मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
उच्चारण
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गूँगी गुड़िया पर अनीता सैनी जी
सदैव मौजूदा हालात पर
अपनी कलम् चलाती हैं।
आज देखिए उनकी रचना में
देश की राजधानी का दर्द
दर्द दिल्ली का
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कविता-एक कोशिश पर नीलांश की यह ग़ज़ल भी देखिए-
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कुँवर रवीन्द्र सिंह एक साहित्यकार ही नहीं
अपितु एक चित्रकार भी हैं।
जिन्होंने मेरी दो पुस्तकों
गजलियाते रूप और स्मृति उपवन के
कवर भी डियाइन किये थे।
yashoda Agrawal
आदरणीय रवीन्द सिंह यादव ने
आस्ता के अन्धानुकरण पर
मन्दिर का
शुद्धिकरण !
समानता के
अधिकार से
ऊपर झूलता है
आस्था का
अँधानुकरण...
शुद्धिकरण !
समानता के
अधिकार से
ऊपर झूलता है
आस्था का
अँधानुकरण...
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Akanksha ब्लॉग पर श्रीमती आशा लता सक्सेना ने
एक रचना में मौन का अर्थ बताते हुए लिखा है-
है मौन का अर्थ क्या ?
Akanksha ब्लॉग पर श्रीमती आशा लता सक्सेना ने
एक रचना में मौन का अर्थ बताते हुए लिखा है-
है मौन का अर्थ क्या ?
तुम मौन हो
निगाहें झुकी हैं
थरथराते अधर
कुछ कहना चाहते हैं |
प्रयत्न इतना किस लिए
मैं गैर तो नहीं...
राष्ट्रपिता बापू जी को इंगित करते हुए
अपने भावों को कुछ इस प्रकार पिरोया है-
चिता की राख तो ठंडी हो गईपर .फजाओं में ये कौन सा जहर घुल गया..!
हर दूसरा शख्स घुट रहा यहाँ,
न जाने ये कैसा हिंदुस्तान बन गया...?
गांधी गांधी ना रहे
अब बापू ना कहे कोई ..?
टूट गई उनकी वो लाठी..!
अहिंसा के बल पर जो चलती थी,...
कौए और तोते की व्यथा-कथा को
एक कविता के माध्यम से
रोचक अन्दाज में प्रस्तुत किया है-
एक कविता के माध्यम से
रोचक अन्दाज में प्रस्तुत किया है-
कौआ जी और तोता जी
करो क्षमा हे कौआ भइया जी
हम तो कितने नादान रहे
रूप,रंग के चक्कर में
मन की सुंदरता भूल गये
तो हँस कर बोले कौआ जी
भूलिए भूल को भइया जी
अब प्रेम से दोनों गले लगें
और आसमान में फूर्र उड़े ...
ध्यान और प्रेम को परिभाषित करते हुए
अपनी अभिव्यक्ति कुछ इस प्रकार पोस्ट की है-
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पंकज सुबीर जी के ब्लॉग सुबीर संवाद सेवा पर
आज सुनते हैं नवीन चतुर्वेदी जी, मनसूर अली हाशमी जी
और राकेश खण्डेलवाल जी की रचनाएँ।
पाठकों को सोचने पर जरूर मजबूर करेगी।
ख्वाब और हकीकत
कौन सपने दिखाए जाता है
नींद गहरी सुलाए जाता है
होश आने को था घड़ी भर जब
सुखद करवट दिलाए जाता है…
Anita
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अन्त में देखिए नितीश तिवारी जी की
अन्त में देखिए नितीश तिवारी जी की
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ज्ञान की अमृत वर्षा करती सशक्त भूमिका (दोहा) , विचारों को दिशा देने वाली रचनाओं के संग उसपर आपकी संक्षिप्त परंतु खूबसूरत टिप्पणी , क्या कहूँ ? मानो प्रयागराज रूपी इस चर्चा मंच पर गंगा-जमुना - सरस्वती का संगम हो , मानवीय मूल्यों को दिशा देने वाली इस त्रिवेणी में स्नान कर सुबह-सुबह पावन हो जाता हूँँ, इसी तरह से चर्चा मन हृदय में नीर- क्षीर के बिलगाव पर चर्चा उठाता रहे, बस यही कामना है, प्रणाम आपको ,आपसभी की लेखनी को नमन।
जवाब देंहटाएंइसी तरह चर्चा मन के स्थान पर चर्चामंच पढ़ा जाए
हटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स संकलन |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |
बहुत सुंदर संकलन 👌
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ उम्दा। रचनाकारों को खूब बधाई।
प्रस्तुति भी लाजावाब आदरणीय सर।
मेरे छोटे से प्रयास को स्थान देने हेतु हार्दिक आभार आपका।सादर नमन सुप्रभात 🙏
.. हमेशा की तरह ही सुंदर लिंको से तैयार सार्थक संकलन.. नये रचनाकारों को बहुत अच्छा प्लेटफार्म देती है चर्चा मंच इसी दौर में सुश्री आंचल की कविताएं भविष्य में बहुत अच्छे मुकाम की और बढ़ रही है.. आपकी संक्षिप्त टिप्पणियां सभी लिंको की प्रस्तुतीकरण में शानदार भूमिका निभा रही है
जवाब देंहटाएंसुंदर टिप्पणियों के साथ प्रस्तुत चर्चा मंच का यह अंक अति पठनीय बन पड़ा है, आभार मुझे भी इसमें शामिल करने के लिए .
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा मंच की प्रस्तुति। आज की चर्चा में रचनाओं में तरह-तरह के रंग बिखरे हैं। ब्लॉग दुनिया की हलचल को बख़ूबी चर्चा मंच पर प्रदर्शित किया गया है। सृजन के विविध आयाम आजकल के सृजन में उभर कर सामने आ रहे हैं।
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।
मेरी रचना को चर्चा मंच पर प्रदर्शित करने के लिये सादर आभार आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति आदरणीय शास्त्री जी के द्वारा।
जवाब देंहटाएंसभी तरह के विषयों पर आधारित रचनाओं को यहां शामिल किया गया है।
सभी रचनाकारों को बधाई।