सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक और भूमिका आदरणीया मीना भारद्वाज जी की रचना से )
उस विश्वास की जड न चाहते हुए भी अब हिल रही है ।
जीवन को भरपूर जीने की चाह रखने वाला मन और कल्पनाओं
के कैनवास पर अक्षरों के रंग उकेर कर मनचाहा आकार देने
वाली सोच कभी इतनी मूक और बेबस हो जाएगी..
…, सोचा न था।
सच कहा आपने मीना जी "किसी ने सोचा ना था "
मगर ये दिन देखना पड़ा....हिम्मत टूट रही है...हौसले पस्त हो रहें है...
मन घबड़ा भी रहा है....
मगर.....विश्वास की डोर को थामे रखना होगा....
उम्मींदों के चिरागों को चलाये रखना होगा....
कोई विकल्प नहीं.....
बस, खुद पर विश्वास और दुआ में हाथ उठाये रखना होगा....
परमात्मा हमें सद्ज्ञान और सद्बुद्धि दे ताकि, हम इस मुश्किल घड़ी से खुद को निकल पाए
इसी प्रार्थना के साथ आईये, कुछ रचनाओं का आनंद उठाये और मन को बहलाने की कोशिश करें...
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सोचती हूँ कुछ कुछ वैसा ही दमपिशाच है
कोरोना वायरस भी । जो पिछले वर्ष के मार्च से अब तक न
जाने कितनी ही जिन्दगियों को लील गया और अब भी उसका कहर जारी है ।
आरंभिक दिनों में मेरी सोच थी कि इक्कीसवीं सदी है
ये...अब साईंस ने बहुत उन्नति कर रखी है ।
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निराश मन में उम्मींदों की किरण सी दस्तक दे रही
ओंकार जी की ये खूबसूरत रचना
इस कठिन समय में
जब निराशा ने ढक लिया है
पूरी तरह सब कुछ,
बच गई है किसी कोने में
थोड़ी-सी उम्मीद,
जैसे बंद खिड़की में
रह गई हो कोई झिर्री,
जिससे घुस आई हो
प्रकाश की किरण कमरे में.
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रात बेटा आया सिरहाने बैठा
माथे का पसीना पोंछा ।
मासूम नज़रों से मां को देखा
और बड़ी देर तक कुछ सोचा ।।
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जाग री ,
धन्य है हमारी संस्कृति और पावन है हमारी प्रकृति। कैसा अदभुत संसार है। हमारे पर्व मौसम के बदलने के साक्षी होते हैं। सूर्य की दिशा, उसके नए रास्ते और उससे हमारे जीवन में परिवर्तन। ये सब सुखद जीवन चक्र है जिसे हम स्वीकारें या नकारें लेकिन ये सब यूं ही स्वतः संचालित होता है। हम पढ़ लिख कर बेशक शब्द ज्ञान में बेहद आगे हो गए हैं लेकिन हम प्रकृति को नहीं पढ़ पाए।
𝗙𝗮𝗻𝘁𝗮𝘀𝘁𝗶𝗰 𝗮𝗹𝗹 𝗽𝗼𝘀𝘁👍👍👍👍👍👍👍👍
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा प्रस्तुति कामिनी जी । कुछ लिंक्स पढ़े सभी बहुत उम्दा हैं , कुछ लिंक्स बाकी हैं पढ़ने वह भी पढ़ूंगी अभी । मेरे सृजन को मान देने के लिए हृदय से असीम आभार ।
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा है और रचनाओं को भी सुंदर चयन। मेरी रचना को सम्मान देने के लिए बहुत आभारी हूं आपका कामिनी जी।
जवाब देंहटाएंबेजोड़ प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंलाजबाव चर्चा संकलन
जवाब देंहटाएंमंच पर उपस्थित होने के लिए आप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंसर्वप्रथम मेरी पोस्ट को एक बार फिर से चर्चा मंच पर शामिल करने पर आपका हृदय से आभार आद. कामिनी जी.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर और शानदार प्रस्तुति के लिए भी आपका बहुत-बहुत आभार धन्यवाद
सुंदर व उम्दा संकलन ! आभार
जवाब देंहटाएंभूमिका सार्थक सटीक।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति।
सभी रचनाकारों को बधाई।
सभी रचनाएं बहुत सुंदर।