सादर अभिवादन
मित्रों!
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत, ब्रिटेन और अमरीका समेत कोरोना वायरस कोविड 19 अब दुनिया के 123 देशों में फैल गया है और इसके कारण पाँच हज़ार से अधिक मौतें हो चुकी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में इसके संक्रमण के 136,895 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
कोरोना वायरस कोविड 19 क्या है और यह कैसे फैलता है?
इससे बचने के लिए आप नियमित रूप से और अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोएं।
कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं. इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं।
संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण श्वाँस के द्वारा आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
आप छोटी-छोटी सावधानियों को अपनाकर कोरोना से
अपने को और समाज को बचा सकते हैं।
परिजनों, रिश्तेदारों और मित्रों को जीवनशैली से जुड़ी सावधानियों के बारे में बताएं। पड़ोसियों के साथ मिलकर आपातकालीन स्थिति की योजना बनाएं। बीमारी की स्थिति में संपर्क करने वाले लोगों की सूची बनाएं और साथ के लोगों के साथ साझा करें।
मित्रों!
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत, ब्रिटेन और अमरीका समेत कोरोना वायरस कोविड 19 अब दुनिया के 123 देशों में फैल गया है और इसके कारण पाँच हज़ार से अधिक मौतें हो चुकी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में इसके संक्रमण के 136,895 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
कोरोना वायरस कोविड 19 क्या है और यह कैसे फैलता है?
इससे बचने के लिए आप नियमित रूप से और अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोएं।
कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं. इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं।
संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण श्वाँस के द्वारा आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
आप छोटी-छोटी सावधानियों को अपनाकर कोरोना से
अपने को और समाज को बचा सकते हैं।
परिजनों, रिश्तेदारों और मित्रों को जीवनशैली से जुड़ी सावधानियों के बारे में बताएं। पड़ोसियों के साथ मिलकर आपातकालीन स्थिति की योजना बनाएं। बीमारी की स्थिति में संपर्क करने वाले लोगों की सूची बनाएं और साथ के लोगों के साथ साझा करें।
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शब्दसृजन-13 का विषय है-
"साँस"
आप इस विषय पर अपनी रचना
आगामी शनिवार (सायं 5 बजे तक ) तक
चर्चामंच के ब्लॉगर संपर्क (Contact Form ) के ज़रिये भेज सकते हैं
चयनित रचनाएँ आगामी रविवासरीय चर्चा अंक में प्रकाशित की जायेंगीं।
"साँस"
आप इस विषय पर अपनी रचना
आगामी शनिवार (सायं 5 बजे तक ) तक
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चयनित रचनाएँ आगामी रविवासरीय चर्चा अंक में प्रकाशित की जायेंगीं।
ऐ कोरोना वाले वायरस !!!
रे निर्मोही विदेशी शैतान !
आने को तो आ गए हो
अब तुम हमारे हिन्दुस्तान
जहाँ एक तरफ तो है
"अतिथि देवो भवः" और ..
आने को तो आ गए हो
अब तुम हमारे हिन्दुस्तान
जहाँ एक तरफ तो है
"अतिथि देवो भवः" और ..
दूसरी तरफ पड़ोसी की ही
दंगाई ले लेते हैं जान ...
और ..
रखना इसका भी तुम ध्यान कि ...
बंजारा बस्ती के बाशिंदे पर
Subodh Sinha
*****
Corona Virus - ले चुका है
1.5 लाख से ज्यादा लोगों को चपेट में।
हल्के में न लें और समझें इसकी असलियत को।
दंगाई ले लेते हैं जान ...
और ..
रखना इसका भी तुम ध्यान कि ...
बंजारा बस्ती के बाशिंदे पर
Subodh Sinha
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Corona Virus - ले चुका है
1.5 लाख से ज्यादा लोगों को चपेट में।
हल्के में न लें और समझें इसकी असलियत को।
How to choose right things ? पर
Rishabh Sachan
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कोरोना भयभीत करो ना
आज विश्व एक विचित्र दौर से गुजर रहा है. कोरोना के खिलाफ सभी देश आपसी भेदभाव को भुला कर एक हो गये हैं. चीन से दिसंबर में हुई इसकी शुरुआत के बाद इटली, स्पेन और ईरान में कहर बरसाता हुआ यह वायरस भारत में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है. सरकार की तरफ से दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं. भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचना है, रेल, बस या हवाई यात्रा करना सुरक्षित नहीं है...
डायरी के पन्नों से पर Anita
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ढलती साँझ...
Rishabh Sachan
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कोरोना भयभीत करो ना
आज विश्व एक विचित्र दौर से गुजर रहा है. कोरोना के खिलाफ सभी देश आपसी भेदभाव को भुला कर एक हो गये हैं. चीन से दिसंबर में हुई इसकी शुरुआत के बाद इटली, स्पेन और ईरान में कहर बरसाता हुआ यह वायरस भारत में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है. सरकार की तरफ से दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं. भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचना है, रेल, बस या हवाई यात्रा करना सुरक्षित नहीं है...
डायरी के पन्नों से पर Anita
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ढलती साँझ...
नवगीत
पाखी प्रणय प्रीत राही,
शीतल पवन के साथ,
मुग्ध लय में झूमा अंबर,
थामे निशा का हाथ,
चंचल लहर चातकी-सी,
दौड़ी भानु के द्वार,
ढलती साँझ मुस्कुरायी,
थामे कुँजों की डार...
गूँगी गुड़िया पर Anita saini
*****
क्योंकि वो जी भरके जीना चाहती हैं....
स्त्रियों की दुनिया बदल रही है. उनकी दुनिया के सवाल बदल रहे हैं, चुनौतियाँ बदल रही हैं. यह एक सकारात्मक तस्वीर है. लेकिन यह समूची तस्वीर भी नहीं है. अभी उन स्याह घेरों को भी इस उजली तस्वीर में शामिल होना है जहाँ जन्म लेने से लेकर मरने तक हर लम्हा जूझना पड़ता है. मुठठी भर भात के लिए लड़ना पड़ता है, पहले पढने के लिए फिर अपनी पसंद के विषयों को पढने के लिए लड़ना पड़ता है. यह सच है कि कुछ महिलाओं ने तमाम चुनौतियों को पार कर लिया है लेकिन बहुत सी स्त्रियों को अभी मामूली बातों के लिए बोलने की भी आज़ादी नहीं है. शिक्षा एक बड़ा हथियार है जिससे आधी दुनिया के अंधेरों को काटा जा सकता है...
प्रतिभा की दुनिया ... पर
Pratibha Katiyar
*****
क्रोध पर नियंत्रण
क्रोध पर नियंत्रण क्रोध सबको आता है लेकिन बात यह है कि क्रोध पर नियंत्रण कैसे पाया जाए भले ही क्रोध करना पूरी तरह सामान्य बात है लेकिन क्रोध ऐसी नकारात्मक शक्ति है, जो सारी अच्छाई को कुछ ही पल में खत्म कर देतीं है, क्रोध उस दोस्ती और भरोसे को तोड़ सकता है जिसे बनाने में हमें कई वर्ष लग जाते हैं...
मुग्ध लय में झूमा अंबर,
थामे निशा का हाथ,
चंचल लहर चातकी-सी,
दौड़ी भानु के द्वार,
ढलती साँझ मुस्कुरायी,
थामे कुँजों की डार...
गूँगी गुड़िया पर Anita saini
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क्योंकि वो जी भरके जीना चाहती हैं....
स्त्रियों की दुनिया बदल रही है. उनकी दुनिया के सवाल बदल रहे हैं, चुनौतियाँ बदल रही हैं. यह एक सकारात्मक तस्वीर है. लेकिन यह समूची तस्वीर भी नहीं है. अभी उन स्याह घेरों को भी इस उजली तस्वीर में शामिल होना है जहाँ जन्म लेने से लेकर मरने तक हर लम्हा जूझना पड़ता है. मुठठी भर भात के लिए लड़ना पड़ता है, पहले पढने के लिए फिर अपनी पसंद के विषयों को पढने के लिए लड़ना पड़ता है. यह सच है कि कुछ महिलाओं ने तमाम चुनौतियों को पार कर लिया है लेकिन बहुत सी स्त्रियों को अभी मामूली बातों के लिए बोलने की भी आज़ादी नहीं है. शिक्षा एक बड़ा हथियार है जिससे आधी दुनिया के अंधेरों को काटा जा सकता है...
प्रतिभा की दुनिया ... पर
Pratibha Katiyar
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क्रोध पर नियंत्रण
क्रोध पर नियंत्रण क्रोध सबको आता है लेकिन बात यह है कि क्रोध पर नियंत्रण कैसे पाया जाए भले ही क्रोध करना पूरी तरह सामान्य बात है लेकिन क्रोध ऐसी नकारात्मक शक्ति है, जो सारी अच्छाई को कुछ ही पल में खत्म कर देतीं है, क्रोध उस दोस्ती और भरोसे को तोड़ सकता है जिसे बनाने में हमें कई वर्ष लग जाते हैं...
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
*****
कोरोना ने दी दस्तक
कोरोना ने दी दस्तक
घूँट कड़वे पिलाता है,
अति सूक्ष्म दुश्मन यह
नजर नहीं आता है...
मन पाए विश्राम जहाँ पर Anita
*****
नातिया शायरी की तरक्की में
हिन्दू शायरों का भी बड़ा योगदान:
गौहर
कोरोना ने दी दस्तक
कोरोना ने दी दस्तक
घूँट कड़वे पिलाता है,
अति सूक्ष्म दुश्मन यह
नजर नहीं आता है...
मन पाए विश्राम जहाँ पर Anita
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नातिया शायरी की तरक्की में
हिन्दू शायरों का भी बड़ा योगदान:
गौहर
गुफ्तगू पर editor : guftgu
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इस साल गले मिलने को गले ही नहीं मिले
हर साल होली पर मिलते थे हर एक से गले,
इस साल गले मिलने वाले वो गले ही नहीं मिले।
कोरोना का ऐसा डर समाया दिलों में,
कि दिलों में ही दबे रह गए सब शिकवे गिले...
अंतर्मंथन पर डॉ टी एस दराल
*****
एक व्यंग्य
गाँव में तालाब ।
तालाब में मेढक और मछलियाँ
और मगरमच्छ भी ।
गाँव क्या ?
"मेरा गाँव मेरा देश ’ही समझ लीजिए।
मछलियों ने मेढकों को वोट दिया
और ’अलाना’ पार्टी
बहुमत के पास पहुँचते पहुँचते रह गई ।
गोया
क़िस्मत की देखो ख़ूबी ,टूटी कहाँ कमंद
दो-चार हाथ जब कि लब-ए-बाम रह गया...
आपका ब्लॉग पर आनन्द पाठक
*****
तटस्थ तुम...
क्यों मांग मेरी
बन गई है वो दरिया
जिसके दोनों किनारे
एक ही दिशा में गमन कर रहे हैं ...
मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति पर
~Sudha Singh
*****
ताशकंद यात्रा – १२
सम्मलेन का तृतीय सत्र
Sudhinama पर Sadhana Vaid
*****
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इस साल गले मिलने को गले ही नहीं मिले
हर साल होली पर मिलते थे हर एक से गले,
इस साल गले मिलने वाले वो गले ही नहीं मिले।
कोरोना का ऐसा डर समाया दिलों में,
कि दिलों में ही दबे रह गए सब शिकवे गिले...
अंतर्मंथन पर डॉ टी एस दराल
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एक व्यंग्य
गाँव में तालाब ।
तालाब में मेढक और मछलियाँ
और मगरमच्छ भी ।
गाँव क्या ?
"मेरा गाँव मेरा देश ’ही समझ लीजिए।
मछलियों ने मेढकों को वोट दिया
और ’अलाना’ पार्टी
बहुमत के पास पहुँचते पहुँचते रह गई ।
गोया
क़िस्मत की देखो ख़ूबी ,टूटी कहाँ कमंद
दो-चार हाथ जब कि लब-ए-बाम रह गया...
