सादर अभिवादन !
शुक्रवार की प्रस्तुति में आप सभी विज्ञजनों का पटल पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन !
चर्चा का शीर्षक चयन- आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री जी
'मयंक' के गीत से ।
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आइए अब बढ़ते हैं आज के चयनित सूत्रों की ओर-
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भारत के जननायक -डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
शिक्षक, लेखक-पत्रकार थे,
स्वतन्त्रता सेनानी थे।
लाल-बाल और पाल,
हमारे भारत की पेशानी थे।
"वन्देमातरम्" पत्र चलाया,
स्वतन्त्रता के गायक थे।
आजादी के परवाने थे,
जन-जन के उन्नायक थे।।
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बूँदें नहीं जानतीं
कि किसी को नहीं सुहाता
इतना ज़्यादा लगाव
किसी का, किसी से.
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”प्लीज़ टेक सीट।”
तीन-चार सीट दूर बैठे एक विदेशी टूरिस्ट की आवाज़ थी।
उसने उस बुज़ुर्ग लुहार का सामान थामते हुए उसे अपनी सीट
पर बैठने का आग्रह किया।
जिन यात्रियों की आँखें इस घटनाक्रम पर टिकी हुईं थीं एक पल
के लिए उनकी पलकें लजा गईं।
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कुछ हैं तेरी याद से जुड़े हुए …
गिर गए हैं और कुछ खड़े हुए.
पेड़ आँधियों में हैं डटे हुए.
बंट रहा है मुफ़्त में ही कुछ कहीं,
आदमी पे आदमी चढ़े हुए.
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मेरा मन हैं शीशे जैसा
इधर उधर भटकता नहीं
जिस पर होता विश्वास
उसी का अनुकरण करता |
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मंहगाई, सुरसा और हम - डॉ. वर्षा सिंह
26 जनवरी से लगातार कुछ अन्य अहम मुद्दों के साथ ही
समाचारों में यही पढ़ने-सुनने को मिल
रहा है, यही चर्चा हो रही है कि देश के सभी राज्यों में पेट्रोल
के दाम अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ कर उच्चतम स्थिति में
पहुंच गए हैं।
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माँ-सी जगाएँ
सुनहरी किरणें
भोर की वेला।
पाखी की टोली
भोरे-भोरे निकली
कर्म निभाने
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एक अजीब बाजार है दुनिया
जिंदगी की खरीदार है दुनिया,
मोल खुशी का है नही कोई
गम की हिस्सेदार है दुनिया,
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सुना
था मिलता है दिल को बड़ा
सुकूं उसके साए में,
लिहाज़ा हम
तलाशते
रहे उम्र
भर
उस दरख़्त का पता, जिसका
अक्स उतर आए दिल में
वो आसमाँ न
मिला
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5000 रुपए किलों वाले गुड़ की क्या खासियत है?
संजय जी के अनुसार, वे ये गुड़ जैविक गन्ने से तैयार करते है।
इसमें च्यवनप्राश से भी ज्यादा खूबियां है। च्यवनप्राश बनाने में जितने प्रकार की जड़ी-बूटियां लगती है, इस गुड़ में उससे भी ज्यादा जड़ी-बूटियां मिलाई जाती है।
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आज तुम्हारा संबल गर मिल जाए मुझको
सच कहती हूँ होगा पूरा विश्व हमारा
ऐसी ताकत नहीं जो कोई रोक सकेगी
ये होंगे कदमों में, ऊँचा मैं रखूंगी भाल तुम्हारा
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ऊब उदधि नैनों से उद्गत
ॠतंभरा की ॠणि उदासी
मख-वेदी में मन का मरम
हिय बीच हिलग प्यासी
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सर्दी की रात
ठिठका सा कोहरा
ठिठुरा गात
कोई दे जाता
चाय का एक प्याला
ज़रा सी बात
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मन कभी चंचल अति हो भंवर में डूबा डरे
बुद्धि विचलित बंट गयी राह नहीं निश्चित करे,
आस्था का दीप जगमग तब भी भीतर जल रहा है
ज्ञान, श्रद्धा बन, कभी विश्वास बन कर पल रहा है !
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आज का सफर यहीं तक…
फिर मिलेंगें 🙏🙏
"मीना भारद्वाज"
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सुन्दर प्रस्तुति. मेरी कविता शामिल करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सराहनीय प्रस्तुति आदरणीय मीना दी।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने हेतु दिल से आभार।
बधाई एवं शुभकामनाएँ।
सादर
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, मीना दी।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाओं के लिंक्स से सजा चर्चा मंच, आभार !
जवाब देंहटाएंरोचक एवं विविधतापूर्ण रचनाओं के सुन्दर संकलन संयोजन तथा प्रस्तुति के लिए आपको असंख्य शुभकामनायें आदरणीय मीना जी.. मेरी रचना ko शामिल करने के लिए आपका हृदय से नमन और वंदन..
जवाब देंहटाएंप्रिय मीना भारद्वाज जी,
जवाब देंहटाएंसुरुचिपूर्ण बेहतरीन लिंक्स का बेहतरीन संयोजन किया है आपने। आज की चर्चा में आपने मेरी पोस्ट को भी शामिल किया यह आपका औदार्य है।
हार्दिक आभार,
शुभकामनाओं सहित,
डॉ.वर्षा सिंह
वर्षा जी आप सब गुणीजनों के सृजन से मंच की शोभा बढ़ती है। चर्चाकारों को मान देना आपका सहृदयता है🙏🙏
हटाएंकृपया आपका के स्थान पर "आपकी" पढ़े 🙏 मैं आप सभी गुणीजनों की सराहना से अभिभूत हूँ🙏🙏
हटाएंप्रिय मीना भारद्वाज,
हटाएंआपकी इस आत्मीयता के प्रति निःशब्द हूं। अनंत आत्मिक स्नेह सहित,
डॉ. वर्षा सिंह
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसंकलन के सभी पोस्ट बहुत उम्दा रहे मीना जी...
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुन्दर सूत्रों का संकलन आज का चर्चामंच ! मेरी 'चाय' की चुस्कियों का सभी पाठकों को आस्वादन कराने में लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार मीना जी ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आभार आदरणीया मीना भारद्वाज जी।
बहुत ही सुंदर सराहनीय प्रस्तुति मीना जी , सभी रचनाएँ बहुत ही अच्छी लगी
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने हेतु दिल से आभार।
बधाई एवं शुभकामनाएँ।
सादर
हर एक मोती निराला है । नि:संदेह चुनने वाला सूक्ष्म पारखी ही होगा । हार्दिक शुभकामनाएँ एवं आभार ।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन व प्रस्तुति, मुझे शामिल करने हेतु असंख्य आभार आदरणीया मीना जी - - नमन सह।
सुन्दर संकलन ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ...