दोस्तों फ़टाफ़ट चर्चा में आपका स्वागत है क्योंकि वक्त कम है और काम ज्यादा इसलिये बात कम और पढिये लिंक्स-
"सबसे पहले आभार!"
शर्म कीजिये !!
कौन करता है ?
बोलते चित्र (कुण्डलिया छंद )
ऐसा क्या :)
" ब्लॉग पर पोस्ट पब्लिश करने का मुहूर्त ........."
अच्छा ऐसा भी होता है
यहाँ जन गण भी भाग्यविधाता है
अगर कोई माने तो ………
" हिन्दी कथा -साहित्य में नारी-जीवन को चित्रित करती महिला रचनाकार ”
स्वागत है
क्या आपका ब्लॉग यहाँ शामिल हो चुका है ?
अभी देखते हैं जी
बुझा दो सांस जिंदगी कि बहुत धुआं हैं शामों में...
उदास हूँ कह नहीं सकती कि बहुत खुशमिज़ाज़ हूँ मैं……
इश्क
इश्क ही इश्क बस इश्क ही इश्क
दूजा ना मुझे दिखा कुछ
रंगमंच
और उसके कलाकार हम सब
"नमन शैतान करते हैं" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
कब से करने लगे?
शनिवार की शाम
एक ख्याल ने दस्तक दी
केरियर, बॉस और विदेश के कारण विस्मृत पिता और परिवार
एक कसक के साथ जीना इतना आसाँ कहाँ
"सबसे पहले आभार!"
यह रूप भी खूब भाया!
Thanks for the lovely links.
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