सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक आदरणीया अनीता जी की रचना से )
"जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि"बहुत ही सुंदर बात कही है आ. अनीता जी ने
"हमारा मन जैसा होगा हमारी दृष्टि वैसी ही होगी
और हमारी दृष्टि जैसी होगी हमारी सृष्टि भी वैसी ही होगी
"सृष्टि "यानि हमारे आस-पास का वातावरण
अर्थात हमारा परिवार ,हमारा समाज,हमारा देश,
हमारी प्रकृति और हम "
एक बार खुद की "दृष्टि" का मंथन करते हुए चलते हैं आज की रचनाओं की ओर.....
******************************
छाँव वही धूप वही,
दुल्हिन का रूप वही,
उपवन मुस्काया है।
नया-गीत आया है।।
दुल्हिन का रूप वही,
उपवन मुस्काया है।
नया-गीत आया है।।
***********************
जिस सृष्टि का निर्माण हमने ही किया है, हम उसे ही न जानें
और उससे ही प्रभावित हो जाएं, यह आश्चर्य की बात नहीं तो और क्या है !
************
कुछ और नहीं तो खाब्बों में आ जाया करो ll
ख्यालों की गुलाबी घटाओं में रंग जाओ ऐसे l
संदेशों में मचल रहा हो कोई नादान समंदर जैसे ll
शहद सी मिठास घुली धुन बन उतर आओ ऐसे l
*******************************
सि
धड़के सिर्फ मेरी रूह की आरज़ू बन जाय
धूप का उत्तरीय उतरने में,
ज़रा भी समय नहीं
लगता, जो
आँधियों
में
पीठ तेरी नज्र से जो जल गई.
कुफ्र की जो रात थी वो ढल गई.
हिरन से भी तेज़ दौड़ने वाला हमारा प्यारा पपी
असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
जवाब देंहटाएंश्रमसाध्य कार्य हेतु साधुवाद
विविधतापूर्ण विषयों पर सुंदर रचनाओं के लिंक्स से सजा है आज का चर्चा मंच, बहुत बहुत आभार कामिनी जी !
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत विविधताओं से परिपूर्ण पुष्पगुच्छ सी प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन, दीदी
जवाब देंहटाएंVery Nice your all post. I Love it.
जवाब देंहटाएंशानदार
अरे वाह ! बहुत ही सुन्दर सूत्रों से सजी आज की चर्चा ! मेरी लघुकथा को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार कामिनी जी ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंवाह अनुपम चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आद. कामिनी सिन्हा जी।
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंप्रिय कामिनी सिन्हा जी,
जवाब देंहटाएंबेहद सार्थक और पठनीयता से भरपूर लिंक्स का सुंदर, श्रमसाध्य संयोजन कार्य किया है आपने... साधुवाद 🙏
मुझे प्रसन्नता है कि मेरी पोस्ट को भी आपने इस चर्चा में शामिल किया है। इस हेतु हार्दिक आभार 🙏
शुभकामनाओं सहित,
डॉ. वर्षा सिंह
मंत्रमुग्ध करता हुआ चर्च मंच यथावत अपना अलग छाप छोड़ता है, मुझे शामिल करने हेतु असंख्य आभार आदरणीया कामिनी जी।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार सखी 🌹 सादर
जवाब देंहटाएंवाह, सुंदर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई सखी!
🌹🌹🌹🌹💐💐💐💐💐
चर्चा मंच पर उपस्थित होने के लिए आप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर अभिवादन
जवाब देंहटाएंरोचक प्रस्तुति। धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंwww.svnlibrary.blogspot.com
रोचक सूत्र ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी गज़ल को शामिल करने के लिए ...