आज कि चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
यूँ तो बीमारियाँ प्राकृतिक आपदा होती हैं और कोई भी सरकार अपने तरफ़ से प्रयास करने के सिवा कुछ नहीं कर सकती| कोरोना के मामले में भी ऐसा ही कहा जाना चाहिए, लेकिन पता नहीं क्यों शंकाएं बार-बार अपना सिर उठा लेती हैं| कोराना का आगमन मार्च 2020 में हुआ| कर्फ्यू लगा, लॉकडाउन हुआ| भारत ने वैक्सीन भी बना ली| इसके बावजूद कोरोना मार्च आते-आते फिर तेजी से बढ़ रहा है| इसे भी समझा जा सकता है कि नई बिमारी है, नियन्त्रण में नहीं आ रही, लेकिन चुनावी राज्यों में यह क्यों निष्प्रभावी हो जाता है? चुनावी रैली में जा रहे लोगों का टेंपरेचर कौन चैक करता है, जबकि हर जगह इंट्री टेंपरेचर चैक के बाद ही होती है | सोशल डिस्टेंस भी नहीं रखा जा रहा और कोरोना भी नहीं बढ़ रहा| इसका अर्थ? कहीं यह सरकार के हाथ का खिलौना तो नहीं?
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चलते हैं चर्चा की ओर
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धन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
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शुभ प्रभात ...हार्दिक धन्यवाद। पटल को नमन।
जवाब देंहटाएंसार्थक भूमिका के साथ उपयोगी लिंक दिये है आपने पढ़ने के लिए।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आद0रणीय दिलबाग सिंह विर्क जी।
विविधताओं से भरपूर बेहतरीन सूत्रों से सजी अत्यंत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति । सभी चयनित रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई । मुझे चर्चा में सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार दिलबाग सिंह जी।
जवाब देंहटाएंविचारणीय भूमिका के साथ [थनीय सूत्रों का संकलन ! आभार !
जवाब देंहटाएंकृपया पठनीय पढ़ें
जवाब देंहटाएंNice post links
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी लिंक बहुत सुंदर।
भूमिका गहन संकेत देती।
सभी रचनाकारों को बधाई।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
सादर।
बढ़िया लिंक्स सजाए हैं ।शुक्रिया
जवाब देंहटाएंबहुत खूब हैं सारे लिंंक..एक से बढ़कर एक...धन्यवाद दिलबाग जी, इतनी अच्छी रचनायें पढ़वाने के लिए
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर भूमिका के साथ सराहनीय प्रस्तुति आदरणीय सर।
जवाब देंहटाएंसभी को बधाई।
सादर
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ अपने आप में अद्वितीय हैं मुग्ध करता हुआ चर्चामंच, मुझे शामिल करने हेतु असंख्य आभार आदरणीय - - नमन सह। सभी को होली की अग्रिम असंख्य शुभकामनाएं।
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