सादर अभिवादन।
शनिवारीय चर्चा अंक में आपका स्वागत है।
आइए पढ़ते हैं विभिन्न ब्लॉग्स पर प्रकाशित चंद चुनिंदा रचनाएँ-
ग़ज़ल "राह में चलते-चलते" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
मंजिल सभी को है चलने से मिलती
ठहरना नहीं, राह में चलते-चलते
रखना नजर प्यार की मुख़्तसर सी
भड़कना नहीं, राह में चलते-चलते
--
देखती हूँ खुद को मैं, औ
--
तुम्हारे बिना ईद | कविता | डॉ शरद सिंह
--
अब छोड़ दिया उलझनों को
परमपिता परमेश्वर के हाथों में
खुद को भी समेट लिया जीवन के प्रपंचों से दूर
भक्ति का मार्ग चुना है निर्भय कंटकों से दूर |
--
क्या कहना उस वक्त का
उसे भी हराकर बात बढ़ी
दोस्तों संग फिर कब होंगे
आमने-सामने पता नहीं
पर चैटिंग करते दिन पुराने
कॉलेज के यादों में चला गया
उम्मीद पर कायम है दुनिया
--
बन्नी माँ बाबुल की जान
बन्ना जी उसका दिल न दुखाना
बन्नी अपने दादाजी की शान
बन्ना जी लेने घोड़ी पे आना
--
Cytokine storme साइटोकाइन तूफान क्या होता है
मन के किवाड़ों पर
अवसाद की कुंडी के सहारे
जड़ा है साँकल से मौन!
शिथिल काया की विवशता
सूनेपन को समीप बैठा
लाड़ लड़ाती है कविता।।
अकेलेपन में चीखते
चेहरों का समाज है।
सूखे और बेजान
शरीर
एक - दूसरे
को समझा रहे हैं
अपना-अपना समाजवाद।
--
और फिर सबमें
एक चुपचाप
शब्दयुद्ध ठन जाएगा
भूलाने लायक
बहुत सारी बातें
कहीं हाशिए में
नामोनिशान मिटा कर
दफन कर दिया जाएगा
--
आज बस यहीं तक
फिर मिलेंगे अगली प्रस्तुति में।
रवीन्द्र सिंह यादव
बहुत सुंदर प्रस्तुति। कृपया एक बार अविनाश तिवारी जी के अविकाव्य ब्लॉग पर नजर डाले। एक से एक बेहतरीन कविताएं मिलेंगी।
जवाब देंहटाएं👇
http://avikavya.blogspot.com/?m=1
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अंक आज का |मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवादरवीन्द्र जी |
सुप्रभात रवींद्र जी...मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभारी हूं। सभी रचनाकारों को खूब बधाई।
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच में मेरी रचना को शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद रवीन्द्र सिंह यादव जी 🙏
जवाब देंहटाएंआभार रविन्द्र जी । कुछ नए लिंक्स दिख रहे हैं। जाते हैं पढ़ने ।
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन के लिए आभार रवीन्द्र जी
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमधुर-तिक्त सूत्रों का सुन्दर संयोजन के लिए हार्दिक बधाई एवं धन्यवाद । सबों के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति। मेरी रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएंरविन्द्र जी, व्यक्तिगत व्यस्तता की वजह से आपकी टिप्पणी पढ़ने में देरी हुई इसके लिए क्षमा मुझे बहुत खुशी हुई कि आपने आपके मंच पर स्थान दिया। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएं