आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
भारत के लिए परीक्षा की घड़ी है और साथ ही यह मानवता के लिए भी| सोशल मीडिया पर रोज मित्रों का बिछुड़ना आहत करता है, लेकिन सांत्वना भरे बोलों के सिवा देने को कुछ नहीं| हाँ, दुआ की जा सकती है| दुआ करते रहो, शायद यह किसी के काम आए
चलते हैं चर्चा की ओर
धन्यवाद सहित
दिलबागसिंह विर्क
आदरणीय विर्क साहब आपका हृदय से आभार ।अच्छे लिंक्स।आपका दिन शुभ हो ।आपकी ब्लॉग टीम और परिवार स्वस्थ और प्रसन्न रहे।
ReplyDeleteउम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, दिलाबाग़सिंह भाई।
ReplyDelete"सीमा" को शामिल करने के लिए धन्यवाद!
ReplyDeleteसभी के स्वास्थ्य की कामना करते हुए सार्थक भूमिका के साथ पठनीय सूत्रों का चयन।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद सर!
ReplyDeleteसुंदर लिंक। सबके स्वस्थ, सुखी एवं सानंद जीवन की शुभकामना!!! बधाई और आभार!!!
ReplyDeleteबहुत अच्छी सामयिक चर्चा प्रस्तुति
ReplyDeleteसुंदर अंक।
ReplyDeleteबेहतरीन लिंक्स। मेरी रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय।
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति
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