आज की मंगलवारीय चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते आप सब का दिन मंगल मय हो
मंच पे भावनाओं का पानी उबाला ब्लोग्बागानो की सूत्र पत्तियाँ डाली स्नेह की शक्कर मिलाई और शब्दों का दूध मिलाया लो हो गई चर्चाचाय तैयार अखबार बाद में पढना ठण्ड बहुत है पहले चर्चा चाय का स्वाद लीजिये
अब चलते हैं आपके प्यारे ब्लोग्स
राजकोष से राजनीति !
रेखा श्रीवास्तव at मेरा सरोकार –
भूरी ,पीली - पीली ,कुछ सुनहरी
तमाम दुनिया है खेल उसका
Anita at डायरी के पन्नों से –
how to use font tag
Vaneet Nagpal at Tips Hindi Mein / टिप्स हिंदी में –
यहाँ पर बहन राजेश कुमारी जी ने एक ऐसे ब्लॉगर की पोस्ट लगाई थी जो चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट लगाने पर आपत्ति कर चुका है! ब्लॉग व्यवस्थापक
ब्रजघाट , गढमुक्तेश्वर , हापुड
MANU PRAKASH TYAGI at yatra (यात्रा ) मुसाफिर हूं
माँ - बेटी
Archana at अपना घर –
क्यों नहीं सफल होता है पॉलीथीन पर प्रतिबंध?
DrZakir Ali Rajnish at TSALIIM –
खानपान के अजीबोग़रीब तरीक़ों से पैदा डिसऑर्डर
Kumar
Radharaman at स्वास्थ्य –
अशोकनामा
घुटन - *घुटन*
कितनी घुटन है रास्तों और मंज़िलों पर क्यों चलते हो फिर भी क्यों पहुँचते हो फिर भी तुम अपने क़दमों
**********************************************************बस मूक हूँ .............पीड़ा का दिग्दर्शन करके
वन्दना at ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र -
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"दोहा सप्तक" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
कुछ अपनाते योग को, कुछ अपनाते भोग।१।
कदम-कदम पर घेरतीं, उलझन हमें अनेक।
किन्तु कभी मत छोड़ना, अपना बुद्धिविवेक।२।
आज की चर्चा यहीं समाप्त करती हूँ अगले मंगल वार फिर मिलूंगी कुछ नए सूत्रों के साथ तब तक के लिए शुभ विदा बाय बाय
बढ़िया चर्चा!
जवाब देंहटाएंसभी लिंक पठनीय हैं!
ध्यान रखें-
यहाँ पर आपने एक ऐसे ब्लॉगर की पोस्ट लगाई थी जो चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट लगाने पर आपत्ति कर चुका है! ब्लॉग व्यवस्थापक
जी शास्त्री जी मैंने एक लिंक अनजाने में लगा दिया था जिसका मुझे बाद में पता चला उस व्यक्ति के अनुरोध पर हटा भी दिया था बात वहीँ ख़त्म हो जानी चाहिए थी कडवाहट को ख़त्म करना मेरा उसूल है इसे अन्यथा ना लिया जाए इस विषय में आगे कोई टिपण्णी भी नहीं चाहती |
जवाब देंहटाएंआप की चर्चा हमेशा अनोखी होती है-
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा -
स्तरीय पठनीय सूत्र ,,,,
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि........(26 नवंबर विशेष)
जवाब देंहटाएंयशवन्त माथुर (Yashwant Mathur)
जो मेरा मन कहे
सादर हे हुत-आत्मा, श्रद्धांजलि के फूल ।
भारत अर्पित कर रहा, करिए इन्हें क़ुबूल ।
करिए इन्हें क़ुबूल, भूल तुमको नहिं पायें ।
किया निछावर जान, ढाल खुद ही बन जाएँ ।
मरते मरते मार, दिए आतंकी चुनकर ।
ऐसे पुलिस जवान, नमन करते हम सादर ।।
बस मूक हूँ .............पीड़ा का दिग्दर्शन करके
जवाब देंहटाएंवन्दना
ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र
दर्दनाक घटना घटी, मेरा पास पड़ोस ।
दुष्टों की हरकत लटी, था *धैया में रोष ।
था *धैया में रोष, कोसते हम दुष्कर्मी ।
जेल प्रशासन ढीठ, दिखाया बेहद नरमी ।
उठे मदद को हाथ, पीडिता की खातिर अब ।
अपराधी को सजा, मिलेगी ना जाने कब ।।
*धैया ग्राम हमारे कालेज के बगल में ही है जहाँ यह घटना हुई-
जवाब देंहटाएं"टोपी मत उछालो" (कार्टूननिस्ट-मयंक खटीमा)
टोपी क्या मिली?
उछालने ही लगे!
रहा भुनाता विश्व यह, बड़े बड़ों का नाम ।
आदत इसकी यूँ पड़ी , चले सड़ों का नाम ।
चले सड़ों का नाम, पिन्हाते रहते टोपी ।
चलते गाँधी आज, हुई मकु नीति अलोपी ।
अन्ना अपने बाप, हमारा अब भी नाता ।
टोपी बेटा पहिर, नाम को चला भुनाता ।।
थानेदार बदलता है
जवाब देंहटाएंमनोज कुमार
मनोज
बरगद के नीचे कई, गई पीढ़िया बीत |
आते जाते कारवाँ, वर्षा गर्मी शीत |
वर्षा गर्मी शीत, रीत ना बदल सकी है |
चूल्हा जाया होय, आत्मा वहीँ पकी है |
मिला क़त्ल का केस, हुआ थाना फिर गदगद |
जड़-गवाह चुपचाप, आज भी ताके बरगद ||
होना ही चाहिए -
जवाब देंहटाएंudaya veer singh
उन्नयन (UNNAYANA) -
आँखें पथराती गईं, नहीं सुबह नहिं शाम |
हँसी -ख़ुशी के आ रहे, नहीं कहीं पैगाम |
नहीं कहीं पैगाम, दाम नित्य मौत वसूले |
मिटता गया वजूद, आज तो जीवन भूले |
बुझती आशा ज्योति, दागती गर्म सलाखें |
अब आयेगा कौन, करकती रविकर आँखें |
सुन्दर लिंक्स से सजी बढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया और पठनीय लिंक्स का संकलन । बहुत बढ़िया चर्चा ।
जवाब देंहटाएंshaandaar-jaandaar charchaa ... jay ho ...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ..आभार
जवाब देंहटाएंलिंक-1
जवाब देंहटाएंशासक जमकर कर रहे, राजकोष से मौज।
भरी हुई है देश में, मक्कारों की फौज।।
लिंक-2
जवाब देंहटाएंपतझड़ लाता है सदा, वासन्ती सन्देश।
पीत रंग के बाद ही, मिलता नव परिवेश।।
ग़ाफिल जी की पोस्ट-
जवाब देंहटाएंमन के कोने में सजी, बाल्यकाल की याद।
क्या बचपन मिल जायेगा, इस जीवन के बाद।।
बहुत ही सुंदर चर्चा सजायी है आपने । मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिये हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंbahut-bahut abhaar in sabhi acche links ke liye.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंआदरणीया राजेश कुमारी बेहद सुन्दर लिंक्स संजोये हैं, मेरी रचना को स्थान दिया बहुत-2 शुक्रिया
जवाब देंहटाएंधन्यवाद राजेश जी.....
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