मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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आज कार्तिक पूर्णिमा गंगास्नान का पर्व है
आज ही के दिन 550 वर्ष पूर्व
गुरु नानक देव जी का अवतरण हुआ था
सबसे पहले देखिए गंगा स्नान पर कुछ दोहे-
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आज देव दीपावली का पावन पर्व है
इस उपलक्ष्य में शशि गुप्ता ने
एक आध्यात्मिक पोस्ट लगाई है-
देव दीपावली
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हिन्दी ब्लॉगिंग के पुरोधा आदरणीय समीरलाल समीर जी का
एक उपयोगी आलेख उड़न तश्तरी ....पर देखिए-
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मन के पाखी पर Sweta sinha जी ने
एक मोहक अभिव्यक्ति को
अपने शब्दों में कुछ इस प्रकार पिरोया है-
इंद्रधनुष
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हिन्दी-आभा*भारत पर Ravindra Singh Yadav जी की
शुक्रवार, 28 जुलाई 2017
को लिखी एक दीर्घ रचना
आज के सन्दर्भ में बहुत समीचीन है-
हे मनुष्य!
तुम कितने ख़ुद-ग़रज़ हो ?
अपने हित-लाभ के लिये
रोपते-सहेजते हो मुझे
अपनी सहूलियत-सुविधा हेतु
बेरहमी से उजाड़ते हो मुझे।
आज भी घर लौटते
थकानभरी
लम्बी उड़ान से हाँफते
हारे-थके पक्षी
मेरी सूखी जर्जर काया पर
विश्राम करते हैं...
एक ग़ज़ल :
भले ज़िन्दगी से हज़ारों शिकायत---
भले ज़िन्दगी से हज़ारों शिकायत जो कुछ मिला है
उसी की इनायत ये हस्ती न होती ,तो होते कहाँ ...
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कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se पर रंजू भाटिया जी ने
कुदरत के सबसे सुन्दर रूप की व्याख्या निम्न प्रकार से की है-
कुदरत के सबसे सुन्दर रूप की व्याख्या निम्न प्रकार से की है-
नारी का सबसे सुंदर रूप " माँ"
( भाग 1 )
नारी के सब रूप अनूठे हैं ,पर माँ का रूप सबसे अदभुत है कोई भी स्त्री माँ बन कर अपनी संतान से कितना प्यार कर सकती है बदले में कुछ नही चाहती,यही नारी का सबसे प्यारा रूप होता है बस वो सब कुछ उन पर अपना लुटा देती है और कभी यह नही सोचती की बदले में उसका यह उपकार बच्चे उसको कैसे देंगे ! नारी का रूप माँ के रूप में सबसे महान है इसी रूप में वो स्नेह , वात्सलय , ममता मॆं सब उँचाइयों को छू लेती है...
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शरारती बचपनपरsunil kumar जी ने
एक क्रान्तिकारी की वैचारिक विरासत को प्रस्तुत किया है-
एक क्रान्तिकारी की वैचारिक विरासत को प्रस्तुत किया है-
भगत सिंह की वैचारिक विरासत -
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aashaye पर garima जी ने
जिन्दगी की परिभाषित करते हुए कहा है-
जिंदगी हसीन है
जिंदगी हसीन होती है,
जिंदगी हसना सीखती है,
जिंदगी हालातो से लड़ना सिखाती है
जिंदगी भी अजीब पहेली है,
जिंदगी बहुत अच्छी सहेली है,..
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अपने बारे में कहा है-
कभी सोचा नहीं
मैंने कभी सोचा नहीं खुद के बारे में
समय ही नहीं मिला सब का कार्य करने में |
जिन्दगी हुई बोझ अब तो चन्द
घड़ियाँ रही शेष
अकर्मण्य हुई अब तो
अब सोचना है व्यर्थ...
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Nitish Tiwary जी ने अपने अन्दाज में
एक चित्र के साथ अपनी पोस्ट लगाई है-
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एक खूबसूरत ग़ज़ल पोस्ट की है-
ग़ज़ल
उन्हें अतीव ख़ुशी क्यों क़ज़ा के’ आने की
खबर मिली नहीं’ उस बेवफा के आने की |
मुसीबतों से’ अभी हो गई मे’री यारी
है’ इंतज़ार भयानक बला के’ आने की...
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दिगंबर नासवा जी की
आने वाली पुस्तक के लिए बधाई
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आज कार्तिक पूर्णिमा अथार्त दीपदान एवं गंगास्नान का पर्व है। कार्तिक माह के इस आखिरी महापर्व पर आए अध्यात्मिक विचार-गंगा में स्नान कर मन में ज्ञान का दीपक जलाएँ, ताकि हम इस प्रकाश/ गुरुपर्व पर अपनी मानवीय संवेदनाओं को जागृत कर सकें।
जवाब देंहटाएंइस निष्पक्ष एवं जनप्रिय मंच पर मेरे लेख को प्रमुखता देने के लिये हृदय से आपका आभार, धन्यवाद और प्रणाम।
चर्चामंच की ख्याति इसी प्रकार निरंतर बढ़ती रही और वह विविध रचनात्मक सामग्रियों को हम पाठकों तक पहुँचाता रहे, ऐसी कामना इस शुभदिन पर कर रहा हूँ।
आभारी हूँ आदरणीय सर ....आपके द्वारा रचनाओं की प्रस्तुति के नया ढंग बहुत अच्छा लगा। सुंदर बहुरंगी सूत्रों से सजी आज की चर्चा में मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंसादर।
सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत विस्तृत चर्चा ब्लोग्स की ...
जवाब देंहटाएंअच्छा संकलन है ... आभार मेरी रचना को स्थान देने के लिए ...
बहुत सुंदर प्रस्तुति। गुरु नानक देव जी की 550 वीं जयंती और कार्तिक पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंहिंदू धर्म की ज़ात-पात पर आधारित समाज की विकृतियों को दूर करने के लिये आडंबरविहीन ईश्वरीय मार्ग की स्थापना के लिये गुरु नानक देव जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी जो आज विश्व भर में प्रभाव कारी है। गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं अजर-अमर हैं।
भारतीय कैलेंडर के हिसाब से अमावस्या और पूर्णिमा हिंदी महीनों की महत्वपूर्ण तिथियां हैं। आज कार्तिक पूर्णिमा है अर्थात कार्तिक मास का अंतिम दिन।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।
मेरी रचना को इस प्रतिष्ठित मंच पर प्रदर्शित करने के लिये सादर आभार आदरणीय शास्त्री जी।
उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंआजकी प्रस्तुती में आपका अंदाज मन को भा गया | सभी रचनाओं पर आपके शब्द रचनाकारों के लिए अनमोल आशीष भरा उपहार हैं | सभी रचनाएँ बहुत बढिया हैं | सभी को संत शिरोमणि गुरुनानकदेव के जन्मदिवस पर शुभकामनायें और बधाई |
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा सजा चर्चा मंच
मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |