सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक आदरणीया श्वेता जी की रचना से )
होली आई मगर मन को नही भाई
ना वो उमंग था ना हुड़दंग
फिर भी मन में एक संतोष था कि
कम से कम हम सपरिवार संग है
और सकुशल है....
बिता साल तो कितने घर उजाड़ गया
कितने दिलों को लहुलुहान कर गया
ऐसे में तो ये रुखी-सूखी बेरंग सी
होली के लिए भी परमात्मा का शुक्रिया.....
पता है. .
आज तन में सुस्ती और मन में आलस्य छाया होगा
ऐसे में ये कुछ खास रचनाएं.....शायद,
आप की सुस्ती दूर कर दें....
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होली की मान्यता लोकपर्व के रूप में अधिक है किन्तु प्राचीन संस्कृत-शास्त्रों में इस पर्व का विपुल उल्लेख मिलता है । भविष्य पुराण में तो होली को शास्त्रीय उत्सव कहा गया है । ऋतुराज वसंत में मनाए जाने वाले रंगों के इस पर्व का प्राचीनतम सांकेतिक उल्लेख यजुर्वेद के तैत्तिरीय आरण्यक (1.3.5) में मिलता है-
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महात्मा गाँधी अपने दक्षिण अफ्रीका प्रवास में गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर के बहुत बड़े प्रशंसक थे. 19 जुलाई, 1905 को तत्कालीन गवर्नर-जनरल लार्ड कर्ज़न ने सांप्रदायिक आधार पर बंगाल विभाजन के निर्णय की घोषणा की थी. बंगाल के निवासियों में धर्म के आधार पर फूट डालने के इस षड्यंत्र के विरोध
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कल जो बीत गया
जीवन की डाली से झर गया फूल है
अब उसे दोबारा नहीं मिलना है
आज तो एक नया फूल
नए कर्म के रूप में
खिलना है
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आज पहली बार मोबाईल से प्रस्तुति बना रही हूँ......
गलतियाँ हो तो क्षमा चाहती हूँ......
आज प्रस्तुति भले ही बेरंग बनी हो....रचनाएँ सारी रंग बिरंगी मिलेगी....
आज का सफर यही तक
आप सभी स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें
कामिनी सिन्हा
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सभी लिंक शानदार हैं
जवाब देंहटाएंऔर आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं
आदरणीय कामिनी जी आपने मोबाइल से भी बहुत ही शानदार पोस्ट की है
जवाब देंहटाएंअरे वाह...।
जवाब देंहटाएंआपने मोबाइल से बहुत सुन्दर चर्चा की है कामिनी सिन्हा जी।।
सभी पाठकों को होली की बधाई हो।
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंआज की लिंक्स भाव पूर्ण |मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद कामिनी जी |
आज भी सदा की तरह लाजवाब प्रस्तुति है चर्चा मंच की, कामिनी जी, बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंसदैव की भांति बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा प्रस्तुति । सभी चयनित रचनाकारों को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भूमिका के साथ अति उत्कृष्ट रचनाओं का सुंदर संकलन में मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदय से आभारी हूँ प्रिय कामिनी जी।
जवाब देंहटाएंसादर।
रोचक लिंक्स लिए हुए लजवाब प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबधाई एवं शुभकामनाएँ।
बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह , सभी रचनाएँ बहुत ही सुंदर, शानदार प्रस्तुति, कामिनी जी हार्दिक शुभकामनाएं एवं हार्दिक आभार, 🙏🙏👏👏
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर शानदार रचनाओं से सजी चर्चा प्रस्तुति के लिए आपका हार्दिक आभार प्रिय कामिनी जी, मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं,सादर नमन एवम वंदन ।
जवाब देंहटाएंआप सभी स्नेहीजनों को तहेदिल से शुक्रिया, आप सभी की उपस्थिति से मन में साकारात्मक उर्जा का संचार होता है और प्रोत्साहन भी मिलता है.. आभार एवं सादर नमस्कार
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