकार को किससे डर था या अपने सुरक्षा तंत्र पर भरोसा नहीं था |
@ असली गुनाहगार बाकी
जवाब देंहटाएंबढ़िया आलेख | अफजल गुरु के फांसी की सजा पर भी जल्द से जल्द अमल कर देना चाहिए | और इस बार सबको बता कर फांसी देना चाहिए ताकि आतंकी ताकतों को कड़ा से कड़ा संदेश मिले | साथ ही साथ पाकिस्तान पे कूटनीतिक दबाव भी बनाना चाहिए कि असली गुनहगारों को पकड़े और सजा दे |
बहुत ही अच्छे लिंक्स के साथ उम्दा चर्चा
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति,सुंदर लिंक्स,,,
जवाब देंहटाएंrecent post : प्यार न भूले,,,
परिंदे अब भी पर तौले हुए हैं ,
जवाब देंहटाएंहवा में सनसनी घोले हुए हैं .
अफज़ल गुरु एक नियोजित षड्यंत्र कारी है उसे राष्ट्रपति की दया याचिका के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए .ये भारत देश सेकुलर होने दिखने की और कितनी कीमत चुकाना चाहता है .और क्या कसाब को अपने ही देश में गुरुतर जघन्य अपराध के लिए फांसी पे लटकाया जाना अपराध था ?यदि नहीं तो यह लुकाछिपी गोपन क्यों उसे तो लालकिले पे फांसी देनी चाहिए थी सीधा प्रसारण होना चाहिए था बहुत हो चुका नंगा नांच इस देश में सेकुलर वोट खोरों का .
संक्षिप्त सुन्दर सार्थक .बधाई .
जवाब देंहटाएंसंक्षिप्त सुन्दर सार्थक .बधाई .
जवाब देंहटाएंचार साल तक चख लिया, बिरयानी का स्वाद।
परिंदे अब भी पर तौले हुए हैं ,
जवाब देंहटाएंहवा में सनसनी घोले हुए हैं .
अफज़ल गुरु एक नियोजित षड्यंत्र कारी है उसे राष्ट्रपति की दया याचिका के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए .ये भारत देश सेकुलर होने दिखने की और कितनी कीमत चुकाना चाहता है .और क्या कसाब को अपने ही देश में गुरुतर जघन्य अपराध के लिए फांसी पे लटकाया जाना अपराध था ?यदि नहीं तो यह लुकाछिपी गोपन क्यों उसे तो लालकिले पे फांसी देनी चाहिए थी सीधा प्रसारण होना चाहिए था बहुत हो चुका नंगा नांच इस देश में सेकुलर वोट खोरों का .
असली गुनाहगार बाकी
बढ़िया तंज है भाई साहब 60 करोड़ का चूना लगा गया कसाब बिरयानी खाई सो अलग .
जवाब देंहटाएंकैपिटल पुनिशमेंट
अतीत को खंगालती सुन्दर प्रस्तुति .
जवाब देंहटाएंराजेश कुमारी जी की डायरी
बहुत बढ़िया लिखी है गजल आपने .आपकी सबसे बड़ी ताकत सहजता है सीखने की लग्न है .तरक्की करोगे .सलाम आपके इस ज़ज्बे को .
जवाब देंहटाएंजला है दिल अरुन का
गुलाब आखिर विवरण हो ही गया यही हासिल है फौजी की ज़िन्दगी का -
जवाब देंहटाएंवतन पे मरने वालों का यही बाकी निशाँ होगा ..
और पहाड़ सी ज़िन्दगी भी विरदन से गुजरेगी रास्ता खोजेगी .बढिया भाव प्रधान प्रस्तुति .
पीला गुलाब
दिलबाग जी मेरी रचना को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएं