सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक आदरणीय शास्त्री सर की रचना से )
सुमन सीख देते हैं सबको
आज खिले कल है मुरझाना
“रूप” न टिकता कभी किसी का
क्षमा न करता कभी ज़माना
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"कब बोलोगी"【कहानी】
बहुत दिनों बाद अपने गाँव जाना हुआ तो पाया
कि शान्त सा कस्बा अब छोटे से शहर में तब्दील हो गया और बस्तीके चारों तरफ बिखरे खेत -खलिहान सुनियोजित बंगलों और कोठियों के साथ-साथ शॉपिंग सेन्टरों में बदल गए हैं। जिन्हें देख शहरों वाले कंकरीट और पत्थरों के जंगलों
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जंग जारी है...
मुझे एक ऑक्सीजन सिलेंडर चाहिए?
है तो लेकिन वो सिर्फ परिवारी जन के लिए है. क्या पेशेंट आपके परिवार के हैं?
मैंने जोर से सर हिलाकर कहा 'हाँ, एकदम' जबकि सर हिलाना फोन पर नहीं दिखा होगा.
कौन हैं?
मैंने कहा वो मेरे पिता जैसे हैं?
मैडम 'जैसे' का कोई रिश्ता नहीं होता.
फोन कट
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अर्जुन जिस विषाद योग में स्थित था आज उसी में हममें
से हरेक स्थित है. युद्ध की स्थिति जितनी भयावह हो सकती है,
उसी तरह की एक स्थिति, एक अदृश्य विषाणु से
युद्ध की स्थिति ही तो आज विश्व के सम्मुख खड़ी है.
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ताराचंद बड़जात्या : सादगी एवं भारतीय जीवन मूल्यों के ध्वजवाहक
आज पारिवारिक हिन्दी फ़िल्में बनाने वाले सूरज बड़जात्या के नाम
से सभी सिनेमा-प्रेमी परिचित हैं । उनका राजश्री बैनर भारतीय
जीवन मूल्यों पर आधारित फ़िल्में बनाने के लिए पहचाना जाता है ।
लेकिन राजश्री बैनर और उसकी गौरवशाली परंपरा के
संस्थापक सूरज के पितामह स्वर्गीय ताराचंद बड़जात्या के
नाम से वर्तमान पीढ़ी के बहुत कम लोग परिचित हैं ।
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५६४.ख़बरें
अगर आती रहीं ऐसे ही
अपनों के जाने की ख़बरें,
तो आदत सी पड़ जाएगी,
बहुत शर्म आएगी ख़ुद पर
जब फ़र्क पड़ना बंद हो जाएगा.
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‘पाखंड की प्रतिष्ठा’ से वैक्सीन पर प्रोपेगंडा जीवियों के मंसूबे…
स्वतंत्रता से पहले हो या उसके बाद हमारे देश में सदैव से ऐसे तत्व मौजूद रहे हैं जिन्हें सिर्फ और सिर्फ अपने प्रोपेगंडा से वास्ता रहा, फिर चाहे इसकी कीमत आमजन को भले ही क्यों ना चुकानी पड़ी हो। ऐसी ही पूरी की पूरी एक जमात अब वैक्सीन पर हायतौबा कर रही है। इस जमात ने पहले वैक्सीन निर्माण पर और अब इसके निर्यात पर बावेला मचा रखा है कि… वैक्सीन का निर्यात रोको।
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आगरा मे ब्लैकमार्केटिंग स्क्वाड का गठन किया
जिलाधिकारी आगरा के प्रयास एव स्वयं की मेहनत (दिन रात भाग दौड़) से आगरा को काफी लाभ हो रहा है। जिस तरह महामारी विकराल रूप में आयी है, उसके विरुद्ध कम समय में DM श्रीमान प्रभु एन सिंह आगरा की मेहनत के कारण काफी सफलता प्राप्त हुई है। आपने वर्तमान समय में जिस प्रकार कालाबाजारी चल रही है
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डेस्टिनेशन "अंतिम लक्ष्य "
जब भी कोई सफर शुरू हुआ है तो वो कही ना कही जाकर खत्म जरूर होता है। अब सफर सुखद हो या दुखद उसका अंत होना निश्चित है। आपको अपनी मंजिल मिली या नहीं आप सही गंतव्य पर पहुंचे या नहीं, ये निर्भर करता है आप की सफर के शुरुआत पर। आप जब ट्रेन सही पकड़ेंगे तो वो निश्चित रूप से आपको आपके सही गंतव्य पर छोड़ेगी ही।ज़िंदगी भी तो एक सफर ही है....
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आज का सफर यही तक.....
आप सभी स्वस्थ रहें,सुरक्षित रहें
परमात्मा हम सभी पर अपनी कृपादृष्टि बनाये रखें
कामिनी सिन्हा
वैविध्यपूर्ण संकलन किया है आपने कामिनी जी। मेरे आलेख को स्थान देने हेतु आपका हृदय से आभार।
जवाब देंहटाएंविविधताओं से परिपूर्ण चर्चा प्रस्तुति में मेरे सृजन को सम्मिलित करने हेतु बहुत बहुत आभार कामिनी जी ।
जवाब देंहटाएंजी आभारी हूं आपका कामिनी जी। सभी ब्लॉगर साथियों से निवेदन करता हूं कि आप हमारी पत्रिका इस अंक में अवश्य लिखियेगा...हमारी जिंदगी है, हमें लिखना होगा...। आभार
जवाब देंहटाएंअच्छा प्रयास है संदीप जी
हटाएंउम्दा चर्चा, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद कामिनी जी, मुझे स्थान देने के लिए आपका आभार
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति.मेरे सृजन को सम्मिलित करने हेतु आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत बढियां चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंBahut hi Shandar prastuti
जवाब देंहटाएंdhanyvad Hamari post ko Shamil karne ke liye
Shandar prastutiyan, urja se aut prot
जवाब देंहटाएंjai hind isi tarah prasann aur sakaratmak rahiye.
jai hind
मंच पर उपस्थित होने के लिए आप सभी स्नेहीजनों को तहेदिल से शुक्रिया एवं सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंदेर से आने के लिए खेद है, विविधरंगी चर्चा, आभार !
जवाब देंहटाएंThis is really fantastic website list and I have bookmark you site to come again and again. love quotes in telugu
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