सादर अभिवादन !
शुक्रवार की प्रस्तुति में आप सभी प्रबुद्धजनों का पटल पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन ! आ.दिलबाग सिंह जी के थोड़ा अस्वस्थ होने के कारण कल की चर्चा अंक के लिए क्षमा याचना के साथ मैं मीना भारद्वाज आपके सम्मुख आज चर्चा के साथ उपस्थित हूँ ।
आजकल सभी चिंताग्रस्त हैं । स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से तो जनमानस पहले भी परेशान होता था मगर कोरोना महामारी ने मनुष्य को बेबस और लाचार बना कर मानो उसकी समूची मानसिक शांति ही छीन ली है । ऐसे समय में हम प्रार्थना करते हैं उस असीम सर्वोच्च सत्ता के स्वामी प्रभु से कि वे मनुज समाज की रक्षा करें ।
विषम परिस्थितियों में मनुष्य की जिजीविषा
और कर्मठता को प्रेरित करते आशावादी दृष्टिकोण की प्रासंगिकता पर आस्था जगाता आज की चर्चा का शीर्षक - "विहान आयेगा' आ.कुसुम कोठारी जी की रचना से लिया गया है ।
--
आइए अब बढ़ते हैं आज के चयनित सूत्रों की ओर-
जग की यही कहानी है-डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
जबरा मारे रोने ना दे, जग की यही कहानी है।
छिपी हुए खारे आँसू में, दुख की कोई निशानी है।।
मेड़ खेत को लगी निगलने, किसको दोषी ठहरायें,
रक्षक ही भक्षक बन बैठे, न्याय कहाँ से हम पायें,
अन्धा है कानून, न्याय की डगर बनी बेगानी है।
छिपी हुई खारे आँसू में, दुख की कोई निशानी है।।
--
रात हो कितनी भी काली
खो चुकी दिवा की लाली
समय पर भानु का उदभव
रोकना उसको असंभव।।
हो कभी जो काल दुष्कर
बनना हो स्वयं धनुष्कर
विजय भी मिलेगी निश्चित
पुनः सब होगा अधिष्ठित।।
***
टांग देती है
खूटी पर सपने
सहेजकर रखती है आले में
बिखरे रिश्ते
डिभरी की टिमटिमाहट मेँ
टटोलती है स्मृतियां
***
स्वर्ण मृगी बन कर
सनातन काल से
आखेट के लिये आतुर
तुम्हारे बाणों की
पिपासा बुझाने के लिये
अपनी कमनीय काया पर
मैं अनगिनत प्रहारों को
झेलती आयी हूँ !
***
इस देश का नागरिक होने के नाते
या इंसान होने के नाते
साँस लेने के लिए
थोड़ी-सी हवा पर
मेरा हक़ है कि नहीं
और यह हवा मुझ तक पहुँचाना
आपकी ज़िम्मेदारी है कि नहीं?
***
साँसों पे तलवारें लटकी है
आँखें धड़कन पर अटकी है
हम रोएँ या फिर सिर पटके
जीवन की राहें भटकी है।
***
हवा विषैली हर तरफ़, मचा रही उत्पात।
क्रूर काल पहुँचा रहा, अंतस् को आघात।।
महामारी विकट हुई, बनी गले की फाँस।
हाँफ रही है ज़िंदगी, उखड़ रही है सांस।।
चूक आकलन में हुई, मचा हुआ कुहराम।
हाल बुरा है देखिए, सिस्टम है नाकाम।।
***
वैभवशाली देश हमारा क्यों इतना बदहाल है
वैभवशाली
देश हमारा
क्यों इतना बदहाल है |
रामकृष्ण
टैगोर को भूला
हिंसा में बंगाल है |
***
अब देश का मौसम तुम्हें मैं क्या बताऊँ
अब देश का मौसम तुम्हें मैं क्या बताऊँ ,
जब हर दिशा गहरे तिमिर से घिर रही है |
भोर तो आती यहाँ हर रोज लेकिन ,
फूल कोई भी तनिक हँसता नहीं है |
रुकते नहीं एक पल को अश्रु फिर भी ,
वेदना कोई तनिक सुनता नहीं है |
***
छत्तीसगढ़ के ब्रजेश शर्मा लेखक हैं। वह अजिंक्य शर्मा के नाम से अपराध और हॉरर साहित्य लिखते हैं। उनके उपन्यास किंडल पर प्रकाशित होते रहे हैं। आज दुई बात पर पढ़िए उनके द्वारा लिखा गया एक हास्य लेख। उम्मीद है जो वक्त चल रहा है उसमें यह आपके चेहरे पर एक मुस्कान लाने में कामयाब हो पायेगा।
***
आज के सांस्कृतिक कार्यक्रम में आदिवासी लोकनृत्य था। श्वेत वस्त्र पहने कई युवा व प्रौढ़ कलाकार बड़ी दक्षता के साथ विभिन्न स्वर निकालते हुए नृत्य कर रहे थे। दो व्यक्ति ढोल बजा रहे थे। नया साल आने में दो दिन शेष हैं, जिसमने उन्हें कर्नाटक के वन्य जीवन को निकट से देखने का अवसर मिलेगा।
***
एक नाव थी, लोगों को आराम से लाने ले जाने का काम करती थी, सभी उस नाविक के कम बोलने. पर अक्सर तंज कसा करते थे, वह नाविक बिना कुछ कहे केवल मुस्कुरा कर अपने काम में लगा रहता। एक दो बार बड़े तूफान भी आए लेकिन उस नाविक ने अपने कौशल से नाव को डूबने से बचा लिया ।
***
क्या मुझे वो स्नेह मिल सकेगा..?
मैं दिन रात तुम्हारे ख्यालों में खोया रहता हूँ
तुम्हें देखकर जीता हूँ और तुम पर ही मरता हूँ
तुम ही मेरे एहसासों में समाई हो
तुमसे प्यार ही मेरे जीवन भर की कमाई है
तुम्हारी एक झलक के लिए हम बेकरार हैं
कैसे कहें कि कितना तुमसे प्यार है
***
घर पर रहें..सुरक्षित रहें..,
अपना व अपनों का ख्याल रखें,
आपका दिन मंगलमय हो…,
फिर मिलेंगे 🙏
"मीना भारद्वाज"
रोचक लिंक्स के साथ सुसज्जित चर्चा। उम्मीद है दिलबाग सिंह वर्क जी जल्द ही स्वस्थ होंगे।
जवाब देंहटाएंइस चिट्ठा जगत के सभी लेखक पाठक और चर्चा मंच के सभी भाई बहन स्वस्थ और प्रसन्न रहें |सबके घर कुशल मंगल रहे |सादर अभिवादन आदरणीया मीना जी |बहुत अच्छे लिंक्स |
जवाब देंहटाएंजी आभारी हूँ...मीना जी...। सभी रचनाकारों को खूब बधाई...। सभी स्वस्थ रहें...।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात, सभी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए शुभकामनाएं, इस कठिन समय में भी साहित्य की मशाल जलाए रखने के लिए चर्चा मंच के सभी आयोजकों को बधाई, सुंदर चर्चा प्रस्तुति, आभार !
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति।🌻
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज की चर्चा ! मेरी रचना को भी आपने सम्मिलित किया ! आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार मीना जी ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा.मेरी रचना को सम्मिलित किया.आभार
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंमीना जी, इस विकट समय में ऐसी सुसज्जित चर्चा प्रस्तुत करने के लिए आपका और इतना धैर्य पूर्वक लेखन करने वाले रचनाकारों का परम आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चर्चा अंक,सभी रचनाकारों को बधाई और शुभकामनाएं 💐 सभी लोग जो इस समय स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हैं , ईश्वर उनपर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखें,सभी स्वस्थ हो।मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार सखी 🙏 सादर
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मीना दी,ईश्वर से प्रार्थना है कि दिलबाग सिंह जी,आदरणीय शास्त्री जी और अनिता जी सभी जल्द से जल्द स्वस्थ्य हो।
जवाब देंहटाएंआदरणीय मीना जी, आज की सुंदर चर्चा प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई । आदरणीय शास्त्री जी,दिलबाग सिंह जी तथा अनीता जी सहित सभी के अच्छे स्वास्थ्य की ईश्वर सेप्रार्थना करती हूं .. जिज्ञासा सिंह ।
जवाब देंहटाएंआशा का संचार करती भूमिका और बहुत अच्छे लिंक आयोजन
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
सादर
आदरणीया मीनाजी, बहुत अच्छे लिंक लगाए हैं आपने। सुंदर प्रस्तुति। सभी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए निरंतर ईश्वर से प्रार्थना कर रही हूँ। अपना खयाल रखिए। सस्नेह।
जवाब देंहटाएंआशा का संचार करती सुन्दर भुमिका के साथ इस श्रमसाध्य प्रस्तुति के लिए हृदयतल से आभार मीना जी, सभी स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें यही कामना करती हूं,सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंमेरी रचना के शीर्षक को चर्चा का शीर्षक बना कर जो सम्मान दिया उसके लिए मैं बहुत अनुग्रहित हूं मीना जी ।
जवाब देंहटाएंदिलबाग सिंह जी ,अनीता जी और शास्त्री जी सभी की कुशलक्षेम की कामना करती हूं। सभी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ करें।
आज का अंक आपकी लग्न और मेहनत को साफ़ साफ़ दर्शा रहा है।
बहुत सुंदर अंक।
सभी रचनाकारों को बधाई।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
सादर सस्नेह।
बहुत सुंदर रचनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सराहनीय संकलन ।
जवाब देंहटाएं