आपका ब्लॉग पर आनन्द पाठक
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तटस्थ तुम...
क्यों मांग मेरी
बन गई है वो दरिया
जिसके दोनों किनारे
एक ही दिशा में गमन कर रहे हैं ...
मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति पर
~Sudha Singh
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ताशकंद यात्रा – १२
सम्मलेन का तृतीय सत्र
Sudhinama पर Sadhana Vaid
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वो लड़की
एक चंचल सी लड़की
जिसका सेंस ऑफ ह्यूमर गजब है
जिसकी स्याही से निकले शब्द
न जाने कितनों के आँसू है
जो मिट्टी की महक
अपनी कविताओं में भर देती है
जो छूट गयी बातों के बीज
सबके मनों में बो देती है...
मेरे मन का एक कोना पर
आत्ममुग्धा
*****
सर्वोपरि?
युद्धभूमि में
लौहे के पैने अँगारों की वर्षा में
मैं जब कोहनियों के बल
सुन पड़ी टांग को घसीटता हुआ
जेब में भरी वतन की मिट्टी के संग
पत्थर की ओट में आ गया हूँ...
Rohitas Ghorela
*****
पूरब का वेनिस. केरल का अलेप्पी नगर।
बैक वाटर नौका विहार के दौरान लैगूनों पर रहने वालों को अपने काम
काज में रत देखा। उनके मुख्य स्थल पर आने-जाने के लिए शहरों की बस
सेवा की तरह वहां छोटे-बड़े स्टीमरों की फेरी की सेवा उपलब्ध है, पर
तक़रीबन हर घर के सामने हैसियत के अनुसार छोटी-बड़ी-सामान्य-सुंदर मोटर चालित हर तरह की नौकाएं बंधी दिखाई पड़ती हैं। जैसी मैदानी इलाकों में स्कूटर,बाइक या कारें खड़ी रहती हैं.....
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा
*****
रातों की गहराई में
जलता-बुझता है क्षितिज,
आजीवन!
नित ले आती है,
नई प्रभा,
चकाचौंध आभा,
जग पड़ती है, सोई संज्ञा,
रातों की गहराई में!
कविता "जीवन कलश" पर
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
*****
काज में रत देखा। उनके मुख्य स्थल पर आने-जाने के लिए शहरों की बस
सेवा की तरह वहां छोटे-बड़े स्टीमरों की फेरी की सेवा उपलब्ध है, पर
तक़रीबन हर घर के सामने हैसियत के अनुसार छोटी-बड़ी-सामान्य-सुंदर मोटर चालित हर तरह की नौकाएं बंधी दिखाई पड़ती हैं। जैसी मैदानी इलाकों में स्कूटर,बाइक या कारें खड़ी रहती हैं.....
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा
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रातों की गहराई में
जलता-बुझता है क्षितिज,
आजीवन!
नित ले आती है,
नई प्रभा,
चकाचौंध आभा,
जग पड़ती है, सोई संज्ञा,
रातों की गहराई में!
कविता "जीवन कलश" पर
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
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मिलावट
आज के युग में
कोई नहीं बचा मिलावट से
जहां जहां पड़े पैर हमारे
मिलावट ने गर्दन पकड़ी पीछे से |
एक दिन गेहूं लाए आटा पिसवाया
जल्दी में बीना नहीं ठीक से
इतनी किसकिसाहट आटे में थी
की वह कूड़ेदान के हुआ हवाले |
खाने की सामग्री हो या कीमती धातु हों
दवाइयां हों या अन्य उपयोग की वस्तुएं
कोई नहीं बचा इससे
सारा बाजार भरा हुआ है मिलावटी सामग्री से...
