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मंगलवार, जनवरी 05, 2021

"रचनाएँ रचवाती हो"'(चर्चा अंक-3937)

स्नेहिल  अभिवादन 

आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है 

(शीर्षक और भूमिका आदरणीय शास्त्री सर जी की रचना से )

नही जानता पूजन-वन्दन,
नही जानता हूँ आराधन,
वर्णों की माला में माता,
तुम मनके गुँथवाती हो!
शब्दों का भण्डार दिखाकर,
रचनाएँ रचवाती हो!!

माँ सरस्वती को नमन करते हुए चलते हैं आज की रचनाओं की ओर......
********************

 सरस्वती वन्दना "रचनाएँ रचवाती हो"

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

रोज-रोज सपनों में आकर,
छवि अपनी दिखलाती हो!
शब्दों का भण्डार दिखाकर,
रचनाएँ रचवाती हो!!

****************

 आज-कल यथार्थ

लोकप्रियता के शिखर पर है 

सभी को यथार्थ बहुत प्रिय है 

जहाँ देखा वहीं

 यथार्थ के ही चर्चे हैं 

********************

"सॉरी पापा.. मैं अब नहीं रोऊँगी,फिर मम्मा जल्दी तो आ जाएंगी ना पापा..?"

दोनों हाथों से आँसू पोंछते हुए मासूमियत से बोलती शुभांगी

 मुस्कुराने की कोशिश करने लगी।

शिव जवाब में मुस्कुरा दिया और शुभांगी को गले लगाते हुए

 मन ही मन में बोला, मुझे माफ़ कर देना बच्चा..! 

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अन्तः कोलाहल का अंत - -
देह का अब कोई मूल्य नहीं, फिर
भी क्यों इतना सारा ढोंग,
चक्षु लज्जा के भय से
निरंतर मिथ्या -
वंदन, सभी
कुछ है
वृथा

**********************धुली-धुली नई सुबह से हाथ मिला लो
जगी उमंगे हैं
 फिर से... 
उल्लासों से 
उन्हें  सजा दो ।
चूर-चूर  जिससे
तन-मन था वो
आघात भुला दो।

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उसकी यादें | ग़ज़ल | डॉ. वर्षा सिंह | संग्रह - सच तो ये है

शाम को किसने पत्ता थोड़ा 

दुख से मेरा नाता जोड़ा 


तेज़ हवा के इक झोंके ने 

बीच सफ़र में लाकर छोड़ा

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धूपवाली सुबह की उम्मीद | कथाकार | डॉ (सुश्री) शरद सिंह 

कहानी - 'धूपवाली सुबह की उम्मीद' 
कथाकार- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
कथापाठ - डॉ (सुश्री) शरद सिंह
मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के ऑनलाइन 
कथापाठ में 27.12.2020 को पढ़ी गई कहानी।
 यह लघुकहानी कोरोना लॉकडाउन के दौरान
 बेरोज़गार हुए प्रवासी मजदूर परिवार के जीवनसंघर्ष पर आधारित है।

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किसान

मिट्टी से खेलता हूं
मिट्टी में पलता हूं
किसान हूं मैं
मिट्टी में मिल जाता हूं। 

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ओट्स में कैल्शियम, पोटेशियम, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स 
और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है। ओट्स खाने से कब्ज की
 समस्या दूर हो कर पाचन शक्ति बढ़ती है। सब्जियों में तो बहुत
 सारे विटामिन्स रहते ही है। अत: आइए आज बनाते है, 
एक बहुत ही हेल्दी स्नैक्स, ओट्स वेजिटेबल ढोकला... 

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आज का सफर यही तक 
आप सभी स्वस्थ रहें,सुरक्षित रहें 
कामिनी सिन्हा 
--

15 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर चर्चा। सभी पोस्ट शानदार। सुप्रभात।

    जवाब देंहटाएं
  2. हमेशा की तरह बहुत ही सुंदर चर्चा प्रस्तुति आदरणीय कामिनी दी।
    मुझे स्थान देने हेतु दिल से आभार।
    बधाई एवं शुभकामनाएँ।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा प्रस्तुति।
    आपका आभार आदरणीया कामिनी सिन्हा जी।

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन चर्चा, अनेक रंगों की मोहक प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  5. सदैव की भांति बहुत सुन्दर और सार्थक लिंकों की चर्चा प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  6. उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।

    जवाब देंहटाएं
  7. कामिनी सिन्हा जी,
    अत्यंत आभारी हूं आपकी कि आपने मेरे कहानीपाठ को चर्चा मंच में स्थान दिया।
    हार्दिक धन्यवाद 🌹🙏🌹
    - डॉ शरद सिंह

    जवाब देंहटाएं
  8. सभी लिंक्स बहुत रोचक और पठनीय सामग्री से परिपूर्ण हैं। इस श्रम हेतु कामिनी जी आपको साधुवाद 🌹🙏🌹

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार कामिनी जी।

    जवाब देंहटाएं
  10. प्रिय कामिनी सिन्हा जी,
    बहुत अच्छी प्रस्तुति है, बेहतरीन लिंक्स की। आपने मेरी पोस्ट को भी इसमें शामिल किया, यह मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है।
    हार्दिक आभार एवं शुभकामनाएं 🌹🙏🌹
    सस्नेह,
    डॉ वर्षा सिंह

    जवाब देंहटाएं
  11. हमेशा की तरह मुग्ध करता हुआ चर्चा मंच - - सभी रचनाएँ अद्वितीय हैं, मुझे शामिल करने हेतु असंख्य आभार आदरणीया कामिनी जी - - नमन सह।

    जवाब देंहटाएं
  12. हर बार की तरह बहुत ही सुंदर चर्चा प्रस्तुति कामिनी जी
    मुझे स्थान देने हेतु हृदय तल से आभार।
    सभी रचनाएं बहुत आकर्षक सुंदर पठनीय।
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  13. आप सभी स्नेहीजनों को तहेदिल से शुक्रिया एवं सादर नमस्कार

    जवाब देंहटाएं

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