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मंगलवार, सितंबर 20, 2016

दुर्मुख असुर संहार कर दीजै अभय माँ कालिके; चर्चा मंच 2471


माँ कालिका 

दुर्मुख असुर दारुण दुखों से साधु मन छलने लगा। 

वरदान पा कर दुष्ट आ कर विश्व को दलने लगा।

ब्रहमा वरुण यम विष्णु व्याकुल इंद्र को खलने लगा।

सुर साधु बल-पौरुष घटा विश्वास जब ढलने लगा।

भारत सरकार ने आतंकी गतिविधियों का 

मुंहतोड़ जवाब दिया होता तो 

पाकिस्तान की हिम्मत न होती 

haresh Kumar 

पीपल का पत्ता--  

हृदय रोग का रामवाण इलाज  

GYanesh Kumar 
हिन्दी पर दुगनी पड़ी, महँगाई की मार
जीवन के हर मोड़ पर, हिन्दी की है हार।।
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महानगर की रेल में, लिखा हुआ सन्देश।
महँगा है अब देश में, हिन्दी का परिवेश।।
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करते नौकरशाह हैं, हिंग्लिश से ही प्यार।
हिन्दी से सब कर रहे, सौतेला व्यवहार... 
उच्चारण पर रूपचन्द्र शास्त्री मयंक  

पियहद ही बिसराम ... 

Amrita Tanmay  

फिर एक बार 

Madan Mohan Saxena 

हिन्दी दिवस के बाद हिन्दी की बात 

HARSHVARDHAN TRIPATHI 

प्रहार हो 

lokendra singh 

जय हिन्द की सेना ..... 

Dr.pratibha sowaty 

बलूचिस्तान एक टिंडर बॉक्स बन चुका है। 

आग के मुहाने पर बैठा है। 

आज़ादी चाहता है यह हिस्सा पाकिस्तान से 

Virendra Kumar Sharma 

बेवफ़ा से ही पूछ बैठे "ख़याल"...  

सतपाल ख़याल 

yashoda Agrawal 

हे! भगवान्, 

तब तो फिर भारत में फर्राटा से 

गाड़ी चलाने का मजा ही खत्म हो जाएगा! 

Ravishankar Shrivastava 

फूल की तरह खिलो 

Dr Varsha Singh 

एक दिन साहिब बेनु बजाई 

rajeev kumar Kulshrestha 
अजगर सो के साथ में, रोज नापता देह।
कर के कल उदरस्थ वह, सिद्ध करेगा नेह।। 

नेह-जहर दोपहर तक, हहर हहर हहराय।

देह जलाये रात भर, फिर दिन भर भरमाय।। 

5 टिप्‍पणियां:

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