मित्रों!
नये वर्ष-2021 की मेरी पहली चर्चा में
आपका स्वागत है।
देखिए बिना किसी भूमिका के
मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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नभ पर छायी है घटा, ठिठुर रहा है गात।
नये साल के साथ में, कुहरे की सौगात।१।
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कुहरा आफत बन गया, बदले जीवन ढंग।
अच्छे दिन की आस में, छन्द हुए बेरंग।२।
उच्चारण --
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Ravindra Singh Yadav, हिन्दी-आभा*भारत
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"नई सोच के साथ,
नया साल मुबारक हो"
" 2021 "आख़िरकार नया साल आ ही गया। कितने उत्साह, कितने उमंग के साथ आज रात को पुराने साल की विदाई और नए साल के स्वागत का जश्न चलेगा। पुराने साल को ढेरों बद्दुआएं देकर कोसा जायेगा और नए साल से कई नयी उम्मीदें लगायी जायेगी। उम्मीदें लगाना, अच्छा सोचना और आशावान होना सकारात्मक सोच है जो होना ही चाहिए।
मगर सवाल ये है कि - किस आधार पर हम नए साल में नए बदलाव की कामना कर सकते हैं ?
सफर के रोचक किस्से कामिनी सिन्हा
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- (नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँँ)
अभिनन्दन
हर्षित जन गण
बीति बिसार
आगत का स्वागत
वर्ष नवल
समय अविरल
सत्य अटल
हो कर गतिमान
करें उर्जित
अपने मन प्राण
मंगलमय
लक्ष्य करें संधान
ओ वसुन्धरा!
ह़ो प्रसन्न वदन
दो वरदान
उपजे धन-धान्य
धरती पुत्र
श्रम से हो हर्षित
हो सबका कल्याण- मंथन मीना भारद्वाज
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पी.सी.गोदियाल "परचेत", 'परचेत'
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Dr.Manoj Rastogi, साहित्यिक मुरादाबाद
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नव वर्ष का करते हैं अभिनन्दन!
प्रकृति भी कर रही नव श्रृंगार है,
दिशायें भी खोल रही नव पट-द्वार हैं।
मधु बरस रहा, हेमंत भी तरस रहा,
लताओं, पुष्पों से सजा बंदनवार है।
धुंध में घुल रहा सुगन्धित सा - मन ।
नव वर्ष का करते हैं अभिनंदन!
प्रकृति भी कर रही नव श्रृंगार है,
दिशायें भी खोल रही नव पट-द्वार हैं।
मधु बरस रहा, हेमंत भी तरस रहा,
लताओं, पुष्पों से सजा बंदनवार है।
धुंध में घुल रहा सुगन्धित सा - मन ।
नव वर्ष का करते हैं अभिनंदन!
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विकास नैनवाल 'अंजान', एक बुक जर्नल
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डॉ. जेन्नी शबनम, लम्हों का सफ़र
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कामाख्या शक्तिपीठ असम राज्य के गुवाहाटी के पश्चिम में 8 किलोमीटर दूर नीलांचल पर्वत पर स्थित है। कामाख्या मंदिर जो 51 महाशक्ति पीठो मे से एक है। यहां सती माता का योनि अंग गिरा था इसलिए इसे योनिपीठ भी कहा जाता है। कामाख्या मंदिर में प्रवेश करते ही एक बहुत बड़ा हॉल है।उस हॉल के बीच में हरगौरी के रुप में कामेश्वर शिव-कामेश्वरी देवी की युगल मूर्ति स्थापित है। सीढ़ियां उतर कर गर्भगृह है। कामाख्या योनि पीठ से निरंतर जल बहता रहता है। यह जल कहाँ से आता है और कहाँ जाता है, यह एक रहस्य है। गर्भगृह में देवी माता की योनि रूपा शिला विद्यमान है, जो वस्त्र से ढकी रहती है और...
अंजना, power
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कुछ मृग मरीचिका,
खिड़की पार की दुनिया में
तैरते हैं, कुछ पारदर्शी
शब्द, धुंध की
गहराइयों
में वो
खोजते हैं गिरते हुए बूंदों की भाषा...
खिड़की पार की दुनिया में
तैरते हैं, कुछ पारदर्शी
शब्द, धुंध की
गहराइयों
में वो
खोजते हैं गिरते हुए बूंदों की भाषा...
शांतनु सान्याल, अग्निशिखा :
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आज के लिए बस इतना ही...!
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वन्दन व असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका आदरणीय
जवाब देंहटाएंश्रमसाध्य कार्य हेतु साधुवाद
सुंदर संकलन की बधाई और हार्दिक आभार!!!
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात,
जवाब देंहटाएंनए साल की इस प्रस्तुति का हिस्सा बनना बड़े ही सौभाग्य की बात है। आभार पटल।
बहुत सुन्दर भूमिका के साथ सुन्दर लिंक्स प्रस्तुति । मेरी रचना को चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा।आपको एवं चर्चा मंच के सभी सम्मानित मित्रों को नवबर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं, शास्त्री जी🙏
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏 मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर प्रस्तुति।सभी रचनाकारो को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंसादर
आदरणीय शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंनिश्चित रूप से आप जितने उत्कृष्ट साहित्य सृजनकार हैं, उतने ही उत्कृष्ट साहित्य पारखी भी.... आज की यह चर्चा इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
इस चर्चा में मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु आभार 🙏💐🙏🏻
पुनः नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
नये साल के इस शानदार गुलदस्ते में सजना एक सुंदर अनुभुति है,मैं अभिभूत हूं सधन्यवाद आदरणीय।
जवाब देंहटाएंसभी सह रचनाकारों , पाठकों सभी चर्चाकारों को नववर्ष पर अंतर हृदय से अशेष शुभकामनाएं।
बहुत सुंदर अंक शानदार लिंक।
बहुत ही सुंदर चर्चा अंक आदरणीय सर, मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद,सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंआकर्षक संकलन व सुन्दर प्रस्तुति के साथ चर्चा मंच विभिन्न रंगों को बिखेरता सा, मुझे जगह प्रदान करने हेतु ह्रदय तल से आभार आदरणीय शास्त्री जी - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मेरी किताबअप्राजिता का कवरपेज देख मुझे बहुत प्रसन्नता हुई इस हेतु आभार सहित धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति। मेरे लेख को इस चर्चा मंच में शामिल करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
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