सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक और भूमिका आदरणीया उषा किरण जी की रचना से )
हौसला रखो, आशाओं के दिए जलाए रखो
नफरत के आगे प्रेम को हारने मत देना
हम सब फिर मुस्कुराएंगे
मिल कर उम्मीदों के, प्रेम-गीत गाएंगे
धरा पर भी एक दिन दीवाली होगी
देखना...वो सुबह जल्द ही जरूर आएगी !!
हाँ,यक़ीनन "वो सुबह जल्द ही जरूर आएगी "
उम्मींदों की दीप जलती उषा जी की लिखी ये सुंदर पंक्तियाँ
एक अनमोल संदेश है.....
पुरे विश्वास के साथ इसे आत्मसात करते हुए
चलते है,आज की कुछ खास रचनाओं की ओर
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भूल जाओ अब भी
सारा द्वेष, ईर्ष्या व क्रोध
पुरानी रंजिशें, प्रतिशोध, आरोप- प्रत्यारोप
तुम्हारी निर्ममता का सही वक्त नहीं ये
हाथ बढ़ा कर लगा लो सबको गले
हौसला रखो...हौसला दो
दोस्त,दुश्मन की लकीरें मिटा दो
पीली धूपों पर शीतल चन्दन के फाहे रखो
अब भी न समझे तो कब समझ पाओगे
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काची काया मन भी अथिरा ,
हींड़ चढा हीड़े जग सारा ।
दिखे सिर्फ थावर ये माया,
थिर थिर डोले है जग सारा ।
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छा जाएं जब भी बाधाएं
श्रद्धा का इक दीप जला लें,
दुर्गम पथ भी सरल बनेगा
जिसके कोमल उजियाले में !
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देखा है दादाजी के चश्में ने
आभार आपका कामिनी जी। रचना को सम्मान देने के लिए आभार। सभी लिंक अच्छे है...। अपना ध्यान रखियेगा सभी साथी।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद कामिनी जी मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए
सुप्रभात
धन्यवाद कामिनी जी मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए |
बहुत खूबसूरत चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआज की प्रस्तुति में मेरी रचना का चयन कर सम्मान देने के लिए आपका हृदय से आभार कामिनी जी...कुछ लिंक पढ़े...उत्तम हैं बाकी भी पढूँगी...सभी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ...कृपया सभी अपना खूब ध्यान रखिए...सभी को शुभकामनाएँ 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद कामिनी जी, मेरी पोस्ट को इस नायाब मंच पर लाने के लिए। साथ ही ऊषा किरण जी की रचना तो गजब ही है---
जवाब देंहटाएं"पुरानी रंजिशें, प्रतिशोध, आरोप- प्रत्यारोप
तुम्हारी निर्ममता का सही वक्त नहीं ये
हाथ बढ़ा कर लगा लो सबको गले
हौसला रखो...हौसला दो" वाह।
बहुत शानदार चर्चा।
जवाब देंहटाएंसभी लिंक बहुत ही आकर्षक।
सभी रचनाकारों को बधाई।
मेरी रचना को चर्चा में लेने के लिए बहुत बहुत आभार।
सार्थक भूमिका और पठनीय सूत्रों का चयन, आभार कामिनी जी, 'मन पाए विश्राम जहाँ' को आज के चर्चा मंच पर स्थान देने हेतु !
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार यथा रोचक अंक ।बहुत शुभकामनाएं आपको कामिनी जी । अपना ध्यान रखें,सादर जिज्ञासा सिंह ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ,हमारी रचना को शामिल करने के लिए आभारी हूँ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन
जवाब देंहटाएंविलम्ब हेतु क्षमा \हार्दिक आभार आपका |
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