मित्रों।
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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रंगभरी एकादशी फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहा जाता है। इसे आमलकी एकादशी व्रत कहते हैं। रंगभरी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की आराधना के साथ आंवले की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इसी एकादशी के दिन भगवान शिव मां पार्वती को पहली बार काशी में लेकर आए थे। इसलिए यह एकादशी बाबा विश्वनाथ के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
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कर गुज़र जाते हैं, रास्ते हो चले
हैं, निःशब्द अजगर की तरह
स्थिर व सुनसान, स्नेह
अंचल रोके रखता
है जीवन का
अवसान।
दृष्टि
रेखा के समान्तराल, हर चीज़ है वेगवान।
अजस्र , स्रोतस्विनी के बीच
एक निर्जन द्वीप
सिरजा गया ,
माँ के द्वारा ही .
उद्दाम उन्मत्त प्रवाह में
सुनो बेटों-
माना कि वे कुछ आक्रामक हैं
उग्र हैं ...आन्दोलित हैं...
भिड़ जाती हैं बात-बेबात
तेवर भी कुछ भारी हैं
नहीं सुनतीं किसी की भी
बस सुनतीं अपने मन की
और करती मनमानी हैं...!
कपिल माथुर एक सिंगल फादर था, जिसका हर मिडिल क्लास पैरेंट की तरह एक ही सपना था... अपने टीनएज बेटे अविनाश को हर वो ख़ुशी देना जिसका वो हक़दार था। एक मामूली टीचर रहे कपिल माथुर की कोल्हू के बैल की तरह गोल गोल घूमती सुव्यवस्थित जिन्दगी में तब हलचल मच गयी, जब एक लड़की ने सोशल मीडिया पर लिखी पोस्ट में उसके बेटे, अविनाश पर बदफेली करने की धमकी देने का आरोप लगाया।
फिर शुरू हुआ अविनाश का द ग्रेट सोशल मीडिया ट्रायल।
आदरणीय शास्त्री जी, नमस्कार।
जवाब देंहटाएंसुंदर तथा रोचक लिंक्स की शानदार प्रस्तुति के लिए आपको मेरा हार्दिक नमन, मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन ।
बहुत सुन्दर भूमिका के साथ विविधरंगी सूत्रों से सजी अत्यंत सुन्दर प्रस्तुति । सभी चयनित रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंसादर नमन 🙏
आपको भी रंगभरी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏
नवोदित युवा प्रतिभाओं को मंच देने का जो पुनीत कार्य आप चर्चा मंच के माध्यम से कर रहे हैं, वह श्लाघनीय है। साधुवाद🙏
आपने मेरी पोस्ट को स्थान दिया है, आपके इस औदार्य के प्रति मैं अपनी कृतज्ञता ज्ञापित कर रही हूं। हार्दिक आभार 🙏
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
उम्दा लिंक्स आज की |मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद सर |
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात ... मैं भी हूँ कहीं, आभार शुक्रिया। ।।।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा ... आभार ..
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा के लिए चयनित रचनाएँ अच्छी थी। सार्थक पहल के लिए आ डॉ रूपचंद्र शास्त्री जी को हार्दिक आभार!--ब्रजेंद्रनाथ
जवाब देंहटाएंबहुत आभार आपका आदरणीय शास्त्री जी। सभी लिंक बहुत अच्छे हैं। सभी रचनाकारों को खूब बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर लिंकों से सजी बेहतरीन चर्चा अंक आदरणीय सर,सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ अपने आप में अद्वितीय हैं मुग्ध करता हुआ चर्चामंच, मुझे शामिल करने हेतु असंख्य आभार आदरणीय - - नमन सह। सभी को होली की अग्रिम असंख्य शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को शुभकामनाएं व बधाई
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक चयन।
सुंदर प्रस्तुति।
रोचक लिंक्स से सुसज्ज्ति चर्चा....
जवाब देंहटाएंसंकलन बहुत ही सराहनीय व पर्याप्त सामग्री वाला है | सभी रचनाएँ सुन्दर , प्रशंसनीय है | सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक बधाई शुभ कामनाएं |
जवाब देंहटाएंआदरणीय...बहुत ही सुंदर लिंकों से सजी बेहतरीन चर्चा अंक ।सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें। मेरी रचना साझा करने के लिए आपका बहुत आभार ।
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