शीर्षक पंक्ति: आदरणीय रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
सोमवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
ख़बर है कि हद तक फ़ज़ीहत में पड़ने के बाद बाबा रामदेव ने कहा है-
"मैं एलोपैथी का विरोधी नहीं हूँ।"
आइए पढ़ते हैं विभिन्न ब्लॉग्स पर प्रकाशित कुछ ताज़ा-तरीन रचनाएँ-
"विपत्ति जब सताती है, नमन शैतान करते है।" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
दिया है दुःख का बादल, तो उसने ही दवा दी है,
कुहासे को मिटाने को, उसी ने तो हवा दी है।
तुम्हारे भीतर जो
बसी है
उदासियां, पीड़ा
दुख और अकेलापन
स्पीड पोस्ट कर दो मुझे
मैं उन्हें सहेज रखूंगा
अपने भीतर किसी उपहार की तरह
*****
और अंत में सभी पत्रकारों से यही कहूंगी कि हमें अपना गिरेबां चुस्त दुरुस्त रखने के लिए ही सही, #ज़फ़र_इक़बाल_ज़फ़र के ही शब्दों में “रेत का लिबास पहनकर हवा के सफ़र पे निकलने” वाली बेवकूफ़ी से बचना चाहिए।
बस्तियाँ जल के जब ख़ाक हो ही गईं,
बाद जलने के आना न आना भी क्या !
अब सियासत में बस गालियाँ रह गईं,
ऎसी तहजीब को आजमाना भी क्या !
*****
वो थके व्यक्ति को
शब्दों की थाप देकर
सुला देती है
इस उम्मीद से
कि कोई भोर होगी
जब व्यक्ति
अपने अंदर से जागेगा
बदहवास दौड़ को
पीछे छोड़...।
*****
इन हवाओं ने
फिर से
बिछुड़ चुके
उन सभी मिठे-मिठे
एहसासों को
बचपन के ख़जाने से
ढूँढ़कर
आज मेरे
थक चुके मन को सहला रही है।
*****
आज बस यहीं तक
फिर मिलेंगे अगली प्रस्तुति में।
रवीन्द्र सिंह यादव
यहाँ प्रस्तुत सभी रचनाएं उत्कृष्ट लग रही है। मैं एक-एक कर सभी को अवश्य पढूंगा।
जवाब देंहटाएंमैं अभी केवल "खण्ड काव्य कैसे लिखें?" इसे ही पढ़ा हूँ। इस लेख ने मेरा बहुत मार्गदर्शन किया। मुझे इनके ब्लॉग पर मेरी आवश्यकता की बहुत सारी सामाग्रियाँ मिली। इस ब्लॉग की जानकारी यहाँ देने के लिए आपका अभिनन्दन।
साथ ही मेरी रचना को इन महानुभावों के बीच स्थान देने के लिए सहृदय आभार एवं बहुत-बहुत धन्यवाद आपका। 🙏🌺
बहुत बहुत धन्यवाद सर🙏
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमेरी ब्लॉगपोस्ट को शमिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद रवींद्र जी, बहुत बढ़िया कलेक्शन दिया, चर्चा मंच का बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंजी बहुत आभारी हूं आपका...मेरी रचना को सम्मान प्रदान करने के लिए। शेष सभी रचनाएं श्रेष्ठ हैं। आपको बेहतर चयन के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंपठनीय रचनाओं के लिंक्स सुझाती सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति बहुत अच्छी लगी भाई रविन्द्र जी।
जवाब देंहटाएंभूमिका सार्थक संतुलित।
आदरणीय शास्त्री जी का फिर से सक्रिय होना बहुत अच्छा लग रहा है।
चर्चा कारों की नामौजूदगी अखर रही हैं ईश्वर करे सभी शुभ हो।
सभी रचनाएं बेजोड़ है सभी रचनाकारों को बधाई।
ममुझे चर्चा में स्थान देने के लिए हृदय से आभार।
सादर सस्नेह।
बहुत अच्छी प्रस्तुति आदरणीय रवींद्र जी।
जवाब देंहटाएंभैय्या रवीन्द्र जी
जवाब देंहटाएंशुभ संध्या..
दिनांक सत्रह से चौबीस तक
लगातार प्रस्तुति बनाने का रिकॉर्ड
आपके नाम हुआ..साधुवाद
मैं कायल हुई आपकी कार्यक्षमता की..
शुभकामनाएं स्वीकार करें
सादर..
श्रमसाध्य कार्य तथा रोचक अंक के लिए आपको बहुत बधाई रवींद्र जी,आपको सादर शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंfree free free....
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