Akanksha -Asha Lata Saxena
*****
क्या क्या खेल दिखाती कुर्सी
सबके मन को भाती कुर्सी
क्या क्या खेल दिखाती कुर्सी
--
अपने बनते झट बेगाने
जहां बीच में आती कुर्सी
मनोरमा पर श्यामल सुमन
*****
गीतिका
"दिशाहीन को दिशा दिखाते"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
पथ उनको क्या भटकायेगा, जो अपनी खुद राह बनाते
भूले-भटके राही को वो, उसकी मंजिल तक पहुँचाते
--
अल्फाज़ों के चतुर चितेरे, धीर-वीर-गम्भीर सुख़नवर
जहाँ न पहुँचें सूरज-चन्दा, वो उस मंजर तक हो आते
--
उच्चारण
*****
आज के लिए बस...
फिर मिलेंगे अगले सप्ताह...
*****
*****
गीतिका
"दिशाहीन को दिशा दिखाते"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
पथ उनको क्या भटकायेगा, जो अपनी खुद राह बनाते
भूले-भटके राही को वो, उसकी मंजिल तक पहुँचाते
--
अल्फाज़ों के चतुर चितेरे, धीर-वीर-गम्भीर सुख़नवर
जहाँ न पहुँचें सूरज-चन्दा, वो उस मंजर तक हो आते
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उच्चारण
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आज के लिए बस...
फिर मिलेंगे अगले सप्ताह...
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कोरोना पर ज्ञानवर्धक जानकारियों से भरा अंक, सभी को प्रणाम।
जवाब देंहटाएं------
यहाँ मीरजापुर में भी सुबह से शाम तक सीएमओ डॉक्टर ओ पी तिवारी के फोन की घण्टी घनघना रही है और लोग पूछते दिख रहे हैं कि क्या किया जाए जिस पर डॉ तिवारी ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं । साफ-सफाई से रहें । मास्क की जगह गमछा, दुपट्टा या रूमाल को 6 परतों में करके बांधे । यह मास्क की तरह काम करेगा ।
कोरोना वायरस फैलने के बाद रियल टाइम ECR मशीन में ही 200 से 250 माइक्रोन वायरस की जांच संभव है । लगभग 40 से 50 लाख की मशीन होने के कारण यह सब जगह तत्काल लगा पाना और प्रशिक्षित चिकित्सक उपलब्ध हो पाना सम्भव नहीं हो पा रहा है लिहाजा 14दिन जांच में रखा जाना अनिवार्य है ।
यहाँ मंडलीय अस्पताल में भर्ती तीन में से 2 की रिपार्ट निगेटिव आई और वे अस्पताल से मुक्त कर दिए गए । इसमें जापान और दुबई का मरीज है । काठमाण्डू वाला अभी आइसोलेशन में एडमिट है । उम्मीद इसकी भी है कि यह भी सकुशल जाएगा । ये तीनों हैं तो भारतीय पर रोजी-रोटी के सिलसिले में परदेश रहते हैं ।
बहुत सुंदर चर्चा। सभी रचनाएँ शानदार।
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा-मंच की समसामयिक विशेष प्रस्तुति के लिए विशेष रूप से मुझ नाचीज़ का नमन आपको शास्त्री जी महाशय (सर) ...और मेरी रचना को साझा करने और आज के शीर्षक में स्थान देने के लिए बहुत-बहुत आभार आपका ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा। बहुत रोचक लिंक्स को आपने संकलित किया है।
जवाब देंहटाएंकोरोना पर उपयोगी जानकारी देती भूमिका के साथ पठनीय रचनाओं की खबर देता आज का मंच ! आभार !
जवाब देंहटाएंकोरोना पर शिक्षाप्रद भूमिका के साथ आज का ये विशेष अंक लाज़बाब हैं , सादर नमन सर
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए चर्चा मंच की पूरी टीम का हृदय से आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी सामयिक चिंतन चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसावधानी में ही बचाव है
जवाब देंहटाएंसामयिक चिंतन कोरोना वायरस पर ! सतर्कता और सावधानी से ही इसे हराया जा सकता है यह तो निश्चित है ! आज के चर्चामंच पर मेरे यात्रा वृत्तांत को भी आपने स्थान दिया आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर भूमिका के साथ सुंदर प्रस्तुति. मेरी रचना को स्थान देने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय.
जवाब देंहटाएंसादर
वाह!सुंदर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएं