मित्रों रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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अपने ही जब पीठ पर, करते सतत प्रहार।
बैरी की उसको नहीं, दुनिया में दरकार।।
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जिनकी जिह्वा दो मुखी, समझो उनको सर्प।
वो करते हैं बेवजह, अपने विष पर दर्प।।
उच्चारण जीने के लिए मरना
ये कैसी सआदत है
मरने के लिए जीना
ये कैसी हिमाक़त है
अकेले जीओ
एक शमशाद तन की तरह
और मिलकर जीओ
एक बन की तरह।
यह नाज़िम हिकमत की पहली कविता है, जो उन्होंने तुर्की की कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक मुस्तफ़ा सुबही और उनके चौदह साथियों की स्मृति में 1921 में लिखी थी, जिन्हें 28 जनवरी 1921 को तुर्की के बन्दरगाह ’त्रापेजुन्द’ के क़रीब काले सागर में डुबकियाँ दे-देकर मार डाला गया था।
तुझसे तो सौ गुना अच्छी हैं तेरी आंखें
कुछ रख आते हैं बंधक, अदृश्य
भस्म लपेटे सारे अंग में,
निरंतर भटकते हैं
किसी मृग -
सार की
तरह
" दीदी, मेरी बातें ध्यान से सुनना। आजकल जीजा के चाल चलन ठीक नहीं लग रहा है। तुम तो ’फ़ेस बुक’ पर हो
नहीं। मगर मैं उनका हर पोस्ट पढ़ती हूँ । जाने किसे कैसे कैसे गीत ग़ज़ल पोस्ट कर रहे हैं आजकल।मुझे तो दाल में
कुछ काला लग रहा है । हाव भाव ठीक नहीं लग रहा हैउअनका।
पिछले महीने एक रोमान्टिक गीत पोस्ट किया था ।
लिखा था-
खोल कर यूँ न ज़ुल्फ़ें चलो बाग़ में
प्यार से है भरा दिल,छलक जाएगा
ये लचकती महकती हुई डालियाँ
झुक के करती हैं तुमको नमन, राह में
हाथ बाँधे हुए सब खड़े फ़ूल हैं
बस तुम्हारे ही दीदार की चाह में
यूँ न लिपटा करों शाख़ से पेड़ से
मूक हैं भी तो क्या ? दिल धड़क जायेगा
पता नहीं किसको घुमा रहे हैं गार्डेन में,आजकल ?
आदरणीय सर, सुप्रभात और प्रणाम🙏🙏, सुंदर प्रस्तुति। माननीया आशा जी के बारे में मंच पर एक बार पहले भी चर्चा हो चुकी है। आज भी उनके बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा। ब्लॉग जगत में आशा जी की उपस्थिति एक मौन साधिका सी है जोअपने कर्म पथ पर अग्रसर हैं । उन्हें बधाई और शुभकामनाएं आज के इस सम्मान के लिए। मैं भी उनकी नियमित पाठक हूँ। उनके उत्तम स्वास्थ्य और यश की कामना करती हूँ।
जवाब देंहटाएंआजके सभी रचनाकारों को सस्नेह शुभकामनाएँ।
सभी ने अच्छा लिखा है।आपको भी पुनः आभार🙏🙏
सुंदर चर्चा। आभार।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा लिंक्स और मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर |मेरे लिए आप जैसा सोचते हैं इतना मुझमें है नहीं |यह सच है कि मुझे हिन्दी की सेवा करना अच्छा लगता है मैं इस प्रकार प्रोत्साहन के लिए आपकी आभारी हूँ |सारी लिंक्स सदा की तरह शानदार है |सभी रचनाकारों को मेरी शुभ कामनाएं और आपको भी एक बार फिरसे आभार |
आदरणीय शास्त्री जी,नमस्कार ! सुन्दर सरस,ज्ञानवर्धक एवं रोचक लिंक्स के संकलन संयोजन तथा श्रमसाध्य प्रस्तुति के लिए आपको बधाई..एक ही पर विविध तरह की रचनाओं को पढ़ने का अवसर मिला..जिसके लिए आपको धन्यवाद..सादर.
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी। आशा दीदी के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा। उन्हें बहुत बहुत शुभकामानाएं एवं बधाई।
जवाब देंहटाएंआपने अच्छी जानकारी दी है , इसी तरह आप हमलोगो को जानकारी देते रहे। धन्यबाद
जवाब देंहटाएंअगर आप शायरी पढ़न चाहते है तो हमारे वेबसाइट पर जाये -
shayarihd.com
बेहद खूबसूरत चर्चा प्रस्तुति । आ.आशा जी के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में पढ़ना सुखद अनुभूति है । विविधताओं से परिपूर्ण पुष्पगुच्छ सी प्रस्तुति । सादर नमन सर!
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंसादर अभिवादन 🙏
आदरणीया श्रीमती आशा लता सक्सेना जी का परिचयात्मक विवरण पढ़ कर अच्छा लगा। उनके ब्लॉग "आकांक्षा" की मैं पिछले एक दशक से पाठिका हूं। उनकी पूज्यनीय माताश्री ज्ञानवती सक्सेना जी मेरी माताश्री डॉ. विद्यावती "मालविका" की मित्र थीं। उस ज़माने कविताकर्म में इन दोनों महिलाओं की सक्रियता महत्वपूर्ण रही है। अनेक समवेत काव्य संग्रहों में दोनों की कविताएं संकलित हैं। आदरणीया आशा लता जी का लेखन भी उल्लेखनीय है।
आदरणीय, आप हमेशा ढ़ूंढ-खोज कर सर्वोत्तम लिंक्स का संयोजन कर चर्चा को श्रेष्ठतम बना देते हैं। नमन है आपके इस श्रम को 🙏
मेरी पोस्ट को आज की चर्चा में शामिल करने हेतु हार्दिक आभार 🙏
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
आपका हार्दिक आभार आदरणीय
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा प्रस्तुति,एक से बढ़कर एक रचना
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर, आशा दी के व्यक्तित्व और उनके कृतियो के बारे में जानकारी देने के लिए आप को दिल से शुक्रिया, मां सरस्वती की कृपा दृष्टि हमेशा उन पर बनी रहे यही कामना है
बेहतरीन चर्चा अंक, सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं सादर नमस्कार
बेहतरीन संकलन
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार आ0
यथावत सुन्दर प्रस्तुति व संकलन, सभी रचनाएं असाधारण हैं, मुझे जगह देने हेतु असंख्य आभार आदरणीय शास्त्री जी - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही बेहतरीन लिंक्स एवम शानदार प्रस्तुति ... आभार आपका ...
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी नमस्कार!
जवाब देंहटाएंआशालता सक्सेना के बारे में उत्तम जानकारी ।धन्यवाद।
मेरी रचना को यहां स्थान देने के लिए आपका बहुत आभार सर
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को यहां स्थान देने के लिए आपका बहुत आभार आदरणीय
जवाब देंहटाएंक्षमा कीजियेगा चर्चाओं नहीं आ सका क्योंकि संचार पत्र को लेकर अधिक कार्य हो जाते हैं , तथा अक्षरवाणी काव्य-मंजरी को लेकर और अधिक
अतः पुनश्च क्षमाप्रार्थी हूँ |
आपने अच्छी जानकारी दी है
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