सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
शीर्षक और भूमिका आ. अपर्णा बाजपेई जी की
(कही-अनकही ) की रचना से
आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
"आज सबसे जरूरी है कि
हम अपने बच्चों को इस आज़ादी की कीमत समझाएं,
उन्हें बताएं इस प्रजातंत्र ने उन्हें क्या शक्ति दी है,
हमारे संविधान ने उन्हें क्या अधिकार दिए हैं
और उनके क्या कर्तव्य हैं।"
(आज के परिवेश में ये नितांत आवश्यक हो चुका है)
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हमारी भावी पीढ़ी न जानती है और न समझना ही चाहती है
कि -हमें ये आजादी किस कीमत पर मिली है
आज हमारा ये परम कर्तव्य है कि -
हम अपने बच्चों को अधिकार के साथ- साथ कर्तव्य निभाना भी सिखाये
भारत माता को नमन करते हुए चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की और.....
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चन्दा-सूरज से उजियारा।
आन-बान और शान हमारी,
संविधान हम सबको प्यारा।
प्रजातंत्र पर भारत वाले,
सारे जग से न्यारा,
अपना है गणतंत्र महान॥
स्कूल से घर आते बच्चों के हर्षोल्लास में डूबे
स्वर-"आज से ग्राउण्ड में जाना है “26 जनवरी" की तैयारी
के लिए"...उनका यह उद्घोष घर के बाकी सदस्यों को भी
जोश और उमंग भरे उनके
स्कूली दिनों की याद दिला दिया करता था । बच्चों के
साथ वे भी अपने बालमन की स्मृतियों में डूब जाते ।
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जागो!
ओ प्रवासी पक्षी
हम थके हारे राह देखते
हुए क्लांत से
तुम क्यूँ न आए ?
हर समय आहट तुम्हारी
पंख फैला कर उड़ने की
किस लिए बेचैनी होती
मन में हमारे |
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ये मुल्क ख़्वाब से सुंदर है जन्नतों से बड़ा
यहाँ पे संत ,सिद्ध और दशावतर रहे
मैं जब भी देखूँ लिपट जाऊँ पाँव को छू लूँ
ये माँ का कर्ज़ है चुकता न हो उधार रहे
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आज का सफर यही तक
आप सभी स्वस्थ रहें,सुरक्षित रहें
कामिनी सिन्हा
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सुप्रभात !
जवाब देंहटाएंदेशप्रेम की रचनाओं से सजा नायाब और रोचक संकलन संयोजन तथा उम्दा प्रस्तुति के लिए हार्दिक आभार कामिनी जी..आज के मंच पर मेरी रचना को चर्चा के लिए शामिल करके आपने मुझे हार्दिक खुशी दी है..जिसके लिए आपका हृदय से अभिनंदन करती हूँ..गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह..
जय गनतंत्र |मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और तिरंगे से रँगी बढ़िया चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंगणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-
आपका आभार आदरणीया कामिनी सिन्हा जी।
बहुत ही सुंदर सराहनीय संकलन आदरणीय कामिनी दीदी।
जवाब देंहटाएंबधाई एवं शुभकामनाएँ।
सादर
राष्ट्र प्रेम भाव से सजी गणतंत्र दिवस पर बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति। ब्लॉग जगत के सभी साथियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच के सभी मनीषियों, साहित्यकारों, सुधी पाठकों एवं संयोजकों को गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
जवाब देंहटाएंडॉ. वर्षा सिंह
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत चर्चा प्रस्तुति, गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंवाकई हर देशवासी को अपने कर्त्तव्यों का पालन करने की आवश्यकता है, आज दिल्ली में जो कुछ हुआ वह कभी न दोहराया जाये
जवाब देंहटाएंजय भारत का उत्कृष्ठ गणतंत्र!!
जवाब देंहटाएंविचारणीय भूमिका के साथ अत्यंत मनभावन चर्चा सखी। आज की पीढी ने स्वतन्त्र भारत में आँखें खोली, सो उन्हें इस आजादी के मोल का ज्ञान नहीं हो सकता। उन्हें बताना होगा कि कितने लोगों ने अपने अनमोल जीवन की आहुतियाँ दी और राष्ट्र को तब स्वतंत्रता का उपहार मिला। हुतात्माओं का यशोगान सुनाना चाहिए भावी पीढी को। सभी को गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं और बधाई। तुम्हें भी आभार और शुभकामनाएं सखी 🙏🙏🌹🌹❤❤
सभी से अनुरोध है कि ब्लॉग पर इन दिनों आ रही असाधारण पाठक संख्या के लिए मार्गदर्शन करें। इन दिनों बिना कोई रचना डाले stats में बहुत बड़ी पाठक संख्या दिख रही है। ज्यादातर विदेशों विशेषकर sweden, UK USA इत्यादि से हैं। जिसे भी पता हो निवेदन हैजरूर बताएं।
जवाब देंहटाएंदेशप्रेम की रचनाओं से इस बार का चर्चा मंच गुलजार रहा। बहुत सुंदर रचनाएँ आयी। सभी रचनाकरीं को गणतंत्र दिवस की अशेष शुभकामनाएँ👌!--ब्रजेंद्रनाथ
जवाब देंहटाएंबेहद सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआप सभी स्नेहीजनों को तहेदिल से शुक्रिया एवं सादर नमस्कार, आप ने सही कहा अनिता जी-आज जो दिल्ली में हुआ वो नहीं होना चाहिए था
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