आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
"एक अलग ही छवि बनती है, परंपरा भंजक होने से
तुलसी इनके लिए विधर्मी, देरीदा को खास लिखेंगे|"
अदम गोंडवी की ये पंक्तियाँ हम सब लोगों पर बड़ी सटीक बैठती हैं| हम हर बात के लिए पश्चिम की ओर झांकते हैं| पश्चिम की बातों को अपनाना तो बुरा नहीं, लेकिन अपने गौरवमयी अतीत को भूलना भी अच्छा नहीं कहा जा सकता है| महात्मा बुद्ध का मध्यम मार्ग सिर्फ अध्यात्म में ही नहीं, जीवन के हर पक्ष पर लागू होता है| "अति सर्वत्र वर्जयेत्" आखिर यूं ही तो नहीं कहा गया|
चलते हैं चर्चा की ओर
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धन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
सुन्दर लगी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअसीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
श्रमसाध्य कार्य हेतु साधुवाद
असीम शुभकामनाओ के साथ
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय दिलबाग सिंह विर्क जी।
उत्कृष्ट रचनाओं का संकलन।अशेष शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंसादर
अच्छी लिंक्स....
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐🙏
बहुत अच्छी ब्लॉग लिंक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंटेस्ट मैच से 20-20 जैसा बदला स्वरूप भी उतना ही दिलकश है !
जवाब देंहटाएंसरल सीधे अंदाज में सुंदर चर्चा ! आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत बढियां ब्लॉग लिंक
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स , शानदार भूमिका, सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।